असम के पर्यटन स्थल की जानकारी | Assam Tourist Places in Hindi

Assam / असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक स्थित एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। भारत – भूटान तथा भारत – बांग्लादेश सीमा कुछ भागो में असम से जुडी है। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय एवं पश्चिम में बंग्लादेश स्थित है। यह राज्‍य, अपनी विविध संस्‍कृति और हरे – भरे जंगलों के कारण जाना जाता है। असम को अपने वन्‍यजीव पर्यटन के लिए जाना जाता है। राष्‍ट्रीय उद्यान और अन्‍य अभयारण्‍य, असम के प्रमुख पर्यटन स्‍थल है। जो लोग वन्‍यजीव पर्यटन के चहेते है, वह असम की ओर जरूर रूख करें।

असम के पर्यटन स्थल की जानकारी | Assam Tourist Places in Hindi

असम ही एक ऐसा राज्‍य है जो हर मायने में प्रकृति के बेहद करीब है। यह सभी राष्‍ट्रीय उद्यान, कई प्रकार के दुर्लभ जीवों व अन्‍य प्रजातियों का घरौंदा है। यहां आकर कई प्रकार की साहसिक गतिविधियां भी की जा सकती है। बेहतरीन वन्‍य जीवन के अलावा, असम पर्यटन , मंदिरों और स्‍मारकों के लिए भी जाना जाता है।

असम के पर्यटन स्थल – Assam Tourist Places in Hindi – Assam Tourism Places in Hindi

1). काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान मध्‍य असम में 430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। इस उद्यान में भारतीय एक सींग वाले गैंडे (राइनोसेरोस, यूनीकोर्निस) का निवास है। इसे यूनेस्‍को द्वारा विश्‍व विरासत स्‍थल के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त है यहां कई प्रकार के दुर्लभ जीव और जन्‍तु जैसे – गोल्‍डन लंगूर, बंगाल फ्लोरिकॉन, पायम हॉग, व्‍हाइट – विंग्‍ड वुड डक आदि पाएं जाते है। यहां आकर कई प्रकार की चिडि़यों जैसे – प्रवासी पक्षी, शिकारियों, जल पक्षियों और गेम वर्ड्स को भी देखा जा सकता है। काजीरंगा को वर्ष 1905 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। सर्दियों में यहाँ साइबेरिया से कई मेहमान पक्षी भी आते हैं, हालाँकि इस दलदली भूमि का धीरे-धीरे ख़त्म होते जाना एक गंभीर समस्या है। काजीरंगा में विभिन्न प्रजातियों के बाज, विभिन्न प्रजातियों की चीलें और तोते आदि भी पाये जाते हैं।

2). मानस अभयारण्य

मानस अभयारण्य असोम (असम, भारत) के बारपोटा ज़िले में स्थित है। मानस अभयारण्य बाघ संरक्षित क्षेत्र तथा वन्यजीव अभयारण्य है। मानस अभयारण्य में हाथी, चीता, पिगमी सुअर आदि वन्यजीव भी पाए जाते हैं। यह अभयारण्य यूनेस्‍को धरातल में अपनी जैव विविधता के कारण जगह बना चुका है। मानस, देश की पहली बाघ अभयारण्‍य परियोजना है और इसे भी अन्‍य वन्‍य प्रजातियों के लिए घर माना जाता है। इसे अपनी सुंदरता के लिए भी जाना जाता है और यहां सभी वनस्‍पतियों को भली प्रकार रखा जाता है।

3). शिवसागर

शिवसागर एक नगर, पूर्वी असम राज्य में स्थित है। यह नगर ब्रह्मपुत्र की सहायक ‘दिखू’ के किनारे स्थित है। यह असम की राजधानी गुवाहाटी के उत्तर पूर्व में 360 किलोमीटर (224 मील) की दूरी पर स्थित है। असम में शिवसागर एक धरोहर स्थल है क्योंकि यहां पूर्ववर्ती अहोम राष्ट्र के बहुत से स्मारक स्थित हैं। अब यह एक बहु-सांस्कृतिक शहर है। 13वीं शताब्दी में युन्नान क्षेत्र से चीन के ‘ताई’ बोलने वाले अहोम लोग इस इलाके में आए। 18वीं शताब्दी में शिवसागर अहोम साम्राज्य की राजधानी था। उस समय यह ‘रंगपुर’ कहलाता था। उस काल के कई मंदिर यहाँ मौजूद हैं।

4). तेजपुर

तेजपुर असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। पहले तेजपुर को शोणितपुर के नाम से जाना जाता था। तेजपुर एक शांत जगह है और यहाँ पर अनेक उद्यान बने हुए हैं। तेजपुर के उद्यान बहुत ख़ूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन उद्यानों के अलावा पर्यटक यहाँ पर अनेक हिन्दु मंदिरों और ऐतिहासिक इमारतों को भी देख सकते हैं। इन ऐतिहासिक इमारतों से अनेक कथाएँ और घटनाएँ जुड़ी हुई हैं।

