Uttarakhand Tourism / उत्तराखंड, उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण 9 नवंबर 2000 को कई वर्षों के आंदोलन के पश्चात भारत गणराज्य के राज्यों के रूप में किया गया था। यह एक उत्तर भारत में स्थित बहुत ही खूबसूरत और शांत पर्यटन केंद्र है। दून वैली पर बसा देहरादून इसकी राजधानी है, जो चारों ओर से प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है। उत्तराखंड को ईश्वर की धरती या देवभूमि के नाम से जाना जाता है। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं। उत्तराखंड अपने शांत वातावरण, मनमोहक दृश्यों और खूबसूरती के कारण पृथ्वी का स्वर्ग माना जाता है।
उत्तराखंड के पर्यटन – Uttarakhand Tourist Place in Hindi
इस खूबसूरत राज्य के उत्तर में जहाँ तिब्बत है वहीँ इसके पूरब में नेपाल देश है। जबकि इसके दक्षिण में उत्तर प्रदेश और उत्तर पश्चिम में हिमाचल प्रदेश है। इस राज्य का मूल नाम उत्तरांचल था जिसे बदलकर जनवरी 2007 में उत्तराखंड कर दिया गया था। राज्य में कुल 13 जिलें हैं जिन्हें प्रमुख डिवीजनों, कुमाऊं और गढ़वाल के आधार पर बांटा गया है।
उत्तराखंड उन चुनिन्दा जगहों में है जो अपनी सुन्दरता के चलते दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। उत्तर का यह राज्य गंगा और यमुना समेत देश की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। उत्तराखंड, वैली ऑफ फ्लॉवर (फूलों की घाटी) का भी घर है, जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत की सूची में शामिल किया है।
नैनीताल, उत्तर-काशी, मसूरी और चमौली जैसे उत्तर भारत के लगभग सभी प्रमुख हिल स्टेशन उत्तराखंड में ही हैं। हरे-भरे और घने जंगल इसे 12 नेशनल पार्क और वाइल्डलाइफ अभ्यारण्यों के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं। हिल स्टेशनों की सुरम्यता के साथ-साथ धार्मिक महत्व के स्थान होने के कारण देश और दुनियाभर के लोग यहां आते हैं। उत्तराखंड ट्रैकिंग, क्लाइंबिंग और वाटर राफ्टिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का केंद्र भी है और इस कारण युवाओं की पहली पसंद है।
उत्तराखंड के झीलों के जिले के रूप में जाना जानेवाला, नैनीताल एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो की समुद्र तल से 1938 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। स्वर्ग का यह टुकड़ा अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1841 में खोजा गया था और एक हॉलिडे रिसोर्ट में बदल दिया गया। शब्द ‘नैनी’ हिंदू देवी नैनी के नाम से पड़ा, जिनका मंदिर झील के किनारे स्थित है।
नैनीताल आगंतुकों को नौका विहार, नौकायन और मछली पकड़ने के अवसर प्रदान करता है। नैनीताल के विभिन्न खूबसूरत पर्यटक स्थल दुनिया भर से पर्यटकों की एक बड़ी संख्या कोअपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन स्थानों में हनुमानगढ़ी, खुरपाताल, किलबरी, लारिअकंता, और लैंसडाउन शामिल हैं।
इस राज्य में विभिन्न वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य और पार्क पाए जाते हैं। देहरादून जिले में मशहूर आसन बैराज भी है, जहां यमुना और आसन का संगम है। कस्तूरी मृग के संरक्षण के लिए स्थापित एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य भी यहीं है। तेंदुआ, हिरण, भालू, जंगली बिल्ली, उदबिलाव जैसे कई जंगली जानवर यहां बहुलता से पाए जाते हैं। नैनीताल जिले में सबसे बड़ा और पुराना नेशनल पार्क ‘जिम कार्बेट नेशनल पार्क’ स्थित है। यह पार्क विभिन्न जंगली जानवरों के अलावा बाघों के लिए जाना जाता है। भारत सरकार यहां प्रोजेक्ट टाइगर अभियान चला रही है। उत्तरकाशी जिले में गोविंद वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य लुप्तप्राय: जानवरों के लिए महत्वपूर्ण स्थान और शरणस्थली है। यहां आयुर्वेदिक से लेकर एलोपैथिक दवाओं से जुड़े पौधे और वनस्पतियां मिलती हैं। बर्फीला तेंदुआ भी यहां देखा जा सकता है।
