कान दर्द जल्दी ठीक करने के घरेलु उपचार | Ear Pain Treatment in Hindi

Ear Pain Treatment/ कान का दर्द होना एक आम बीमारी हैं पर इसमें असहनीय दर्द होता है। कान में दर्द कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है। सर्दी, लगातार तेज और कर्कश ध्वनि, कान में चोंट, कान में कीडा घुसना या संक्रमण, कान में अधिक मैल जमा होना या नहाते समय कान में पानी प्रविष्ठ होना इनमें से किसी भी कारण से कान में रोग हो सकता है। सर्दी या बरसात के मौसम में भी कान के रोग हो जाते है। अगर इनका समय से इलाज नहीं किया गया तो सुनने की शक्ति पर असर पड़ सकता है। कान शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसकी रचना जटिल और अत्यंत नाजुक है। थोड़ी सी लापरवाही बहरापन का कारण बन सकता हैं। इसलिए इसका उपचार ध्यानपूर्वक करना जरुरी हैं।

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जल्दी कान दर्द ठीक करने के घरेलु उपचार | Ear Pain Treatment in Hindi

कान का दर्द क्या है? What is Ear Pain in Hindi?

कान दर्द एक आम समस्या है, लेकिन इसका दर्द असहनीय होता हैं। यह दर्द अंतर्गत या बाहरी हिस्से में हो सकता हैं। आयुर्वेदीय ग्रन्थों में कान के दर्द को कर्णशूल कहा गया है। यह वात, पित्त, कफ और रक्त के दूषित होने के कारण हो सकता है। कान में दर्द का होने के पीछे यूस्टेशियन ट्यूब का हाथ होता हैं। यह कान के मध्य से लेकर गले के पीछे तक यूस्टेशियन ट्यूब होती है। यूस्टेशियन ट्यूब कान के बीच तरल पदार्थ का उत्पादन करती है, जब ट्यूब के अवरूद्ध होने पर तरल पदार्थ का निर्माण अधिक होने लगता है तो कान के पर्दे पर दबाव पड़ने लगता है। इससे कान में दर्द होने लगता है।

कान दर्द के कारण – Causes of Ear Pain in Hindi

कान दर्द के कई कारण होते हैं जैसे संक्रमण, अतिरिक्त वजन उठाने से या कान में दबाव के कारण। वही, बच्चों के कान में दर्द की समस्या ज्यादातर तब देखी जाती है जब कान की नलिका को कॉटन या किसी तेज चीज से साफ की जाती है। इससे कान के अंदर चोट पहुँचती है। कई बार कान में साबुन, शैम्पू या पानी के रह जाने से भी दर्द होने लगता है। इसके अलाव कान में दर्द होने के कारण –

  1. संक्रमण: कान में संक्रमण होने से दर्द हो सकता है। यहां तक कि एक साधारण सर्दी भी कान में संक्रमण का कारण बन सकती है।
  2. बाहरी या अंतर्गत कान में चोट या आहत: कभी-कभी एक चोट या आहत के कारण भी कान में दर्द होता है।
  3. उच्च शोर: उच्च शोर के सामने रहने से भी कान में दर्द होता है।
  4. गंभीर समस्याएं: कुछ गंभीर समस्याएं जैसे कि मधुमेह और हार्ट अटैक भी कान दर्द का कारण बन सकती हैं।
  5. कान के अंदर इन्फलेशन: कान के अंदर इन्फलेशन होने के कारण भी कान दर्द हो सकता है।
  6. कान में समस्या: कान में किसी अंग के दोष या अन्य समस्याओं के कारण भी कान दर्द हो सकता है।
  7. ओटाइटिस मीडिया के कारण: ये कान के मध्य में होने वाला इंफेक्शन है जो ज्यादातर बच्चों में होता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक अगर इंफेक्शन दो हफ्ते से ज्यादा समय तक रुक जाता है तो उसे क्रॉनिक इंफेक्शन (Chronic Infection) माना जाता है।
  8. कान में मैल जमा होने की वजह से: कान में मैल जमा हो जाने की वजह से भी कान में दर्द होता है।
  9. कान का पर्दा चोटिल होने की वजह से: कान के अंदर की ट्यूब बहुत सेंसिटिव (Sensitive) होती है और इसके ऊपर हल्का सा भी दबाव बनने पर यह चोटिल हो जाती है और इसमें दर्द होने लगता है।

