White Spot Treatment in Ayurveda in Hindi
सफेद दाग (Leukoderma / ल्यूकोडर्मा) एक त्वचा रोग है। इस रोग से ग्रसित लोगों के बदन पर अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग आकार के Safed Daag आ जाते हैं। विश्व में एक से दो प्रतिशत लोग इस रोग से प्रभावित हैं, लेकिन भारत में इस रोग के शिकार लोगों का प्रतिशत चार से पांच है। राजस्थान और गुजरात के कुछ भागों में पांच से आठ प्रतिशत लोग इस रोग से ग्रस्त हैं। शरीर पर सफेद दाग आ जाने को लोग एक कलंक के रूप में देखने लगते हैं और कुछ लोग भ्रम-वश इसे कुष्ठ रोग मान बैठते हैं।
इस रोग से प्रभावित लोग ज्यादातर हताशा में रहते हैं और उन्हें लगता है कि समाज ने उन्हें बहिष्कृत किया हुआ है। इस रोग के एलोपैथी और अन्य चिकित्सा-पद्धतियों में इलाज हैं। शल्यचिकित्सा से भी इसका इलाज किया जाता है, लेकिन ये सभी इलाज इस रोग को पूरी तरह ठीक करने के लिए संतोषजनक नहीं हैं। इसके अलावा इन चिकित्सा-पद्धतियों से इलाज बहुत महंगा है और उतना कारगर भी नहीं है। रोगियों को इलाज के दौरान फफोले और जलन पैदा होती है। इस कारण बहुत से रोगी इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं।
डॉक्टर्स सफ़ेद दाग होने के अलग-अलग कारणों को जिम्मेदार बताते हैं, जिनमें मेलेनिन बनाने वाली कोशिकाओं पर प्रतिरोधकता का प्रभाव, अनुवांशिकता, पराबैंगनी किरणों का प्रभाव, अत्यधिक तनाव, विटामिन बी 12 की कमी त्वचा पर किसी प्रकार का संक्रमण होना आदि। तो चलिए जानते हैं सफ़ेद दाग का घरेलु इलाज
सफ़ेद दाग का घरेलु उपचार – Safed Daag Treatment in Hindi
1). बावची को कूट-पीसकर महीन चूर्ण करके रख ले। रोज सुबह 2 ग्राम चूर्ण जल के साथ फांक ले। नारियल के तेल में पिसा हुआ नौसादर मिलाकर दाग वाले अंग पर लगाकर, रात को पानी में भिगो कर रखा हुआ बावची का चूर्ण लगा दे। यह कार्य सुबह 1 सप्ताह तक करें।
दूसरे सप्ताह में, यह सुना दो-दो ग्राम सुबह-शाम खाएं। तेल और चूर्ण सिर्फ सुबह लगाएं। तीसरे सप्ताह में, दूसरे सप्ताह की भांति दवा का प्रयोग करें। यदि 15 दिन में सफ़ेद दागों पर बारीक-बारीक बिंदिया न बने तो समझ ले कि लाभ नहीं होगा। फिर यह प्रयोग बंद कर दें।
यदि बिंदिया बनती है तो वह धीरे-धीरे बड़ी होती जाएंगी और सफेद दाग हमेशा के लिए गायब हो जाएगा। यदि कोई हानि, उपद्रव या परेशानी न हो तो इस प्रयोग को जारी रखें। होठ, पालक, हथेली, तलवे और गुप्तांगों के सफेद दागों के लिए यह दवा प्रायः ठीक नहीं होती। प्रयोग की यह मात्रा 10 वर्ष की आयु से अधिक उम्र वालों के लिए है। इससे कम उम्र वाले को आधा अर्थात 1 ग्राम चूर्ण दें।
विशेष: तेल और बावची का भीगा हुआ चूर्ण सफेद दाग पर ही लगाना है, आसपास की त्वचा पर नहीं।
2). अशुद्ध आंवलासार, गंधक तथा अशुद्ध सुहागा लगभग दो-दो सौ ग्राम ले और उसे खरल करके महीन पीस लें। इसके बाद एक खाली बोतल ले। इस बोतल पर मिट्टी से सनी हुई चार पट्टियां एक दूसरे के ऊपर लपेट कर सुखा लें। अब पिसा हुआ मिश्रण बोतल भर दे। बोतल का चौथाई हिस्सा भरा होना चाहिए।
बोतल के मुंह पर डांट लगा दे। इसके बाद एक चौड़े बर्तन में 2 इंच तक बालू रेत भरकर बोतल को उस पर रख दें। फिर बालू रेत बोतल के चारों तरफ उसकी गर्दन तक भर दे। बोतल का मुंह रेत से बाहर रहने दे। इसके बाद बर्तन और आग पर रखकर हल्की आंच में गर्म करें। इससे बोतल के भीतर का मिश्रण गर्मी पाकर पिघल जाएगा। मिश्रन पिघला है या नहीं, यह देखने के लिए एक पतली लोहे की सलाई बोतल के मुंह में डाल कर देख ले।
जब मिश्रण पूरी तरह पिघल जाए तो बर्तन को आंच पर से उत्तर ले और ठंडा होने दें। ठंडा होने पर बोतल निकाले तथा बोतल के दो टुकड़े करके द्रव्य इस प्रकार निकाले की कांच उसमें ना गिरे। बोतल तोड़ने के लिए एक कपड़े की डोरी को जला दे। जब डोरी के जलने से बोतल गर्म हो जाए, तो कपड़े के एक दूसरे टुकड़े को ठंडे पानी में भिगोकर उस जगह पर लपेट दे, जहां पर पहले डोरी बांधी थी। बोतल उसी जगह से एक साथ टूट जाएगी।
