ध्यान साधना / Dhyan Kaise Lagaye – Meditation Techniques in Hindi
ध्यान क्या हैं – What is Meditation
मेडिटेशन का मतलब होता ध्यान लगाना, ध्यान को केंद्रित करना। ध्यान एक ऐसी पुरातन भारतीय पद्धति जो आपके मन और मस्तिष्क को शांत और एकाग्रचित्त बनाने में मदद करती है। अकसर हमारे मन किसी ना किसी कारण एक जगह पर नही लगता हैं और मन मे अकबकाहट सी रहती हैं, जिस कारण हम अपने लक्ष्य के प्रति सही तरह से कार्य नही कर पाते। ऐसे मे मेडिटेशन से आप अपने मन को जीत सकते हैं और मन मे शांति बनाए रख सकते हैं।
मेडिटेशन का मुख्या उद्देश् है अपने मन को शांत करना और धीरे धीरे अपनी अंदुरूनी मन की शांत को उचा स्थान पर ले जाना। शांत और एकाग्रचित्त व्यक्ति अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि ध्यान केवल किसी आश्रम या शांत स्थल पर ही किया जा सकता है। लेकिन, यदि आपको अभ्यास हो, तो आप घर पर ही ध्यान कर सकते हैं।
नीचे कुछ ऐसे टिप्स बताए जा रहे हैं जिसके ज़रिए आप कही भी, कभी भी मेडिटेशन कर सकते हैं।
मेडिटेशन के लिए इन चीज़ो का ध्यान रखे – Meditation Tips in Hindi
शांत जगह का चुनाव करे :- मेडिटेशन के लिए किसी अच्छी और शांत जगह करना चाहिए। आप एक जगह निश्चित करे जो कि शांतिपूर्ण और निर्मल हो। शोर और प्रदूषण का न होना बहुत महत्वपूर्ण है जिस समय आप मेडिटेशन के लिए बैठते हैं। यह अपने मन को काबू मे रहने मे मदद करेगा और किसी टेन्षन (Tension) के कारण हमारा मन कही दौड़ नही पाएगा। जगह ऐसी चुनिए की वहाँ आपको कोई डिस्टर्ब ना करे। उस जगह आप सिर्फ़ अकेले होने चाहिए, ताकि वो पूरा समय आप सिर्फ़ खुद के लिए उपयोग मे ला सके। चाहे आप 5 मिनट के लिए करे या एक घंटे के लिए।
मन भटकाने वाले चीज़ो को दूर रखे :- मेडिटेशन के समय टीवी, रेडियो, मोबाइल उस वक्त बंद कर दे। ज़्यादा से ज़्यादा नॅचुरल जगह का चुनाव करे। जैसे की कोई पेड़, मैदान, या नदी के किनारे। हालाँकि मेडिटेशन के लिए बॅकग्राउंड म्यूज़िक (Music) बहुत इंपॉर्टेंट होती हैं। इसलिए आप चाहे तो कोई मधुर ध्वनि हल्की साउंड मे चला सकते हैं।
ढीले कपड़े पहने :- मेडिटेशन के प्रमुख लक्ष्यो मे से एक हे शरीर को बाहरी चीज़ो से दूर रखना। आप को शारीरिक रूप से असहज महसूस करना ज़रूरी है। मेडिटेशन के दौरान ढीले कपड़े पहनना चाहिए। अपने जूते आपसे दूर रखे. ठंड लग रही हो तो स्वेटर पहन सकते हो और मन मे भी बाहरी चीज़ो से दूरी बनाए। किसी प्रकार का बाहरी टेन्षन (Tension) मन के अंदर ना रखे या जल्दबाज़ी मे भी ना करे। कहने का मतलब हैं पूरा कूल माइंड (Cool Mind) से मेडिटेशन के लिए बैठे।
बैठने का तरीका :- सीधा बैठने की कोशिश करे और जहां तक संभव हो अपनी रीढ़ को बिना अपने शरीर पर दबाव डालें, सुविधानुसार सीधा रखे। आप या तो बिस्तर पर या एक फर्श पर बिछे कालीन पर या एक कुर्सी को बैठने के लिए चुन सकते है। मेडिटेशन के लिए सामान्य स्थिति के चौकड़ी लगाकर बैठना है लेकिन यदि यह असुविधाजनक है, तो आप अपने पैरों को फैलाने के साथ या एक स्थिति जिसमें आप अत्यंत आराम और सुविधा महसूस करें, बैठने के लिए चुन सकते हैं। मेडिटेशन तकनीक का प्रभाव अत्यधिक रूप से सुविधा के स्तर पर निर्भर करता है।
