हरियाणा के दर्शनीय व पर्यटन स्थल | Haryana Tourist Place in Hindi

Haryana Tourism / उत्तर भारत में स्थित हरियाणा एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां देखने के लिए कई मनमोहक नजारे हैं। तीर्थयात्रा, रोमांच और मस्ती के लिए हरियाणा एक आदर्श स्थान है। कुरुक्षेत्र, ज्योतिसर, थानेसर, पिहोवा और पंचकूला यहां के कुछ मशहूर तीर्थस्थान हैं। यह पैरा सिलिंग, राॅक क्लाइम्बिंग, रिवर राफ्टिंग और कैनोइंग जैसे साहसिक खेलों का मज़ा लेने के लिए एक आदर्श जगह है। यहां कई मनोरंजन पार्क और थीम पार्क भी हैं। हरियाणा राज्य में एक लंबी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपरा है जो कई धार्मिक स्थानों में प्रकट होती है जो पर्यटक को अपनी और आकर्षित करती है।

हरियाणा के दर्शनीय व पर्यटन स्थल | Haryana Tourist Place in Hindi

हरियाणा के दर्शनीय व पर्यटन स्थल – Haryana Tourism Place in Hindi

हरियाणा भारत का एक तेजी से विकसित होता राज्य है। यह पूर्व में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में राजस्थान और उत्तर में हिमाचल प्रदेश से घिरा हुआ है। यह राज्य दिल्ली के पास में ही और दिल्ली की पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी सीमा हरियाणा से लगती है। इस राज्य को एक नवंबर 1966 को पंजाब से अलग करके बनाया गया था। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ इसकी राजधानी है और यह राज्य प्रशासनिक कारणों से चार डिवीजनों में बांटा गया है – अंबाला, रोहतक, गुड़गांव और हिसार।

हरियाणा में एक सदनीय विधानमंडल है, जहां पर कुल विधानसभा सदस्यों की संख्या 90 तथा लोकसभा सदस्यों की संख्या 10 है। यहा वैदिक युग से ही एक गौरवपूर्ण स्थान रहता है। यह एक भरत वंश के शासकों का स्थान रहा है, जिनके नाम पर देश को भारत नाम दिया गया। महाभारत में इस राज्य का उल्लेख है। कुरुक्षेत्र, जहां कौरवों व पांडवों के बीच महाभारत का युद्ध हुआ, इसी राज्य में स्थित है इतिहास में इस राज्य की मुख्य भूमिका मुगलों के भारत में आने तक और दिल्ली के राजधानी बनने तक रही है।

भौगोलिक दृष्टि से राज्य को दो प्राकृतिक क्षेत्रों-हिमाचल का क्षेत्र और सिंधु-गंगा मैदान क्षेत्र में बांटा जा सकता है। मैदानों क्षेत्र काफी उपजाऊ है। हरियाणा की दक्षिण-पश्चिम भाग सूखा और रेतीला है। इस राज्य की एकमात्र नदी घन्धर है, जो राज्य के उतरी किनारे से होकर बढ़ती है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध “सूरजकुंड शिल्प मेला” यहां हर साल फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है जिससे भारतीय कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा मिल सके। ‘आम महोत्सव’ और ‘कुरुक्षेत्र महोत्सव’ यहां के कुछ मशहूर वार्षिक उत्सव हैं। हरियाणा में 43 टूरिस्ट परिसर हैं जिनके नाम पक्षियों के नाम पर रखे गए हैं। हरियाणा के कुछ टूरिस्ट परिसर हैं – बधकल झील, डबचिक, जंगल बबलर, कर्ण झील, काला तीतर और यादविंद्र गार्डन।

हरियाणा का सुंदर राज्य प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति वैभव से भरा है और यहां शहर और गांव का विलक्षण मिश्रण है। यह राज्य सदियों पुराने इतिहास से घिरा है और एक मशहूर पर्यटन स्थल है। हरियाणा के पर्यटन स्थल किसी भी सैलानी को आनंद से भर देते हैं।

