Namdapha National Park / नामदफा अभयारण्य अरुणाचल प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यान तथा बाघ संरक्षित क्षेत्र है। यह पूर्वी हिमालय जैव विविधता स्थल का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है जो की अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। चांगलांग जिले में स्थित नमदाफा अपने अभयारण्य के लिए जाना जाता है। इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है।
नामदफा अभयारण्य की जानकारी – Namdapha National Park Information & History in Hindi
क्षेत्रफल के अनुसार भी यह देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग ज़िले में म्यांमार के साथ की सीमा के पास स्थित है। इसका मूल क्षेत्रफल 1808 वर्ग कि.मी. है और 177 वर्ग कि.मी. का मध्यवर्ती क्षेत्रफल है जो पूरी तरह से 1985 वर्ग कि.मी. बनता है।
दाफा बुम श्रृंखला मिश्मी पहाड़ियों का एक भाग है और पाटकी श्रृंखला नमदाफा को घेरे हुए है। यह मिओं से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। जंगल से होकर बहने वाली नोए – दिहिंग नदी कई जलीय प्रजातियों का घर है। उद्यान से नमदाफा नदी भी बहती है जिसके नाम पर नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान का नाम रखा गया है।
यह क्षेत्र दोनों – पैलिआर्कटिक और इंडो मलायी जैव – भौगोलिक क्षेत्रों के अंतर्गत आता है जिसके परिणामस्वरूप यहाँ विभिन्न प्रजातियों का संयोजन होता है। बढ़ती ऊंचाई के साथ-साथ परिवेश उपोष्णकटिबंधीय चौड़ी पत्तियों वाले जंगलों से उपोष्णकटिबंधीय चीड़ के जंगलों में, फिर समशीतोष्ण चौड़ी पत्तियों वाले जंगलों में और अधिक ऊँचाई पर बारहमासी बर्फ तथा अल्पाइन घास के मैदानों में परिवर्तित होता चलता है। उद्यान में प्राथमिक जंगलों के अलावा व्यापक बांस के और माध्यमिक जंगल हैं।
वन्य जीवन में रूचि रखने वाले लोगों के लिए नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान अच्छा स्थान है। यह न सिर्फ चुनौतीपूर्ण है बल्कि रोमांचकारी भी है क्योंकि यहाँ कई प्रजाति के पशु पक्षी और वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। मिथुन के नाम से जाना जाने वाला शानदार गौर, हाथी, जंगली भैंसा, हिमालयीन भालू, तकिन, पट्कोई श्रेणी की जंगली बकरी, कस्तूरी मृग, बिन्टूरांग और लाल पांडा इस क्षेत्र में पाए जाने वाले कुछ जानवर हैं। विभिन्न प्रकार की तितलियाँ जंगल की शोभा बढ़ाती हैं।
नमदाफा में केवल अधिक ऊंचाई पर ही टाइगर (बाघ), चीता, स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुआ) और क्लाऊडेड लेपर्ड की जैसी बिल्ली जैसी कुछ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। आजकल हिम तेंदुए दुर्लभ हो गए हैं। सफ़ेद पंखों वाली बतख भी बतख की एक दुर्लभ प्रजाति है जो इस पार्क में पाई जाती है। आसामी मकाक (छोटी पूँछ वाला बंदर), सूअर की पूँछ जैसी पूँछ वाला बंदर, हूलॉक गिब्बन, हॉर्नबिल्स और जंगली मुर्गी इस पार्क में पाई जाने वाली अन्य प्रजातियाँ हैं। आपको इस जंगल में रहने वाले साँपों से सावधान रहने की आवश्यकता है।
यहाँ तरह तरह के पौधे भी पाए जाते हैं। इसमें लकड़ियों की 150 प्रजातियाँ और कुछ दुर्लभ औषधीय पौधे जैसे मिश्मी टीटा शामिल हैं। नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में ऊंचाई के साथ साथ वनस्पतियाँ भी बदलती हैं। पहले यहाँ ऊंचाई पर जलीय बूटियों की 425 प्रजातियाँ पाई जाती थी। यह अभयारण्य 200 मीटर से लेकर 4500 मीटर तक फैला हुआ है।