Cardiac Weakness /दिल हमारे सर्कुलेटरी सिस्टम का मुख्य अंग है। इसका काम शरीर में खून को पंप करना है और शरीर के हर अंग तक पहुंचाना है। लेकिन, जब इस महत्वपूर्ण अंग में कमजोरी आने लगे तो शरीर में कई दूसरे तरह की बीमारिया भी हो जाता हैं। Weak Heart का सबसे बड़ा कारण हैं, ख़राब लाइफ स्टाइल और गलत खानपान। इस कारण लोग इस गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं। तो चलिए, आज के इस लेख में जाने. दिल के कमजोरी के कारण, लक्षण और घरेलु उपचार।
ह्रदय दुर्बलता के कारण – Weak Heart Heart Causes in Hindi
चलिए सबसे पहले जानते हैं, दिल की कमजोरी क्यों होती हैं:-
- अनियमित आहार, धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन और व्यायाम की कमी से भी ह्रदय कमजोर हो सकता है।
- किसी दुर्घटना के कारण शरीर में खून की अत्यधिक कमी हो जाने पर।
- अधिक समय तक किसी संक्रामक रोग से पीड़ित रहने पर भी दिल कमजोर होता हैं।
- थायरॉयड की समस्याएँ या डायबिटीज जैसी मेटाबोलिक समस्याएँ भी ह्रदय की कमजोरी का कारण बन सकती हैं।
- ह्रदय के वाल्व ठीक से काम नहीं करने पर ह्रदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ह्रदय कमजोर हो सकता है।
ह्रदय दुर्बलता के लक्षण – Dil ki Kamjori ke Lakshan in Hindi
अब पता करते हैं, कमजोर दिल के लक्षण क्या हैं?
1). अगर आपका दिल कमजोर हो रहा हैं, तो इसका सबसे पहला लक्षण हैं, सीने में दर्द और जलन होना।
2). अगर आपको सांस लेने में तकलीफ है, सीने में दबाव सा महसूस हो रहा है, तो ये भी सीने में दर्द के लक्षण हैं।
3). अधिक पसीना आना या बेवजह पसीना।
4). बीपी हाई होना आपकी कमजोरी हार्ट की एक यह भी निशानी है।
5). शारीरिक कमजोरी या चक्कर आना भी कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं।
ह्रदय की दुर्बलता दूर करने के घरेलु आयुर्वेदिक उपचार – Dil ki Kamjori Kaise Dur Kare
कमजोर दिल के लिए सबसे अच्छा इलाज इसकी वजह का पता लगाकर उसका इलाज करना है। हालाँकि आप कुछ घरेलु उपायों को आजमा के अपने दिल की कमजोरी को दूर कर सकते हैं। जैसे –
⇒ सेब की मुरब्बा प्रतिदिन सेवन करने से हृदय की दुर्बलता दूर होती है।
⇒ रोजाना 5-7 ग्राम शहद को पानी में मिलाकर पीने से हृदय की निर्बलता नष्ट होती है।
⇒ नागर बेल के पान का शरबत पीने से भी दिल की दुर्बलता दूर होती है।
⇒ चार रत्ती जदवार को शिकँजबीन के साथ रोज लेने से दिल की दुर्बलता मिट जाती है।
⇒ अलसी के सूखे फूल पीसकर शहद के साथ खाने से दिल की कमजोरी मिट जाती है।
⇒ हरसिंगार के सफेद फूलों की डंडी अलग करके फूलों से दुगुनी पीसी हुई शक्कर मिलाकर शीशी में भरकर धूप में रख दें। सवा महीने बाद इस गुलकंद की 20 ग्राम मात्रा रोजाना सुबह खाने से गर्मी की धड़कन मिलकर हृदय की शक्ति बढ़ाती है।
⇒ अलसी के पत्ते सूखे धनिया का काढ़ा पीने से हृदय की दुर्बलता दूर होती है।
⇒ अगर के चूर्ण में सहद मिलाकर खाने से हृदय की शक्ति बढ़ती है।
⇒ बायविंडग, काली मिर्च, कूट, मैनसिल, सेंधा नमक तथा भुनी हींग – सब 10-10 ग्राम लेकर कूट-पीसकर कपड़छन कर लें। आधा ग्राम दवा हर रोज सुबह शहद में मिलाकर खाने से हृदय की गति सामान्य होकर उसकी शक्ति बढ़ती है।
