Tripura Tourism / त्रिपुरा भारत का दक्षिण एशिया के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक राज्य है। यह राज्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढाता हुआ, भारत के कई अत्यंत सुंदर राज्यों में से एक है। हरियाली ओढ़े लंबी-गहरी वादियां, घने जंगल, कुछ बेहद खूबसूरत महल, मंदिर और बौद्ध मठ। कुल मिलाकर त्रिपुरा ऐसी सुंदर जगह है जो आपको रोजमर्रा की चिंताओं को भूलने को मजबूर कर देगी।
त्रिपुरा की जानकारी – Tripura Information in Hindi
त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। लेकिन इसका इतिहास अति समृद्ध है। महाभारत कालीन इतिहास-साहित्य मंे भी इस धरती का जिक्र मिलता है। माना जाता है कि देवी त्रिपुर संुदरी के नाम पर ही इस राज्य का नाम त्रिपुरा पड़ा और इसलिए यह देवभूमि है।
त्रिपुरा पर शासन करने वाले अंतिम महाराजा वीर विक्रम किशोर माणिक्य 1923 में गद्दी गद्दी पर बैठे और 1947 से अपनी मृत्यु से पहले उन्होंने निर्णय याकी त्रिपुरा की को नव स्वतंत्र भारत देश में शामिल हो जाना चाहिये। 15 अक्टूबर 1949 को त्रिपुरा अधिकारीक रूप से भारत का हिस्सा बना और 1 सितंबर 1956 को इसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया। 21 जनवरी 1972 को इसे भारतीय संघ के राज्य का दर्जा दिया गया।
त्रिपुरा के पर्यटन स्थल की जानकारी – Tripura Tourism Place in Hindi
त्रिपुरा हर दृष्टि से पर्यटन के लिए उपयुक्त राज्य है। त्रिपुरा में अनेक स्थल हैं। यहाँ देखने तथा घूमने-फिरने के लिए कई स्थान एवं स्थल हैं। राज्य संस्कृति की दृष्टि से भी संपन्न है। यह राज्य पूर्वोत्तर राज्यों के मुकाबले पर्यटन की अधिक संभावनाओं से पूर्ण है। यहां पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा बांग्लादेश जाने वाले पर्यटक भी आकर्षित होते हैं। होटल उद्योग के विकास के साथ ही यहां पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
त्रिपुरा का मौसम इसकी उंचाई से प्रभावित है और लगभग वैसा ही है जैसा कि आम तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में होता है। त्रिपुरा में एक उष्णकटिबंधीय सवाना जलवायु है और यहाँ मुख्य चार ऋतुएं होती हैं: ठंड – दिसंबर से फरवरी। मानसून पूर्व ऋतु मार्च से अप्रैल तक। मानसून- मई से सितंबर तक। त्रिपुरा में ठंड के दौरान तापमान दस डिग्री तक गिर सकता है और गर्मियों में 35 डिग्री तक जा सकता है। यहाँ जून के महीने में भारी बारिश होती है।
जनजातीय बहुलता वाले त्रिपुरा की सबसे बड़ी खासियत यहां के जंगल है, जिनमें बांस और बेंत की बहुतायत है। इसी कारण यहां हस्तशिल्प की कला तो जैसे लोगों की रगों में है। हस्तशिल्प का यहां पारंपरिक महत्व है और यहां से इसकी खरीदारी करना अच्छा अनुभव होगा।
त्रिपुरा उत्तर भारत के सात सन्निहित राज्यों में से एक है, जिन्हें ‘सेवेन सिस्टर्स’ के नाम से जाना जाता है। त्रिपुरा में मुख्य रूप से पहाड़ियाँ, घाटियाँ और मैदान है। यहाँ पांच पर्वत श्रेणियां हैं जो एक दूसरे से संकरी घाटियों द्वारा अलग हैं। इसके सुदूर पूर्व में जामपुई पर्वत श्रेणी, पश्चिम में उनोकोटी-सखान्त्लंग, लॉन्गथोराई, अथारामुरा-कालाझारी और बारामुरा-देओतामुरा आदि हैं।
