सदाबहार अभिनेत्री रेखा की जीवनी | Rekha Biography in Hindi

Rekha / रेखा जिनका पूरा नाम रेखा गनेशन हैं, हिन्दी फ़िल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। अपनी वर्सटैलिटी और हिन्दी फ़िल्मों की बेहतरीन अभिनेत्री मानी जाने वाली रेखा ने अपने करियर की शुरूआत 1966 में बाल कलाकार के तौर पर तेलुगु फ़िल्म ‘रंगुला रतलाम’ सेे की थी। हिंदी फिल्मो में उनका डेब्यू चार साल बाद फिल्म सावन भादो से हुआ। रेखा ने लगभग 40 साल की उम्र तक लगभग 170 फ़िल्मों में काम किया। बेहतरीन अदाकारी के लिए इन्हें बहुत से अवार्ड भी मिले। जिसमे पदम् श्री जैसे अवार्ड शामिल हैं।

सदाबहार अभिनेत्री रेखा की जीवनी | Rekha Biography in Hindi

रेखा का संक्षिप्त परिचय – Information About Actress Rekha in Hindi

पूरा नाम रेखा गनेशन (Rekha Ganeshan)
जन्म दिनांक 10 अक्टूबर, 1954 तमिलनाडु
पिता का नाम जेमिनी गनेशन
माता का नाम पुष्पावली
पति मुकेश अग्रवाल
कार्य-क्षेत्र अभिनेत्री
नागरिकता भारतीय
मुख्य फ़िल्में ‘खूबसूरत’, ‘उमराव जान’, ‘खून’, ‘सिलसिल’
भरी मांग”
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (दो बार), राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री

रेखा अपने लुक्स को लेकर हमेशा चर्चा में रहीं। 14 साल की उम्र में फिल्मी करियर शुरू करने वाली रेखा 1970 तक आते आते वे अभिनेत्री के रूप में स्थापित हो गईं। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई दमदार रोल किए और कई मजबूत फीमेल किरदार को पर्दे पर बेहतरीन तरीके से पेश किया और मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा उन्होंने कई आर्ट फिल्मों मे भी काम किया जिसे भारत में पैरलल सिनेमा कहा जाता हैै। उन्हें तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है, दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का और एक बार सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का जिसमें क्रमशः खूबसूरत, खून भरी मांग और खिलाडि़यों का खिलाड़ी जैसी फिल्में शामिल हैं।

उमराव जान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है। उनके करियर का ग्राफ कई बार नीचे भी गिरा लेकिन के उन्होंने अपने को कई बार इससे उबारा और स्टेटस को बरकरार रखने के लिए उनकी क्षमता ने सभी का दिल जीता। 2010 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया।

प्रारंभिक जीवन – Rekha Biography in Hindi

रेखा का जन्म 10 अक्टूबर 1954 को तमिलनाडु में हुआ। रेखा एक ब्राह्मण थी जो आधी तमिल और आधी तेलगु थी क्योकि उनके पिता जेमिनी गणेशन तमिल थे और उनकी माता पुश्पावली तेलगु थी। जब उनका जन्म हुआ तो उनके माता पिता अविवाहित थे। इनके माता पिता तेलगु अभिनेता-अभिनेत्री थे। इन्ही के नक़्शे कदम पर रेखा भी चलती थी। रेखा चर्च पार्क कान्वेंट की विद्यार्थी थी। उन्हें लोग तेलगु समझते थे क्योकि उनकी मातृभाषा तेलगु थी पर वे हिंदी तमिल और अंग्रेजी भी अच्छे से बोलती थी।

रेखा की 5 छोटी बहने व 1 छोटा भाई भी है। रेखा ने जब 1970 में बॉलीवुड में कदम रखा तब उनके कई निजी राज खुले। बाद मे जब करिअर शुरू हुआ तो उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था की उनके पिता ने उन्हें कभी अपनाया नही। घर की ख़राब हालत की वजह से इच्छा न होते हुए भी उन्हें पढाई छोड़ कर फिल्मो में आना पड़ा।

