कान का बहना, मवाद का घरेलु उपचार | Ear Discharge Treatment Hindi

Kaan Bahne ka Gharelu Upay /कान हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग हैं। कभी-कभी कई कारणों से कानों में तरल पदार्थ का रिसाव होने लगता है। इसे मेडिकल भाषा में ओटोरिया (Otorrhea) कहते हैं। अधिकांश मामलों में इसकी वजह आपके कान में मौजूद वैक्स होती है। वैक्स एक आयल है जिसे हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से बनाता है। कान से मवाद आने को मरीज गंभीरता से नहीं लेता, इसे अत्यंत गंभीरता से लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श और चिकित्सा जरूर लेना चाहिए अन्यथा यह कभी-कभी गंभीर बीमारियां जैसे – मेनिनजाइटिस एवं ब्रेन के एक विशेष प्रकार के कैंसर को उत्पन्न कर सकता है। अगर यह रोग बहुत दिनों तक ठीक न हो तो बहरापन या और भी कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। हालाँकि कुछ घरेलु उपचारो से कानो का बहना आप बंद कर सकते हैं। तो चलिए जाने कान बहने का कारण, लक्षण और इलाज (Kan Bahne Ka Upchar, Ear Drainage in Hindi) ..

कान का बहना, मवाद का घरेलु उपचार | Otorrhoea Treatment Hindi

जैसा की हमने ऊपर बताया, कान बहने का मुख्य कारण इयर वैक्स होता है। इयर वैक्स ही सुनिश्चित करता है कि, कान में किसी प्रकार का बैक्टीरिया, धूल या अन्य पदार्थ अंदर न जाने पाए। हालांकि, कुछ अन्य कारणो से भी यह हो सकता हैं, जैसे कि कान के परदे फटने से आपके कान से रक्त या अन्य तरल पदार्थों का रिसाव भी हो सकता है। अगर कान से खून का रिसाव हो रहा है तो यह कान के भीतर किसी बड़ी चोट या इन्फेक्शन की ओर इशारा करता है। ऐसे में आपको तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरुरत होती है।

कान में मवाद किसी भी उम्र में आ सकता है, लेकिन ज्यादातर यह एक वर्ष से छोटे बच्चों में होता है। कान से मवाद आने का स्थान middle ear का संक्रमण है। middle ear में सूजन होकर, पककर पर्दा फटकर मवाद आने लगता है। middle ear में संक्रमण पहुँचने के तीन रास्ते हैं, जिसमें 80-90 प्रतिशत कारण गले से कान जोड़ने वाली नली है। इसके द्वारा नाक एवं गले की सामान्य सर्दी-जुकाम, टांसिलाइटिस, खाँसी आदि कारणों से middle ear में संक्रमण पहुँचता है। कान का बहना बहुत ही दर्द भरा होता है यदि एक बार कान का बहना स्टार्ट हो गया है तो बहुत ही तकलीफ पंहुचा सकते है।

कान बहने के प्रकार – Types of Ear Discharge in Hindi

कान बहना कई प्रकार के होते हैं। इसे कान से निकलने वाले पदार्थ के आधार पर बांटा जाता है।

  1. पस या धुंधला पदार्थ: – यह सबसे सामान्य प्रकार की कान की समस्या है, इसका मुख्य कारण कान का संक्रमण होता है।
  2. पीला या हरा ओटोरिया: – यह प्रकार भी एक फंगल इंफेक्शन ही है, जिस कारण कान से पीला या हरा रंग का तरल पदार्थ निकलता है।
  3. वैक्स: – वैक्स हल्के भूरे, गहरे भूरे या नारंगी भूरे रंग का होता है।
  4. ब्लड: – यह लीकेज कान की इंजरी के बाद होता है। किसी प्रकार के अंदरूनी चोट के कारण हो सकता हैं। यह स्वाभाविक रूप से होने वाली कान की समस्या नहीं होती है और इसका कारण मेनियर खोल के उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, संक्रमण, गिरगिट आदि हो सकते हैं।
  5. एक्वियस (Aqueous):- इसके पीछे मुख्य कारण बैक्टीरिया होते हैं। इस प्रकार में भी कान से मवाद बहता है, जो हल्का पानी जैसा लगता है।

