नेपाल का इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी | Nepal History in Hindi

Nepal in Hindi/ नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारत की उत्तरी सीमा के अंतर्गत पश्चिम में सतलुज नदी से पूर्व में सिक्किम तक लगभग 500 मील फैला हुआ एक स्वतंत्र देश है। इसकी राजधानी काठमांडू है। नेपाल ‘पोखरा संस्कृति’ और रोमांच का केंद्र भी है। हिमालय की तराई में बसा पोखरा नेपाल का प्रमुख पर्यटक स्थल है। पोखरा नेपाल के मशहूर ट्रैकिंग और रॉफ्टिंग स्थलों की ओर जाने का द्वार है। दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत माउन्ट एवेरेस्ट नेपाल में ही हैं।

नेपाल का इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी | Nepal History In Hindiनेपाल देश की जानकारी – Nepal Information in Hindi

देवताओं का घर कहे जाने वाले नेपाल विविधाताओं से पूर्ण है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां एक ओर यहां बर्फ से ढ़कीं पहाड़ियां हैं, वहीं दूसरी ओर तीर्थस्थान है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के 81 प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है।

नेपाल हिमालय में बसा हुआ है इसका दक्षिणी मधेश भाग उपजाऊ है और नम है। 147181 वर्ग किलोमीटर में बसा यह देश क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का 93 वा सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या के हिसाब से दुनिया का 41 वा सबसे बड़ा देश है।

नेपाल में विविध प्राचीन संस्क्रुतिक विरासत है। वैदिक काल के रिकॉर्ड से ही नेपाल शब्द को लिया गया है। नेपाल में ही अंतिम हिन्दू साम्राज्य था। बुद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ गौतम का जन्म भी दक्षिणी नेपाल के लुंबिनी में हुआ था। देश के मुख्य अल्पसंख्यको में तिब्बतन बुद्धिस्ट, मुस्लिम, किरातंस और क्रिस्चियन लोगो का समावेश है। नेपाली लोगो को गोरखा के नाम से भी जाना जाता है। प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में वे अपनी वीरता के लिए जाने जाते है।

एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित है। संसार का सबसे ऊँची 14 हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सगरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगञ्ज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगञ्ज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है।

नेपालकी भूपरिवेष्ठित स्थिति, प्राविधिक कमजोरी और लम्बे द्वन्द ने अर्थतन्त्र को पूर्ण रूपमे विकासशील होने नहीं दिया है। नेपाल भारत, जापान, संयुक्त राजशाही, अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन, स्विट्जरलैंड और स्कैंडिनेवियन राष्ट्रों से वैदेशिक सहयोग पाता है। वित्तीय वर्ष 2005/06 में सरकार का बजट करीब 1.153 अरब अमरीकी डालर था, लेकिन कुल खर्च 1.789 अरब हुआ था। 1990 के दशक की बढ़ती मुद्रास्फीति दर घटकर 2.9% पहुंच गई। कुछ वर्षों से नेपाली मुद्रा रूपए को भारतीय रूपैया के साथ सथहदर 1.6 मी स्थिर रखा गया है। 1990 दशक में खुली बनायी गई मुद्रा बिनिमय दर निर्धारण नीतीक कारण विदेशी मुद्रा का कालाबाड़ी लगभग समाप्त हो गया है। एक दीर्घकालिक आर्थिक समझौता भारत के साथ अच्छे संबंध में मदद की है। नेपाल की 1 करोड़ जेते की कार्बल मे दक्ष कामदार का कमी है। 81% कार्यबल कृषि, 16% सेवा और 3% उत्पादन / कला-आधारित उद्योग रोजगार प्रदान करता है।

नेपाल 14 अंचल, 75 जिलों और 5 विकास क्षेत्रों में विभाजित है। हर जिला एक निश्चित जिला प्रमुख द्वारा निर्देशित है। जिला प्रमुख का काम जिले में विधान और शान्ति बहाल करना और सरकारी मंत्रालयों का कार्य-काजको सहायता करना है।

नेपाल की भारत और यूनाइटेड किंगडम के साथ अच्छी दोस्ती है। साथ ही यह SAARC का संस्थापक सदस्य भी है। साथ ही यह देश यूनाइटेड नेशन और BIMSTEC का भी सदस्य है। नेपाल की गिनती भी दुनिया के महत्वपूर्ण देशो में की जाती है।

नेपाल देश का इतिहास – Nepal History in Hindi Language

नेपाल तीसरी शताब्दी ई. पू. में अशोक के साम्राज्य का एक अंग था। चौथी शताब्दी ई. में नेपाल राज्य सम्राट समुद्रगुप्त की सार्वभौम सत्ता स्वीकार करता था। सातवीं शताब्दी में इस पर तिब्बत का आधिपत्य हो गया। उपरान्त इस देश में आन्तरिक संघर्षों के कारण अत्यधिक रक्तपात हुआ। ग्यारहवीं शताब्दी में नेपाल में ठाकुरी वंश के राजा राज्य करते थे। इसके बाद जब नेपाल में मल्ल वंश, जिसका सबसे प्रसिद्ध शासक यक्षमल्ल, लगभग 1426 से 1475 ई., था, राज्य कर रहा था।

मिथिला के शासक नान्यदेव ने नेपाल पर अपना नाममात्र की प्रभुता स्थापित कर ली। यक्षमल्ल ने मृत्यु के पूर्व ही राज्य का बंटवारा अपने पुत्रों और पुत्रियों में कर दिया था। इस विभाजन के फलस्वरूप नेपाल, काठमांडू तथा भातगाँव के दो परस्पर प्रतिद्वन्दी राज्यों में बँट गया। इन झगड़ों का लाभ उठाकर पश्चिमी हिमालय के प्रदेशों में बसने वाली गोरखा जाति ने 1768 ई. में नेपाल पर अधिकार कर लिया। शनैः शनैः गोरखाओं ने अपनी सैनिक शक्ति में बुद्धि कर नेपाल को एक शक्तिशाली राज्य बना दिया। 19वीं शताब्दी में उन्होंने अपने राज्य की दक्षिणी सीमा बढ़ाकर ब्रिटिश भारत की उत्तरी सीमा से मिला दी।

सीमा सामीप्य के कारण 1814-1815 ई. में नेपाल और अंग्रेज़ों में युद्ध हुआ, इस गोरखा युद्ध के उपरान्त दोनों देशों में ‘सुगौली की सन्धि’ हुई, जिसके अनुसार नेपाल ने अपने राज्य के कुछ भूभाग ब्रिटिश सरकार को दे दिए। नेपाल का ध्वज सन्धि की एक धारा के अनुसार नेपाल की वैदेशिक नीति भारत की ब्रिटिश सरकार के द्वारा नियंत्रित होती रही। इस प्रकार कुछ प्रतिबन्धों के साथ नेपाल स्वतंत्र देश बना रहा।

1951 से 1960 में जब राजा महेंद्र ने पंचायत प्रणाली को अधिनियमित किया था, तब नेपाल में बहुपार्टी लोकतंत्र को विकसित किया गया। 1990 में, संसदीय सरकार को राजा बिरेन्द्र ने बहाल कर दिया। तक़रीबन एक दशक तक नेपाल को कम्युनिस्ट माओवादी उग्रवाद का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते 2008 में राजशाही की भी समाप्ति की गयी। नेपाल की दूसरी वैधानिक असेंबली ने 2015 में नये संविधान को प्रख्यापित किया था। बरसों के राजनैतिक उथल-पुथल और संघर्षो के बाद 20 सितंबर 2015 को नया संविधान लागू किया गया है। नेपाल इससे पहले दुनिया का एक मात्र हिन्दु राष्ट्र था लेकिन वर्तमान संविधान ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया है, नेपाल के संविधान मे सभी नागरिको को अपनी इच्छानुसार धर्म का पालन करने की आजादी दी गई है।

नेपाल के बहुसंख्यक लोग हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं और अल्पसंख्या में बौद्ध धर्म के विकृत रूप के अनुयायी हैं। नेपाल में संस्कृत के बहुत से हस्तलिखित महत्त्वपूर्ण ग्रंथ उपलब्ध हुए हैं। नेपाल के वर्तमान शासक महाराज वीरेन्द्र हैं। उनके पिता स्वर्गीय महाराजा महेन्द्र ने नेपाल में एक नया संविधान प्रचलित किया था।

महाभारत, वनपर्व में नेपाल का उल्लेख कर्ण की दिग्विजय के सम्बन्ध में है। नेपाल देश में जो राजा थे, उन्हें जीत कर वह हिमालय पर्वत से नीचे उतर आया और फिर पूर्व की ओर अग्रसर हुआ। इसके बाद कर्ण की अंग-वंग आदि पर विजय का वर्णन है। इससे ज्ञात होता है, कि प्राचीन काल में भौगोलिक एवं सांस्कृतिक दृष्टियों से नेपाल को भारत का ही एक अंग समझा जाता था। नेपाल नाम भी महाभारत के समय में प्रचलित था। नेपाल में बहुत समय तक अनार्य जातियों का राज्य रहा। मध्ययुग में राजनीतिक सत्ता मेवाड़, राजस्थान के राज्यवंश की एक शाखा के हाथ में आ गई। राजपूतों की यह शाखा मेवाड़ से, मुसलमानों के आक्रमणों से बचने के लिए नेपाल में आकर बस गई थी। इसी क्षत्रिय वंश का राज्य आज तक नेपाल में चला आ रहा है। नेपाल के अनेक स्थान प्राचीन काल से अब तक हिन्दू तथा बौद्धों के पुण्यतीर्थ रहे हैं। लुम्बनी, पशुपतिनाथ आदि स्थान भारतवासियों के लिए भी उतने ही पवित्र हैं, जितने की नेपालियों के लिए हैं।

नेपाल और भारत – Nepal and India Relations in Hindi

नेपाल और भारत का रिस्ता बहुत पुराना हैं, पर हाल के दिनों में रिस्तो में कुछ गरमाहट आयी हैं। भारत और नेपाल के बीच 1,850 किमी लंबा बॉर्डर है। वो राज्य जिनकी सीमा नेपाल से छूती हैं: सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। 1950 में शांति और दोस्ती के लिए प्रतिबद्ध इंडो-नेपाल संधि ने नेपालियों को भारतीय जनता के समान शिक्षा और आर्थिक अवसर देने की बात कही गई भारत नेपाली नागरिकों को सिविल सेवा सहित दूसरी सरकारी सेवाओं में हिस्सा लेने की आजादी है। भारत में करीब 60 लाख नेपाली काम करते हैं। 45 हज़ार से ज़्यादा नेपाली नागरिक भारतीय सेना और पैरामिल‌‌िट्री में काम करते हैं। भारत-नेपाल का बॉर्डर खुला हुआ है। वहां जाने के लिए किसी वीज़ा और पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती। नेपाल के कुल का कारोबार में 66% व्यापार भारत के साथ होता है।

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