Sambhar Salt Lake / सांभर झील, राजस्थान के जयपुर से 80 किलोमीटर दूर स्थित एक ‘खारे पानी’ का झील है। यह झील समुद्र तल से 1,200 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। जब यह भरी रहती है तब इसका क्षेत्रफल 90 वर्ग मील रहता है। इसमें तीन नदियाँ आकर गिरती हैं। भारत में नमक की सबसे बड़ी झील के लिए मशहूर सांभर लेक पर्यटको के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। यहां कई बॉलीवुड फिल्मो का शूटिंग हो चूका हैं।
सांभर झील की जानकारी – Sambhar Lake Information in Hindi
सांभर झील में अनुमान है कि अरावली के शिष्ट और नाइस के गर्तों में भरा हुआ गाद ही नमक का स्रोत है। गाद में स्थित विलयशील सोडियम यौगिक वर्षा के जल में घुसकर नदियों द्वारा झील में पहुँचाता है और जल के वाष्पन के बाद झील में नमक के रूप में रह जाता है।
सांभर झील पूरे भारत भर में एक प्रसिद्ध स्थान है इस झील की खास बात ये हैं कि यहाँ पर नमक उत्पादन होता है यहाँ पर मीठा पानी नहीं है। यह पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यन्त आकर्षक स्थल है। इस झील से नमक उत्पादन हेतु ‘साम्भर नामक परियोजना’ भी चलाई जा रही है।
बरसों का इतिहास रखने वाली यह झील रामसर साइट विश्व धरोहर में शामिल है। एक समय था जब इस झील में राजस्थान से ही नही बल्कि पंजाब व हरियाणा की नदियों के पानी की भी आवक होती थी। लेकिन आस-पास में बांध, एनिकट व अतिक्रमण के कारण नदियों का झील से सम्पर्क टूट गया है। नतीजन हालात यह पैदा हो गए कि पिछले तीन दशकों में यह झील कभी पूरी नहीं भर सकी।
सांभर झील पर एक नजर – Sambhar Jheel
कैचमेंट एरिया- 7500 वर्ग किलोमीटर
लंबाई- 35.5 गुणा 9.5 किलोमीटर
बारिश के दौरान- 230 वर्ग किलोमीटर
गहराई- 0.61 मीटर परिधि- 96 किलोमीटर
फैलाव- जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर तक समुद्र तट से ऊंचाई- 360 से 364 मीटर
सांभर में राजकुमार हिरानी की चर्चित फ़िल्म ‘पीके’ के अलावा राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ‘दिल्ली-6’, संजय लीला भंसाली की ‘रामलीला’, संजय दत्त अभिनीत ‘शेर’ सहित कई फ़िल्मों की शूटिंग यहां हो चुकी है। सांभर प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा जगहों में एक है।
अंग्रेज़ों के ज़माने की इस रेलवे लाइन पर छोटी ट्रॉलीनुमा गाड़ियां ही चलती हैं या फिर नमक ढोने वाले वैगन। आज़ादी के पहले सांभर नमक उत्पादन का केंद्र और समृद्ध क़स्बा था। बाद में यहां के नमक व्यवसायी कोलकाता और मुंबई जा बसे. उनकी हवेलियां अब शूटिंग के काम आ रही हैं।
सांभर झील का इतिहास – Sambhar Salt Lake History in Hindi
राजा महाराजाओं के समय से ही प्रबल शासकों ने सांभर झील पर कब्जा करने का प्रयास किया। चौहान वंश का राज अजमेर से दिल्ली तक था और राजधानी सांभर थी। नमक के चलते झील के मध्य में स्थित मां शाकम्भरी को कुलदेवी माना गया। राठौड़ों ने राज्य विस्तार के चलते सांभर पर कब्जा किया।
सवाईं जयसिंह ने सांभर झील पर कब्जा करने का प्रयास किया। जयपुर व जोधपुर के बीच झगड़ा हुआ और उसी झगड़े में दोनों के बीच आधी-आधी झील का समझौता हुआ। इसका परिणाम है कि सांभर में आज भी जयपुर व जोधपुर के अलग-अलग बाजार है। अंग्रेजों ने भी सबसे पहले सांभर झील पर कब्जा किया। उनकी यह शर्त थी कि उनके अलावा कोई भी नमक का निर्माण नहीं कर सकता।
पौराणिक कथा – Sambhar Salt Lake Story in Hindi
महाकाव्य महाभारत के अनुसार यह क्षेत्र असुर राज वृषपर्व के साम्राज्य का एक भाग था और यहाँ पर असुरों के कुलगुरु शुक्राचार्य निवास करते थे। इसी स्थान पर शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी का विवाह नरेश ययाति के साथ सम्पन्न हुआ था। देवयानी को समर्पित एक मंदिर झील के पास स्थित है। अवेध बोरवेल के चलते तथा परवासी परिंदों को सुरक्षित रखने के लिए नरेश कादयान द्वारा जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर केर दी है।
एक अन्य हिंदू मान्यता के अनुसार, शाकम्भरी देवी जो कि चौहान राजपूतों की रक्षक देवी हैं, ने यहां स्थित एक वन को बहुमूल्य धातुओं के एक मैदान में परिवर्तित कर दिया था। लोग इस संपदा को लेकर होने वाले संभावित झगड़ों के लेकर चिंतित हो गये और इसे एक वरदान के स्थान पर श्राप समझने लगे। लोगों ने देवी से अपना वरदान वापस लेने की प्रार्थना की तो देवी ने सारी चांदी को नमक में परिवर्तित कर दिया। यहाँ शाकम्भरी देवी को समर्पित एक मंदिर भी उपस्थित है।
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