किडनी में सूजन का कारण, लक्षण, घरेलु उपचार Kidney Swelling Treatment in Hindi

जब गुर्दो (Kidney) द्वारा रक्त की शुद्धि भली प्रकार नहीं होती तो पानी का अंश पेशाब द्वार कम निकलता है। इसके फलस्वरुप मूत्र वाहक संस्था की शुद्धि ठीक से नहीं होती। मूत्र पेशाब के साथ तरह-तरह के पदार्थों के बारीक़ कण बाहर निकलने लगते हैं। इससे किडनी में सूजन आ जाती है और बुखार रहने लगता है।

गुर्दे में सूजन का कारण, लक्षण, घरेलु उपचार Kidney Swelling Treatment in Hindiगुर्दे रोगग्रस्त होने से रोगी का पेशाब पीले रंग का होता है। इस रोग से पीड़ित रोगी का शरीर भी पीला पड़ जाता है, पलके सूज जाती हैं, पेशाब करते समय कष्ट होता है, पेशाब रुक-रुककर आता, कभी-कभी अधिक मात्रा में पेशाब आता, पेशाब के साथ खून आता है और पेशाब के साथ धातु आता (मूत्रघात) है। इस रोग से पीड़ित रोगी में कभी-कभी बेहोशी के लक्षण भी दिखाई देते हैं।

गुर्दे की सूजन से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले भोजन तथा जल पर ध्यान देना आवश्यक होता है। रोगी को शुद्ध जल अधिक मात्रा में दे। पानी को अच्छी तरह उबालने और छानने के बाद रोगी को देना चाहिए। भोजन में जो परवल, करेला एवं सहजन की फली दें। इसके अतिरिक नारियल का पानी. गन्ने का रस, जामुन तथा तरबूज विशेष लाभ पहुंचाते हैं।

इस रोग में नमक का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। मांस, मछली, अंडा तंबाकू, बीड़ी सिगरेट एवं शराब का उपयोग भी ना करें। दही, दही से बनी चीजें, टमाटर नींबू आदि खट्टी चीजों का इस्तेमाल करने से भी रोगी को हानि हो सकती है। इनके सेवन से दूर रहें।

किडनी में सूजन का कारण – Causes of Nephritis in Hindi (Hydronephrosis)

किडनी में सूजन होने के कई कारण हो सकते है। –

  • यह किसी दवा या संक्रमण के रिएक्शन के परिणामस्वरूप भी हो सकता है।
  • रक्त में पोटेशियम की कमी होने से किडनी में सूजन हो सकता है।
  • किडनी स्टोन की समस्या होने के कारण किडनी में सूजन आ सकती है।
  • यदि किडनी संबंधित रोग किसी को हुआ है तो उसके परिवार के अन्य सदस्य को किडनी रोग हो सकता है।
  • बैक्टीरियल संक्रमण के अधिक प्रहार किडनी पर पड़ने से किडनी में सूजन आ सकती है।
  • यदि पहले कभी मूत्राशय, किडनी या मूत्रवाहिनी का ऑपरेशन हुआ है, तो उससे भी किडनी में सूजन आ सकती है।
  • इनके अलावा कुछ Goodpasture syndrome जैसे ऑटोइम्यून रोग जिनके इलाज के दौरान शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी मुख्य तौर पर किडनी और फेफड़ों को नुकसान पहुँचा कर किडनी में सूजन का कारण बन सकते हैं।
  • खून में कैल्शियम की अधिकता।
  • इसके अलावे दर्द वाली दवाओं का अधिक सेवन करना, इम्युनिटी से संबंधित समस्या और हृदय रोग के कारण भी हो सकता हैं।

किडनी में सूजन के लक्षण – Nephritis Symptoms in Hindi

वैसे तो किडनी में सूजन होने के शुरुवाती में कोई खास लक्षण नजर नहीं आते है। लेकिन किडनी में किसी तरह से परेशानी आ रही है तो चिकिस्तक से जांच करवा लेना चाहिए। लेकिन अगर इस तरह के लक्षण दिखे तो, तो किडनी में सूजन होने का लक्षण हो सकता हैं।

