बार-बार पेशाब आने का घरेलु उपचार Bar Bar Peshab Ane ka Ilaj

Home Remedies For Frequent Urination In Hindi – बार-बार पेशाब आना या ज्यादा पेशाब आना बहुमूत्रता कहलाता है। अगर बार बार या बूँद बूँद कर के पेशाब आये तो बहुत तकलीफ और परेशानी होती हैं। बहुमूत्र रोग एक उम्र के बाद होने लगती है। युवावस्‍था में भी कमज़ोरी के चलते संभव है कि यह समस्‍या हो जाए। यह गंभीर रोग न होने के बावजूद परेशान बहुत करता है। कभी-कभी यह रोग इतना परेशान करता है कि हर दस मिनट पर पेशाब महसूस होने लगता है। इस रोग में रोगी को रात में ज्यादा परेशानी होती है, क्योंकि उसे बार-बार उठना पड़ता है और नींद पूरी न होने के कारण उसका स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है। यदि यह रोग आपको भी हो गया है तो चिंता करने की जरुरत नहीं। निचे दिए गए घरेलु उपचार को आजमाए..

बहुमूत्र-अधिक पेशाब आने का घरेलु उपचार Bahumutra ka Ilaj
Pee Emergency

बार-बार पेशाब आने कारण – Causes of Frequent Urination in Hindi

वैसे तो यह समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों को हो सकती है लेकिन कई अध्ययनों में पाया गया है कि यह महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है।  बहुमूत्र रोग कई कारणो से होता है। लेकिन इसकी वजह वंशानुगत भी हो सकती हैं। मधुमेह के कारण भी यह रोग देखा गया है। युवा लड़कियों में हिस्टीरिया रोग के कारण भी यह रोग हो जाता है। इसकी खास वजह यह होती है लीवर और आमाशय का खराब हो जाना और इसी कारण बार-बार पेशाब होने की विकृति हो जाती है।

इसके आलावा बहुत ज्‍यादा शराब या कैफीन के सेवन, किडनी प्रॉब्‍लम, मूत्राशय में समस्‍या, प्रेग्‍नेंसी, चिंता, मूत्रवर्द्धक दवाओं, स्‍ट्रोक, मस्तिष्‍क या तंत्रिका तंत्र से संबंधित स्थितियां, मूत्र मार्ग में संक्रमण, पेल्विक हिस्‍से में ट्यूमर, हाई ब्लड प्रेशर, ओवरएक्टिव ब्‍लैडर सिंड्रोम, मूत्राशय कैंसर, किडनी या मूत्राशय में पथरी, पेशाब न रोक पाना, पेल्विक हिस्‍से में रेडिएशन जैसी ट्रीटमेंट लेना और क्‍लैमेडिया जैसे यौन संक्रमित रोग की वजह से बार-बार पेशाब आ सकता है।

बार-बार पेशाब करने के लक्षण – Symbol of Frequent Urination in Hindi

पेशाब का बार-बार आना तो प्रारंभिक लक्षण होता है, इसके बाद रात में अधिक होने लगता हैं। धीरे-धीरे यह मरीज को रोजमर्रा में भी परेशान करने लगता है। कुछ समय बाद रोगी इस पर नियंत्रण नहीं कर पाता और मरीज को मूत्र त्याग करने में भी परेशानी होती है और अंत में बूंद-बूंद कर यूरिन आता रहता है।

बहुमूत्र के घरेलु आयुर्वेदिक उपचार – Polyuria (Frequent Urination) Treatment in Ayurveda Hindi 

जवाखार और मिश्री 3-3 ग्राम ताजे जल के साथ कुछ दिन खाने से बहुमूत्र रोग से मुक्ति मिल जाएगी।

प्रतिदिन दो अखरोट और बीस किशमिश खाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर हो जाती है।

राई, काले तील, कलमी शोरा, टेसू के फूल और दालचीनी सभी को संभाग में लेकर चूर्ण बना लें। रोज 2 ग्राम सुबह शाम शहद के साथ खाने पर बहुमूत्र रोग से मुक्ति मिल जाती है।

5 बादाम की गिरी को खांड (शक्कर) के साथ सुबह-शाम 7 दिनों तक सेवन करने से बहुमूत्र (बार-बार पेशाब आने) के रोग में लाभ होता हैं।

मूली के नियमित सेवन से बहुमूत्र में आराम मिलता है। अन्य विकार भी नष्ट हो जाते हैं।

आंवले का रस या आंवले का सूखा चूर्ण गुड़ के साथ मिलाकर लेने से पेशाब खुलकर आता है। रोगी को बार-बार पेशाब करने नहीं जाना पड़ता है।

25 से 50 ग्राम की मात्रा में भुने हुए चने खूब चबाकर खायें। बाद में ऊपर से थोड़ा गुड़ खाकर पानी पी लें। 15 दिनों तक इसका प्रयोग लगातार रोजाना थोड़ा सा खाना खाने के बाद करें। यदि पाचन क्रिया खराब हो तो इसे न लें। वृद्धों को इसे अधिक दिन तक सेवन करना चाहिए।