हरियाणा भारत की राजधानी दिल्ली से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है और साथ साथ भारत के गोल्डन टूरिज्म ट्राइंगल आगरा-दिल्ली और जयपुर के पास भी है। कांक्रीट के जंगलों से थके सैलानी इन जगहों का दौरा करते हैं। यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

हरियाणा के देखने लायक जगहे – Haryana Tourist Place in Hindi

1). कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र हरियाणा राज्य का एक ऐतिहासिक नगर और ज़िला है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा अम्बाला, यमुना नगर, करनाल और कैथल से घिरा हुवा है। माना जाता है कि यहीं महाभारत की लड़ाई हुई थी और भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश यहीं पर ज्योतीसर नामक स्थान पर दिया था। यह ज़िला बासमती चावल के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहाँ स्थित विशाल तालाब का निर्माण महाकाव्य महाभारत में वर्णित कौरवों और पांडवों के पूर्वज राजा कुरु ने करवाया था। कुरुक्षेत्र नाम ‘कुरु के क्षेत्र’ का प्रतीक है। कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्त्व अधिक माना जाता है। इसका ऋग्वेद और यजुर्वेद में अनेक स्थानो पर वर्णन किया गया है। यहाँ की पौराणिक नदी सरस्वती का भी अत्यन्त महत्त्व है। इसके अतिरिक्त अनेक पुराणों, स्मृतियों और महर्षि वेदव्यास रचित महाभारत में इसका विस्तृत वर्णन किया गया हैं। विशेष तथ्य यह है कि कुरुक्षेत्र की पौराणिक सीमा 48 कोस की मानी गई है जिसमें कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त कैथल, करनाल, पानीपत और जिंद का क्षेत्र सम्मिलित हैं।

वर्तमान कालीन कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण म्यूजियम, पल्लव, चोल व नायक राजाओं के काल की कांस्य प्रतिमाये हाथी दांत में निर्मित वेणु गोपाल रूपी कृष्ण, पवित्र जल कुण्ड, गीताभवन, लक्ष्मीनारायण मंदिर, दुर्गा मंदिर, संस्कृत विश्वविधालय, लाल मस्जिद, निकट ही शेखचिल्ली की समाधि व मंदिर दर्शनीय है।

2). पानीपत

पानीपत भी प्राचीन काल से ही सुविख्यात है। यहां तीन महायुद्ध लड़े गये पहला महायुद्ध 1526 ई. में बाबर व इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया, दूसरा महायुद्ध अकबर व हेमू के बीच 1556 ई. में लड़ा गया। तीसरा महायुद्ध लड़ा गया अहमदशाह अब्दाली व मराठों के बीच 1761 ई. में। पहले महायुद्ध में जीत बाबर की हुई, दूसरा महायुद्ध जीता अकबर ने तीसरा महायुद्ध अहमदशाह अब्दाली ने जीता।

3). सोहना

गुडगांव के पास स्थित यह स्थल का पर्यटन स्थल के साथ-साथ एक तीर्थस्थल के रूप में भी माना जाता है। इसकी विशेषता गर्म जल का कुंड है। जहां गर्म जल का प्राकृतिक स्त्रोत है। ऊपर छोटी-सी पहाड़ी पर बड़े-बड़े लॉन है जहां पर मनोरंजन एवं सैरसपाटा किया जा सकता है। गर्म जल के स्त्रोत के बारे में यह मान्यता है कि इसमें स्नान करने पर दाद, खाज, खुजली नहीं होती है।

4). करनाल झील

दानवीर कर्ण द्वारा इस नगर की स्थापना की गई थी। यहां पर माहौल अत्यंत शांत व सुमधुर है। झील का जल गंभीर तपस्वी की तरह स्थित है। बोटिंग का प्रबन्ध भी है। दर्शनार्थि चाहें तो झील का भ्रमण कर सकते हैं। पास ही मन को दहला देने वाली गती से प्रवाहमान यमुना कैनाल भी है।

