Delhi Tourism Places / भारत की राजधानी दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। भारत के सबसे बडे शहरों में से एक दिल्ली, प्राचीनता और आधुनिकता का सही संयोजन है, जो आज एक उद्योगिक गोले की जादुई दुनिया बन गई है। दिल्ली का इतिहास खूब लंबा और उतार-चढ़ाव वाला रहा है। दिल्ली ने कई साम्राज्यों के उभार और पतन को देखा है। आज की दिल्ली सात शहरों के खंडहरों पर बनी है, जिस पर हिंदू राजपूतों से लेकर मुगल और आखिर में ब्रिटिशों ने राज किया। दिल्ली सही मायनों में एक कॉस्मोपॉलिटन शहर है, जिसने कई जातीय समूहों और उनकी संस्कृति व परंपराओं को आत्मसात किया है। दिल्ली की यात्रा करते वक्त कोई भी यह बात महसूस कर सकता है कि वह ऐतिहासिक महत्व वाले आधुनिक मेट्रोपॉलिटन शहर में है।
दिल्ली के दर्शनीय व पर्यटक स्थल – Delhi Tourist Places in Hindi
अधिकारिक रूप से नेशनल कैपिटल टेरिटोरी (एन सी टी) डेल्ही को, हिंदी में दिल्ली कहा जाता है। भारत की राजधानी नई दिल्ली एन सी टी का हिस्सा है, जो मुंबई के बाद दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है।
दिल्ली तो है दिल वालों की। दिल्ली के इतिहास में सम्पूर्ण भारत की झलक सदैव मौजूद रही है। अमीर खुसरो और ग़ालिब की रचनाओं को गुनगुनाती हुई दिल्ली नादिरशाह की लूट की चीखों से सहम भी जाती है। राजधानी होने के कारण भारतीय सरकार के अनेक कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन आदि अनेक आधुनिक स्थापत्य के नमूने तो यहाँ देखे ही जा सकते हैं प्राचीन नगर होने का कारण इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। पुरातात्विक दृष्टि से कुतुबमीनार और लौह स्तंभ जैसे विश्व प्रसिद्ध निर्माण यहाँ पर आकर्षण का केंद्र समझे जाते हैं। एक ओर हुमायूँ का मकबरा जैसा मुगल शैली की ऐतिहासिक राजसिक इमारत यहाँ है तो दूसरी ओर निज़ामुद्दीन औलिया की पारलौकिक दरगाह। लगभग सभी धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल यहाँ हैं विरला मंदिर, बंगला साहब का गुरुद्वारा, बहाई मंदिर और देश पर जान देने वालों का स्मारक भी राजपथ पर इसी शहर में निर्मित किया गया है।
0 से 125 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दिल्ली, भारत के उत्तर में स्थित है। इसके पूर्व में उत्तर प्रदेश जबकि उत्तर, दक्षिण और पश्चिम में हरियाणा है, दिल्ली रिज और यमुना नदी दिल्ली भूगोल की दो मुख्य विशेषताएँ हैं। दिल्ली की यात्रा का सबसे अच्छा वक्त है अक्टूबर से मार्च तक का वक्त। इस दौरान मौसम खुशनुमा होता है। पर्यटक शहर के अलग-अलग नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं। गर्मियों में दिल्ली का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस वजह से पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे गर्मियों में दिल्ली न आएं। उन्हें लू लगने की आशंका ज्यादा रहती है।
दिल्ली के इतिहास की तरह दिल्ली की संस्कृति भी बडी विविध है। यहाँ दिवाली, महावीर जयंती, होली, लोहडी, कृष्ण जन्माष्टमी जैसे कई हिन्दू त्योहार तो मनाए जाते ही हैं, साथ ही यहाँ क़ुतुब त्योहार, वसंत पंचमी, विश्व पुस्तक मेला और अंतराष्ट्रिय आम फेस्ट जैसे कई लोकप्रिय और अनूठे त्योहार भी मनाए जाते हैं।