  • पेशाब करने के दौरान दर्द व जलन होना।
  • पेशाब में मवाद आना।
  • पेशाब के रंग में बदलाव दिखना।
  • पेशाब में रक्त आना।
  • पेशाब करने की आदतों में बदलाव।
  • त्वचा में नमी आना।
  • बुखार आना।
  • त्वचा पर चकत्ते आना।
  • मानसिक स्तिथि कमजोर होना।
  • उल्टी व मलती होना।
  • बीपी बढ़ जाना।
  • बिना कारण शरीर का वजन बढ़ना।
  • गुर्दे के आसपास में दर्द महसूस करना।
  • गुर्दे के अलावा शरीर के अन्य भाग यानि हाथ, पैर में सूजन आना।
  • ब्लड प्रेशर हाई होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

किडनी में सूजन या नेफ्राइटिस के प्रकार – Types of Nephritis in Hindi

किडनी में सूजन के मुख्यरूप से तीन प्रकार होते हैं।

1). इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस (Interstitial Nephritis) – इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस किडनी की नलिकाओं यानि नेफ्रोन में होने वाली सूजन की स्थिति को कहा जाता है। इस समस्या में किडनी के नलिकाओं के बीच सूजन आने की समस्या होती है।

2). ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis) – ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या में किडनी की सूक्ष्म कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। यह कोशिकाएं खून को फिल्टर करने का काम करती हैं और सूजन आने पर ये कोशिकाएं ठीक ढंग से अपना काम नहीं कर पाती हैं।

3). पायलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis) – किडनी का काम शरीर में यूरिन का निर्माण कर उसे बाहर निकालने के लिए मूत्राशय तक भेजना होता है। किडनी ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी फिल्टर कर बाहर निकालने का काम करती है। पायलोनेफ्राइटिस की समस्या में मूत्राशय और किडनी में सूजन होती है।

किडनी में सूजन का इलाज – Nephritis Treatment in Hindi

इन घरेलु उपायों को आजमा के आप किडनी के सूजन में कुछ आराम पा सकते हैं, लेकिन बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर से मिलना जरुरी हैं।

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना (Hydration) – शरीर में पानी की कमी होने से भी कई और बीमारियां होते हैं। अधिक तरल पीने से पेशाब अधिक आता है जिससे मूत्र प्रणाली में उपस्थित बैक्टीरिया निकल जाते हैं।
  • जिन लोगों की किडनी मे सूजन होती है उनको ठीक होने के लिए उर्जा और आराम की जरूरत पड़ती है। इसलिए ठीक होने तक डॉक्टर आपको आराम करने की सलाह देते हैं।

गुर्दे की सूजन का घरेलु आयुर्वेदिक इलाज – Kidney Swelling Nephritis Ayurvedic Treatment in Hindi

एक बड़ा चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पूर्व हल्के गर्म पानी के साथ लेने से कुछ ही दिनों में गुर्दे की सूजन ठीक हो जाती है।

50 ग्राम अंगूर की बेल के पत्ते पानी में पीसकर छान लें। उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर रोगी को पिलाएं| गुर्दे के दर्द से तड़पता मरीज भी ठीक हो जाएगा।

सिनुआर के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम खाने से गुर्दे की सूजन मिटती है। साथ ही सिनुआर, करन्ज, नीम और धतूरे के पत्तों को पीसकर हल्का गर्म करके गुर्दे के स्थान पर बांधने से लाभ मिलता है।

दो प्याले पानी में एक तोला पुननर्वा डालकर खूब उबाले। जब पानी आधा रह जाए तो सही मात्रा सुबह-शाम लेने से गुर्दे की सूजन 1 सप्ताह में लाभ होता है।

मकोय का रस 10-15 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है। इससे गुर्दे और मूत्राशय की सूजन व पीड़ा दूर होती है।

तुलसी की पत्तियां 20 ग्राम, अजवायन 20 ग्राम, सेंधा नमक 10 ग्राम और तुलसी के पत्ती 10 ग्राम – इन सबको छांव में सुखा लें। फिर उन्हें कूट-पीसकर चूर्ण बना लें| प्रात: और सांयकाल गुनगुने पानी से 2-2 ग्राम चूर्ण खिलाएं। एक ही खुराक में गुर्दे के दर्द-सूजन में आराम आ जाएगा।

