Heart Pain Treatment in Hindi – ह्रदय (दिल) हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं, यही से हमारे शरीर में खून पम्पिंग होता हैं। हार्ट या दिल शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने का भी काम करता है। लेकिन हमारे कुछ गलतियों या किसी बीमारी के वजह से हृदय में दर्द होने लगाती हैं। इसका मूल कारण खान-पान भी हैं। अगर आप अपने हार्ट को हमेशा स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो इसमें महसूस होने वाले सामान्य लक्षणों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खासकर अगर आपको हार्ट में दर्द (Heart Pain in Hindi) हो, तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा न करें। आइये जाने हार्ट में दर्द एंव जलन का कारन और दर्द होने पर घरेलु उपचार।
ह्रदय में दर्द होने का कारण – Heart Pain Causes in Hindi
- हार्ट अटैक: हार्ट अटैक तब आता है जब नसों में रुकावट होने लगती है और दिल को पर्याप्त खून नहीं मिलता।
- हार्ट फेलियर: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हार्ट सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और शरीर को जरुरी मात्रा में ब्लड पंप नहीं कर पाता है।
- डायबिटीज: डायबिटीज के रोगी को भी हार्ट समस्याएँ हो सकती हैं, जिसके कारण दर्द हो सकता है।
- कोरोनरी धमनी रोग (CAD): कोरोनरी धमनी रोग ऐसी बीमारी है जिसमें दिल को काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है।
- मांसपेशियों में दर्द: यह दर्द का एक सामान्य कारण है जो हार्ट के दर्द के समान हो सकता है।
- हृदय गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों के रूप में: कुछ हृदय रोगों के कारण पेट संबंधित अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं, जैसे कि एसिडिटी, जिसके कारण छाती में दर्द हो सकता है।
- दिल के रोग के परिवार में: अगर आपके परिवार में पहले किसी को हार्ट की बीमारी हो तो आपको भी हो सकता हैं।
- खान-पान : सही तरीके से खाना नहीं खाने से भी दिल का दर्द हो सकता हैं।
ह्रदय के लक्षण – Heart Pain Symptoms in Hindi
हार्ट पेन में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। यहां कुछ आम लक्षण दिए जा रहे हैं जो दिल में दर्द का संकेत हो सकते हैं:
- छाती में दर्द: चेस्ट में पेन यह दिल में दर्द का सबसे आम लक्षण होता है। यह दर्द छाती के केंद्र में, छाती के बाएं या दाएं ओर, ब्रेस्टबोन के पीछे, या बाएं हाथ में महसूस हो सकता है।
- सांस लेने में कठिनाई: दिल के दर्द में साँस लेने में तकलीफ या सांसों की बेचैनी हो सकती है।
- बेचैनी या घबराहट: ह्रदय में कोई समस्या हैं तो बेचैनी बड़ सकती हैं।
- चक्कर आना: व्यक्ति को चक्कर आना या बेहोशी होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
- उल्टियाँ या बेमानी: कुछ लोगों को अचानक उल्टियाँ आ सकती हैं, और वे बेमानी महसूस कर सकते हैं।
- दर्द : बाएं हाथ, कंधे, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द या बेचैनी भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
ह्रदय में पीड़ा होने पर घरेलु उपचार – Dil ke Dard ka Ilaj in Hindi
यहाँ पर दिल के दर्द (Chest pain treatment in hindi) का घरेलु उपचार बताया गया हैं, लेकिन बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर मिलना जरुरी हैं।
⇒ हृदय रोगी के लिए लहसुन का प्रयोग श्रेष्ट है। यह रक्तावरोध नलिकाओं को खोल कर रक्त-प्रवाह नियमित करता है जिससे हृदय में पीड़ा-जलन नहीं होती।
⇒ यदि नियमित रूप से सुबह-शाम लौकी का सूप पिए या उसकी सब्जी बनाकर खाएं तो हृदय रोग में लाभ होता है।
⇒ अनार के 10 ग्राम रस में, पिसी मिश्री डालकर नित्य सुबह पीने से हृदय की जकड़न और दर्द दूर हो जाता है।
⇒ बंसलोचन तथा गावजबान के फूल और छोटी इलायची के बीज – इन सबको समान भाग में लेकर पीस ले। 3 ग्राम औषधि को सेब के मुरब्बे के साथ सेवन करने से हृदय की घबराहट, जलन एवं कमजोरी दूर होती है।
