जैसलमेर का इतिहास व दर्शनीय स्थल की जानकारी | Jaisalmer Tourist Places

Jaisalmer Rajasthan Tourist Place / जैसलमेर शहर, भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है। अनुपम वस्तुशिल्प, मधुर लोक संगीत, विपुल सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को अपने में संजोये हुए जैसलमेर गोल्डन सिटी के रूप में विख्यात है। यहाँ पीले से रंग की रेत पाई जाती है। यह सुनहरा शहर राज्य की राजधानी जयपुर से सिर्फ 575 किमी दूर है। पर्यटन जिले की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण प्रमुख भूमिका निभाता है। जैसलमेर पीले भूरे पत्थरों से निर्मित भवनों के लिए भी प्रसिद्ध है।

जैसलमेर शहर की जानकारी - Jaisalmer Information in Hindi

जैसलमेर का संक्षिप्त परिचय – Jaisalmer Rajasthan in Hindi

नामजैसलमेर (Jaisalmer)
राज्यराजस्थान
ज़िलाजैसलमेर ज़िला
स्थापना सन 1156 ई. (राजपूतों के सरदार रावल जैसल द्वारा स्थापित)
क्षेत्रफल 38,201 sq. km
भौगोलिक स्थितिउत्तर- 26° 92′ – पूर्व- 70° 9′
घूमने का सही समय अक्टूबर से मार्च
भाषा हिंदी, इंग्लिश, उर्दू और राजस्थानी
प्रसिद्धिजैसलमेर नक़्क़ाशीदार हवेलियाँ, रेगिस्तानी टीले, प्राचीन जैन मंदिरों, मेलों और उत्सवों के लिये प्रसिद्ध हैं
मार्ग स्थितियह सड़क मार्ग जयपुर से 558 किमी, अहमदाबाद से 626 किमी, दिल्ली से 864 किमी, आगरा से 802 किमी, मुंबई से 1177 किमी पर स्थित है।
एस.टी.डी. कोड02992

जैसलमेर शहर की जानकारी – Jaisalmer Information in Hindi

जैसलमेर, राजस्थान के शाही महलों और लड़ने वाले ऊंटों के साथ एक रेतीले रेगिस्तान के आकर्षण का प्रतीक है। यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल महान थार रेगिस्तान के बीच में स्थित है। जैसलमेर जिले के प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में सेवारत होने के साथ, यह पाकिस्तान, बीकानेर, बाड़मेर और जोधपुर की सीमाओं से लगा है। जैसलमेर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है, और साथ ही, देश का सबसे बड़ा जिला है।

शहर के संस्थापक राव जैसल, जिन्होंने 12 वीं सदी के दौरान जैसलमेर पर शासन किया, के नाम पर इस शहर को नामित किया गया है। यहाँ अनेकों किले, पैलेस एवं जैन समुदाय के मंदिर है। यहाँ बहुत से मंदिर, किले का निर्माण पत्थरों की नक्काशी करके बनाये गए है। जैसलमेर को भारत की महान थार मरुस्थल का दिल कहा जाता है।

जैसलमेर का मतलब है ‘जैसल के ऊँचे ऊँचे किले’ इसे गोल्डन सिटी इसलिए कहा जाता है, क्युंकी यहाँ की हर चीज का निर्माण पीली रेत और पीले बलुआ पत्थर से हुआ है। जिससे यह सिटी गोल्डन सी दिखाई पड़ती है। यह सुनहरा शहर राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य रूपों, जिन्हे वैश्विक मंच पर अत्यधिक सराहा जाता है, के लिए प्रसिद्ध है।

जैसलमेर शहर का इतिहास – Jaisalmer History in Hindi

रावल जैसल सिंह ने 1156 ई, में इस जगह का निर्माण किया था। रावल जैसल के वंशजों ने यहाँ भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति तक बिना वंश क्रम को भंग किए हुए 770 वर्ष तक शासन किया, जो अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण घटना है। सल्तनत काल के लगभग 300 वर्ष के इतिहास में गुजरता हुआ यह राज्य मुग़ल साम्राज्य में भी लगभग 300 वर्षों तक अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम रहा। 1818 में इसने अंग्रेज़ों के साथ राजनीतिक संबंध क़ायम किए। 1949 में यह राजस्थान राज्य में शामिल हो गया।

