मंगल ग्रह के बारे में मजेदार तथ्य | Facts About Mars in Hindi

Mars Planets in Hindi – मंगल ग्रह जिसे लाल ग्रह भी कहा जाता हैं यह सूर्य से ग्रहों के क्रम में चौथा ग्रह है। और पूरे सौरमंडल में यह ग्रह दूसरा सबसे छोटा ग्रह है। वैज्ञानिको के मुताबिक अबतक खोजे गए ग्रहो में मंगल ग्रह पर जीवन पनपने की संभावना हैं। पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। तो आइये जाने मंगल ग्रह से जुड़े रोचक तथ्य…

मंगल ग्रह के बारे में मजेदार तथ्य | Facts About Mars in Hindi

मंगल ग्रह से जुड़े तथ्य – Interesting Facts About Mars Planet in Hindi

1). मंगल ग्रह से पृथ्वी की दूरी लगभग 16 करोड़ किलोमीटर है। और मंगल ग्रह सूरज से 14.2 करोड़ मील की दूरी पर है। सौर मंडल में धरती तीसरे और मंगल चौथे नंबर पर है।

2). भारत का प्रथम मंगल अभियान 5 नवम्बर 2013 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से छोड़ा गया था। जो सफलतापूर्वक अपने पहले ही प्रयास में मंगल अभियान पूरा कर लिया है।

3). मंगल का वायुमंडल इतना कमज़ोर है कि अंतरिक्ष से मंगल ग्रह पर रेडियोएक्टिव किरणों की बमबारी सी होती रहती है। मंगल पर ऑक्सीजन भी बेहद कम (केवल 5%) है, बकाया की कार्बन डाई ऑक्साइड गैस है।

4). हमारे सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत “ओलंपस मोन्स” भी मंगल ग्रह पर स्थित है। इस पर्वत की ऊंचाई 24 किलोमीटर है।

5). पृथ्वी की तुलना में मंगल ग्रह आधा है। धरती का व्यास 7,926 मील है। वही मंगल का व्यास 4,220 मील। लेकिन वजन की बात करें, तो मंगल धरती के दसवें हिस्से के बराबर है।

6). मंगल ग्रह का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का एक तिहाई (1/3) है। यानि अगर आपका वजन धरती पर 100 किलो है तो मंगल पर कम गुरुत्वाकर्षण के कारण आपका वजन मात्र 37 किलो ही रह जाएगा।

7). मंगल ग्रह का एक दिन 24 घंटे 37 मिनट के बराबर है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मंगल पर एक साल पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर है।

8). हमारी धरती पृथ्वी पर तो केवल एक ही चांद है लेकिन मंगल पर एक नहीं बल्कि दो चांद हैं। जिसमे एक का नाम ‘फोबोस’ है, जिसका व्यास 13.8 मील है। जबकि दूसरा ‘डेमियोस’, जिसका व्यास 7.8 मील है। मंगल की सतह से फोबोस की दूरी मात्र 6000 किलोमीटर है जबकि पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी 3,84000 किलोमीटर है।

9). वैज्ञानिको के अनुसार फोबोस उपग्रह धीरे धीरे मंगल ग्रह की ओर झुक रहा है। एक अनुमान लगाया है कि 5 करोड़ों साल में फोबोस मंगल से टकराएगा और टूट जाएगा। यह मंगल के चारों ओर एक घेरा (Ring) बना लेगा।

10). पृथ्वी और मंगल ग्रह में ये भी एक समानता हैं की पृथ्वी की ही तरह यहां भी साल में चार मौसम आते हैं- पतझड़, ग्रीष्म, शरद और शीत ऋतु। और धरती की मुकाबले मंगल में हर मौसम लगभग दोगुना वक्त तक रहता है।

11). मंगल और पृथ्वी दोनों ही चार परतों से बने हैं। पहली पर्पटी यानी क्रस्ट जो लौह वाले बसाल्टिक पत्थरों से बना है। दूसरा मैंटल, जो सिलिकेट पत्थरों से बना है। तीसरे और चौथे हैं बाहरी कोर और आंतरिक कोर। कहा जाता है कि ये धरती के कोर की तरह लोहे और निकल से बने हो सकते हैं।

12). पृथ्वी की भूपर्पटी 40 किलोमीटर मोटी है, जबकि मंगल ग्रह की भूपर्पटी 50 से 125 किलोमीटर मोटी है। मंगल ग्रह की सतह मुख्यतः थोलेईटिक बेसाल्ट की बनी है।