⇒ पीपल के कोमल पत्तों का रस 6 ग्राम से 10 ग्राम तक निकालें। इसमें शहद मिलाकर पीने से हृदय की पीड़ा मिट जाती है।
⇒ दो ग्राम कुटकी और तीन ग्राम मुलहटी को पीसकर मिश्री के साथ शरबत बनाकर पीने से हृदय गति सामान्य होकर कमजोरी दूर होती है।
⇒ मूली का सेवन नियमित रूप से करने वाले व्यक्ति के हृदय में पीड़ा-जलन नहीं होती।
⇒ यदि तुलसी की माला गले में इस तरह पहने जाए कि उसका स्पर्श हृदय के ऊपरी हिस्से में होते रहे तो हृदय रोग का खतरा टल जाता है।
⇒ गेहूं का सत और अर्जुन की छाल के चूर्ण समान भाग लेकर भून लें। उसमें इस चूर्ण की 3 गुना शहद डालें। इसकी 6 ग्राम से 10 ग्राम तक की मात्रा प्रतिदिन सेवन करने से सभी प्रकार के ह्रदय रोग दूर होते हैं।
⇒ अर्जुन वृक्ष की छाल का काढ़ा पीने से हृदय की पीड़ा और जलन में आराम मिलता है।
⇒ अदरक या सोंठ का गुनगुना काढ़ा पिलाने से ह्रदय एवं जलन में शीघ्र ही आराम मिलता है।
⇒ हृदय में पीड़ा की शिकायत होने पर तत्काल तंबाकू सूंघना चाहिए। इससे ह्रदय की जलन में भी आराम मिलेगा।
⇒ लहसुन को दूध में पकाकर सेवन करने से हृदय की जकड़न पीड़ा एवं जलन में आराम मिलता है।
⇒ असगंध तथा बहेड़ा के चूर्ण को गुड़ में मिलाकर गोलियां बनाएं। सुबह शाम दो-दो गोली गर्म पानी के साथ खाने से हृदय की पीड़ा में छुटकारा मिल जाता है।
⇒ पारस पिपली की छाल के मध्य भाग को पानी में घिसकर छाती पर लगाने से हृदय की पीड़ा दूर होती है।
⇒ दस ग्राम अर्जुन की छाल, दस ग्राम गुड़ और पचास ग्राम दूध ले। अर्जुन की छाल के चूर्ण को दूध में डालकर पकाएं तथा गुड मिलाकर पिए। इससे हृदय के समस्त रोग विकार दूर हो जाते हैं।
⇒ छः ग्राम मेथीदाना लेकर उसका क्वाथ बना लें। इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से हृदय की पीड़ा जलन और घबराहट दूर होती है।
⇒ गुड और देसी घी मिलाकर पीने से हृदय की शक्ति में वृद्धि होती है।
छाती दर्द का इलाज – Chest Pain Treatment in Hindi
ह्रदय में दर्द (Chhati me Dard ka Ilaj) का इलाज उसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। जैसे –
- दवाएं: छाती में दर्द, सूजन और रक्त के थक्कों को रोकने के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं।
- जीवनशैली में बदलाव: व्यक्ति अपने लाइफ स्टाइल में सुधार करके इसे कण्ट्रोल कर सकता हैं। स्वस्थ आहार खाना, नियमित रूप से व्यायाम करना और धूम्रपान छोड़ना हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
- सर्जरी: गंभीर मामलों में, हृदय की धमनियों को खोलने या हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
ह्रदय दर्द से कैसे बचे – Chest Pain in Hindi
अपने लाइफ को बेहतर बना के छाती दर्द (Chati dard) से बच सकते हैं। यहां कुछ आम तरीके दिए जा रहे हैं जो दिल के दर्द के इलाज में मदद कर सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह: यदि आपको दिल के दर्द की समस्या है, तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनकी सलाह पर चलना चाहिए। वे आपकी समस्या का सही निदान करेंगे और उपयुक्त उपचार का सुझाव देंगे।
- दवाएँ: डॉक्टर द्वारा सुझाए गए दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें। यह दवाएँ दिल की समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
- स्वस्थ आहार: कम नमक और अपने आहार में फलों, सब्जियों और साबुत अनाज शामिल करें।
- नियमित व्यायाम: योग, ध्यान, या सामान्य व्यायाम को नियमित रूप से करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला एरोबिक व्यायाम करें।
- तंबाकू और शराब का त्याग: सिगरेट और शराब का सेवन न करें, धूम्रपान छोड़ने से दिल के दौरे और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
- अच्छी नींद: रात की अच्छी नींद जरूरी है। रात में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- तनाव कम करें: तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य तरीकों का प्रयास करें, जिससे आपकी टेंशन काम हो।