सँकरी गलियों वाले जैसलमेर के ऊँचे-ऊँचे भव्य आलीशान भवन और हवेलियाँ सैलानियों को मध्यकालीन राजशाही की याद दिलाती हैं। शहर इतने छोटे क्षेत्र में फैला है कि सैलानी यहाँ पैदल घूमते हुए मरुभूमि के इस सुनहरे मुकुट को निहार सकते हैं। इतिहास की दृष्टि से देखें तो जैसलमेर शहर पर खिलजी, राठौर, मुगल, तुगलक आदि ने कई बार आक्रमण किया था। इसके बावजूद जैसलमेर के शाही भवन राजपूत शैली के सच्चे द्योतक हैं।

प्राचीन काल में यहाँ पीला संगमरमर तथा अन्य कई प्रकार के पत्थर तथा मिट्टियाँ पाई जाती थीं जिनका अच्छा व्यापार था। जैसलमेर का इतिहास अत्यंत प्राचीन रहा है। यह शहर प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता का क्षेत्र रहा है। वर्तमान जैसलमेर ज़िले का भू-भाग प्राचीन काल में ‘माडधरा’ अथवा ‘वल्लभमण्डल’ के नाम से प्रसिद्ध था। ऐसा माना जाता हैं कि महाभारत युद्ध के पश्चात् कालान्तर में यादवों का मथुरा से काफ़ी संख्या में बहिर्गमन हुआ। जैसलमेर के भूतपूर्व शासकों के पूर्वज जो अपने को भगवान कृष्ण के वंशज मानते हैं, संभवता छठी शताब्दी में जैसलमेर के भूभाग पर आ बसे थे। ज़िले में यादवों के वंशज भाटी राजपूतों की प्रथम राजधानी तनोट, दूसरी लौद्रवा तथा तीसरी जैसलमेर में रही।

जैसलमेर की संस्कृति – Jaisalmer Culture in Hindi

जैसलमेर के सांस्कृतिक इतिहास में यहाँ के स्थापत्य कला का अलग ही महत्त्व है। किसी भी स्थान विशेष पर पाए जाने वाले स्थापत्य से वहाँ रहने वालों के चिंतन, विचार, विश्वास एवं बौद्धिक कल्पनाशीलता का आभास होता है।

सैम रेत टिब्बा पर रेगिस्तान त्योहार के अवसर पर सबसे कामुक नृत्य ‘कालबेलिया’ यहाँ रहने वाले जनजातियों द्वारा किया जाता है। यह फरवरी के महीने में आयोजित होने वाला एक तीन दिवसीय वार्षिक त्योहार है। ऊंट दौड़, पगड़ी बांधना, और सबसे अच्छी मूँछ की प्रतियोगितायें दूर – दराज क्षेत्रों से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इसके अलावा, शिविर लगाना, अलाव जलाना, और महान थार रेगिस्तान में ऊंट सफारी जैसलमेर आये यात्रियों को एक अविस्मरणीय अनुभव देता है।

जैसलमेर में यहां का लोकल व्यंजक भी प्रसिद्ध हैं। लजीज मुर्ग-ए-सब्ज (कटी हुई सब्जियों के साथ हड्डी रहित चिकन का रसीला फ्राई व्यंजन) यहाँ पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय व्यंजन है। स्वादिष्ट केर संगरी (रेगिस्तानी सेम और केपर्स) जैसलमेर में अद्वितीय है। भनोन आलू (मिन्ट पेस्ट के साथ और रस में उबला भरवा आलू) और कढ़ी पकोड़ा (दही सॉस में पकी आटा की पकौड़ी), जो जैसलमेर के रेस्तरां में उपलब्ध हैं।

जैसलमेर का मौसम – Jaisalmer

जैसलमेर राज्य का संपूर्ण भाग रेतीला व पथरीला होने के कारण यहाँ का तापमान मई-जून में अधिकतम 48° सेंटीग्रेड तथा दिसम्बर-जनवरी में न्यूनतम 4° सेंटीग्रेड रहता है। जैसलमेर जाने का सही समय ऑक्टूबर से मार्च के बीच का होता है।

जैसलमेर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल – Jaisalmer Tourist Place Information in Hindi

राजस्थान के किसी भी अन्य रेगिस्तानी शहर की तरह, जैसलमेर भी शाही किलों, हवेलियों, महलों, संग्रहालयों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। –

1). जैसलमेर किले – Jaisalmer Fort

जैसलमेर किले को जैसलमेर की शान के रूप में माना जाता है और यह शहर के केन्द्र में स्थित है। यह ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्ण किले’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पीले बलुआ पत्थर का किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। जैसलमेर किले में कई खूबसूरत हवेलियाँ या मकान, मंदिर और सैनिकों तथा व्यापारियों के आवासीय परिसर हैं। और पढ़े 

