Turkey / तुर्की यूरेशिया (यूरोप और एशिया की सीमा) में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। पर्यटन के लिहाज से तुर्की दुनिया के खूबसूरत देशो में गिना जाता हैं।
तुर्की देश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी – Turkey Information in Hindi
तुर्की को यूरोप एवं एशिया के बीच का ‘पुल’ कहा जाता है। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय तुर्की तथा एशियाई तुर्की कहते हैं। तुर्की का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं।
तुर्की की राजधानी अंकारा और दूसरे सबसे बड़े शहर इस्तांबुल है। सबसे अधिक भीड़ शहर इस्तांबुल जो दुनिया के दो अलग-अलग महाद्वीपों की भूमि पर स्थित है। इस्तांबुल का सेंट्रल मार्केट दुनिया के सबसे पुराने और बड़े मार्केट में एक है। यहां 64 गलियां, 4000 दुकानें और 25000 लोग काम करते हैं। ये 15वीं शताब्दी में ऑटोमन साम्राज्य की ओर से बनाया गया था। तुर्की ओईसीडी और जी -20 में है, और 20 सबसे अमीर देशों में से एक है। तुर्की लीरा मुद्रा कहा जाता है। सबसे पहले सिक्के का इस्तेमाल तुर्की में किए गए थे। तुर्की में ज्यादातर लोग तुर्की भाषा बोलते हैं। तुर्की में एक आधुनिक संस्कृति है। तुर्क के जीवन शैली गोरों के समान है। तुर्की संस्कृति पश्चिमी देशों और आधुनिक इस्लामी संस्कृति के बीच एक अंतर है। तुर्की के साक्षरता दर वर्तमान में 95% है।
तुर्की मौजूदा समय में नाटो सैन्य गठबंधन का सदस्य है। इसी बात के दम पर उसने एक रूसी फाइटर जेट को मार गिराया था। बहुत कम लोग जानते हैं कि तुर्की पर परमाणु हमला होने की सूरत में वो भी परमाणु हमला कर सकता है। क्योंकि नाटो का सहयोगी देश होने के नाते अमेरिकी परमाणु बमों तक उसकी भी पहुंच है। अमेरिका अपने खास सहयोगियों के साथ ये ताकत साझा करता है।
तुर्की में पर्यटन उद्योग बेहद व्यापक है। तुर्की सर्वाधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला छठा देश है। यहां सन 2013 में 35 मिलियन लोग घुमक्कड़ी के लिए पहुंचे।
तुर्की का इतिहास – Turkey Country History in Hindi
तुर्की एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ मानव-जातियों के स्थानान्तरण तथा संघर्ष की प्रंमुखता रही है। तुर्की शब्द का उत्पत्ति तुर्किया शब्द से हुई है, जिसे इटैलियन लोग एनातोलिया नाम से जानते थे। तुर्की का एशियाई हिस्सा 12वीं शताब्दी में ही संगठित हो चुका था। वैसे, तुर्की(तुर्कों की जमीन) शब्द का इस्तेमाल 1923 से पहले नहीं होता था। जब तुर्की को गणतंत्र घोषित किया गया।
मुस्तफा कमाल अतातुर्क पाशा को तुर्की का राष्ट्रपिता माना जाता है। उनका जन्म ग्रीस में हुआ था। उस समय ग्रीस ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। पाशा का जन्म 1881 में हुआ था। तुर्की प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान धुरी राष्ट्रों में शामिल रहा, जिसका गठबंधन जर्मनी और इटली के साथ था। तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य को प्रथम विश्वयुद्ध ने बर्बाद कर दिया, जिसे आगे बढ़कर संवारा कमाल अतातुर्क पाशा ने।
तुर्की में जब अतातुर्क कमाल पाशा ने इस्लामी शासन खत्म किया, तो पूरी दुनिया में मुस्लिमों ने विरोध किया। भारत में खिलाफत आंदोलन की जड़ यही बना था। तुर्की में अधिकांश जनता इस्लाम धर्म को मानती है। पर अपने गणराज्य में जन्म लेने के बाद से तुर्की एक सेकुलर राष्ट्र है। तुर्की ऐसा एकमात्र देश है, जहां इस्लाम धर्म को मानने वाले सर्वाधिक लोग हैं, पर वो इस्लामी देश नहीं है।
तुर्की के इतिहास को तुर्क जाति के इतिहास और उससे पूर्व के इतिहास के दो अध्यायों में देखा जा सकता है। सातवीं से 12वीं सदी के बीच में मध्य एशिया से तुर्कों की कई शाखाएं यहां आकर बसीं। इससे पहले यहां से पश्चिम में आर्य (यवन, हेलेनिक) और पूर्व में कॉकेशियाई जातियों का बसाव रहा था।
तुर्की में ईसा के लगभग 7500 वर्ष पहले मानव बसाव के प्रमाण यहां मिले हैं। हिट्टी साम्राज्य की स्थापना 1900-1300 ईसा पूर्व में हुई थी। 1250 ईस्वी पूर्व ट्रॉय की लड़ाई में यवनों (ग्रीक) ने ट्रॉय शहर को नेस्तनाबूत कर दिया और आसपास के इलाकों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया।