दिल्ली को खरीदारों का स्वर्ग कहा जाता है। दिल्ली में खरीदारी के दौरान, पर्यटकों को कई वस्तुओं में विविध विकल्प मिल जाते हैं, जैसे- भारतीय कारपेट्स, रेशम, जेवर, चमड़े और चांदी के बर्तन, हस्तशिल्प, हाथ से प्रिंट किए सूती वस्त्र, रेडीमेड गारमेंट्स। आप किसी डिजाइनर लेबल, ब्रांडेड प्रोडक्ट या स्थानीय स्तर पर बने सामान की खरीदारी कर रहे हैं, तो आपको दिल्ली की यात्रा करते वक्त सब मिल जाएगा। फिर चाहे वह एयर-कंडीशंड मॉल्स हो या सड़क किनारे लगने वाली स्टॉल्स, आपको मोल-भाव जरूर करना होगा। यदि आपको किसी शहर को मनमोहक रूप से समझना है तो उसके बाजारों में घूमकर देखिए। दिल्ली में यात्रा के दौरान आप यह सुनिश्चित करें कि चांदनी चौक और चावड़ी बाजार जैसे पुरानी दिल्ली के बाजारों में घूमने का आपको भी मौका मिले। इन बाजारों में अपना अनूठा भारतीय माहौल है। दिल्ली में खरीदारी करने के अनुभव को यह और शानदार बना देगा। करोल बाग और हौजखास गांव में भी बाजार की दुकानें मिल जाएंगी। दिल्ली पर्यटन ने दिल्ली हाट में कलाकारों के लिए स्थायी दुकानें बनाई हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से लोकप्रिय शॉपिंग मार्ट के तौर पर उभरी है।
दिल्ली के पर्यटक व् दर्शनीय स्थल की सूची – Delhi Tourism Place List in Hindi
1). लोटस टैंपल
लोटस टेम्पल बहुत ही सुन्दर कलाकृतियों का नमूना हैं। यह दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित हैं और एक सफ़ेद कमल के फूल के समान दिखता हैं। लोटस टैंपल को बहाई प्रार्थना केंद्र या कमल मंदिर के नाम से जाना जाता है।
2). जामा मस्जिद
मस्जिद–ए-जहां-नुमा को साधारणतः जामा मस्जिद के नाम से जाना जाता हैं। यह पुरानी दिल्ली की मुख्य मस्जिदों में से एक हैं. इसे मुग़ल बादशाह शाहजहां ने सन 1656 में बनवाया था। यह भारत को सबसे बड़ी और बेहतरीन मस्जिदों में शामिल की जाती हैं। इसमें एक बार में लगभग 25000 लोग एक साथ इबादत कर सकते हैं।
3). लाल क़िला
लाल क़िले की नींव शाहजहाँ के शासन काल में पड़ी थी। इसे पूरा होने में 9 साल का समय लगा। अधिकांश इस्लामिक इमारतों की तरह यह क़िला भी अष्टभुजाकार है। उत्तर में यह क़िला सलीमगढ़ क़िले से जुड़ा हुआ है।
4). हुमायूँ का मक़बरा
हुमायूँ एक महान् मुग़ल बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी। हुमायूँ का मक़बरा उनकी पत्नी हाजी बेगम ने हुमायूँ की याद में बनवाया था।
5). पुराना क़िला
पुराना क़िले का निर्माण सूर वंश के संस्थापक शेर शाह सूरी ने 16वीं में करवाया था। 1539-1540 में शेरशाह सूरी ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुग़ल बादशाह हुमायूँ को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्ज़ा कर लिया।
6). जंतर मंतर
जंतर मंतर का निर्माण 1724 में सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है।
7). क़ुतुब मीनार
कुतबुद्दीन ऐबक ने 1199 में क़ुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था और इल्तुतमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया। इस इमारत का नाम ख़्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया।
8). इंडिया गेट
इंडिया गेट राजपथ पर स्थित है। इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफ़गान युद्ध में मारे गए 90,000 भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था। इंडिया गेट 160 फीट ऊँचा है, इंडिया गेट दिल्ली का पहला दरवाज़ा माना जाता है।
9). राजघाट
यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर महात्मा गांधी की समाधि स्थित है। यह समाधि काले संगमरमर से बनी हुई है।
10). ख़ान ए ख़ाना मक़बरा
ख़ान ए ख़ाना के नाम से प्रसिद्ध यह मक़बरा अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना का है, जो मुग़ल बादशाह अकबर एवं जहाँगीर के शासनकाल के प्रतिभाशाली एवं प्रसिद्ध दरबारी थे। ख़ान ए ख़ाना मक़बरे का निर्माण अब्दुर्रहीम खानखाना के द्वारा अपनी बेगम की याद में करवाया गया था, जिनकी मृत्यु 1598 ई. में हो गयी थी। बाद में स्वयं अब्दुर रहीम को 1627 ई. में उनके मृत्यु के पश्चात् इसी मक़बरे में दफनाया गया।
11). मुग़ल गार्डन
मुग़ल गार्डन राष्ट्रपति भवन में स्थित है और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। मुग़ल गार्डन का डिजाइन सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिंग के लिए बनाया था।
12). चिड़ियाघर या राष्ट्रीय प्राणी उद्यान
दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है। यह पुराने क़िले के पास ही स्थित है।
13). हस्त शिल्पकला संग्रहालय
दिल्ली में हस्त शिल्पकला संग्रहालय प्रगति मैदान में स्थित दिल्ली का प्रमुख पर्यटक स्थल है। इस संग्रहालय में भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रदर्शित किया गया है।
14). राष्ट्रीय संग्रहालय
राष्ट्रीय संग्रहालय 1960 में निर्मित हुआ था। इस संग्रहालय में भारतीय सभ्यता के विकास से संबंधित चीज़ों को प्रदर्शित किया गया है।
15). राष्ट्रीय रेल संग्रहालय
राष्ट्रीय रेल संग्रहालय दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित है। राष्ट्रीय रेल संग्रहालय संग्रहालय भारतीय रेल के 140 साल के इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है।
16). चाँदनी चौक
चाँदनी चौक दिल्ली के थोक व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यहाँ पुराने समय में तुर्की, चीन और हॉलैंड के व्यापारी व्यापार करने आते थे।
17). कनॉट प्लेस
कनॉट प्लेस दिल्ली का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र है। इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य ड्यूक ऑफ़ कनॉट के नाम पर रखा गया था।
18). पालिका बाज़ार
इस बाज़ार को बँटवारे के बाद यहाँ आए शरणार्थियों और तिब्बती शरणार्थियों ने यहाँ पर अपनी दुकानें बनाकर बसाया। पालिका बाज़ार भूमिगत बाज़ार है। यहां क़रीब 400 दुकानें हैं जहां कम कीमत पर कपड़े और बिजली का सामान मिल जाता है लेकिन यहां भी बहुत मोल भाव करना पड़ता है।
19). दिल्ली हाट
दिल्ली हाट एम्स से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यहाँ पर आकर संपूर्ण भारत के एक साथ दर्शन हो जाते हैं।
20). गुड़ियों का संग्रहालय
इस संग्रहालय की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्ट के. शंकर पिल्लई ने की थी। यहाँ पर विभिन्न परिधानों में सजी गुडि़यों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है।
21). राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इस भवन के निर्माण की सोच सर्वप्रथम 1911 में उस समय उत्पन्न हुई जब दिल्ली दरबार ने निर्णय किया कि भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानान्तरित की जाएगी। इसी के साथ में यह भी निर्णय लिया गया कि नई दिल्ली में ब्रिटिश वायसराय के रहने के लिए एक आलीशान भवन का निर्माण किया जाएगा।
