करेला, खाने में भले ही कड़वा लगता हो, लेकिन इससे होने वाले फायदे बहुत मीठे हैं। ज्यादातर लोगों को कड़वा होने के कारण करेले का जूस या करेले की सब्जी पसंद नहीं अति हैं, लेकिन यह कई रोगों के लिए दवा का काम करता है। इसलिए आपको भी इससे दूर नहीं भागना चाहिए बल्कि इसको खाने की आदत बनाना चाहिए और हर दिन इसे अपनी डाइट में शामिल करें ताकि आपकी सेहत अच्छी रहे। करेला अपने स्वास्थ्य-लाभ के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह मधुमेह, बवासीर, श्वसन स्वास्थ्य में सुधार और त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए मदद करता है। साथ करेला प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता हैं। आइयें जाने करेला के कुछ बेहतरीन फायदे..
करेले के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी – Bitter Gourd in Hindi
करेला (karaila) का वानस्पतिक नाम मोमोर्डिका चरांशिया (Momordica charantia L, Syn-Momordicachinensis Spreng, Momordica indica Linn) है, और यह कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) कुल का हैं। भारत में करेले को कई नामों से जाना जाता है। इसे हिंदी में ‘करेला’, तेलुगु में ‘ककरकाया’, तमिल में ‘पावकाई’, मलयालम में ‘पावकाका’, ‘हगालकई’ कन्नड़ में, गुजराती में ‘करला’, मराठी में ‘करले’ और बंगाली में ‘कोरोला’ कहा जाता है। व्यापक रूप से यह खाद्य फल है, जो सबसे सभी फलों में कड़वा है। करेले की तासीर गर्म होती है।
करेले में पाएं जाने वाला पोषक तत्व – Bitter Gourd Nutrition Facts in Hindi
एक कप (94 ग्राम) कच्चे करेला में
- Calories: 20
- Carbs: 4 grams
- Fiber: 2 grams
- Vitamin C: 93% of the Reference Daily Intake (RDI)
- Vitamin A: 44% of the RDI
- Folate: 17% of the RDI
- Potassium: 8% of the RDI
- Zinc: 5% of the RDI
- Iron: 4% of the RDI
करेला खाने का सही तरीका – Karela Khane ka Sahi Tarika in Hindi
करेले का सेवन हम कई रूपों में कर सकते हैं। हम चाहें तो इसका जूस पी सकते हैं, अचार बना सकते हैं या फिर इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप में कर सकते हैं। करेले का नूट्रिशनल वैल्यू: करेले में प्रचूर मात्रा में विटामिन A, B और C पाए जाते हैं।
करेले के फायदे – Karele ke Fayde in Hindi
1). मधुमेह में उपयोगी – Karela Benefits for Diabetes in Hindi
करेला मधुमेह में रामबाण औषधि का काम करता है। करेले के टुकड़ों को छाया में सुखाकर पीसकर महीन पाउडर बना लें। रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर का पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। करेला अन्य औषधियों के समान शरीर के केवल एक अंग या टिशू को ही टाग्रेट नहीं बनाता बल्कि पूरे शरीर के ग्लूकोज मैटाबॉलिज्म पर असर करता है। मधुमेह के लिए करेले का जूस सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। करेले में इंसुलिन की तरह कई रसायन पाए जाते हैं, जो ब्लड सूगर लेवल को कम करता है। इसके अलावा इसमें चरन्तीं (charantin), विसीने (vicine) and पॉलीपेप्टाइड-पी (polypeptide-p) नामक तीन सक्रिय यौगिक होते हैं जो मधुमेह को रोकने में मदद करते हैं।
2). स्किन के लिए फायदेमंद – Karela Benefits for Skin in Hindi
करेले के रस का नियमित रूप से सेवन करने से रक्त शुद्ध होता हैं, जिससे मुँहासे को रोकने में मदद मिलता है। इसमें मौजूद बिटर्स और एल्केलाइड तत्व रक्त शुद्ध करता हैं। करेले की सब्जी खाने और मिक्सी में पीस कर बना लेप रात में सोते समय लगाने से फोड़े-फुंसी और त्वचा रोग नहीं होते। दाद, खाज, खुजली, सियोरोसिस जैसे त्वचा रोगों में करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीना फायदेमंद है। साथ ही करेले में विटामिन सी होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और झुर्रियों को रोकने में मदद करता है।
3). रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए – Bitter Gourd for Immune System in Hindi