मूली के पत्तों का रस 10-20 मिलीलीटर और कलमीशोरा का रस 1-2 मिलीलीटर को मिलाकर रोगी को पिलाने से पेशाब साफ आता है और गुर्दे की सूजन दूर होती है।

छाया में सुखाया हुआ 20 ग्राम तुलसी का पत्ता, अजवायन 20 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें। इसके सेवन से गुर्दे की सूजन के कारण उत्पन्न दर्द व बैचनी दूर होती है।

किडनी में सूजन से बचाव – Prevention of Nephritis in Hindi

कुछ स्वस्थ आदतों को अपना कर और ख़राब आदतों को परहेज करके किडनी में सूजन होने से बचाव किया जा सकता है। जैसे –

  • किडनी संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या है, तो उन्हें निश्चित रूप से धूम्रपान करना छोड़ देना चाहिए।
  • अगर वजन पर नियंत्रण रखे तो किडनी से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं। संतुलित वजन बनाये रखने से किडनी में सूजन की समस्या से बचा जा सकता है।
  • ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना चाहिए।
  • सोडियम की कम मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
  • किडनी को प्रभावित करने वाली दवाओं और ज्यादा दर्द की दवाओं का सेवन न करें।
  • पेशाब करने या मल त्याग करने के बाद महिलाओं को आगे से पीछे की तरफ अच्छी तरह साफ करना चाहिए।
  • हमेशा ढीले अंडरगारमेंट्स व अन्य कपड़े पहने ताकी हवा अंदर जाती रहे। और साफ-सफाई में ध्यान जरूर दे।
  • मीट, डेयरी उत्पाद, शराब, कैफीन (चाय-कॉफी) टमाटर, बैंगन, चुकंदर, स्ट्रॉबेरी आदि से परहेज करे।

किडनी में सूजन में क्या खाना चाहिए? – Diet Plan for Kidney Patient in Hindi

  • किडनी में सूजन होने पर ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनमें सोडियम की मात्रा कम हो, खासकर यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। पोषक तत्वों से भरे ऐसे खाद्य पदार्थ जो पोषक तत्वों से भरपूर हों जिनमें इलेक्ट्रोलाइट और एंटीऑक्सीडेंट पर्याप्त मात्रा में हों। क्योंकि किडनी के रोग होने से पानी, प्रोटीन, नमक और पोटेशियम का मेटाबॉलिज्म प्रभावित हो जाता है।
  • आहार में पत्तेदार सब्जियां, केला, नींबू व अन्य खट्टे फल, पत्ता गोभी, हरी बीन्स (हरी फलियां) सेब, अंगूर आदि का सेवन करे।
  • अपने आहार के बारे में बेहतर जानकारी के लिए, किसी डॉक्टर की सलाह ले।

किडनी में सूजन की समस्या का इलाज – Kidney Swelling or Nephritis Treatment

किडनी में सूजन के लक्षण दिख रहे हैं तो, जितना जल्दी हो सकते किसी अच्छे डॉक्टर से मिले। नेफ्राइटिस यानि किडनी में सूजन की समस्या में डॉक्टर स्थिति और सूजन की गंभीरता के अनुसार इलाज करते हैं। प्रत्येक मरीज दूसरे से अलग होता है ऐसा में जाहिर है कि उसकी बीमारी, गंभीरता और स्वास्थ्य स्थिति दूसरे मरीज से अलग होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर विशेषज्ञ मरीज का इलाज सुनिश्चित करता है। मरीज के लिए जरूरी है कि किसी और मरीज के इलाज को खुद की समस्या से न जोड़े और विशेषज्ञ से अपना इलाज कराए।

नोट: इस वेबसाइट पर दी गयी जानकारियों का उद्देश्य किसी चिकित्सा, निदान या उपचार के लिए विकल्प नहीं है। किसी भी उपचार को आजमाने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर ले।


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