कान बहने का कारण – What Causes Ear Discharge in Hindi

ये हैं कान बहने का कारण (kaan bahne ka karan)-

  • कान में खुजली होना।
  • कान को साफ़ करने के लिए नुकीले वस्तु का प्रयोग।
  • कभी-कभी कान में चोट लग जाने की वजह से भी कान में से मवाद बहने लगता है।
  • कान में जख्म होने की वजह से फुंसी होना।
  • फुंसी के पक जाना और मवाद बहना।
  • गैस रोग के कारण भी कान में से मवाद बहने लगता है।
  • कान में हवा का अचानक दवाब पड़ने से।
  • कान में इन्फेक्शन होने के कारण।

ओटाइटिस एक्स्टर्ना के कारण हो सकता हैं। यह बाहरी कान का संक्रमण है जो बैक्टीरिया या कवक की वजह से होता है।

कान बहने के लक्षण- Symptoms of Ear Discharge in Hindi

कान बहने के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं –

  • कान से सफेद, पीला पदार्थ (kaan se pila pani aana) या खून निकलना।
  • कान में अधिक दर्द होना।
  • सुनने की क्षमता में कमी महसूस होना।
  • एयर कैनाल में सूजन और रेडनेस होना।
  • कान में सीटी बजना या खुजली होना।
  • कान बहने के साथ ही बुखार या सिरदर्द होना।
  • कान से बदबू आना।

कान बहने का इलाज – Ear Discharge Treatment in Hindi

1). भाप: कान में भाप देने से इयर वैक्स बाहर निकल जाता है जिससे इयर डिस्चार्ज से छुटकारा मिलता है। इसके लिए एक कटोरे में गर्म पानी भी भर ले। अभ उसमे एक तौलिये को डुबो दे, फिर सिर को तौलिए से ढ़क लें। इस बात का ध्यान रखें कि कान में भाप जा रही हो। इस उपाय को करने में कोई परेशानी हो रही है तो इसे बिल्कुल न करें। ध्यान रखने वाली बात हैं की, कान के भीतर एक भी बूँद पानी नहीं जाना चाहिए।

2). कान को झुकाएं और पदार्थ बाहर निकाले: कान से पदार्थ को बाहर निकलने के लिए, उस कान को निचे की ओर झुकाये। जिससे सारा तरल पदार्थ नीचे गिर जाता है। आप ऐसा बिस्तर पर लेटे के भी कर सकते हैं।

3). इयर ड्रॉप्स: कोई अच्छे फार्मासिस्ट से एअर ड्राप खरीद ले और इसे कानो में डाले। कितना बून्द डालना हैं, इसे खरीदते समय फार्मासिस्ट से जरूर पूछे।

4). ड्रायर की मदद से: कान से तरल पदार्थ को साफ करने के लिए आप ब्लो ड्रायर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ड्रायर की हवा सबसे धीमे स्तर पर कर लें और कान से लगभग 5 इंच की दूरी पर चलाएं। ड्रायर से निकलती गर्म हवा कान से रिसाव को आसानी से निकालने में मदद करेगी। अगर इस उपाय को करते वक्त कान में दर्द या खुजली होती है तो न करें।

कान बहने का घरेलु उपचार – Kan Bahne Ka Gharelu Upchar

1). सरसों का तेल :-

  • 12 ग्राम सरसों का तेल गर्म करके, उसमें 4 ग्राम “बोरिक एसिड” पाउडर मिला दे। कान में मवाद पड़ जाने पर दो बूंदे कान में डालें। पुराना-से-पुराना बहता कान 10 दिनों में ठीक हो जाएगा।
  • 50 मिलीलीटर सरसो के तेल और 4 ग्राम मोम को किसी बर्तन में डालकर गर्म करने के लिये रख दें। जब पकने पर मोम पिघल जाये तो इसे आग पर से उतारकर इसके अन्दर 7 ग्राम पिसी हुई फिटकरी डालकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।
  • पिब का बहाव रोकने के लिए महुआ, जामुन, चमेली, आर आवला के पत्ते और बढ़ के जड़ की खाल सबका रस सरसों के तेल में पकाकर तेल को कान में डाले अवश्य फायदा होगा।
  • 100 मिलीलीटर सरसों या तिल का तेल गर्म करें और जब इसमें उबाल आने लगे तो आंच बन्द कर दें। जब यह कुछ ठंडा हो जाए तो इसमें 10 ग्राम राई, 10 ग्राम लहसुन और 2 ग्राम कपूर डालकर ढककर रख दें। इसके बाद इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को सुबह-शाम 4 से 5 बूंद कान में डालने से कान का घाव ठीक हो जाता है जिसके फलस्वरूप मवाद आना भी बन्द हो जाता है।
  • 10 तोला सरसों के तेल में 1 तोला रतनजोत मिलाकर पकाएं। जब रतनजोत जलने लगे तो इसे आग से उतारें और इस तेल को साफ शीशी में भरकर रख लें। कान के बहने व कान दर्द में इसे दो बूंद कानों में डालने से लाभ होता है।

2). नीम :-

  • नीम के तेल में शहद मिलाकर रूई के फोहे पर इसे लगाएं, फिर कान को साफ करके इसके अन्दर फोहे को लगाएं इससे मवाद बहना ठीक हो जाता है।
  • 3 ग्राम हल्दी, 10 ग्राम नीम के पत्तों का चूर्ण और 10 ग्राम लहसुन की कलियों को 200 मिलीलीटर सरसों के तेल में डालकर पका लें। इस तेल को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद का बहना ठीक हो जाता है।

3). रसौत :- रसौत, शहद और स्त्री का दूध मिलाकर कान साफ करके दो-तीन बून्द दिन में 3 बार डालने से कान का बहना रुक जाएगा।

4). तिल के तेल :- 10 मिलीलीटर तिल के तेल और 40 मिलीलीटर हुलहुल के रस को एक साथ मिलाकर आग पर पकाने के लिये रख दें। पकने के बाद जब बस तेल ही बाकी रह जाये तो इसे आग पर से उतारकर छान लें। इस तेल को कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

5). सिलोचन :- बारीक़ पिसा सिलोचन नली द्वारा दिन में दो-तीन बार डालने से कान का बहना बंद हो जाता है।

6). कीकर के फूल :- कान के बहने में कीकर के फूलों को तेल में पकाकर छान ले। यह कान के बहने के सबसे उत्तम दवा है।

7). माजूफल :- 5 ग्राम माजूफल को पीसकर और कपड़े में छानकर 50 मिलीलीटर शराब में मिला लें। इसकी 2-2 बूंदें कान को साफ करके सुबह-शाम डालने से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

8). बबूल के फल :- बबूल के फल को सरसों के तेल में डालकर आग पर जलाएं। इस तेल को छानकर कान में दो बूंदें डालने से कान का बहना बंद हो जाता है।

9). प्याज :- सफेद प्याज को गर्म राख के अन्दर दबाकर रख दें। कुछ समय बाद उस प्याज को निकालकर उसका रस निकाल लें। इस रस को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

10). इंद्रायण :- इंद्रायण का कच्चा-ताजा फल लेकर तिल के तेल में आग पर पकाएं। फिर उसे छानकर शीशी में भर लें। इस तेल की एक-दो बूंद रोज सुबह शाम डालने से 20-25 दिनों में लाभ हो जाता है। इस से कान के कीड़े भी मर जाते हैं।

11). फिटकरी :- भुनी हुई 10 ग्राम फिटकरी और 1 ग्राम हल्दी को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को थोड़ा सा कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

12). केले के पत्तों :- केले के पत्तों के रस में समुद्री फेन मिलाकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

13). मूली :- मूली का रस 60 ग्राम और काले तिलों का तेल 60 ग्राम – कर दोनों को मिलाकर मंदी आंच पर रखे। जब तेल मात्र रह जाए, तो उसे उतार ले। इस तेल की चार-पांच बुँदे कान में टपकाने से कान का बहना तथा दर्द ठीक हो जाता है।

14). चमेली :- 500 मिलीलीटर चमेली के पत्तों के रस को 100 मिलीलीटर तिल के तेल में मिलाकर पकाने के लिए आग पर रख दें। जब पकने पर रस बिल्कुल जल जाये तो बचे हुये तेल को छानकर शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

15). अदरक :- मधु, अदरक का रस व थोड़ा सा नमक मिलाकर गुनगुना कर लें और उसे कानों में डालें। कान का दर्द चला जाएगा। बहने में भी आराम होगा।