5). कचार

असम में स्थित कचार पहाड़ों, जंगलों और मैदानों का अनोखा संगम है। यह बहुत खूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। कचार उत्तर, पूर्व और दक्षिण दिशा में गुलाबी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसके जंगल बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन जंगलों में पर्यटक वन्य जीवन के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यहां का मुख्यालय हाफलांग में स्थित है। कचार की बराक नदी बहुत खूबसूरत है। इस नदी के दोनों किनारों पर छोटी-छोटी पहाड़ियां हैं। इन पहाड़ियों पर पर्यटक रोमांचक यात्राओं का आनंद भी ले सकते हैं। कचार में अनेक गांव भी हैं। इन गांवों में घूमना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। यहां पर पर्यटक कचार की संस्कृति से रूबरू हो सकते हैं। कचार में बांस भी पाए जाते हैं। स्थानीय निवासी इन बांसों से खूबसूरत वस्तुएं बनाते हैं। यह वस्तुएं पर्यटकों को बहुत पसंद आती हैं।

6). कामाख्या शक्तिपीठ  

कामाख्या शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या मे है। कामाख्या से भी 10 किलोमीटर दूर नीलाचल पव॑त पर स्थित हैं। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

7). गारो पहाड़ी  

गारो पहाड़ी भारत के असम राज्य में स्थित है। यहाँ इसी नाम का एक ज़िला भी है। इस पहाड़ी का नामकरण तिब्बती तथा बर्मी उत्पत्ति की जनजाति गारो पर हुआ है और यही यहाँ मुख्यत: आबाद हैं। गारो जनजाति के लोगों के बाल घुँघराले होते हैं तथा ये आत्मा के पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं।

8). गोवालपारा  

गोवालपारा असम का एक हरा-भरा ज़िला है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के दोनों ओर लगभग 12,818 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। असम के इस ज़िले का 24 प्रतिशत भूभाग धने वनों से आच्छादित है। वनों में उगने वाले वृक्षों में साल मुख्य है। यहाँ की मुख्य फ़सल धान है। यह एक मैदानी क्षेत्र है लेकिन यहां कई छोटी-छोटी पहाड़ियां भी हैं। इन पहाड़ियों की ऊंचाई 100-500 मी. है। इन पहाड़ियों के नाम पंचरत्न, श्री सुरज्या, तुर्केश्वरी और नालंगा हैं। पहाड़ियों के अलावा पर्यटक यहां पर अनेक नदियों को भी देख सकते हैं।

9). पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़

पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़ असम राज्य के गोलपारा ज़िले में स्थित है। श्री सूर्यपहाड़ ब्रह्मपुत्र घाटी के निचले असम में गोलपारा शहर से 14 कि.मी. पूर्व में स्‍थित है। जैसा कि नाम दर्शाता है, यह संभवत: अति प्राचीन काल से सूर्य की उपासना करने वाले सम्‍प्रदाय से जुड़ा था।

10). नवग्रह मंदिर, गुवाहाटी

नवग्रह का अर्थ होता है- नौ ग्रह। नवग्रह मंदिर चित्रसल पहाड़ी पर स्थित है। नौ ग्रहों को दर्शाने के लिए मंदिर के अंदर नौ शिवलिंग स्थापित किए गए है। हर शिवलिंग अलग-अलग रंग के कपड़ों से ढंके हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि नवग्रह मंदिर को 18वीं शताब्दी में अहोम राजा राजेश्वर सिंह और बाद में उनके बेटे रुद्र सिंह या सुखरुंगफा के शासन काल में बनवाया गया था। 1897 में इस क्षेत्र में आए भयानक भूकंप में मंदिर का काफी बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया था। हालांकि बाद में लोहे के चदरे की मदद से इसका पुननिर्माण किया गया। ऐसा माना जाता है कि गुवाहाटी के पुराने नाम प्रागज्योतिषपुर की उत्पत्ति मंदिर के स्थित खगोलीय और ज्योतिषीय केन्द्र के कारण ही हुई है। मंदिर परिसर में बना सिलपुखुरी तालाब भी यहां का एक प्रमुख आकर्षण है। यह तालाब पूरे साल भरा रहता है। शहर के अन्य हिस्सों से यह मंदिर अच्छे से जुड़ा हुआ है।

असम के त्‍यौहार और संस्‍कृति

असम, मेलों और त्‍यौहारों का राज्‍य है। असम के कई त्‍यौहार यहां की समृद्ध संस्‍कृति, मान्‍यताओं और उनकी परंपरागत जीवन शैली का प्रतिनिधित्‍व करते है। इस राज्‍य के कुछ प्रमुख त्‍यौहार – बिहु, रोंगकेर, बैसागु, जॉनबिल मेला और बैखो है।

असम में यातायात और वाहन की सुविधा

असम देश के अन्‍य राज्‍यों और हिस्‍सों से एयर, ट्रेन और सड़क मार्ग द्वारा भली – भांति जुड़ा हुआ है। लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलाई अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा, गुवाहाटी में स्थित है। यह हवाई अड्डा, देश के महानगरों के अधिकांश हिस्‍सों से जुड़ा हुआ है। राज्‍य में सड़क और ट्रेन प्रणाली की दुरूस्‍त व्‍यवस्‍था है जो कि असम को पूरे देश से एक सुविधाजनक नेटवर्क से जोड़े रखती है।


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