करेले में मौजूद खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं जिससे कैंसर जैसी बीमारी का मुकाबला भी किया जा सकता है। अपने इम्यून सिस्टम की शक्ति बढ़ने के लिए आप रोजाना एक से दो कप करेले की चाय भी पी सकते हैं। करेले की चाय बनाने के लिए एक कप गर्म पानी में 4-5 करेले के टुकड़े भीगने के लिए छोड़ दें। पांच मिनट बाद प्राप्त चाय का सेवन करें।
4). जोड़ो के दर्द में फायदेमंद – Karela se Jodo ka Dard ka Ilaj
गठिया या जोड़ों के दर्द में करेले की सब्जी खाने और दर्द वाली जगह पर करेले की पत्तों के रस से मालिश करने से आराम मिलता है। करेले तथा तिल के तेल को बराबर मात्रा में लेकर प्रयोग करने से वात रोगी को आराम मिलता है। इस तेल की मालिश करने से गठिया तथा वात के रोग से लाभ होता है।
5). मोटापा कम करे – Bitter Gourd for Weight Loss in Hindi
करेले का रस और एक नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर में उत्पन्न टॉकसिंस और अनावश्यक वसा कम होती है और मोटापा दूर होता है। यह कार्बोहाइड्रेट्स के उपापचय को बढ़ाकर शरीर में एकत्रित फैट की मात्रा को कम करता है। करेले के रस को नींबू के रस के साथ पानी में मिलाकर पीने से वजन कम किया जा सकता है। करेले में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह शरीर के मेटाबोलिज्म और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
6). लीवर मजबूत बनाए – Karela Juice for Liver in Hindi
करेले का जूस पीने से लीवर मजबूत होता है और लीवर की सभी समस्याएं खत्म हो जाती है। दरअसल जूस में मोमोर्डिका चाररेंटिया नामक एक तत्व पाया जाता है, ये एक एंटीऑक्सीडेंट है जो लिवर के कामों को मजबूत करके लिवर डैमेज से सुरक्षा प्रदान करता है। प्रतिदिन इसके सेवन से एक सप्ताह में परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। इससे पीलिया में भी लाभ मिलता है। (लेकिन ध्यान रहे अधिक मात्रा में करेला का सेवन नहीं करे।)
7). उल्टी दस्त में फायदेमंद – Karela ke Sevan ke Fayade
उल्टी-दस्त या हैजा हो जाने पर करेले के रस में काला नमक मिलाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है। जलोदर की समस्या होने पर भी दो चम्मच करेले का रस पनी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
8). बवासीर कंट्रोल करें – Bitter Gourd Leaves for Piles in Hindi
खूनी बवासीर में करेला अत्यंत लाभदायक है। इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है जो मल त्यागने की क्रिया को नियमित एवं सरल बना देते हैं। करेला बवासीर एवं बार बार होने वाली कब्ज दोनों से छुटकारा दिलाने में सक्षम है। एक चम्मच करेले के रस में आधा चम्मच शक्कर लिाकर पीने से इसमें आराम होता है।
9). पाचन समस्या सुधारे – Bitter Gourd Benefits for Digestive System Hindi
करेले में फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह कफ, कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। इसके सेवन से भोजन का पाचन ठीक तरह से होता है, और भूख भी खुलकर लगती है।
10). हार्ट के लिए गुणकारी – Karela Khane ke Fayade
ह्दय संबंधी समस्याओं के लिए करेला एक बेहतर इलाज है। यह हानिकारक वसा को ह्दय की धमनियों में जमने नहीं देता जिससे रक्तसंचार व्यवस्थित बना रहता है, और हार्ट अटैक की संभावना नहीं होती। इसके अलाव क्रोनिक थकान, सिर दर्द में करेला एक अच्छा दवा हैं।
करेले के नुकसान – Side Effects Of Bitter Gourd Karela in Hindi
जैसा की हम सब को पता हैं किसी भी चीज का फायदे के साथ नुक्सान भी होता हैं, उसी तरह करेला के भी कुछ नुक्सान हैं। तो आइये जाने Karele ke Nuksan in Hindi
- गर्भवती महिलाओं को बहुत ज्यादा करेला खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह समय से पहले ही शिशु-जन्म का कारक बन सकता है। करेले के जूस में मोमोकैरिन नामक तत्व पाया जाता है, इसका अधिक मात्रा में सेवन पीरियड्स का फ्लो बढ़ा सकता है।
- करेले के ज्यादा मात्रा में सेवन से हीमोलाइटिक एनीमिया होने की आशंका बढ़ जाती है।
- करेले का सेवन सिमित मात्रा में करे, तो कोई नुक्सान नहीं होगा परन्तु, करेले का अत्याधिक सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
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