Odisha / ओडिशा बंगाल की खाड़ी से सटा भारत के पूर्वी कोने में स्थित एक राज्य है। अपनी समृद्ध परंपरा एवं अपार प्राकृतिक संपदा से युक्त ओडिशा, भारत का खजाना एवं भारत का सम्मान है। ओडिशा को प्यार में ‘भारत की आत्मा’ कहा जाता है। भारत का प्राचीन इतिहास अभी भी उसके मंदिरों, चैत्य और स्तूपों से ही प्रकट होती है। दो हजार साल पुरानी समृद्ध विरासत, राज्य मौर्य साम्राज्य से लेकर अब तक के सुनहरे इतिहास की झांकी पेश करता है ओडिशा। आज ओडिशा भारतीय संघ का सबसे तेज विकासशील राज्य है। प्राचीन स्मारकों, अनदेखे समुद्री तटों, सर्पिल नदियों, बड़े-बड़े झरनों के साथ ओडिशा राज्य आपको एक खूबसूरत और विविधतापूर्ण पर्यटन का न्योता देता है।
ओडिशा के पर्यटन की जानकारी – Information About Odisha Tourism in Hindi
उड़ीसा भारतीय प्रायदीप के उत्तर-पूर्वी तटिय भाग में स्थित है। इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी, उत्तर में झारखंड, पश्चिम में छत्तीसगढ़ उत्तर-पूर्व में पश्चिम बंगाल और दक्षिण-पूर्व में आंध्र प्रदेश स्थित है। वर्तमान में बालासोर जिले में स्थित चांदीपुर प्रक्षेपास्त्र परीक्षण केन्द्र देश के प्रमुख प्रक्षेपण स्थल के रूप में विकसित हुआ है।
राज्य के 64 प्रतिशत से अधिक लोग कृषि पर आश्रित है। कुल 87,89 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है चावल, तिलहन, मुगफली, दाल, जूट, गन्ना, नारियल, हल्दी आदि यहां की प्रमुख फसलें हैं। राज्य में वनों के अंतर्गत कुल क्षेत्र 55,785 वर्ग किमी. है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 35,8 प्रतिशत है।
ओडिशा वो जगह हैं, जहां पर भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी और भयंकर लड़ाइयां (कलिंग युद्ध) लड़ी गई। जिसकी वजह से अशोक एक सम्राट से बौद्ध के मार्ग पर चलने वाले सबसे बड़े संत में तब्दील हुए। तीन प्रसिद्ध मंदिर जो ‘स्वर्ण त्रिभुज’ कहलाते हैं, ओडिशा में पर्यटन के प्रमुख बिन्दु भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर, पुरी में जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क में सूर्य मंदिर हैं। हालांकि, ओडिशा की यात्रा शुरू करने के लिए भुवनेश्वर पहुंचना सबसे सही तरीका है। शहर में सौ से अधिक मंदिरों के साथ, उनमें से कईयों की एक समृद्ध ऐतिहासिक प्रासंगिकता है, कई चीजें देखने व घूमने वाली हैं। ओडिशा में पुरी अच्छी तरह पसन्द किया जाने वाला गंतव्य है।
ओडिशा राज्य भर में फैले हुए न केवल अपनी गजब की प्रेरणादायक वास्तु संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां गर्व करने के लिए कई अन्य पहलू भी हैं। यहां स्थित जैन स्मारक, बौद्ध केन्द्र तथा वन्यजीव अभयारण्य हमें बताते हैं कि ओडिशा का खजाना कितना विविध है। भुवनेश्वर और पुरी में कई मंदिर हैं, जो आपको प्राचीन वास्तु और शिल्प कला का दीवाना बना देंगे।
उड़ीसा के पर्यटन स्थल – Orissa Tourist Places in Hindi
1). भुवनेश्वर
उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर है, यह दो भागों में विभक्त है। भुवनेश्वर को पूर्व का काशी भी कहा जाता है। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि यह एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल भी रहा है। प्राचीन काल में 1000 वर्षों तक बौद्ध धर्म यहां फलता-फूलता रहा है। पुराने भुवनेश्वर में अतीत के स्मृति चिन्ह, इतिहासिक गौरव-गाथा कहते से प्रतीत होते हैं। तो नये भुवनेश्वर में आधुनिक प्रगति के नये-नये आयाम स्थापित हो रहे हैं।
भुवनेश्वर की धरा मंदिर से आच्छादित होने के कारण इसे मंदिरों की नगरी भी कहा जा सकता है। मंदिर निर्माण का यह पवित्र सिलसिला राजा ययाति केसरी ने शुरु किया था। समय के साथ-साथ मंदिरों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई, लेकिन सभी मंदिर समय के अकाट्य प्रभाव को नहीं झेल पाये और सिर्फ चंद मंदिर ही हमारे दर्शनों के लिये शेष रहे गये। ललाट केसरी द्वारा निर्मित लिंगराज में मंदिर केवल हिंदू धर्मावलंबी ही प्रवेश पा सकते हैं। कई और मंदिर भी दर्शनीय है।
2). जगन्नाथ मंदिर
पुरी का जगन्नाथ मंदिर देखने देश-विदेश से हर साल लाखों लोग पहुंचते हैं। पुरी में सिर्फ यह एक मंदिर ही नहीं है, बल्कि कई और मंदिर भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। जगन्नाथ मंदिर इस जगह के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। पुरी में हर साल निकलने वाली जगन्नाथ यात्रा को लेकर देश-दुनिया के लोगों में रोमांच रहता है। इसका हिस्सा बनने लाखों की संख्या में पुरी पहुंचते हैं।
3). परशुरामेश्वर मंदिर
650 ई. में निर्मित मंदिर में शिव के पुत्र कार्तिक की भव्य मूर्ति अधिष्ठित है। दीवारें महाभारत व रामायण कालीन कथाओं से सुसज्जित है।
4). गुंदिचा घर मंदिर
पुरी का गुंदिचा घर मंदिर पुरी के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षणों में से एक है। शहर में कई मंदिर है और यह मंदिर इस जगह के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में गिना जाता है। पुरी के इस मंदिर जाने के लिए, इस शहर जाना जरूरी है। पुरी के सबसे पास का हवाई अड्डा भुवनेश्वर शहर में है।
5). बिंदु सरोवर
मां भगवती पार्वती जी की प्यास को बुझाने के लिये निर्मित सरोवर को सभी जलस्त्रोतों ने बूंद-बूंद अपना जल दिया तभी से इस सरोवर का नाम बिंदु सरोवर विख्यात हुआ।
6). केदारेश्वर मंदिर
यह प्राचीन मंदिर मां दुर्गा का है यहां दर्शनार्थियों के हृदय में दर्शन के पश्चात श्रद्धा सुमन खिल उठता है। आदमकद बजरंगबली जी की मूर्ति व गौरी मंदिर एवं गौरीकुंड भी श्रद्धायुक्त दर्शनीय है। निकट ही दुधगंगा का चमत्कारी जल व्याधिनाशक है। राजा-रानी मंदिर भास्करेश्वर शिव मंदिर, मधेश्वर भूमि, वन्दन कानन, म्यूजियम आदि भी दर्शनीय है।
7). दरिया हनुमान और सोनार गौरांग मंदिर
पुरी आने वाले पर्यटक अक्सर छुट्टियां बिताने दरिया हनुमान और सोनार गौरांग मंदिर जाना पसंद करते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप के इस हिस्से में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। उनमें से ही एक है दरिया हनुमानऔर सोनार गौरांग मंदिर।
8). पुरी
पवित्र हिंदू तीर्थ श्रद्धा व आस्था का केंद्र है। यहां स्थित मंदिर में पालनकर्ता भगवान विष्णु व 16 कला संपन्न भगवान श्री कृष्ण के अवतार जगन्नाथ भगवान अधिष्ठित है। विशाल समुद्रा मानो सृष्टिकर्ता की विशालता को दर्शाता हुआ हिलोरे मारता है और उसमें उठती विलय होती लहरें संसार को अकाट्य नित्य उत्पति व विसर्जन का अपनी मूक भाषा में दर्शनार्थियों की समझाने को कोशिश करती है। मान्यता है- पुरी में 3 दिन व 3 रात ठहरने पर स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
11वीं शताब्दी के आखिर समय में राजा अगंत द्वारा निर्मित इस भव्य मंदिर में प्रवेश करने के लिये चार सुसज्जित दरवाजों का निर्माण किया गया है। भीतर मारकंडे मंदिर, राधाकृष्ण मंगला देवी, इन्द्रणी, लक्ष्मी व काली, सर्वमंगला पातालेश्वर, सूर्यनारायण आदि अन्य कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई है।
9). डारिग बाड़ी
क्राइस्ट को अपना प्रभु मानने वाले क्रिश्चियन धर्मावलंबी आदिवासियों का क्षेत्र अपने मनभावन प्राकृतिक सौंदर्य के लिये जाना जाने लगा है।
10). गंजाम
जिला प्राकृतिक संपदा से मालामाल है। यहां कई दर्शनीय स्थल है। तप्तपानी ऊँचे-नीचे पहाड़ी शिखरो के बीच चर्म-रोगों के विनाश की शक्ति लिये गर्म पानी का कुण्ड है। कुण्ड के पास ही चाट की दुकानें हैं।
11). अर्द्धशनि मंदिर
पुरी आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र है अर्द्धशनि मंदिर। इस मंदिर की मुख्य संरचना बहुत बड़ी नहीं है। यह मंदिर पूरी तरह से सफेद है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है। यह इस क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।
12). मार्कंडेश्वर मंदिर
पवित्र जल में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है। निकट ही लोकनाथ मंदिर में भगवान शिव पुर्जित है। लेकिन वह प्राय निकट निर्मित तालाब के पवित्र जल में ही निवास करते हैं।
13). गोपालपुर
इसकी ख्याति का मुख्य कारण अति सुंदर समुद्री तट व वहां तटों की स्वस्थ जलवायु है। यहां समुद्र में में नहाने का मजा लिया जा सकता है।
14). खंडगिरि गुफाएं
ओडिशा में स्थित खंडगिरि गुफाएं प्राचीन काल से अपने समृद्ध धार्मिक इतिहास को पेश कर रही हैं। यह जगह भुवनेश्वर से महज 6 किमी की दूरी पर है। खंडगिरि की गुफाएं ओडिशा का अहम आकर्षण है, जो पर्यटकों को गुजरे वक्त में ले जाती हैं। खंडगिरि की इन 15 गुफाओं में प्राचीन काल में जैन विद्वान और तपस्वी रहा करते थे। पहाड़ों की चट्टानों को काटकर खंडगिरि गुफाओं की दीवारें बनाई गई हैं। इन पर सुंदर चित्र और रूपांकन आकर्षक हैं। कुछ दीवारों पर जैन धर्म के पवित्र साहित्य के अंश भी अंकित हैं।
15). उदयगिरि गुफाएं
उदयगिरि की गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गई 18 गुफाएं हैं। यह प्राचीन काल की धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करती हैं। 135 फीट की ऊंचाई पर स्थित उदयगिरि पर्वत को प्राचीन काल में कुमारी पर्वत कहा जाता है।
16). चिलका
ओडिशा के महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक है चिलका। जो भी पर्यटक छुट्टियां बिताने राज्य में आते हैं, उनके लिए यह पसंदीदा स्थान है। ओडिशा में चिलका झील के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। इस वजह से ही ओडिशा आने वाले पर्यटक यहां जाए बिना नहीं रह सकते।
17). महेन्द्रगिरि
यह एक पौराणिक पहाड़ी क्षेत्र है, जोकि 5,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पहले 43 किमी. बस के सफर करने के पश्चात पैदल-यात्रा कर महेन्द्रगिरी पहुंचा जा सकता है। वैसे चोटी पर पहुंचकर वहां स्थित मंदिरों का दर्शन कर थकान दूर हो जाती है। यहां कुन्ती, भीम व धर्मराज युधिष्ठिर का मंदिर है।
18). भीतरकनिका
ओडिशा राज्य में स्थित महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्रों में से एक है भीतरकनिका। प्रकृति प्रेमियों को इस जगह जरूर जाना चाहिए। यहां पौधों और वन्य जीवों की एक विस्तृत शृंखला है। चिलका झील प्रवासी पक्षियों की करीब 170 प्रजातियों का घर है। यहां आने वाले कुछ पक्षी बहुतायत में पाए जाते हैं। इनमें किंगफिशर, समुद्री चील, ओपन बिल स्टॉर्क, सैंड पाइपर्स, पतंगे, सीटी बजाने वाली टील्स, डार्टर्स और सी गल्स शामिल है।
कैसे पहुंचे –
ओडिशा में ठहरने के लिए कई सस्ते और अच्छे होटल मिल जायेंगे। अच्छी तरह से जुड़ी सड़कें, रेलवे नेटवर्क और हवाई अड्डें, देश के अन्य राज्यों से ओडिशा की यात्रा को काफी आसान बनाते हैं। राज्य में गर्मी में उष्णकटिबंधीय जलवायु, सर्दियां तथा मानसून यहां के प्रमुख सीजन हैं।