तुलसी के फायदे और नुक्सान | Tulsi ke Fayde | Benefits of Basil in Hindi

Benefits of Holy Basil – तुलसी का नाम सुनते ही पवित्र पौधा याद आता है। यह एक ऐसा पौधा है, जो भारत में लगभग हर घर में होता है। भारत में इसे अपने घर में लगाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अलावा इसके वैज्ञानिक कारण भी है, तुलसी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। कहते है घर के आँगन में तुलसी होने से रोग विरोग घर में प्रवेश नहीं कर पाते है। तुलसी की पूजा अर्चना हर हिन्दू स्त्री सुबह करती है। कई युगों से तुलसी को एक औषधि के रूप में भी देखा जाता है। इसकी पत्तियों से लेकर फल तना सब, कुछ ना कुछ फायदा देते हैं।

तुलसी के पौधे की जानकारी – Basil Information in Hindi

भारत में हिन्दू लोग तुलसी को देवी मानते है व उनकी पूजा करते है। तुलसी विवाह एक बहुत फेमस त्यौहार है, जो दीवाली के बाद वाली देव उठनी एकादशी यानि ग्यारस में मनाया जाता है। तुलसी को हिन्दू, भगवान को प्रसाद के साथ जरुर चढ़ाते है। तुलसी का प्रयोग बहुत सी दवाइयों में भी होता है। हम इसका प्रयोग घर पर भी आसानी से कर बहुत से रोगों से छुटकारा पा सकते है।

भारतीय संस्कृति के ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है। इसके अतिरिक्त ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में भी तुलसी का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है। गुण, धर्म की दृष्टि से काली तुलसी को ही श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन अधिकांश विद्वानों का कहना कि दोनों ही गुणों में समान हैं। इसके उपयोग से मधुमेह, रक्‍तचाप, हृदय रोग, योन स्‍वास्‍थ्‍य और कैंसर जैसी गंभीर समस्‍याओं का निदान किया जाता है।

आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर तुलसी का पौधा एक बारहमासी पौधा है। रंग, आकार, गुणों और उपयोगिता के आधार पर तुलसी की लगभग 35 प्रजातियों की अब तक पहचान की जा चुकी है। तुलसी को, मीठी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। तुलसी लामिकेयस परिवार से संबंधित है जिसका पौधा 20 से 50 सेमी लंबा होता है। यह सीधा बढ़ने वाला झाड़ी युक्‍त पौधा है जिसकी पत्तियां समूह के रूप होती हैं जो कि अंडाकर होती हैं।

इसकी पत्तियां हरी होती हैं लेकिन कुछ प्रजातियों में हल्‍की बैंगनी रंग की पत्तियां भी होती है। इसमें छोटे-छोटे फूल होते हैं जिनमें चिया बीज की तरह दिखने वाले बीज होते हैं। तुलसी के बीजों में भी औषधीय गुण होते हैं जो कि हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए काफी उपयोगी हैं। इसका scientific name ‘ओसिमम सैन्क्टम’ है।

तुलसी के उपयोग और फायदे – Health Benefits of Basil in Hindi – Tulsi ke Fayde

1. टीबी के इलाज में : – तुलसी दमा टीबी में बहुत लाभकारी हैं। तुलसी के नियमित सेवन से दमा, टीबी नहीं होती हैं क्यूँकि यह बीमारी के जम्मेदार कारक जीवाणु को बढ़ने से रोकती हैं। चरक संहिता में तुलसी को दमा की औषधि बताया गया हैं।

2. डायबटीज के लिए :- शरीर में इन्सुलिन को बनाने व बनाये रखने वाले तत्व को तुलसी शरीर से बाहर निकालती है। तुलसी ब्लड शुगर को कम करती है, जिससे डायबटीज कंट्रोल में रहता है।

3. तनाव दूर करे :– एक शोध के अनुसार तुलसी शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन को शरीर से बाहर निकालता है। इसे एंटी स्ट्रेस एजेंट भी कहा जाता है। तुलसी हमारी सभी कोशिकाओं को सामान्य रूप से चलने में मदद करती है, खून का संचार अच्छे से करती है। अधिक तनाव होने पर डॉक्टर भी तुलसी खाने की सलाह देते है। ज्यादा तनाव होने पर 10-12 तुलसी दिन में 2 बार चबाएं, तनाव बहुत हद तक कम होगा।