1200 ईसा पूर्व से तटीय क्षेत्रों में यवनों का आगमन आरंभ हो गया। छठी सदी ईसापूर्व में फारस के शाह साईरस ने अनातोलिया पर अपना अधिकार जमा लिया। इसके करीब 200 वर्षों के पश्चात 334 इस्वीपूर्व में सिकन्दर ने फारसियों को हराकर इस पर अपना अधिकार किया। बाद में सिकन्दर अफगानिस्तान होते हुए भारत तक पहुंच गया था। इसापूर्व 130 इस्वी में अनातोलिया रोमन साम्राज्य का अंग बना।
ईसा के 50 साल बाद संत पॉल ने ईसाई धर्म का प्रचार किया और सन 313 में रोमन साम्राज्य ने ईसाई धर्म को अपना लिया। इसके कुछ सालों के अन्दर ही कान्स्टेंटाईन साम्राज्य का अलगाव हुआ और कान्स्टेंटिनोपल इसकी राजधनी बनाई गई।
छठी सदी में बिजेन्टाईन साम्राज्य अपने चरम पर था पर 100 वर्षों के भीतर मुस्लिम अरबों ने इसपर अपना अधिकार जमा लिया। 12वीं सदी में धर्म युद्धों में फंसे रहने के बाद बिजेन्टाईन साम्राज्य का पतन आरंभ हो गया। सन 1288 में ऑटोमन साम्राज्य का उदय हुआ और सन् 1453 में कस्तुनतुनिया का पतन। इस घटना ने यूरोप में पुनर्जागरण लाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। सैंटा क्लॉज उर्फ सेंट निकोलस का जन्म तुर्की में हुआ था। सैंटा क्लॉज ने तुर्की के पतारा में 3री शताब्दी में जन्म लिया था।
उस्मानी साम्राज्य – Ottoman Empire (Usmania) in hindi
सन 1288 में ऑटोमन साम्राज्य का उदय हुआ था। यह साम्राज्य साम्राज्य ने करीब सात सौ साल राज किया। ये कोई एक देश में नहीं बल्कि यूरोप, एशिया, अफ्रीका यानि कई महादेशों में फैला हुआ साम्राज्य था। इसकी नीव उस्मान गाज़ी ने राखी थी, एर्तुग्रुल गाजी के बेटे थे। यही साम्राज्य सिमट कर आज का टर्की बना हैं। इस साम्राज्य की राजधानी इस्तानबुल थी। यह साम्राज्य 1453 से 1922 तक रहा।
तुर्की के इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण तिथियां और घटनाए –
(1) यूरोप का मरीज तुर्की को कहा जाता है।
(2) पान इस्लामिज्म का नारा अब्दुल हमीद द्वितीय ने दिया।
(3) युवा तुर्क आंदोलन 1908 ई. हुई।
(4) अब्दुल हमीद द्वितीय के शासनकाल में में युवा तुर्क आंदोलन की शुरुआत हुई।
(5) प्रथम विश्वयुद्ध के बाद तुर्की के साथ हुई भीषण अपमानजनक संधि को सेब्र की संधि के नाम से जाना जाता है।
(6) सेब्र की संधि 10 अगस्त 1920 ई. हुई।
(7) सेब्र की संधि को मुस्तफा कमालपाशा ने मानने से इनकार कर दिया।
(8) आधुनिक तुर्की का निर्माता मुस्तफा कमालपाशा को माना जाता है।
(9) अतातुर्क (तुर्की का पिता) मुस्तफा कमालपाशा के नाम से जाना जाता है।
(10) मुस्तफा कमालपाशा का जन्म 1891 ई. में सेलेनिका में हुआ।
(11) तुर्की में एकता और प्रगति समिति का गठन 1889 ई. में हुआ।
(12) शुरू में कमालपाशा एकता और प्रगति समिति के प्रभाव में आया।
(13) गल्लीपोती युद्ध में एक सेनापति के रूप में कमालपाशा ने सफलता पाई।
(14) कमालपाशा ने सैनिक पद से इस्तीफा 1919 ई. में दिया।
(15) अखिल तुर्क कांग्रेस के पहले अधिवेशन (1919 ई.) की अध्यक्षता कमालपाशा ने की।
(16) लोजान की संधि तुर्की और यूनान के बीच (1923 ई.) हुई।
(17) तुर्की गणतंत्र की घोषणा 23 अक्टूबर 1923 ई. में हुई।
(18) खिलाफत को तुर्की में कमालपाशा (3 मार्च 1924 ई.) ने समाप्त किया।
(19) तुर्की में नए संविधान की घोषणा 20 अप्रैल 1924 ई. में हुई।
(20) तुर्की के नए गणतंत्र का राष्ट्रपति मुस्तफा कमालपाशा चुना गया।
(21) रिपब्लिकन पार्टी का संस्थापक मुस्तफा कमालपाशा था।
(22) तुर्की भाषा परिषद की स्थापना 1932 ई. में हुई।
(23) तुर्की में प्रथम पंचवर्षीय योजना 1933 ई. में लागू हुई।
(24) तुर्की को धर्मनिरपेक्ष राज्य 1924 ई. में घोषित किया गया।
(25) तुर्की में ग्रीगोरियन कैलेंडर प्रचलित हुआ।
(26) ग्रीगोरियन कैलेंडर 26 जनवरी 1925 ई. में प्रचलन आया।
(27) इस्तांबुल का पुराना नाम कुस्तुनतुनिया था।
(28) तुर्की में टोपी और बुरका पर कानूनी प्रतिबंध 25 नवंबर 1925 ई. में लगाया गया। लेकिन अब ऐसा नहीं है। महिलाएं अपना सर और चेहरा ढंकते हुए भी वहां जा सकती हैं। बस अदालत, सेना और पुलिस में ऐसा करने की अनुमति अब भी नहीं है।
(30) कमालपाशा की मृत्यु 1938 ई. में हुई।
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