2). सैम रेत टिब्बा – Sam Sand Dunes

सैम रेत टिब्बा भी जैसलमेर शहर से 42 किमी की दूरी पर स्थित है। सूर्यास्त का समय रेगिस्तान के सिल्हूट दृश्य का आनंद लेने के लिए यह सबसे अच्छा है। पर्यटक रेत के टीलों में शिविर के अलाव, ऊंट और जीप की सफारी का आनंद ले सकते हैं। रेगिस्तान त्योहार यहां फरवरी और मार्च के महीने में आयोजित किया जाता है उस समय यह जगह एक सांस्कृतिक केंद्र में बदल जाती है। कठपुतली शो, लोक नृत्य, ऊंट दौड़, और सांस्कृतिक शो त्योहार के मुख्य आकर्षण हैं।

3). अमर सागर झील – Amar Sagar Lake

अमर सागर झील के तट पर स्थित अमर सिंह पैलेस एक सुंदर शाही महल है। यह झील पत्थर के नक़्क़ाशीदार जानवरों के कई मुखौटों से घिरा है जिन्हें शाही परिवार का संरक्षक माना जाता है। यह प्राचीन स्मारक जैसलमेर शहर से सिर्फ 7 किमी दूर है। यह 17 वीं सदी का महल राजा महारावल अखाई सिंह द्वारा अमर सिंह के सम्मान में बनवाया गया था। पर्यटक इस पांच मंजिला इमारत की दीवारों पर आकर्षक भित्ति चित्र देख सकते हैं। इमारत के परिसर के अंदर कई तालाब, कुयें और एक शिव मंदिर हैं।

4). अकाल लकड़ी जीवाश्म पार्क – Wood Fossil Park

अकाल लकड़ी जीवाश्म पार्क एक 180 साल पुराना पार्क, जैसलमेर शहर से 17 किमी की दूरी पर स्थित है। विशाल पेड़ के जीवास्म और प्राचीन समुद्री शंख इस पार्क के मुख्य आकर्षण हैं। यह पार्क 21 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

5). जैन मंदिर – Jain Temples

जैन मंदिर जैसलमेर के किले में स्थित हैं। इन पुराने मंदिरों का निर्माण 12 वीं और 15 वीं सदी के बीच किया गया था। ये धार्मिक स्थल शंभवदेव और ऋषभदेव जैसे जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं। पर्यटक मंदिरों की दीवारों पर दिलवाड़ा शैली के चित्रों, सुंदर पशु और मानव के चित्र देख सकते हैं। सात जैन मंदिरों में शांतिनाथ मंदिर, चन्द्रप्रभू मंदिर और शीतलनाथ मंदिर सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थल हैं।

6). पटवों की हवेली – Patwon Ki Haveli

यह जैसलमेर में मुख्य शहर में ही स्थित है। पूरे परिसर में पाँच हवेलियों है जिन्हें गुमन चंद पटवा द्वारा 1805 ई0 में अपने पांच बेटों के लिए बनवाया गया था। इस पीले बलुआ पत्थर की इमारत के निर्माण में 50 साल लग गए। वर्तमान में, यहाँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का कार्यालय और राज्य कला और शिल्प विभाग स्थित हैं। भव्यता और स्मारक की वास्तुकला, शहर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।

7). बड़ा बाग – Bada Bagh

बड़ा बाग एक विशाल पार्क अपने शाही स्मारकों या छतरियों के लिए प्रसिद्ध है जिसे विभिन्न भट्टी शासकों द्वारा निर्मित किया गया। सब के बीच, राजा महारावल जैत सिंह की कब्र सबसे प्राचीन स्मारक है। यह जगह जैसलमेर शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पार्क के अंदर स्मारकों के अलावा, पर्यटक जैतसार टंकी, जैत बांध और एक गोवर्धन स्तंभ को भी देख सकते हैं। बांध और टंकी दोनों के निर्माण में पत्थरों के ठोस टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया था। बड़ा बाग में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय व्यू बहुत अच्छा होता है, अधिकतर लोग इसी समय जाते है।

8). डेजर्ट नेशनल पार्क – Desert National Park

पर्यटक हैरियर, बुज़र्ड, धब्बेदार चील और छोटे पंजे वाली चील, गिद्ध, एक प्रकार का छोटा बाज, बड़े बाज और रेत में गुनगुनाने वाले जीव को जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में देख सकते हैं। यह अनूठा पार्क राजस्थान की लुप्तप्राय राज्य पक्षी, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का प्राकृतिक निवास स्थान है। पार्क की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर और जनवरी के महीने के बीच का है।

