Statue of Unity – स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के प्रथम उप प्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित एक स्मारक है। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे उनकी प्रतिमा हैं, जो भारत के गुजरात राज्य में स्थित हैं। यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है। आइये जाने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुडी कुछ मजेदार बातें …
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़े तथ्य – Fats About Statue of Unity Facts in Hindi
1). ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, इसके बाद चीन की स्प्रिंग टेंपल बुद्धा (153 मीटर), जापान की Ushiku Daibutsu (120 मीटर), अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) और रुश की दी मोथेरलैंड कॉल्स (85 मीटर) का नंबर है।
2). स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने में भारत सरकार को करीब 3000 करोड़ का खर्चा आया। इसे बनाने का जिम्मा लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को दिया गया था। यह मशहूर कंपनी दुनिया की सबसे ऊँची ईमारत दुबई के प्रसिद्ध बुर्ज खलीफा और बुर्ज अल अरब जैसी जानी-मानी इमारतें बना चुकी है।
3). आपको मालूम हैं सरदार वल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा के लिए ‘लोहा दान’ कैंपेन चलाया गया था। देश के कई कोने-कोने से आम लोगों से लोहा दान में मांगा गया था। जिसे पिघला कर प्रतिमा को बनाने में इस्तेमाल किया गया।
4). इस प्रतिमा को बनाने में 5,700 मीट्रिक टन यानी करीब 57 लाख किलोग्राम स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल हुआ। साथ ही 18,500 मीट्रिक टन छड़ भी इसमें लगा है।
5). इस प्रतिमा को बनाने में 5,700 मीट्रिक टन यानी करीब 57 लाख किलोग्राम स्ट्रक्चरल स्टील और 18,500 मीट्रिक टन छड़ का इस्तेमाल हुवा है। साथ ही प्रतिमा को बनाने के लिए 2 करोड़ 25 लाख किलोग्राम सीमेंट का इस्तेमाल किया गया हैं।
6). सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है। दिखने में जितनी खास ये प्रतिमा है, उतनी ही खास इसकी बनावट है। यह कॉम्पोजिट प्रकार का स्ट्रक्चर है और सरदार पटेल की मूर्ति के ऊपर ब्रॉन्ज की क्लियरिंग है।
7). इंजीनियर्स ने इस प्रतिमा को चार स्टेप में पूरा किया गया है। जो इस प्रकार है:- (1)मॉक-अप, (2)3डी (3)स्कैनिंग तकनीक, (4)कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल प्रोडक्शन तकनीक। वहीं मूर्ति के नीचे के हिस्से को ऊपर के हिस्से की तुलना में थोड़ा पतला किया गया है।
8). ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास दर्शकों के लिए 153 मीटर लंबी गैलरी बनाई गई है, जिसमें एक साथ 200 विजिटर आ सकते हैं। प्रतिमा को बनाने के लिए करीब 4 वर्ष लगा।
9). ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को ऐसे डिजाइन किया गया है कि भूकंप का झटका या 60 मीटर/सेकेंड जितनी हवा की रफ्तार भी इस प्रतिमा को नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
10). इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती पहुंचेंगे और वहां से आप सरदार सरोवर बांध का आनंद उठा सकेंगे।
11). यह प्रतिमा इतनी बड़ी है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है।
12). इस मूर्ति के निर्माण में भारत के 2400 मजदूरों के साथ 200 चीन के कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है। इन लोगों ने सितंबर 2017 से ही दो से तीन महीनों तक अलग-अलग बैचों में काम किया।
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