4. पथरी की समस्या दूर करे :– किडनी में पथरी होने पर तुलसी के द्वारा उस समस्या से निजात मिलता है। किडनी में पथरी मुख्य रूप से खून में यूरिक एसिड बढ़ने से होती है। तुलसी इस यूरिक एसिड को कम करने में सक्षम है। तुलसी में मौजूद तेल इस स्टोन को नष्ट करता है व तुलसी एक तरह की दर्द निवारक भी है, इसलिए यह किडनी स्टोन में होने वाले दर्द से भी आराम देता है।

5.रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए :- तुलसी के पत्तों में जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों का कारगर इलाज छुपा हुआ है। आयुर्वेद में कहा गया है कि प्रतिदिन तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाकर खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

6. निखरती है चेहरे की रंगत :- आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के तेल को नियमित रुप से चेहरे पर लगाने से चेहरे की रंगत साफ होती है और चेहरे में गज़ब का निखार आता है।

7. गले की तकलीफ से राहत :- अगर आपके गले में किसी भी तरह की परेशानी हो रही है तो तुलसी के पत्तों के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करना चाहिए। इससे गले के रोगों से काफी हद तक राहत मिलती है।

8. खांसी और अस्थमा में फायदेमंद :- तुलसी के पत्तों का रस, सोंठ, प्याज का रस और शहद को मिलाकर उसका मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को चाटने से सूखी खांसी और अस्थमा से काफी हद तक राहत मिलती है।

9. कान और नाक से जुड़े समस्या के लिए :- कान में दर्द होना या कान बहने जैसी समस्याओं में तुलसी का रस हल्का गुनगुना कर कान में डालने से दर्द में फायदा होगा। साथ ही नाक की समस्या या फोड़े-फुंसियां होने पर इसका गुनगुना रस डालने से लाभ होगा।

10. बालो के लिए :- बालों में किसी भी प्रकार की समस्या जैसे- बाल झड़ना, सफेद होने पर इस रस को तेल में मिलाकर लगाना लाभकारी होता है। वहीं जुएं व कीड़े होने पर रस की कुछ बूंदें नींबू के रस में मिलाकर लगाएं और कुछ घंटों के बाद धो लें। इससे काफी फायदा होगा।

11. वजन घटाने में :- वजन घटाने के लिए भी तुलसी बेहद काम की चीज है। इसके नियमित सेवन से मोटापा तो कम होगा ही, साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम कर रक्त के थक्के जमने से रोकती है। इससे हार्ट अटैक की संभावना भी कम होती है।

12. तेज बुखार मे :- तेज बुखार होने पर तुलसी की पत्तियों को एक कप पानी में इलायची पाउडर के साथ उबालकर काढ़ा बनाकर दिन में कई बार पिएं। तुलसी के पत्तों का रस तेज़ बुखार को कम करता है।

13. यौन रोगों के इलाज में :- पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।

14. अनियमित पीरियड्स की समस्या में :- अक्सर महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत हो जाती है। ऐसे में तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों के नियमित सेवन से मासिक चक्र को नियमित किया जा सकता है।

15. सर्दी के लिए :- सर्दी या फिर हल्का बुखार होने पर मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर उसका काढ़ा पीने से फायदा होता है। आप चाहें तो इसकी गोलियां बनाकर भी खा सकते हैं।

तुलसी के नुकसान – Basil Side Effects 

1. ऐसा पाया गया है कि तुलसी के अधिक सेवन से यूजोनोल की अधिक मात्रा हो जाती है, जोकि बहुत नुकसान पहुंचाता है। यह कई हानिकारक चीजों जैसे सिगरेट आदि में पाया जाता है। इससे खांसी के दौरान खून, तेजी से सांस और पेशाब में खून जैसी समस्या हो जाती है।

2. तुलसी खून को पतला करता है इसलिए इसे किसी अन्य दवा के साथ नहीं लेना चाहिए।

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