13). मंगल के वायुमंडल में 96 फीसदी कार्बन डाई ऑक्साइड है, 1.93 फीसदी आर्गन, 0.14 फीसदी ऑक्सीजन और 2 फीसदी नाइट्रोजन है। साथ ही यहां के वातावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड के निशान भी पाए गए हैं। मंगल पर वातावरण का दबाव धरती की तुलना में बेहद कम है इसलिए वहां जीवन बहुत मुश्किल है।

14). मंगल का औसत तापमान-55 डिग्री सेल्सियस है जबकि सर्दियों के दौरान यहाँ पर तापमान -87 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में -5 डिग्री सेल्सियस पर आ जाता है।

15). मंगल सूखा और धूलदार ग्रह है। इसकी सतह चट्टानी है और यहां आसमान का रंग नीला नहीं बल्कि लाल है। कई बार तो ऐसा होता है कि विशाल धूल भरा तूफान महीनों चलता है जो पूरे ग्रह को कवर कर लेता है।

16). मंगल ग्रह पर अबतक कुल 8 अभियान किए गए हैं जिसमें 7 अभियान अमेरिका ने और एक अभियान भारत ने किया है। सबसे पहले Mariner 9 नाम के कृत्रिम उपग्रह ने 13 नवंबर 1971 को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था। इस समय मनुष्य द्वारा बनाई गई 12 वस्तुएं मंगल ग्रह पर हैं।

17). मंगल ग्रह पृथ्वी की तुलना में सूर्य से 1.52 गुना अधिक दूर है, परिणामस्वरूप मात्र 43% सूर्य प्रकाश की मात्रा ही मंगल पर पहुँच पाती है। सूर्य की रोशनी मंगल ग्रह तक पहुँचाने में 13 मिनट लगाती हैं।

18). यहां पर “वैलेस मैरीनेरिस” नाम की विशाल घाटी है जो यदि यह पृथ्वी पर होतीं तो न्यूयॉर्क से लेकर लॉस एंजिल्स तक फैली होतीं।

19). मंगल की सतह चट्टानी है, जिसके खिसकने की घटनाएं आम तौर पर होती रहती हैं। यहां की मिट्टी में लौह खनिज में जंग लगने के कारण ही यह लाल रंग का दिखाई देता है।

20). वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 2-4 करोड़ वर्षों में मंगल ग्रह का सबसे बड़ा चंद्रमा फोबस गुरुत्वाकर्षण बल से अलग हो जाएगा। जिसके बाद यह एक तरह का घेराव बनाएगा जो करीब 10 करोड़ वर्षों तक टिक सकता है।

21). यह माना जाता है कि इटली के खगोलविद गैलीलियो गैलीली ने सबसे पहले पृथ्वी से मंगल को देखा था। उन्होंने साल 1609 में एक प्राचीन दूरबीन की सहायता इस ग्रह को देखा। इसके बाद साल 1659 में डच के खगोलविद ने एक उन्नत दूरबीन का उपयोग कर मंगल ग्रह देखा।

22). मंगल पर एक सक्रिय ज्वालामुखी है जिसका नाम है ओलंपस मून। वैज्ञानिकों का मानना है यह ज्वालामुखी लगभग 27.3 किलोमीटर ऊंचा है। इसकी ऊंचाई पृथ्वी के हवाई स्थित सबसे ऊंचे ज्वालामुखी मौन की और माउंट एवरेस्ट से लगभग 3 गुना ज्यादा है। उदाहरण के तौर पर ये ज्वालामुखी उतनी ही जगह में फैला है जितनी जगह में पूरा फ्रांस है।

23). मंगल का अक्षीय झुकाव 25.19 डिग्री है। यह पृथ्वी के अक्षीय झुकाव से अधिक है। पृथ्वी का झुकाव अपने अक्ष पर 23.4 हैं।

24). अगर हम पृथ्वी की तुलना सौरमंडल के अन्य ग्रहों से करें तो उनमें मंगल ही एक ऐसा ग्रह जिसमें काफी कुछ पृथ्वी के समान है। ऐसा माना जाता है कि एलियन जीवो का कपाल (खोपड़ी) मंगल ग्रह पर मिला था।

25). ग्रीक (यूनान) देश में मंगल ग्रह को एरेस कहा जाता है। यहां के लोग मंगल को युद्ध का देवता मानते हैं। भारत में भी मंगल ग्रह को “युद्ध का देवता” माना जाता है।

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