हवाई जहाज में दर्द: इयर बैरोट्राँमा ज्यादातर स्काइडाइविंग, स्कूवा डाइविंग या हवाई जहाज की उड़ानों के दौरान अनुभव होता है,जैसे जब विमान लैंडिंग के लिए उतरता है तब वायुमंडलीय दबाव और कान दबाव में अंतर मध्य कान में वैक्यूम पैदा कर कान के पर्दे पर दबाव डालता है जिसके कारण कान का दर्द (kaan ka dard) होता है। बैरोट्रॉमा का मुख्य कारण कान के दबाव में अचानक परिवर्तन होना है तथा इसके अन्य कारणों में गले में सूजन, एलर्जी से नाक का बंद होना, श्वसन संक्रमण है। बैरोट्रॉमा की स्थिति में कान में दर्द तथा कान भरा हुआ महसूस होता है।

ये कुछ सामान्य कारण हैं, इसके अलावा भी कान दर्द के और कई अन्य कारण (Kan me dard hone ke karan) हो सकते हैं।

कान रोग के लक्षण – Symptoms of Ear Disease in Hindi

  • काम सुनाई देना.
  • कान में खुजली होना.
  • बार-बार कान सुन होना.
  • लगातार कान में दर्द होना.
  • कान में भारीपन महसूस होना.
  • सर दर्द होना.
  • कान में जलन होना.
  • कान में बंदपन का अनुभव.
  • कान में अवसाद या बहना.

कान दर्द का घरेलु इलाज – Home Remedies for Ear Pain in Hindi

1). ठंडा या गर्म कंप्रेस ((सेंकाई) :कान दर्द में जल्दी से राहत के लिए आइस पैक या वार्म कंप्रेस का इस्तेमाल भी कर सकते है। आइस पैक या वार्म कंप्रेस को 10 मिनट तक कान के ऊपर रखें ठंडा या गर्म दोनों में से आप जो भी पसंद करते है उस सेक का उपयोग करे। गर्म कपडे से सेकाई करे।

2). सरसों तेल के जरिए: कान के मैल को साफ करने के लिए सरसों तेल सबसे बेस्ट उपाय है। दर्द होने पर दोनों कानों में 3-4 बूंद तेल डालें। एक कान में तेल डालने के बाद लगभग 15 मिनट के बाद दूसरे कान में तेल डालें।

3). पानी की गर्म बोतल के जरिए: यह बहुत आसान तरीका हैं कीपानी के गर्म बोतल को दर्द हो रहे कान के पास रखने से उसे गर्माहट महसूस होती है जिससे दर्द कम होता है। ध्यान रखें कि पानी बहुत गरम न हो, इससे आपके कान में चोट लगने का खतरा होता है।

कान दर्द के आयुर्वेदिक घरेलु उपचार – Kan Dard ka Ayurvedic Ilaj in Hindi

1). लहसुन : लहसुन कानो में दर्द ठीक करने के लिए प्राकृतिक औषधि हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीबायोटीक से कानो में इन्फेक्शन दूर होता हैं।
  • कान के दर्द अथवा कान में फुंसी हो जाने से मैल जमा हो जाता है। इसके लिए एक पाव तिल्ली के तेल में 30 ग्राम लहसुन की कलियों को धीमी आग पर पकाएं। जब लहसुन काली पड़ जाए तो उस तेल को छान लें। कान के दर्द में इसकी कुछ बूंदे कानों में डालकर रुई से बंद कर दें। कई दिनों के प्रयोग से कान का मैल फूल जाता है और फुंसिया साफ हो जाती है।
  • लहसुन की दो कलीयों को अच्छी तरह से पीसकर इसमें एक चुटकी नमक मिलाकर वूलेन कपडे से बनायी गयी पुल्टीस को दर्द वाले हिस्से पर रखें ,जल्दी ही दर्द में आराम होगा।
  • 10 मिलि तिल के तेल में 3 लहसुन की कली पीसकर इसे किसी बर्तन में गरम करें। फिर छानकर शीशी में भरलें। इसकी 4-5 बूंदें जिस कान में समस्या हो उसमें टपका दें। कान दर्द में लाभ प्रद नुस्खा है।
2). अदरक : लहसुन, प्याज की तरह अदरक भी कान दर्द दूर करने में सहायक औषधि है।
  • अदरक के रस में नींबू का रस मिलाएं और इसकी चार पांच बूंदें कान में डालें। आधे घंटे के बाद कान को रुई से साफ कर दें।
  • अदरक का रस निकालकर दो बूँद कान में टपका देने से भी कण के दर्द एवं सूजन में लाभ मिलता है।
3). प्याज : प्याज एक एन्तिबैक्टेरिया व एंटीसेप्टिक होने के कारण, कानो में दर्द ठीक करने के लिए लाभदायक हैं।
  • प्याज का रस निकाल लें,अब रुई के फाये को इस रस में डुबोकर इसे कान के उपर निचोड़ दें, इससे कान में उत्पन्न सूजन, दर्द, एवं संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है।
  • कान-दर्द में प्याज का रस गरम करके कानों में बूंद-बूंद करके टपकाना चाहिए। इससे कान-दर्द में आराम मिलेगा।
  • थोड़ीसी प्याज को किस लें, अब इसे साफ कपड़े में लपेट लें। अब इसे कान में उपर 5-10 min रखें। दिन में कई बार ये प्रक्रिया दोहराएँ। जल्द ही आराम मिलेगा।
4). तुलसी : तुलसी कान दर्द ठीक करने के लिए रामबाण औषधि हैं।
  • तुलसी के पत्तों का रस कपूर में मिलाकर हल्का गर्म कर लें और कान में डालें कान का दर्द खत्म हो जाएगा।
  • तुलसी की ताज़ी पतियों को निचोड़कर दो बूँद कान में टपकाने से कान दर्द से राहत देता है।
5). केला : केले के फायदे अनेक हैं पर केला कान दर्द में राहत देने के लिए भी जाना जाता हैं।
  • केले की पेड की हरी छाल निकालें। इसे गरम करके सोते वक्त इसकी 3-4 बूंदें कान में डालें। कान दर्द की यह बहुत ही उम्दा दवा है।
  • केले के पत्ते का रस और समुंद्रफेन मिलाकर शीशी में भरकर रख ले। इसकी दो-दो बूंदे कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
6). सरसों का तेल : सरसों का तेल का तेल कान दर्द में तुरंत राहत देती हैं।
  • दो या तीन बूँद सरसों का तेल कान में डालने से कान के संक्रमण में तुरंत लाभ मिलता है।
  • एक मूली के बारीक टुकडे करके उसे सरसों के तेल में पकावें। फिर इसे छानकर शीशी में भर लें। कान दर्द में इसकी 2-4 बूंदे दिन में 3-4 बार टपकाने से जल्दी ही आराम मिलता है।
7). राई : राई का तेल कानों में डालने से कान के फोड़े-फुंसी ठीक हो जाते हैं। इससे दर्द में भी आराम मिलता है।

8). अजवाईन : अजवाईन का तेल और तिल का तेल 1:3 में मिलाएं, इसे मामूली गरम करके कान में 2-4 बूंदे टपका दें। कान दर्द में यह बहुत उपयोगी है।