फ़िल्मी सफर की शुरुवात – Rekha Story / Filmography

कहा जाता है रेखा ने जब फ़िल्मी जीवन की शुरुआत की थी तब वो काफ़ी मोटी थी। उस समय किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक मोटी सी लड़की आगे जाकर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री बन जाएगी। रेखा ने सिर्फ व्यावसायिक फ़िल्में की हैं। बल्कि कलात्मक फ़िल्मों से भी उन्होंने अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। रेखा 1966 में फ़िल्मों में आ गईं थी। इन्होंने अपनी पहली तेलुगु फ़िल्म ‘रंगुला रतलाम’ जिसमें एक बाल कलाकार के रूप में भूमिका निभाई थी, लेकिन हिंदी सिनेमा में उनकी शुरुआत 1970 में आई फ़िल्म ‘सावन भादों’ से हुई।

हालाँकि 1969 में अभिनेत्री के रूप में उन्होंने अपना डेब्यू सफल कन्नड़ फ़िल्म ‘आॅपरेशन जैकपाट नल्ली सीआईडी 999’ से किया था जिसमें उनके हीरो राजकुमार थे। उसी साल उनकी पहली हिन्दी फ़िल्म ‘अंजाना सफर’ रिलीज हुई थी। फ़िल्म के एक किसिंग सीन के विवाद के चलते यह फ़िल्म नहीं रिलीज हो पाई। बाद में इस फ़िल्म को ‘दो शिकारी’ के नाम से रिलीज किया गया। उनका अभिनय में कोई इंट्रेस्ट नहीं था लेकिन आर्थिक तंगी होने की वजह से उन्होंने यह किया। यह उनके जीवन का कठिन समय था। 1970 में उनकी दो फ़िल्में रिलीज हुईं -तेलुगु फ़िल्म ‘अम्मा कोसम’ और हिन्दी फ़िल्म ‘सावन भादो’ जो कि उनकी बॉलीवुड में अभिनेत्री के तौर पर डेब्यू फ़िल्म मानी जाती है। ‘सावन भादों’ हिट रही और रेखा रातों रात स्टार बन गईं।

बाद में उन्हें कई फिल्मों में रोल मिलने लगे लेकिन वे एक ग्लैमर गर्ल से ज्यादा कुछ नहीं थे। उस समय उन्होंने रामपुर का लक्ष्मण, कहानी किस्मत की, प्राण जाए पर वचन ना जाए जैसी फिल्मों में काम किया। इन सबने अच्छा कारोबार किया। उनकी पहली फिल्म जिसमें उनकी परफाॅर्मेंस को सराहा गया, वह थी अमिताभ बच्चन के साथ दो अंजाने जिसमें उन्होंने अमिताभ की लालची बीवी का किरदार निभाया था। इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों की तरफ से ठीकठाक रेस्पांस मिला। फिल्म ‘घर’ उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रही। यह फिल्म उनके करियर का माइलटोन रही और फिल्म में उनके अभिनय को आलोचकों और जनता दोनों ने काफी सराहा। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के तौर पर पहली बार फिल्मफेेयर पुरस्कार में नामांकित किया गया।

उसके बाद इन्हें फिल्म “मुक्कदर का सिकंदर” में अमिताभ बच्चन के साथ फिर से काम करने का मौका मिला और ये फिल्म साल की सबसे बड़ी सफल फिल्म रही, इसके लिए इन्हें अवार्ड भी मिला। 1980 में वे काॅमेडी फिल्म खूबसूरत में दिखाई दीं जिसके निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी थे जिनके साथ रेखा का पिता-बेटी का रिश्ता बन चुका था। यह फिल्म भी सफल हुई और और रेखा को उनकी काॅमिक टाइमिंग के लिए सराहा गया। इसे फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार तो मिला ही, साथ ही साथ रेखा को पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला।

इसके बाद से अग्रणी फिल्म निर्देशकों ने रेखा को और नोटिस किया और अपनी फिल्मों मे उन्हें कास्ट करने की खासी रूचि दिखाई। उनकी अमिताभ बच्चन के साथ आई ज्यादातर फिल्में हिट हुईं। इसके बाद आई यश चोपड़ा की फिल्म सिलसिला में वे अमिताभ और जया भादुड़ी के साथ नजर आईं। फिल्म में रेखा ने अमिताभ की प्रेमिका की भूमिका निभाई तो वहीं जया ने अमिताभ की पत्नी की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने अपनी हिन्दी को भी काफी सुधारा जिसके लिए मीडिया में उनकी काफी तारीफ हुई।

1981 में आई उनकी उमराव जान। यह फिल्म उनके करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक रही और इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया। इसके बाद भी उनकी कई फिल्में आई जो कि काफी हिट हुईं।

इसके बाद उन्होंने कामसूत्रः ए टेल आॅफ लव और खिलाडि़यों का खिलाड़ी जैसी फिल्मों में काम किया। खिलाडि़यों का खिलाड़ी ने काफी अच्छा कारोबार किया और फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक रही। 2000 आते-आते उन्होंने फिल्में कम कर दीं और कुछ ही फिल्मों में दिखाई दीं। इस दौरान वे फिल्म बुलंदी में दिखाई दीं। 2001 में वे फिल्म लज्जा में दिखाई दीं। फिर वे राकेश रोशन की फिल्म कोई मिल गया में रितिक की मां के किरदार में पर्दे पर आईं तो वहीं फिल्म परिणीता में एक आइटम नंबर भी करती हुई नजर आईं।

2007 में इन्होंने फिल्म क्रिश में काम किया, और सबसे अच्छी सहायक अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर अवार्ड में इनका नाम नामांकित हुआ। रेखा ने फ़िल्मी जगत में अपनी एक नई पहचान बनाई और एक सफल महिला रही, इसके लिए इन्हें 2010 में भारत सरकार की तरफ से “पदम् श्री” पुरुष्कार से सम्मानित किया गया।

शादी और लव अफेयर – Rekha Love Affair

रेखा ने हिंदी फिल्मों में बतौर अभिनेत्री ‘सावन भादो’ के शुरुआत की, जिसमें उनके हीरो नवीन निश्चल थे। नवीन निश्चल की तरफ रेखा आकर्षित हुईं, लेकिन नवीन को उनमें रूचि नहीं थी। बताया जाता है कि नवीन के प्रति रेखा की दीवानगी एक तरफा थी और फिल्म की शूटिंग खत्म होते-होते ये दीवानगी भी खत्म हो गई। इसके बाद विनोद मेहरा और रेखा के रोमांस के खूब चर्चे हुए। कहा जाता है कि रेखा और विनोद मेहरा ने गुपचुप शादी भी कर ली थी, हालांकि एक टीवी शो में रेखा ने इससे इंकार करते हुए विनोद को अपना ‘अच्छा दोस्त’ बताया था। रेखा और विनोद में अलगाव की वजह विनोद की मां को बताया जाता है। वे रेखा को पसंद नहीं करती थीं। किरण कुमार के साथ रेखा का नाम कुछ समय के लिए जुड़ा। संजय दत्त से नजदीकियों की चर्चा भी हुई और दोनों के शादी करने की खबरें भी आईं, लेकिन इन बातों में कोई दम नहीं था।

रेखा जिस पुरुष की तलाश में थी वो उन्हें अमिताभ में मिला। रेखा और अमिताभ ने कई फिल्मों में साथ काम किया और परदे पर उनकी केमिस्ट्री को देख उनके प्यार को महसूस किया जा सकता है। रेखा के दोस्त के बंगले पर अक्सर वे मुलाकात करते थे। बताते हैं कि रेखा से अमिताभ शादी करने के मूड में थे, लेकिन ‘कुली’ के सेट पर उनका एक्सीडेंट हो गया। जया बच्चन ने दिन-रात अपने पति की सेवा की। दुर्घटना के बाद ठीक होने को अमिताभ ने पुर्नजन्म माना और रेखा से दूरी बना ली। कहते हैं कि रेखा ने आज भी अपने मन में अमिताभ को बसाया हुआ है और वे आज भी उन्हें उसी तरह चाहती हैं जिस तरह वर्षों पहले चाहती थीं।

रेखा ने 1990 में नई दिल्ली के व्यवसायी मुकेश अग्रवाल से शादी की। शादी के कुछ महीने बाद ही मुकेश अग्रवाल ने आत्महत्या कर ली। मुकेश नोट छोड़ गए कि उनकी आत्महत्या के पीछे किसी को भी जिम्मेदार नहीं माना जाए। इस घटना से रेखा हिल गईं और फिर उनका नाम किसी के साथ नहीं जुड़ा।

रेखा न सिर्फ एक अच्छी अभिनेत्री है, साथ ही वे एक अच्छी इंसान भी है। 2011 में इनको बेहतरीन सफल और सहज अभिनेत्री का अवार्ड भी मिला। ये बॉलीवुड की 9वीं सबसे बड़ी सफल अभिनेत्री रहीं।


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