कोशिश करे की आपकी आँखें खुली रहे। ज़्यादातर लोग अपने आँखो के सामने कुछ सेंटरिक चीज़े रखते है। जैसे की दिया, स्वास्तिक बिंदु, उसे ह्यूम कॉन्सेंट्रेशन करना आसान होता है।
बॉडी गर्म कर ले :- मेडिटेशन करने से पहले शरीर को थोड़ा गर्म कर लेना शरीर की अकड़न को दुर कर देगा। साथ ही यह आपकी बॉडी को हल्का भी बना देगा और आप मेडिटेट करते समय ज्यादा ध्यान लगा पायेगें। वॉर्म उप से आप कमर को सीधा रख अच्छे से बैठ भी पायेगें।
मेडिटेशन करने की अवस्था :- मेडिटेशन की अवस्था आप चाहे तो अपने अनुसार रख सकते हैं। खड़े होकर, लेट कर, बैठकर मैडिटेशन कर सकते हैं। कई लोगो का मानना होता है कि खड़े रहकर मेडिटेशन नहीं किया जा सकता। परंतु ऐसा नहीं है। कुछ लोग जो ठीक से पालती लगाकर नहीं बैठ सकते या जो काफी देर तक एक अवस्था मे नहीं लेट सकते उनके लिए यह अवस्था समस्या हो हल करता है।
मेडिटेशन करने का तरीका – How Do Meditation in Hindi
- अपनी सांस पर काबू रखे, सांस पर फोकस करे। पहली बार कुछ सेकेंड्स, फिर बाद मे कुछ मिनिट, फिर ऐसे बढ़ते जाए। योग में सांस की गति को आवश्यक तत्व के रूप में मान्यता दी गई है। इसी से हम भीतरी और बाहरी दुनिया से जुड़े हैं। श्वास की गति से ही हमारी आयु घटती और बढ़ती है। सांस को नियंत्रित करने से सभी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसीलिए सांस क्रिया द्वारा ध्यान को केन्द्रित और सक्रिय करने में मदद मिलती है। ध्यान करते समय जब मन अस्थिर होकर भटक रहा हो उस समय श्वसन क्रिया पर ध्यान केन्द्रित करने से धीरे-धीरे मन और मस्तिष्क स्थिर हो जाता है और ध्यान लगने लगता है। ध्यान करते समय गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे से सांस छोड़ने की क्रिया से जहां शरीरिक और मानसिक लाभ मिलता है, वहीं ध्यान में गति मिलती है।
- अपने सांस लेने के तरीके की गति को बढ़ाने की कोशिश करें और अपने पेट को संकुचित करने और फैलाने की कोशिश करें। आप को निश्चित रूप से मदद मिलेगी कि आपका मन स्थिर है।
- अपने मन में एक विशिष्ट वस्तु की कल्पना करना शुरू करें। और खुद के रूप में वस्तु पर एकाग्रचित्त होने की कोशिश करें। अपने आप वस्तु का आकार, रंग और बनावट में कल्पना करने की कौशिश करें। ऐसा करने से आप आराम और शांतिं महसूस करना शुरू करेंगे। यदि दृश्य स्वाभाविक रूप से नहीं आते है। अपने आप को सोचने के लिए मजबूर न करें जिससे आपका मन सहज न हो। आप आप के आसपास कुछ चीजों पर साधारण रूप से एकाग्रता करना शुरू करें और धीरे – धीरे वस्तु में खुद को देखना शुरू कर सकते है।
- मेडिटेशन करते समय अपना मुख हमेशा उत्तर या पूरब दिशा की ओर ही रखे। और आप कोशिश करे की आप जब भी ध्यान करे तो आप खाली पेट मे ध्यान करे। क्यूकी खाली पेट मे ध्यान करने से आप अपने मन को आसानी से केंद्रित कर पाएँगे। लेकिन कुच्छ लोगो को खाली पेट रहने से प्राब्लम होती हैं तो वे लोग खाली पेट मैं ध्यान ना करे और ध्यान करने से पहले कुच्छ हल्का फूलका सकाहारी भोजन कर ले और भोजन करने के बाद जब वो आराम हो जाए तब वो ध्यान करे।