9). सलीम सिंह हवेली – Salim Singh ki Haveli

सलीम सिंह की हवेली जैसलमेर रेलवे स्टेशन के करीब स्थित है। इस खूबसूरत इमारत को सलीम सिंह के द्वारा 1815 ई0 में बनाया गया था। इसे जहाजमहल भी कहा जाता है क्योंकि इसके सामने का हिस्सा एक जहाज की तरह दिखता है। इमारत की छत धनुषाकार और नीले कपोलों के साथ ढकी हुई है। पर्यटक नक़्क़ाशीदार कोष्ठकों से सजी छत, जो एक मोर जैसी दिखती है, को देख सकते हैं।

10). थार हेरिटेज संग्रहालय -The Thar Heritage Museum

यह शहर के मेन मार्किट में ही स्थित है। इस संग्रहालय का निर्माण लक्ष्मी नारारण खत्री ने कराया था। यह संग्रहालय थार मरुस्थल के इतिहास, संस्कृति, कला और आर्किटेक्चर को बतलाता है। यहाँ बताया गया है कि 10 लाख सालों में कैसे समुद्र सूखता चला गया, और इतना विशाल थार मरुस्थल बन गया। यहाँ मरुस्थल के पहले सागर में चलने वाले जहाज के अवशेष, घोड़े, जैसलमेर की सिक्के, हथियार, और भी पुरानी चीजों को सहेज के रखा गया है।

11). अमर सिंह पैलेस – Amar Singh Place

अमर सिंह पैलेस एक सुंदर शाही इमारत, जैसलमेर में अमर सिंह झील के तट पर स्थित है। यह महल 17 वीं सदी के दौरान राजा महारावल अखाई सिंह द्वारा बनवाया गया था। दीवारों पर सुंदर भित्ति चित्र महल के सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

12). गादिसर लेक – Gadisar lake

यह जैसलमेर किले से 1 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। इसे सबसे पहले महारावल जैसल ने बनवाया था, जिसे 1367 ई. में महारावल गरसी ने फिर से अपने तरीके से बनवाया था। यहाँ रहने वालों के लिए इसी लेक से पानी आपूर्ति पूरी होती है, लगातार पानी के उपयोग से यह लेक सूखता जा रहा है। इस लेक के आस पास आपको मंदिर, छतरी देखते को मिलेगी। यहाँ अंदर जाने का मुख्य दरवाजा पीले बलुआ पत्थर से बना है, जो बहुत विशाल और सुंदर है। इस लेक में बोटिंग भी होती है, जिसके द्वारा आप पुरे लेक का मजा ले सकते हो। पर्यटक झील पर कई प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं।

कैसे पहुंचे जैसलमेर और कहाँ रुके – Jaisalmer Tour & Travels Guide in Hindi

जैसलमेर वायु, रेल और सड़क द्वारा आसानी से जुड़ा है। –

हवाई मार्ग – जोधपुर हवाई अड्डा शहर के लिए निकटतम घरेलू एयरबेस है, जो 294 किलोमीटर दूर है। यह हवाई अड्डा नियमित उड़ानें के द्वारा नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से अच्छी तरह से जुड़ा है। यह कोलकाता, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख भारतीय गंतव्यों के लिए दैनिक उड़ानों के द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग – जैसलमेर से बीकानेर, लालगढ़, जोधपुर, अजमेर, पाली, जयपुर, अलवर, रेवारी, गुडगाँव, दिल्ली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, काठगोदाम, काशीपुर और रामनगर शहरों की ट्रेन से सीधा जुड़ी है, जिसका आवागमन रोज यहाँ होता है। इसके अलावा सप्ताह में एक बार अबू रोड, लखनऊ, गया, वाराणसी, मुगलसराई, कलकत्ता, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और मुंबई के लिए ट्रेन चलती है।

सड़क मार्ग – जैसलमेर नेशनल हाईवे 15 से जुड़ता है, यहाँ के लिए राजस्थान सरकार की तरफ से, दिल्ली एवं अहमदाबाद से स्पेशल वॉल्वो बस भी चलती है, साथ ही टैक्सी भी मिल जाती है। जैसलमेर के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें भी जयपुर, अजमेर, बीकानेर, और दिल्ली से उपलब्ध हैं।

पर्यटन स्थल होने के कारण यहाँ बहुत सारे होटल और लॉज ठहरने के लिए उपलब्ध हैं। आप ऑनलाइन भी यहां के लिए होटल बुक करा सकते हैं।


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