5). बड़खला झील

यह सिर्फ सैर-सपाटे एवं मौजमस्ती के लिये उपयुक्त स्थान है। यहां का प्राकृतिक वातावरण मंत्रमुग्ध कर देता है। इसके लंबे-चौड़े लॉन में पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है। यहां नौकाविहार का भी आनंद लिया जा सकता है।

6). सूरज कुंड

यह स्थल एक पर्यटन केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। यह दिल्ली के नजदीक स्थित होने के कारण इसकी पर्यटन स्थल के रूप उपयोगिता बढ़ जाती है। जिसका निर्माण तोमर राजा अनंगपाल के पुत्र सूरजपाल ने 686 ई. में किया था। आजकल तो यह खंडहर बन गया है। यहां प्रतिवर्ष हस्तशिल्प का मेला लगता है। दिल्ली से अधिक दूरी न होने के कारण यह पर्यटकों के लिये उपयुक्त स्थान है।

7). बाबा फ़रीद गुम्बद फ़रीदाबाद

फ़रीदाबाद का नाम बाबा फ़रीद के नाम पर ही रखा गया है। फ़रीदाबाद पर्यटन का आकर्षक स्थल है। यहाँ पर बाबा फ़रीद की मजार भी बनी हुई है। इसके प्रति स्थानीय लोगों में बड़ी श्रद्धा है। मजार में पूजा करने के लिए प्रतिदिन अनेक श्रद्धालु आते हैं।

8). अम्बकेश्वर महादेव मंदिर कैथल

ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार इस स्थान पर मोहम्मद गौरी से युद्ध के समय पृथ्वीराज चौहान की सेना ने पड़ाव डाला था और शीलाखेड़ा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। एक जनश्रुति के अनुसार मुसलमानों ने अम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास भी किया था, लेकिन कहते हैं कि जब उन्होंने इस पर प्रहार किये, तो शिवलिंग से ख़ून निकला जिसे देखकर मुसलमान भयभीत हो गए। आज भी प्रहार के चिह्न इस शिवलिंग पर देखे जा सकते हैं। अम्बकेश्वर मंदिर में ही अम्बिका अर्थात काली देवी की भी आदमक़द प्रतिमा है।

9). स्टार स्मारक

आकर्षक स्टार स्मारक हरियाणा राज्य का खजाना है। भिवानी से 12 किलोमीटर दूर दिनौद में स्थित यह स्मारक परम संत हज़ूर तारा चंद जी महाराज की कब्र पर बनाया गया है। इस भवन का आकार एक तारे की तरह है और यह महाराजजी के नाम पर बना है। राधास्वामी सत्संग भवन परिसर में यह समाधि 101 फीट की है और यह एक छह फीट उंचे प्लेटफाॅर्म पर बनी है।

स्टार स्मारक हेक्सागोनल पिरामिड आकार की संरचना है जिसके तीन वैकल्पिक किनारे सफेद संगमरमर के और अन्य तीन नीले इतालवी कांच से बने हैं जो कि पूरी तरह मौसम प्रतिरोधी हैं। इसमें हैरत भरी बात यह है कि इस पूरी बिल्डिंग में सहारा देने के लिए कोई खंभे या काॅलम नहीं हैं। समाधि की तीन दीवारों पर और अंदर सितारों की जगमगाहट है। पश्चिम की दीवार के पास महाराजजी की एक मूर्ति है। समाधि के छह कोनों पर महाराजजी के जीवन से जुड़े छह चित्र लगे हैं। यहां वेंटिलेशन के लिए परंपरागत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

कैसे पहुंचे

हरियाणा में साल के ज्यादातर समय महाद्वीपीय जलवायु रहती है। यहां भीषण गर्मी पड़ने के साथ-साथ कड़ाके की ठंड भी पड़ती है। अगर करनाल और अंबाला जिले को छोड़ दिया जाए तो हरियाणा में बहुत ज्यादा बरसात नहीं होती है। यहां के महेंद्रगढ़ और हिसार में सबसे कम वर्षा होती है।

हरियाणा देश के सभी प्रमुख शहरों से हवाई, सड़क और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। दिल्ली के पास होने के कारण पर्यटकों को हरियाणा पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होती है।


और अधिक लेख – 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *