संत जैरोम क़िला दमन का इतिहास | St. Jerome Fort Daman History in Hindi

St. Jerome Fort Daman / संत जैरोम क़िला दमन और दीव के नानी दमन में स्थित है। यह क़िला सन् 1614 ई. से 1627 ई. के बीच बना था। इस क़िले का निर्माण मुग़ल आक्रमणों से सुरक्षा के लिए किया गया था। इस क़िले में इसके संरक्षक संत की मूर्ति स्‍थापित है। इस समय इस क़िले में एक क़ब्रिस्‍तान तथा एक स्‍कूल है।

संत जैरोम क़िला दमन का इतिहास | St. Jerome Fort Daman History in Hindi

संत जैरोम का क़िला, दमन – St. Jerome Fort Daman History in Hindi

दमन गंगा नदी के उत्तरी किनारे पर यह किला बसा हुआ है जिसके प्रवेश द्वार पर सुंदर नक्काशी काम किया गया है। इन उत्कीर्णित प्रतिमाओं में एक अलग कहानी बयां करती हैं, उत्कीर्णित पुर्तुगाली भाषा के कुछ अभिलेखों के अनुसार यह किला उस दौर में बनवाया गया था, जब दमन पुर्तुगालियों का उपनिवेश हुआ करता था।

इस क़िले में तीन बुर्ज हैं। इस किले के प्रवेश द्वार पर बने मेहराब के ऊपर सेंट जेरोम की मूर्ति खड़ी है और उससे थोड़ा ऊपर यानी प्रवेश द्वार के शीर्ष पर एक क्रॉस बना हुआ है। हालांकि यह किला अपेक्षाकृत छोटा है, पर इसका प्रवेश द्वार बेहद विशाल है। यह किला करीब 12,250 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इतिहास की पुस्तकों के अनुसार यह किला लगभग चार शताब्दियों पहले बनवाया गया था, ताकि अरब सागर में हो रही समुद्री गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।

संत जैरोम किले में प्रवेश करते ही आपको एक बड़ा सा खुला मैदान नज़र आता है, जिसके एक कोने में अवर लेडी ऑफ द सी चर्च स्थित है। यह गिरजाघर किले की मोटी-मोटी दीवारों से घिरा हुआ है, जो अपने से भी मोटा प्राचीनता का आवरण ओढ़े हुए हैं। किले के ऊपर से पर्यटक मछली बाजार और मछली पकड़ने वाले जहाजों का नजारा देख सकते हैं।


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