बोतल टूटने पर उसमें से औषधि निकाल ले। औषधि की मात्रा से 8 गुना अधिक मेहंदी के ताजा फूल लेकर, औषधि के साथ अच्छी तरह खरल कर ले। जब औषधि पूरी तरह चूर्ण बन जाए, तो उसे कपड़े में छान कर सुखी बोतल में भर दे। अब औषधि तैयार है।
इस औषधि की 3 -3 मासे मात्रा रोज सुबह-शाम पानी के साथ रोगी को दें। ऊपर से महामंजिशतदि काड़ा (आयुर्वेदिक दवा बेचने वाले के यहां से ले) जिसमें बेविंदक की जगह डीकामाली डाला गया हो, पिलाना चाहिए। इस प्रयोग से सफेद दाग हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं।
3). तांबा तत्व, त्वचा में मेलेनिन के निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है। इसके लिए तांबे के बर्तन में रातभर पानी भरकर रखें और सुबह खाली पेट पिएं। बरसों पुराना यह तरीका मेलेनिन निर्माण में सहायक है।
4). सफेद दाग पर ऊपर से नीम के बीज और सत्यानाशी के बीजों का तेल लगाकर मालिश करने चाहिए। दो-तीन घंटे बाद बिना साबुन लगाए स्नान कर ले। पेट साफ रखे। 40 दिन के प्रयोग के बाद सफेद दागों का नामो निशान मिट जाएगा। सफेद दाग वाले रोगियों के लिए यह नुस्खा वरदान साबित हो सकता है।
5). ज्योतिष्मती (मालकंगनी) और बावची का तेल 50-50 मि.ली मिलाकर शीशी में भर लें। इसे दिन में चार बार सफेद दागों पर लगाए आराम मिलेगा।
6). नारियल के थोड़े से तेल में चुटकी भर नौसादर डालकर अच्छी तरह मिलाकर मल्हम बना ले। सोते समय इस मल्हम को सफेद दागों पर लगाएं अवश्य लाभ होगा।
7). सेब के सिरके को पानी के साथ मिक्स करके प्रभावित त्वचा पर लगाएं। 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीना भी फायदेमंद होगा।
8). सरसों के तेल के साथ हल्दी पाउडर का लेप बनाकर लगाना फायदेमंद है। इसके लिए 1 कप या लगभग 250 मिलीलीटर सरसों के तेल में 5 बड़े चम्मच हल्दी पाउडर डालकर मिलाएं और इस लेप को दिन में दो बार प्रभावित त्वचा पर लगाएं। 1 साल तक इस प्रयोग को लगातार करें। इसके अलावा आप हल्दी पाउडर और नीम की पत्तियों का लेप भी कर सकते हैं।
9). नीला थोथा, सफेद संखिया, हरताल वरकीय और सुहागा 5-5 ग्राम तथा मूली एवं बावची के बीज 10-10 ग्राम, – इन सब को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लें। फिर इसे नींबू के रस में खरल करके एक गुटिका बनाएं। इस गुटिका को नींबू के ताजा रस में घिसकर गाढ़ा लेप सफेद दागों पर सुबह स्नान करने के 2 घंटे पहले लगाए। सफेद दाग जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
10). नीम एक बेहतरीन रक्तशोधक और संक्रमण विरोधी तत्वों से भरपूर औषधि है। नीम के पत्तियों को छाछ के साथ पीसकर इसका लेप बनाकर त्वचा पर लगाएं। जब यह पूरी तरह सूख जाए तो इसे धो लें। इसके अलावा आप नीम के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं और नीम के जूस का सेवन भी कर सकते हैं।
White Spots on Face in Hindi
- सफेद दाग के साथ किसी भी प्रकार की त्वचा समस्या में नारियल तेल लाभदायक है। नारियल का कच्चा तेल प्रभावित त्वचा पर लगाएं। इसे 5 मिनट हल्का मसाज करें ताकि ये त्वचा के अंदरूनी भाग में जा सके। इसे धोने की जरूरत नही,तेल को लगा रहने दे ताकि त्वचा इसे सोंख सके। इसे दिन में 2 से 3 बार करे।
- ऐलोवेरा की पत्तियों के अंदर के जेल को निकालकर सफेद दाग वाले हिस्से पर लगाएं और अच्छे से मसाज करें। सूखने पर इसे पानी की सहायता से धो लें। दिन में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करें। ऐलोवेरा जूस पीना भी फायदेमंद होता है।
- लाल मिट्टी भी चेहरे के सफेद दाग मिटाने में सहायक है। एक चमच्च लाल मिट्टी एक बाउल में ले। एक चमच्च अदरक का जूस ले उसे अच्छे से मिला ले। इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं। इसे पूरी तरह सूखने दे फिर पानी से धो ले और उसे पूरी तरह सूखने दे। इसके बाद कोई गाढ़ा मॉस्चराइजर या नारियल तेल लगाएं। इसे कुछ महीनों तक रोजाना करे।
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