रोजाना शाम को पालक की सब्जी खाने से रात को बार-बार पेशाब आना बंद हो जाता है।

बहुमूत्र में बबूल का गोंद घी में भूनकर रख ले। इसे सुबह मक्खन के साथ खाएं।

अदरक का ताजा रस सेवन करने से रुका हुआ मूत्र जल्दी बाहर निकल जाता है। साथी बहुमूत्र की शिकायत भी दूर हो जाती है।

पिस्ता छ: दाने, मुनक्का तीन दाने और काली मिर्च के 3 दाने- इन्हें सुबह-शाम चबाकर 15 दिन खाने से पेशाब बार बार नहीं आएगा।

अंगूर खाने से बहुमूत्रता (बार-बार पेशाब आना) के रोग में पूरा लाभ मिलता है।

जामुन की गुठली बहेड़े का छिलका दोनों को बारीक पीस लें। 8 दिन तक चार ग्राम रोज पानी के साथ ले। बार-बार पेशाब आना बंद हो जाएगा।

कलमी शोरा दस ग्राम, दूध 250 ग्राम और पानी 1 किलो इन सबको मिलाकर दिन में दो बार पिए। पेशाब खुलकर आएगा बहुमूत्र रोग ठीक हो जाएगा।

बार-बार पेशाब आने के रोग से ग्रस्त रोगी को मेथी की भाजी के 100 मिलीलीटर रस में या 40 मिलीलीटर हरे पत्तेवाली मेथी के रस में लगभग 2 ग्राम कत्था और 3 ग्राम मिश्री को मिलाकर रोजाना 7 दिनों तक सेवन करने से लाभ मिलता है।

खाना खाने के बाद 2 पके हुए केले खाने से पेशाब का बार-बार आना कम हो जाता है। इसके आलावा 2 पके हुए 2 केलों को 1 चम्मच आंवले के रस तथा 10 ग्राम मिश्री में मिला लें। इसे 4-5 दिन तक इसी रूप में सेवन करने से बार-बार पेशाब आने का रोग दूर हो जाता है।

अनन्नास के छोटे-छोटे टुकड़ों पर पीपर का चूर्ण छिड़ककर खाने से बहुमूत्र का रोग दूर हो जाता है। पके अनान्नास का छिलका और उसके भीतर का अंश निकालकर शेष भाग का रस निकाल लें। फिर इसमें जीरा, जायफल, पीपर, कालानमक और थोड़ा-सा अम्बर डालकर पीने से भी बहुमूत्र का रोग मिट जाता है।

बार बार पेशाब आने का घरेलू इलाज – Home Remedies for Frequent Urination in Hindi

  • सेब का सेवन करना इस बीमारी में बहुत फायदेमंद होता है यदि आपको यह समस्या बहुत ज्यादा हो रही है तो रोजाना रात को सोने से पहले दो से तीन सेब का सेवन जरूर करें, ऐसा करके बार-बार पेशाब आने की समस्या से आपको छुटकारा मिल जाएगा।
  • शरीर के अंदर पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से बार-बार पेशाब होने की समस्या बहुत अधिक होती है शरीर के अंदर की पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए फल का सेवन करे साथ ही अनार का जूस बहुत लाभकारी हैं।
  • ग्रीन टी इसमें बहुत राहत दिला सकती है क्‍योंकि इसमें माइक्रोबियल-रोधी गुण होते हैं। एक कप गर्म पानी में 5 से 7 मिनट के लिए एक चम्‍मच ग्रीन टी डालकर रखें। इसमें स्‍वादानुसार शहद मिलाकर दिन में दो बार पिएं।
  • बेकिंग सोडा भी फायदेमंद है। यह पेशाब के पीएच बैलेंस को नियंत्रित करता है। आधा चम्‍मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी के साथ मिक्‍स कर के पियें। रहत जल्द ही मिलेगा।

बार-बार पेशाब आने को रोकने के उपाय – Bar bar peshab ane ka gharelu upay Hindi

बार-बार पेशाब आने से रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना जरुरी हैं। जैसे –

  • मीठी चीजे खाने से बचे। मीठे से बने प्रदार्थ मूत्र के रास्ते में बैक्टीरिया को ब्रीडिंग करने की सहूलियत देते है। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन के दौरान केक, कुकीज, कार्बोनेटेउ डिंक और मिठाईं से परहेज करना चाहिए। चीनी से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • जिन लोगों को बार-बार पेशाब आने की समस्‍या है वो कार्बोनेटेड ड्रिंक्‍स, शराब, खट्टे फल, मसालेदार चीजों, टमाटर, चीनी, कच्‍ची प्‍याज आदि का सेवन न करें।
  • मसाले वाला भोजन यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति को और गंभीर बना देता है। और यह ज्यादा जलन और दर्द पैदा करता है। इसलिए समस्या के दौरान जितना हो सके सादा भोजन ही ग्रहण करें।
  • सबसे जरुरी की संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। टॉयलेट हमेशा साफ-सुथरा रखें।

Please Note – यदि घरेलू नुस्‍खों से भी राहत नहीं मिल पा रही है तो तुरंत डॉक्‍टर को दिखाएं और सही उपचार लें।


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