कहा घूमे – Tripura Tourist Place in Hindi
प्रदूषण मुक्त हवा, सुहावना मौसम और रोचक कई पर्यटन स्थलों के कारण त्रिपुरा पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है। त्रिपुरा पर्यटन, आगंतुकों के आमोद-प्रमोद लिए धार्मिक स्थलों और सुंदर स्थानों का एक उचित संयोजन है। त्रिपुरा में सदाबहार जंगल और कई जलीय संसाधन भी हैं।
इस जगह को प्रकृति ने बहुत ही सुंदर रचना है। यह चारों ओर से पहाड़ियों, घाटियाें, हरी-भरी वादियों और पहाड़ी नदियांे से घिरा है। कमलासागर झील, दंबूर झील, उज्जयंत महल, नीरमहल, कुंजबन महल, गवर्नमेंट म्यूजियम, जंपुई हिल्स आदि त्रिपुरा के प्रमुख आकर्षण हैं।
एक बार त्रिपुरा पहुँच जाने पर पर्यटक आश्वस्त हो सकते हैं कि इस स्थान की सुंदरता के द्वारा वे अपनी आँखों को आराम पहुंचाने जा रहे हैं। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी कई पर्यटक स्थल हैं। समृद्ध पुरातात्विक इतिहास से युक्त कई प्रसिद्ध मंदिर जैसे कि जगन्नाथ मंदिर, उमामहेश्वर मंदिर, बेनुबन बिहार/बुद्ध मंदिर यहाँ पर देखे जा सकते हैं।
इसके अलावा आप अगरतला के सेपहिजाला चिड़ियाघर में विभिन्न प्राणियों के देखने का आनंद भी उठा सकते हैं। नवयुवक/युवतियों के लिए अगरतला में रोज वैली एम्यूजमेंट पार्क भी है। अगरतला के अतिरिक्त त्रिपुरा में अन्य कई पर्यटक आकर्षण भी हैं जैसे कि धलाई, कैलाशहर, उनकोटी और उदयपुर। उदयपुर में जहाँ त्रिपुर सुंदरी और भुवनेश्वरी जैसे मंदिर हैं, वहीं कैलाशहर में चौदू देवोतार मंदिर और चाय के बागान हैं जो सभी को प्रभावित करते हैं।
उज्जयनता पैलेस, त्रिपुरा राज्य संग्रहालय, सुकांता अकादमी, लॉन्गथराई मंदिर, मणिपुरी रास लीला, उनकोटी, लक्ष्मी नारायण मंदिर, पुरानो राजबाड़ी, और नजरुल ग्रंथागार क्लाउडेड लेपर्ड राष्ट्रीय उद्यान और राजबाड़ी राष्ट्रीय उद्यान त्रिपुरा के कुछ अन्य आकर्षक स्थल है।
त्रिपुरा में कुछ बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल हैं और दूरदराज कई ऐसे स्थान भी हैं, जिन तक अभी पहुंचा नहीं जा सका है। त्रिपुरा पूर्वोत्तर भारत के सीमाई इलाके में है। यहां का इतिहास बड़ा समृद्ध है। प्राकृतिक दृश्य ऐसे हैं, जैसे किसी चितेरे ने रंग भर दिए हों। ऐतिहासिक महल, मंदिर और ऐसे कई निर्माण हैं, जो वास्तु का श्रेष्ठ उदाहरण हैं। त्रिपुरा का सबसे लोकप्रिय स्थान यहां की राजधानी अगरतला ही है। महाराजा कृष्ण किशोर माणिक्य ने सन 1883 में इस शहर की स्थापना की थी। अपनी प्राकृतिक संरचना के चलते यह शहर हमेशा पर्यटकांे लुभाता रहा है।
त्रिपुरा के कुछ प्रमुख दर्शनीय और पर्यटन स्थल इस प्रकार हैं: Tripura Tourist Places in Hindi
अगरतला: यह त्रिपुरा की राजधानी है और यहाँ पर कुमरीमल सिंह का समाधि स्थल, जगन्नाथ मंदिर, उज्जयान्त पैलेस, और सुलतानपुर पैलेस जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं।
उनाकोटी: यह प्राचीन स्थल त्रिपुरा के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ पर 9वीं शताब्दी के चट्टान पर बने धार्मिक शिल्प हैं। ये शिल्प हिंदू देवताओं और पौराणिक जीवों को दर्शाते हैं।
नीरमहल: यह 19वीं शताब्दी में बनी महल रुद्रसागर झील के बीच में स्थित है। यह महल इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक सुंदर मिश्रण है। वर्तमान में यह एक संग्रहालय के रूप में तब्दील किया गया है।
रुद्रसागर झील: यह झील त्रिपुरा के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। यहाँ पर तालाबीया बाँध भी है, जो एक प्रमुख पिकनिक स्थल है। यहाँ टूरिस्टो की भीड़ लगी रहती हैं।
उज्जयंता महल: यह पूर्ववर्ती शाही महल अब एक संग्रहालय है और त्रिपुरा के इतिहास से संबंधित वस्तुओं का संग्रह रखता है। यह महल शादी और अन्य कार्यक्रमों के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान बन गया है।
जंपुई हिल्स: ये पहाड़ियाँ कई आदिवासी जनजातियों का घर हैं और ट्रेकिंग और कैंपिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थान हैं। इन पहाड़ियों में कई झरने और गुफाएं भी हैं। यह त्रिपुरा के पश्चिमी भाग में स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। यहाँ से पूरा त्रिपुरा दृश्य दिखाई देता है।
चाय के बागान: त्रिपुरा चाय उत्पादन के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है। यहाँ कई चाय के बागान हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
कैसे पहुंचे – How to Reach Tripura in Hindi
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला, देश के विभिन्न शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ी हुई है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के विमान यहां नियमित अंतराल मंे आते रहते हैं। यह राज्य गुवाहाटी से रेलमार्ग द्वारा भी जुड़ा है। नज़दीकी रेलशीर्ष कुमारघाट में है। यह अगरतला से जुड़ा है, जो यहाँ से लगभग 140 किलोमीटर दूर है। शिलांग होकर गुज़रते राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से गुवाहाटी से अगरतला तक 24 घंटे में बस द्वारा पहुँचा जा सकता है। इस मार्ग पर निजी एवं सार्वजनिक आरामदायक बसें उपलब्ध हैं। इसके अलावा, असम में सिल्चर तक वायु या सड़क मार्ग द्वारा पहुँचने के बाद सड़क मार्ग द्वारा अगरतला पहुँचा जा सकता है।
त्रिपुरा में घूमने का सही समय
त्रिपुरा घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच मन जाता है, इस समय यहां का मौसम सुहावना होता है। त्रिपुरा एक छोटा सा राज्य है, इसलिए यहाँ घूमना आसान है। आप कार, टैक्सी या बस से आसानी से घूम सकते हैं। त्रिपुरा में कई होटल और गेस्टहाउस हैं, लेकिन यदि आप वीकेंड या छुट्टियों के दौरान यात्रा कर रहे हैं, तो आपको पहले से ही अपनी बुकिंग करा लेनी चाहिए।
FAQ
त्रिपुरा में क्या प्रसिद्ध है?
त्रिपुरा में कई इतिहासिक प्लेस और झीले हैं।
त्रिपुरा में कौन सी भाषा बोली जाती है?
त्रिपुरा में बंगाली और त्रिपुरी भाषा (कोक बोरोक) मुख्य भाषायें हैं।