इटली देश का इतिहास और जानकारी | Italy History in Hindi

Italy / इटली  यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसे अधिकारिक रूप से इटालियन रिपब्लिक के नाम से जाना जाता हैं। जिसकी राजधानी रोम (Rome) हैं। इसके उत्तर पश्चिम में फ्रांस, लिगूरियन सागर, तिरहेनियन सागर, दक्षिण में आयोनियन सागर, पूर्व में एड्रियाटिक सागर, उत्तर-पूर्व में यूगोस्लाविया उत्तर में आस्ट्रिया और स्विट्ज़रलैंड स्थित हैं। इटली भूमध्य सागर में एक प्रायद्वीपीय देश है। इसके दक्षिण में सिसली तथा सार्डिनिया, नामक दो सबसे बड़े द्वीप तथा एल्वा क्रेंवी, इस्चिया व कई छोटे द्वीप हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली में सर्वाधिक विश्व धरोहर स्थल हैं। 

इटली का इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी | Italy History In Hindi

इटली की जनसँख्या करीब 61 मिलियन हैं। ये देश यूरोपियन यूनियन का एक सदस्य है। यहां सुपर कार कम्पनियाँ फेरारी, लेम्बोर्गिनी हैं। इटली का इतिहास प्राचीन काल, मध्य युग और आधुनिक युग को शामिल करता है। दनिया में इटली ही एक ऐसा देश हैं जहां, देश के अंदर ही 2 देश और है। जिनका नाम वैटिकनसिटी और दूसरा सेन मरीनो है। तो चलिए जाने Italy ka Itihaas aur Jankaari 

इटली का इतिहास – Italy History in Hindi

इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया।

3,01,338 वर्ग किलोमीटर में फैले इटली का मौसम शीतोष्ण जलवायुवीय और भूमध्य जलवायु वाला है, अपने आकार की वजह से अक्सर इसे लो स्टिवाले (बूट) भी कहा जाता है। 61 मिलियन निवासियों के साथ, यह चौथा सर्वाधिक जनसँख्या वाला EU सदस्यता वाला राज्य है।

इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है।

मध्य कालीन युग में, इटली को सामाजिक-राजनीतिक के बीच पतन और आपत्तिजनक जंगली आक्रमण का सामना करना पड़ा, लेकिन 11 वी शताब्दी से प्रतिद्वंदी शहर-राज्य और समुद्री गणराज्य शीपिंग, कॉमर्स और बैंकिंग से समृद्धि के साथ उठ खड़े हुए, आधुनिक पूंजीवाद की शुरुवात की गयी। यह आज़ाद राज्य एशिया और पूर्व के साथ यूरोप के मुख्य व्यापारी केंद्र की भूमिका निभाते थे। इसके साथ ही देश में जनतंत्र का भी विकास होने लगा। फिर भी मध्य इटली का ज्यादातर भाग धार्मिक पोप राज्य के नियंत्रण में ही था, जबकि दक्षिणी इटली 19 वी शताब्दी तक विशाल सामंती राज्य ही था। 1948 में नये संविधान का निर्माण किया गया। क्रिस्चियन प्रजातंत्रवादी ने चुनाव जीता। 1991 में यहां पर सरकार के शीर्ष पदों पर अधिकारियों के बीच में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया गया था, उसके बाद के राजनीतिक और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं।

संपूर्ण देश 19 क्षेत्रों तथा 92 प्रांतों में बँटा हुआ है। 19वीं शताब्दी के मध्य से नगरों की संख्या काफी बढ़ी है। अत: प्रांतीय राजधानियों का महत्व बढ़ा तथा लोगों का झुकाव नगरों की तरफ हुआ। देश में एक लाख के ऊपर जनसंख्या के कुल 26 नगर हैं।

इटली के बारे में और अधिक जानकारी – Italy Information in Hindi

इटली की अर्थव्यवस्था यूरोप की तीसरी सबसे बड़ी और दुनिया की आठवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मानव विकास का स्तर भी यहाँ काफी ऊँचा है और जीवन प्रत्याशा के हिसाब से इसका छठा नंबर आता है। देश ने धार्मिक और वैश्विक आर्थिक, सैन्य, सांस्कृतिक और कुटनीतिक मामलो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही इटली यूरोपियन संघ का मुख्य सदस्य और बहुत सी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओ का सदस्य भी है, जिनमे मुख्य रूप से UN, NATO, OECD, OSCE, WTO, G7/G8, G20, आभ्यंतरिक संघ और यूरोप कौंसिल का समावेश है।

इटली की मुख्य भूमि तीन तरफ़ (दक्षिण और सूर्यपारगमन की दोनो दिशाओं) से भूमध्य सागर द्वारा जलावृत है। इस प्रयद्वीप को इटली के नाम पर ही इटालियन (या इतालवी) प्रायद्वीप कहते हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 3,01,000 वर्ग किलोमीटर है जो मध्यपर्देश के क्षेत्रफल से थोड़ा कम है। द्वीपों को मिलाकर इसकी तटरेखा कोई 7,600 किलोमीटक लंबी है। उत्तर में इसकी सीमा फ्रांस (488 कि.मी.), ऑस्ट्रिया (430 कि.मी.), स्लोवेनिया (232 कि.मी.) तथा स्विट्ज़रलैंड से लगती है। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो चारो तरफ़ से इटली से घिरे हुए हैं।

इटली पर्वतीय देश है जिसके उत्तर में आल्प्स पहाड़ तथा मध्य में रीढ़ की भाँति अपेनाइन पर्वत की श्रृंखलाएँ फैली हुई हैं। अपेनाइन पहाड़ जेलोआ तथा नीस नगरों के मध्य से प्रारंभ होकर दक्षिण पूर्व दिशा में एड्रियाटिक समुद्रतट तक चला गया है और मध्य तथा दक्षिणी इटली में रीढ़ की भाँति दक्षिण की तरफ फैला हुआ है।

इटली वासियों का सबसे बड़ा व्यवसाय खेती है। संपूर्ण जनसंख्या का भाग खेती से ही अपनी जीविका प्राप्त करता है। जलवायु तथा प्राकृतिक दशा की विभिन्नता के कारण इस छोटे से देश में यूरोप में पैदा होनेवाली सारी चीजें पर्याप्त मात्रा में पैदा होती हैं, अर्थात् राई से लेकर चावल तक, सेब से लेकर नारंगी तक तथा अलसी से लेकर कपास तक। संपूर्ण देश मे लगभग 7,05,00,000 एकड़ भूमि उपजाऊ है, जिसमें 1,83,74,000 एकड़ में अन्न, 28,62,000 एकड़ में दाल आदि फसलें, 7,72,000 एकड़ में औद्योगिक फसलें, 14,90,000 एकड़ में तरकारियाँ, 23,86,000 एकड़ में अंगूर, 20,33,000 एकड़ में जैतून, 2,19,000 एकड़ में चरागाह और चारे की फसलें तथा 1,44,58,000 एकड़ में जंगल पाए जाते हैं। यहाँ की खेती प्राचीन ढंग से ही होती है। पहाड़ी भूमि होने के कारण आधुनिक यंत्रों का प्रयोग नहीं हो सका है।

इटली में खनिज पदार्थ अपर्याप्त हैं, केवल पारा ही यहाँ से निर्यात किया जाता है। यहाँ सिसली (काल्टानिसेटा), टस्कनी (अरेंजो, फ्लोरेंस तथा ग्रासेटो), सार्डीनिया (कैगलिआरी, ससारी तथा इंग्लेसियास) एवं पिडमांट क्षेत्रों में ही खनिज तथा औद्योगिक विकास भली भाँति हुआ है। देश का प्रमुख उद्योग कपड़ा बनाने का है। यहाँ 1969 ई. में सूती कपड़े बनाने के 945 कारखाने थे। रेशम का व्यवसाय पूरे इटली में होता है, किंतु लोंबार्डी, पिडमांट तथा वेनेशिया मुख्य सिल्क उत्पादक क्षेत्र हैं। 1969 में गृहउद्योग को छोड़कर रेशमी कपड़े बनाने के 24 तथा ऊनी कपड़े बनाने के 348 कारखाने थे।

दुनिया के सात अजूबो में शामिल इटली का कोलोसियम

इस रोमन सर्कस में ग्लेडियेटर मुकाबला होता था। मृत्युदंड की सजा पाने वालों को यहां राजा हजारों लोगों की उपस्थिति में शेरों के सामने डाल देते थे। इस इमारत का इस्तेमाल स्टेडियम के तौर पर भी होता था। यहां 50,000 लोग बैठ सकते थे।

इटली के एकीकरण से जुड़े जानकारियां – Unification of italy in hindi 

(1) इटली के एकीकरण में सबसे बड़ा बाधक ऑस्ट्रिया था।

(2) सार्डनिया पीडमौंट राज्‍य ने इटली के एकीकरण में अगुवाई की।

(3) काउंट काबूर इटली की समस्‍या को अंतर्राष्ट्रीय समस्‍या बना दिया।

(4) इटली के एकीकरण का श्रेय मेजिनी, काउंट काबूर और गैरीबाल्‍डी को दिया जाता है।

(5) इटली के एकीकरण का तलवार गैरीबाल्‍डी को कहा जाता है।

(6) यंग इटली की स्‍थापना 1831 ई. में जोसेफ मेजिनी ने की।

(7) गैरीबाल्‍डी ने लाल कुरती नाम से सेना का संगठन किया था।

(8) कार्बोनरी सोसायटी का संस्‍थापक गिवर्टी था।

(9) इटली के एकीकरण की शुरुआत लोम्‍बर्डी और सार्डिनिया के राज्‍यों के मिलने से हुई।

(10) इटली देश का जन्‍म 2 अप्रैल 1860 ई. से माना जाता है।

(11) रोम को संयुक्‍त इटली की राजधानी 1871 में घोषित कि या गया।

(12) यदी समाज में क्रांति लानी हो तो क्रांति का नेतृत्‍व नवयुवको के हाथ में दे दो-ये कथन जोसेफ मेजिनी का था।

(13) इटली का एकीकरण 1871 ई. में काउंट काबूर ने किया।

(14) इटली की एकता का जन्‍मदाता नेपोलियन था।

(15) विक्‍टर एमैनुएल सार्डिनिया का शासक था।

(16) इटली के एकीकरण का जनक जोसेफ मेजिनी को माना जाता है. मेजिनी का जन्‍म जेनेवा में हुआ था।

(17) 19 सदी के पूर्वार्द्ध में इटली में 13 राज्‍य थे।

(18) 1948 – नये संविधान का निर्माण किया गया। क्रिस्चियन प्रजातंत्रवादी ने चुनाव जीता।

इटली के बारे में रोचक बातें यहां से जाने  >>   Interesting Facts About Italy In Hindi

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3 thoughts on “इटली देश का इतिहास और जानकारी | Italy History in Hindi”

  1. महावीर प्रसाद तिवारी

    आप ने ईटली के बारे में बताया मेने पढ़ कर बहुत ख़ुसी का अनुभव हुवा ओर जानकरी मिली आप धन्यवाद

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