9). मुलहठी : मुलहठी कान दर्द में उपयोगी है। इसे घी में भूनकर बारीक पीसकर पेस्ट बनाएं। फिर इसे कान में लगाएं। कुछ ही मिनिट में दर्द बिलकुल समाप्त होगा।

10). मैथी : पांच ग्राम मैथी के बीज को एक बडा चम्मच तिल के तेल में गरम करें। फिर इसे छानकर शीशी में भर लें। अब इसे 2 बूंद दूध के साथ कान में टपकादें। कान पीप का यह बहुत ही कारगार इलाज माना जाता है।

11). गर्म पानी सिकाई – शीत की वजह से होने वाले कान के दर्द में गर्म पानी की सिकाई बहुत कारीगर है। एक बोतल में गर्म पानी भरें अब इसे टोवल में लपेटकर कान के आसपास सिकाई करें। ऐसा करने से कान के अंदर का दर्द बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।

12). तुलसी या पेपरमिंट : ये वास्तविक जड़ी-बूटी वाला उपचार है। दोनों के लिये आपको रस निकालने की आवश्यकता पड़ेगी। इस प्रक्रिया में उन्हें पीसना और हल्का गरम करना शामिल होता है। पेपरमिंट के तेल को कान के चारो ओर लगाना चाहिए जबकि तुलसी के रस को कान के अन्दर डाला जा सकता है।

कान दर्द का दवा – Kaan dard ka Dawa aur Upchar

बाजार में कण दर्द के इलाज के लिए बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं जो इस दर्द से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार साबित होती हैं लेकिन साथ यह समस्या भी है की अक्सर मरीज पर इन दवाओं इस्तेमाल करने के बाद दोहरा असर पड़ता है। दवा लेने के बाद मरीज अपने कान के दर्द से तो छुटकारा पा लेता है लेकिन कई बार कान के अंदर फैले इंफेक्शन को खत्म नहीं कर पाता है जिसकी वजह से आगे उसे फिर परेशानी होती है।

कान के दर्द से बचने के उपाय How to Prevent Ear Pain in Hindi

निचे बताये गए तरीको को अपनाकर कान की देखभाल कर सकते हैं। जिससे कान में होने वाले दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।

  • कान दर्द के रोगी को ठंडी चीजों का सेवन से बचना चाहिए।
  • कफ बनने वाले आहार नहीं करना चाहिए।
  • जंकफूड एवं बासी भोजन का सेवन एकदम ना करें।
  • किसी तेज या नुकीली वस्तु से कान को साफ नहीं करना चाहिए।
  • नियमित रुप से प्राणायाम एवं योगासन करना चाहिए।
  • बहुत तेज ध्वनि से बचाव करना चाहिए।
  • जब आप नहा रहे हों या स्नान कर रहे हों, तब अपने कानों को अच्छी तरह से सुखा लें। यदि आप नहाने के बाद कुछ भी कान में लगाते हैं, तो ध्यान रखें कि उसमें पानी न जाए।
  • नारियल का तेल या अदरक के साथ बनाए गए खाने के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो आपके कान के संक्रमण को रोक सकते हैं।

FAQ

मेरे कान में बहुत दर्द है मैं क्या करूं?

ऊपर बताये गए तरीको को आजमाकर, इससे छुटकारा पा सकते हैं।

कान में कौन सा तेल डालना चाहिए?

सरसो या नारियल का तेल सबसे अच्छा हैं कान में डालने के लिए

Please Note: ऊपर बताये गए उपायों को आजमा के कान दर्द से छुटकारा पा सकते है। यह सामान्य बीमारी हैं पर कान दर्द को हल्के में ना ले। अगर दर्द लगातार बना हुआ है और ३ से ४ दिन के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो डॉक्टर को दिखाएँ।


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1 thought on “कान दर्द जल्दी ठीक करने के घरेलु उपचार | Ear Pain Treatment in Hindi”

  1. क्या मैं तुम्हारे लिए आर्टिकल लिख सकता हूं

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