⇒ लौकी उबालकर उसमें धनिया, जीरा व हल्दी का चूर्ण तथा हरा धनिया डालकर कुछ देर और पकाएँ। कमजोर दिल के रोगी को इसका नियमित सेवन करने से लाभ होता है और दिल को शक्ति मिलती है।
⇒ अनन्नास में कई ऐसे रस पाए जाते हैं जो पाचक रस (एंजाइम) के रूप में कार्य करते हैं। इसके नियमित सेवन से हृदय सम्बन्धी सामान्य रोगों से मुक्ति मिलती है इसका अम्लीय गुण शरीर में बनने वाले अनावश्यक पदार्थों को बाहर निकाल देता है और शारीरिक शक्ति में वृद्धि करता है।
⇒ रोज भोजन के साथ खीरा, मूली, टमाटर, प्याज व चुकन्दर का सलाद खाने से शारीरिक शक्ति विकसित होने से हृदय की निर्बलता नष्ट होती है।
⇒ अच्छा पका हुआ कुम्हड़ा लेकर उसे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़ काट लें। इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बरतन में भरकर, ढक्कन लगाकर, कपड़ा बाँधकर मिट्टी लेप दें। 20 मिनट हल्की आँच पर पकाएँ व उतारकर ठंडा होने दें, कुम्हड़े के जले टुकड़ों का चूर्ण बनाकर शीशी में बंद कर दें। दो ग्राम चूर्ण में एक ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी से सेवन करें। इससे दिल की दुर्बलता व सीने का दर्द दूर होता है।
⇒ वंशलोचन, इलायची दाना, जहर मोहरा, खताई पिष्टी, रहरवा शमई, सतगिलोय और वर्क चाँदी, सभी समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें व फिर सभी को गुलाब के अके में घोटकर रख लें।
⇒ 1 से 4 रत्ती मिश्री या आँवले के मुरब्बे के साथ दिन में तीन बार सेवन करें। यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभकारी है। इसके सेवन से पित्त ज्वर उल्टी, दाह आदि में आराम मिलता हैं।
⇒ 10 ग्राम हीरा हींग, बीज निकाले हुए 10 मुनक्के, 10 छुहारे, 10 ग्राम दालचीनी 10 छोटी इलायची के दाने पीसकर एक शीशी में भर लें। एक चुटकी में जितना चूर्ण आए-उतना मुंह में रखकर घुलने दीजिए। दिन में 5 बार इतनी ही मात्रा में लेने से दिल को शक्ति पहुंचाती है।
⇒ मौसमी का रस पाचनांग, मस्तिष्क और यकृत को शक्ति तथा स्फूर्ति देता है। इसका निरन्तर प्रयोग रक्त-वाहिनियों को कोमल व लचकीली करता है। उनमें एकत्रित कोलेस्ट्राल शरीर से निकल जाता है और शरीर में ताजा रक्त, विटामिन और आवश्यक खनिज लवण पहुंचा देता है। हृदय और रक्त संस्थान, रक्त-वाहिनियों और केपलरीज को शक्तिशाली बनाने में मौसमी सर्वोत्तम है।
⇒ दिल को स्वस्थ रखने के लिए कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, प्रोटीन और फैट्स जैसे बाजरा, ओट्स, ब्राउन राइस, दाल, अंडे, चिकन और मछली को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा सीड्स और नट्स भी खा सकते हैं।
कमजोर दिल के परहेज – Weak Heart Problems in Hindi
इन सबके आलावा अगर आप कमजोर दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो कुछ चीज़ो को जरूर परहेज करे, जैसे –
- नमक के सेवन को कम करना।
- शराब के सेवन को कम करना।
- धूम्रपान छोड़ना।
FAQ
दिल की कमजोरी कैसे ठीक करें?
लाइफस्टाइल में बदलाव और सही डाइट फॉलो करके, कमजोर दिल की परेशानी की दूर किया जा सकता हैं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा दिल स्वस्थ है?
कमजोर दिल होने पर कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, जिसे पता कर आप इसे ठीक कर सकते हैं।