बेकल क़िला केरल का इतिहास, जानकारी | Bekal Fort History in Hindi

Bekal Fort / बेकल क़िला केरल के कासारगोड जिले के बेकल गांव में स्थित एक प्राचीन किला हैं जो की केरल का प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक हैं। यह एक तटीय क़िला है, जो पल्‍लीक्‍करे गांव के अरब सागर त‍ट की पृष्टभूमि पर स्थित कासरगोड के दक्षिण-पूर्व में 16 कि.मी.की दूरी पर स्थित है। यह केरल के उत्‍तम संरक्षित क़िलों में से एक है। इस क़िले का निर्माण ‘शिवप्पा’ नाम के एक नायक ने करवाया था।

बेकल क़िला केरल का इतिहास, जानकारी | Bekal Fort History in Hindi

बेकल क़िला का इतिहास – Bekal Fort History in Hindi

कासरगोड का एक लंबा और सतत इतिहास रहा है। कर्नाटक क्षेत्र से इसकी निकटता होने और बेकल क्षेत्र के सामरिक महत्‍व के कारण विजयनगर शासन काल से ही इसे महत्‍व प्राप्‍त था। माना जाता है कि यह किला, चिरक्कल राजाओं के शासन की शुरुआत से अस्तित्व में रहा है। बहुत से लोग मानते हैं कि बेकल का किला कर्नाटक राज्य के शासक बेदनूर के शिवप्पा नायक द्वारा बनाया गया था। हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि किलों बक्कल और चंद्रगिरी (कासारगोड के निकट एक और किला) चिराक्कल राजाओं के थे और शिवप्पा नायक ने 1650 के या 1660 के दशक में क्षेत्र पर कब्जा करने के बाद उन्हें पुनर्निर्माण किया था।

सन 1763 में यह क़िला हैदर अली के हाथों में आया था। बेकल क़िला टीपू सुल्तान के महत्‍वपूर्ण सेना पड़ाव के रूप में उस समय उपयोग में आया, जब उसने मालाबार पर अधिकार करने के लिए बड़ा सैन्‍य अभियान चलाया। सन 1799 में अंग्रेज़ों के विरुद्ध लड़ते समय टीपू सुल्‍तान की मृत्‍यु के साथ ही मैसूर राज्‍य का इस क़िले से नियंत्रण समाप्‍त हो गया और बाद में यह क़िला ईस्ट इंडिया कम्पनी के नियंत्रण में चला गया। धीरे-धीरे बेकल का राजनीतिक और आर्थिक महत्‍व समाप्‍त होता चला गया। बाद में, जब भारत सरकार ने 1956 में राज्यों को पुनर्गठित किया, कासारगोड जिला केरल के नए राज्य का एक हिस्सा बन गया।

हाल ही में किए गए बेकल क़िले के उत्खनन से इक्‍केरी के नायक और टीपू सुल्तान के समय के लैटराइट पत्थर से निर्मित विभिन्‍न प्रकार के धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक ढांचे मिले हैं। इस उत्खनन की अन्‍य महत्‍वपूर्ण खोज में टकसाल और मध्‍ययुगीन महल परिसर भी शामिल है। दरबार हॉल और मंदिर परिसर के अवशेष भी इस उत्खनन के दौरान सामने आए हैं। उत्खनन से मिले सिक्‍के हैदर अली, टीपू सुल्‍तान और मैसूर के वाडीयार से संबंधित हैं। अन्‍य महत्‍वपूर्ण प्राप्तियों में टीपू सुल्‍तान के ताँबे के सिक्‍के का साँचा है।

बेकल क़िला की जानकारी – Bekal Fort Information in Hindi

इस क़िले की स्थिति 120° 23′ उत्‍तर और 750° 02′ पूर्व है। बेकल का क़िला चालीस एकड़ के क्षेत्र में विस्तृत है। क़िले की विशाल दीवारें लगभग 12 मीटर ऊँची हैं, जो स्‍थानीय लैटेराइट पत्‍थरों से बनी हैं। अंतरीप जिस पर यह स्थित है, दक्षिण की ओर एक पतली खाड़ी से समुद्र में चला जाता है। इस स्‍थल का चयन इस प्रकार किया गया है कि इससे क्षेत्र का पूरा परिदृश्‍य नजर आता है और लैटराइट शैल संस्‍तर का भी क़िले को मजबूत बनाने के लिए अच्‍छी तरह उपयोग किया गया है।

यह एक बड़ा क़िला है, जिसकी समुद्र की ओर की प्राचीर और परकोटे मजबूत है और बीच-बीच में तोपों के लिए विवरों सहित बुर्ज हैं। पूर्व की ओर मुख्‍य द्वार है, जो बुर्जों द्वारा सुरक्षित है। क़िले के जमीनी हिस्‍से की ओर खाई है। इस किले की महत्‍वपूर्ण विशेषताओं में एक सीढ़ीदार टैंक, दक्षिण की ओर खुलती हुई सुरंग, गोला बारूद रखने के लिए बारूदखाना और निगरानी मचान तक जाने के लिए चौड़ा रास्ता है। यह मचान आस-पास के क्षेत्र का एक आकर्षक परिदृश्‍य उपलब्‍ध करता है। यहाँ से कोई भी इसके आस-पास के सभी महत्‍वपूर्ण स्‍थानों को देख सकता है। इसके साथ ही इसका क़िले की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सामारिक महत्‍व भी है। विशाल लैटराइट दीवारों के ख़ाली स्‍थानों का इस्‍तेमाल तोपों को रखने के लिए किया जाता था।

वर्तमान-दिवस में बेक्कल किला आज एक महत्वपूर्ण पर्यटन का आकर्षण है। बेक्कल पर्यटन विकास निगम अब इस जगह को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनाने की कोशिश कर रहा है। इस बीच, बेक्कल की स्वर्ण रेत, पन्ना बकाया जलती हुई, और खूबसूरत पहाड़ियों ने इसे फिल्म निर्माताओं का एक बारहमासी पसंदीदा बना दिया है। पर्यटकों के देखने के लिए बेकल क़िला सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है।

कैसे जाएँ –

यहाँ आने वाले लोगों के लिए प्रवेश शुल्क, भारतीय नागरिक और सार्क देशों (बंगलादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान, मालदीव और अफ़ग़ानिस्तान) और बिमस्टेक देशों (बंगलादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलेंड और म्यांमार) के लिए पाँच रुपया प्रति व्‍यक्‍ति है। अन्‍य पर्यटकों के लिए दो अमरीकी डालर या 100 रुपया प्रति व्‍यक्‍ति है। 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्रवेश नि:शुल्क है। कासारगोड, लगभग 16 किमी, निकटतम रेलवे स्टेशन है। मैंगलोर, कासरगोड से करीब 50 किमी दूर, निकटतम हवाई अड्डा है।


और अधिक लेख –

Please Note : – Bekal Fort Kerala (Bekal Kila) History In Hindi मे दी गयी Information अच्छी लगी हो तो कृपया हमारा फ़ेसबुक (Facebook) पेज लाइक करे या कोई टिप्पणी (Comments) हो तो नीचे करे.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *