महल गुलहारा का इतिहास, जानकारी | Mahal Gulara Burhanpur

Mahal Gulara Burhanpur in Hindi / महल गुलहारा, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित शाहजहाँ द्वारा निर्मित एक महल हैं। यह बुरहानपुर से लगभग 21 किमी. की दूरी पर, अमरावती रोड पर स्थित ग्राम सिंघखेड़ा से उत्तर की दिशा में है।

महल गुलहारा का इतिहास, जानकारी | Mahal Gulara Burhanpur

महल गुलहारा का इतिहास – Mahal Gulara History in Hindi

महल गुलहारा की निर्माण की कथा बहुत ही रोचक हैं। जब शाहजहाँ अपने पिता जहाँगीर के कार्यकाल में शहर बुरहानपुर आया था, तब ही उसे ‘गुलआरा’ नाम की गायिका से प्रेम हो गया था। ‘गुलआरा’ अत्यंत सुंदर होने के साथ अच्छी गायिका भी थी। इस विशेषता से शाहजहाँ उस पर मुग्ध हुआ। वह उसे दिल-ओ-जान से चाहने लगा था। उसने विवाह कर उसे अपनी बेगम बनाया और उसे ‘गुलआरा’ की उपाधि प्रदान की थी।

शाहजहाँ ने करारा गाँव में उतावली नदी के किनारे दो सुंदर महलों का निर्माण कराया और इस गांव के नाम को परिवर्तित कर बेगम के नाम से ‘महल गुलआरा’ कर दिया। शाहजहाँ इस स्थान को प्रारंभ से ही पसंद करता था। इसीलिए इस स्थान को आकर्षक बनाने के लिए उसने यहाँ सुंदर उद्यान लगाये थे और इसे पर्यटन का उत्तम श्रेणी का केंद्र बनाया था। वह सदैव चाँदनी रात में इस जल प्रपात के सौंदर्य का आनंद लेने आता था और घंटों बैठकर संगीत का आनंद लेता था।

इस महल का निर्माण पूर्व और पश्चिम दिशा में ईंट और चूना पत्थर से किया गया हैं। महलों में दो बडे कक्ष हैं, जो बहुत ही सुंदर हैं। महलो की छत पर पहुँचने के लिए मध्य भाग में बाहर की तरफ़ से सीढ़िदार जीना है, जिनके द्वारा महलों के ऊपरी भाग पर जाते हैं।

छत से दूर-दूर तक के दृश्य हरे-भरे खेत, जलप्रपात आकर्षक दिखाई देते हैं। दोनों महल मज़बूत स्तंभों पर कमानें देकर निर्मित किए गए हैं। उन कमानों के नीचे पानी बहता है। बरसात की बाढ़ के पानी से इसी कारण महल अभी तक ख़राब नहीं हो पाए हैं।

एक महल से दूसरे महल तक पहुँचने के लिए सुंदर सीढ़िदार रास्ता बनाया गया है। थोड़े-थोडे अंतर से आठ पहलू वाले सुंदर चबूतरे बनाये गये हैं। इन चबूतरों पर बैठकर जलप्रपात का सौंदर्य और ऊँचे-ऊँचे महल देखते ही बनते हैं।

सन् 1803 ई. सिंधिया सरकार फ़ौज ने आहूखाना के पास पड़ाव डाला था, उस समय नहर भूमि में धंस गई थी और पानी आना बंद हो गया था। वर्तमान महल पुरातत्त्व विभाग के अंतर्गत है। समय-समय पर मरम्मत का काम होता रहता है। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है।


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