ध्यान हर रोज करना चाहिए :- अगर आप एक या दो दिन ध्यान करेंगे और फिर एक दो दिन नही करेंगे तो आपको वो एक दो दिन ध्यान करने का भी कोई फ़ायदा नही होगा। और ध्यान रोज एक ही समय पर करे, ऐसा नही की एक दिन अलग टाइम पर और दूसरे दिन अलग टाइम पर ध्यान करे। अगर आप अलग अलग टाइम पर ध्यान करेंगे तो आप अपने ध्यान को अच्छे से केंद्रित नही कर पाएँगे। इसलिए हर रोज करे और एक निश्चित समय रखिए और उसी समय मे कीजिए।
ध्यान आपको मानसिक और शारीरिक रूप से शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है। ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके मस्तिष्क से नकारात्मक विचारों को दूर कर आपमें शांति और चेतना का प्रवाह करती है। मुझे उम्मीद हैं उपर दी गयी जानकारी अगर आप सही से करेंगे तो निश्चित लाभ होगा। अगर किसी तरह का कोई सवाल हो तो नीचे कॉमेंट (Comment) के माध्यम से पूछे।
I satisfy your idea .I want to know about dhayan more information when se start meditation then our mine do pain .so you tell me about relif in pain .How can we relif in pain .
Heavy exercise Dhyan se pahle krni chahiye ya bad me ya iski jarurat nahi padegi Dhayan Keane k bad pls suggest
Hello Sir. Meditation Hm Man Ki Shanti Ke Liye Karte But Exercise Body-Fitness Ke Liye Krte Hain. Isliye Aap Dono Chij Kar Sakte Hain Par Meditation Ur Exercise Ke Liye Alag-Alag Time Rakhe,,,
hello sir me meditation din me 3 bar krti hu but meditation ke doran gardan bar-bar upr ki or khichne lgti he or meditation ke bad body or eye’s bhari ho jati he mano 2-3 din se body ko aaram hi na mila ho aesa lgne lgta he or hath per me or pure body me dard hota he to aesa hone ka kya reson he or aesa hone se koi nuksan to nhi hota he na? aap plz aese lkshan ke reson btayege to aapka bahot bahot dhanyavad………..
Sir,, Agar Apko Meditation Ke Bad Sharir Me Dard Hota Hain To Ye kai Karano Se Ho Skta Hain. Jaise Kamjori, Ye Kisi Bimari Ke vajah Se Bhi.. But Aap Din 2 Bar Hi Meditation Kare To Better Hoga… Ur Koshis Kare Ek Bar Doctor Se Milne Ka.
Ap eyebrows ke center me focus krte hai or kafi jor dete h isiliye aisa hota h relax hokar dhyan kre or bahar dekhne ki kosis kre kuchh dhundhne ki kosis na kre bas jo bhi vichar aye usko notice kre or jane de..mera experience yhi h
Comment:miditation ke liye upyukt time kya hai
Sir Ji Time Morning – Evening Sahi Rahta Hain. But Aaap Kabhi bhi Kar Sakte Hain.
Sadi suda admi dhyan sadhna kar sakta hai ya nahi hame jaruri btaye plez
Sir Jii, Bilkul kar sakte hain. Ye sabhi log ke liye jaruri hain.
Sir ji me subhe jaldee nahi uth pata plz kuch guidence do aap ki subhe jaldee uth paau
You can set the alarm or give direction to mind to wake me up @5, @6 like this. Or else you can do any time meditation but same time everytime(almost). Thanks It’s my thoughts
Ap eyebrows ke center me focus krte hai or kafi jor dete h isiliye aisa hota h relax hokar dhyan kre or bahar dekhne ki kosis kre…mera experience yhi h