22). पंच इंद्रीय बगीचा
पंच इंद्रीय बग़ीचा एक ख़ूबसूरत और विशाल बाग़ है। इस बग़ीचे का निर्माण दिल्ली पर्यटन विकास निगम ने किया था।
23). तालकटोरा बगीचा
तालकटोरा बग़ीचा एक ऐतिहासिक स्थल है। इस स्थान पर ही 1738 में मुग़लों ने मराठों को हराया था। पुराने समय में इस स्थान पर एक कुंड था।
14). लोदी बगीचा
सफदरजंग के मक़बरे से लोदी बगीचा 1 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। इस बाग़ का पुराना नाम ‘लेडी विलिंगटन पार्क’ था।
25). दिल्ली विश्वविद्यालय
दिल्ली विश्वविद्यालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय, जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। 1922 में स्थापित यह विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।
26). लालकोट
सन 1960 में राजपूतों द्वारा बनाया गया यह परकोटा ही सर्वप्रथम दिल्ली के नाम से जाना जाता था। उत्तरी भारत की पहली मस्जिद ‘कुवैत-उल-इस्लाम’ इसी क़िले में स्थित है।
27). फ़िरोज़शाह कोटला
फ़िरोजशाह कोटला 1354 में फ़िरोज़ाबाद के शासक फ़िरोज़शाह तुग़लक़ द्वारा बनाया गया था। यह स्थान आज भी प्रासांगिक है।
28). संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ
संकट हरणी मंगल करणी शक्तिपीठ दिल्ली शहर का एक मन्दिर है। भक्तों द्वारा नवरात्रों में शक्तिपीठों व मंदिर में जाकर जो फ़रियाद की जाती है, वह माँ भगवती शीघ्र पूरा कराती है, इसी विश्वास का प्रतीक है शाहदरा गोरख पार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मन्दिर।
29). शिव गौरी मन्दिर
चांदनी चौक इलाके में सर्वधर्म सद्भाव की गंगा सारा साल बहती है। शिव गौरी मन्दिर में माँ पार्वती और जगदम्बा जी के दर्शन कर पुण्य कमाने की होड़ लगी होती है।
30). माँ सतोषी मन्दिर
माँ सतोषी मन्दिर दिल्ली शहर का एक मन्दिर है। दो से तीन किलोमीटर लम्बी पंक्तियों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई हों और मन्दिर दूधिया रोशनी के साथ जयमाता दी के जयकारों से गूंज रहा हो तो समझ लीजिए कि आप हरी नगर स्थित जेल रोड पर माँ संतोषी के प्राचीन मन्दिर के आस-पास हैं।
31). आद्या कात्यायनी
श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मन्दिर छत्तरपुर की मान्यता एवं विश्वास की बात नवरात्रों के प्रतिदिन तीन से चार लाख श्रद्धालुओं का आने से लगायी जा सकती है। संत शिरोमणिपरमपूज्य श्री दुर्गाचरणनुरागी बाबा संत नागपाल जी इस मन्दिर के संस्थापक थे, जो ब्रह्मलीन हैं।
32). झंडेवाला देवी मन्दिर
झंडेवाला देवी मन्दिर हज़ारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र है। झंडेवाला देवी मन्दिर का एक प्राचीन इतिहास है, जिसकी मनमोहनी पौराणिक गाथा एक विशेष भक्त श्री बद्रीदास जी से आंरभ होती है।
33). लक्ष्मीनारायण मन्दिर
कनॉट प्लेस के पश्चिम में स्थित यह मन्दिर 1938 में उद्योगपति राजा बल्देव बिड़ला द्वारा बनवाया गया था और महात्मा गांधी ने इसका उदघाटन किया था। लक्ष्मीनारायण मन्दिर हिन्दू धर्म की सभी शाखाओं के दर्शन किये जा सकते हैं।
34). लक्ष्मीनारायण मन्दिर
कनॉट प्लेस के पश्चिम में स्थित यह मन्दिर 1938 में उद्योगपति राजा बल्देव बिड़ला द्वारा बनवाया गया था और महात्मा गांधी ने इसका उदघाटन किया था। लक्ष्मीनारायण मन्दिर हिन्दू धर्म की सभी शाखाओं के दर्शन किये जा सकते हैं।
good post
Bahut Jada help mila…. Good post