भगवान शिव के और अनेक पवित्र मंदिरों के कारण उत्तराखंड हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में गिना जाता है। बद्रीनाथ और केदारनाथ, दो ऐसे तीर्थस्थल हैं, जो यहां सदियों पहले से हैं। बद्रीनाथ चार धामों में से एक है और सबसे पवित्र स्थलों में से है। केदारनाथ भी बद्रीनाथ जितना ही पवित्र और दर्शनीय स्थल है। यहां प्राचीन शिव मंदिर है, जहां 12 ज्योर्तिलिंग में से एक शिवलिंग विराजमान हैं। गंगोत्री धरती का वह स्थान है, जिसे माना जाता है कि गंगा ने सबसे पहले छुआ। देवी गंगा यहां एक नदी के रूप में आई थीं। यमुनोत्री यमुना नदी का स्रोत है और इसके पश्चिम में पवित्र मंदिर है। हरिद्वार गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह हिंदुओं का प्राचीन तीर्थस्थल है। ऋषिकेश सभी पवित्र स्थानों के लिए प्रवेश द्वार है।
यमुना ब्रिज, नाग टिब्बा, धनौल्टी, और सुरखंडा देवी मसूरीके आस पास के पर्यटक स्थल हैं। कौसानी कत्युरी घाटी , गोमती नदी और पंचचुली की बर्फीली चोटियों, नंदा कोट, नंदा देवी, त्रिशूल, नंदा घुंटी, चौखम्बा और केदारनाथ के लुभावने दृश्य प्रदान करता है। अनासक्ति आश्रम, पंत संग्रहालय, और लक्ष्मी आश्रम भी पर्यटकों में लोकप्रिय हैं।
कई तीर्थयात्री आदि कैलाश, अल्मोड़ा, अगस्त्य मुनि, बद्रीनाथ, देवप्रयाग, द्वारहाट, गंगनानी, गंगोलीहाट, गंगोत्री और गौरीकुंड जैसे स्थानों पर देवताओं के दर्शन हेतु उत्तराखंड आते हैं। अन्य प्रसिद्ध स्थलों हरिद्वार, केदारनाथ, रुद्रनाथ, कल्पेश्वर, और जागेश्वर शामिल हैं।
कैसे पहुंचे और कहा ठहरे –
उत्तराखंड में बड़ी संख्या में होटल, गेस्ट हाउस और रिसोर्ट हैं। यहां हर स्तर के व्यक्ति के लिए रहने-खाने की सुविधा उपलब्ध है। राज्य की पहचान पर्यटन के लिए है और यहां हर बजट के होटल उपलब्ध हैं। राज्य का सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहां से दिल्ली के लिए नियमित उड़ानें हैं। राज्य में सिर्फ 345 किमी. रेलवे ट्रैक है। नैनीताल से 35 किमी. दूर काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो उत्तर-पूर्वी रेलवे का करीब-करीब अंतिम स्टेशन है। यह नैनीताल को देहरादून, दिल्ली और हावड़ा से जोड़ता है। राज्य के पंतनगर, लालकुआं और हलद्वानी में भी रेल सुविधा उपलब्ध है। देहरादून और हरिद्वार राज्य के दो प्रमुख स्टेशन हैं, जो देश के अधिकतर शहरों और हिस्से से जुड़े हुए हैं। ऋषिकेश, रामनगर और कोटद्वार में भी रेल सुविधा उपलब्ध है। राज्य में सड़कों का जाल अच्छी तरह फैला हुआ है। यहां 28,508 किमी. सड़कों का जाल है। इसमें से 1,328 किमी. सड़क नेशनल हाइवे और 1,543 किमी. स्टेट हाइवे के अंतर्गत आता है। सड़क मार्ग के लिए उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन बसें चलाता है। निजी ऑपरेटर भी बस, टैक्सी जैसी सुविधाएं देते हैं। राज्य के हर प्रमुख स्थान तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
गर्मियों के दिनों में राज्य में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। लेकिन सर्दियों में यह बेहद ठंडा होता है। इस पहाड़ी राज्य में, देश के मुकाबले सामान्य या इससे अधिक बारिश होती है। उत्तराखंड में घूमने का सर्वश्रेष्ठ समय मार्च से जून के बीच और सितंबर-अक्टूबर का महीना होता है।
आप की पोस्ट बहुत अच्छी है उत्तराखंड की वादियां अद्भुत है राजस्थान भारत का सबसे प्रमुख पर्यटक स्थल हे राजस्थान के पर्यटक स्थलों के बारे में जाने।