16). लहसुन :- लहसुन को सरसों के तेल में उबालकर कान में डालने से कान का दर्द, कान में घाव और कान से मवाद बहना ठीक हो जाता है।

17). बबूल :- बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कान में डालने से लाभ मिलता है इसके बाद एक सलाई लेकर उसमें बारीक कपड़ा या रूई लपेटकर धीरे-धीरे कान में इधर-उधर घुमाना चाहिए और फूली हुई फिटकरी को थोड़ा सा पानी मिलाकर कान में डालना चाहिए। इससे कान से मवाद बहना बन्द हो जाता है।

18). स्व-मूत्र को गरम करके उसकी 2-2 बुँदे बोले कान में डालने से 3 दिन में ही कान का बहना, कान का पकना आदि रोग शर्तिया ठीक हो जाते हैं।

कान बहने का होम्योपैथिक इलाज – Homeopathic Treatment for Ear Discharge

होम्योपैथी कान बहने की समस्या में छुटकारा दिला सकता हैं। कान बहने के लिए दवाओं की एक लंबी लिस्ट है। इसमें लक्षणों को देखकर अलग-अलग सेट के अनुसार दवाओं का चयन और उपयोग किया जाता है। रिसर्च बताती हैं कि सही होम्योपैथिक उपचार बच्चे को कान से जुड़ी समस्या से छुटकारा दिलाने में कारगर हो सकता है। होम्योपैथी दवा के लिए कोई अच्छे डॉक्टर से मिले।

कान बहने से बचाव – Prevention from Ear Discharge in Hindi

कान बहने की बीमारी से बचने के लिए, आपको चीजों को फॉलो करना होगा। जैसे –

  • ऐसे लोगो से दुरी बना के रहे, जिन्हे पहले से ये बीमारी हैं।
  • कान साफ़ करते वक्त खास ख्याल रखें। कान में किसी ऐसी कठोर वस्तु को न डालें, जिससे वहां घाव बन जाए।
  • ऐसे जगहों से दूर रहे, जहां ज्यादा शोर हो रहा हैं। अगर जाना मज़बूरी हैं तो खान रुई डाल ले।
  • स्विमर्स को हमेशा कान बहने की शिकायत होती रहती है। क्यूंकि पानी कान में चला जाता हैं। इसलिए पानी से निकलने के बाद उन्हें अच्छी तरह कान को सुखा लेना चाहिए।
  • नियमित रूप से कान का चेकअप कराते रहें और कान की साफ-सफाई पर ध्यान दे।
  • ज्यादातर शिशुओं में यह बीमारी कम स्तनपान कराने से होता हैं, इसलिए नियमित रूप से स्तनपान कराये। जिसे संक्रमण से बचा जा सकता हैं।

कान बहने की समस्या में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए – When Should the Doctor be Seen in the Problem of Ear Discharge?

अगर आपके अंदर ये लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से जल्दी मिले- चोट लगने के कारण डिस्चार्ज होना, पांच से अधिक दिनों तक तरल पदार्थ आते रहना, बुखार या सिरदर्द होना, सुनाई कम देना।

FAQ

कान से मवाद निकले तो क्या करें?

कान से मवाद निकलने पर आप एयरड्रॉप लगा सकते हैं और समस्या ज्यादा दिन तक रहती हैं, तो डॉक्टर से मिले।

कान बहने का क्या कारण हो सकता है?

कान बहने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे – कान में चोट लगना, संक्रमण होना आदि।

कान बहने पर क्या नहीं खाना चाहिए?

कान में समस्या हैं तो केला, दही, आइस्क्रीम, ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स से बचे।

कान बहने से नुकसान

कान बहने की समस्या ज्यादा दिन तक हैं और इसे समय पर इलाज नहीं किया गया तो, आगे चलकर यह बड़े बीमारी का रूप ले लेती हैं। बहरापन या कोलेस्टेटोमा आदि हो सकती हैं।

कान का बहना बंद कैसे करें?

एअर ड्राप से कान बहना बंद कर सकते हैं। इसके आलावा आप कुछ घरेलु उपचारो से भी कान बहना बंद कर सकते हैं।


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