Madhya Pradesh Tourism / मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है तथा मध्य प्रदेश भारत के ठीक मध्य में स्थित है। इसका इलाका लगभग 120000 वर्ग किलोमीटर है। इस राज्य का इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और यहाँ के लोग इसे भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं। इसकी राजधानी भोपाल है, जो झीलों के शहर के नाम से प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश की यात्रा यहां आने वालों को भारत के प्राकृतिक वैभव, समृद्ध कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत से रुबरु कराती है।
मध्य प्रदेश के दर्शनीय व पर्यटन स्थल – Madhya Pradesh Tourism Place in Hindi
मध्य प्रदेश भारत के मध्य क्षेत्र में है और यात्रा प्रेमियों के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। यहां कई शानदार वाईल्डलाइफ सेंचुरी हैं जिनमें दुर्लभ प्रजाति के और भारतीय प्रायद्वीप में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले वनस्पति और जीव हैं। मध्य प्रदेश में ही मनमोहक खजुराहो मंदिर और कई ऐतिहासिक शहर भी हैं। आदिवासियों द्वारा बनाए जाने वाले विस्तृत श्रृंखला के हस्तशिल्प मध्य प्रदेश में खरीददारी को एक नया अनुभव देते हैं।
राज्य की केंद्रीय स्थिति तथा साथ ही साथ समृद्ध प्राकृतिक विविधता इसे संपूर्ण पर्यटन गंतव्य बनाते हैं। उच्च पर्वत श्रेणियों, नदियों और झीलों से युक्त हरे भरे जंगल प्रकृति के विभिन्न तत्वों के बीच एक सुंदर सामंजस्य प्रदान करते हैं। नर्मदा और ताप्ती नदियां दो पहाड़ों विंध्य और सतपुड़ा के बीच एक दूसरे के समानांतर चलती है। विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी और पौधे तथा यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता मध्य प्रदेश के पर्यटन की विशेषता है।
मध्य प्रदेश पर कई राजवंश के राजाओं ने शासन किया। मध्य प्रदेश का समृद्ध इतिहास मौर्य राजवंश के काल तक रहा है। लेकिन उससे भी पहले पाषाण काल के लोगों द्वारा प्रागैतिहासिक काल में भीमबेटका गुफाओं को चित्रित किया गया था।
गुप्त की राजधानी रहे उज्जैन शहर ने अपने समय में गौरव शिखर को छुआ और उसकी ख्याति पूरी दुनिया में फैली। इस क्षेत्र में कई सामा्रज्यों का शासन रहा जिन्होंने अपने गौरव और संपदा की निशानी के तौर पर कई किले, मंदिर और महल पूरे मध्य प्रदेश में छोड़े। जैसे जैसे आप मध्य प्रदेश घूमते हैं आप इसके पुरातात्विक वैभव में खो जाते हैं। आप यहां के कुशल कारीगरों द्वारा पत्थरों पर गढ़े गए जुनून और वीरता के पलों के प्रेम पड़ जाएंगे।
खजुराहो की कामुक मूर्तियां, ग्वालियर का शानदार किला, उज्जैन और चित्रकूट के मंदिर या ओरछा की छतरियां सभी वास्तुकला के अच्छे उदाहरण हैं। खजुराहो, सांची और भीमबेटका को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है।
मध्य प्रदेश की आदिवासी संस्कृति मध्य प्रदेश के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण भाग है। यहाँ मुख्य रूप से गौंड और भील आदिवासी रहते हैं। आदिवासी कला और कलाकृतियां पर्यटन के आकर्षण का प्रमुख स्त्रोत हैं। लोक संगीत और नृत्य देश की कलात्मक विरासत है। मध्यप्रदेश के हर इलाके की अपनी संस्कृति है और अपनी धार्मिक परम्पराएं हैं जो उनके उत्सवों और मेलों में अपना रंग भरती हैं।
अच्छी रणनीतिक जगह स्थित होने के कारण देश के किसी भी हिस्से से मध्य प्रदेश आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप भारत के किसी भी शहर से मध्य प्रदेश में हवाई, सड़क या रेल मार्ग से पहुंच सकते हैं।
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल की सूचि – Madhya Pradesh Tourist Place in Hindi
1). भोपाल
राज्य की राजधानी यह शहर पुरातात्विक संपदा से भरपूर है। 11 वीं सदी में परमार राजा भोज ने भोजपाल नगरी बसाई थी। भोजपाल का ही बिगड़ा हुआ रूप बाद में भोपाल कहलाया। पुराने महल और मस्जिदें और भीेड़ भरे बाजार देखने लायक हैं। यह जगह आपको दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी की भी याद दिलाती है।
2). उज्जैन
इस नगर का उल्लेख उपनिषदों तथा पुराणों में भी मिलता है। इसका प्राचीन काल से ही अस्तित्व है। प्राचीन काल में उज्जैन अवंती राज्य(महाजनपद) की राजधानी थी। अकबर के समय में उज्जैन मालवा प्रांत (सूबा) का एक जिला था। इस काल में उज्जैन भारत के प्रमुख शहरों में से एक था। 18 वीं सदी में इस नगर पर पहले मराठों, उसके बाद होल्कर वंश के शासकों का शासन रहा। इसके उपरांत 1818 ई. में यह नगर ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गया। कंपनी ने इसे जिला मुख्यालय बना दिया। उज्जैन में ही कमिश्नरी का मुख्यालय भी है।
3). खजुराहो
यह जगह मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण है। मंदिर के पत्थरोें में कामुक कल्पनाएं गढ़ी गई हैं। इन मूर्तियों के रंग दिन की बदलती रौशनी के साथ बदलते हैं।
5). ग्वालियर
भारतीय इतिहास का गौरवशाली अध्याय ग्वालियर के किलों और महलों में जिंदा हो उठता है। यह शहर कई लड़ाइयों, रक्त और मौतों का गवाह रहा है।
6). कान्हा
कान्हा टाइगर रिजर्व को रुडयार्ड किनलिंग ने मशहूर किया। यह एशिया का सबसे बेहतरीन और सबसे अच्छी तरह प्रशासित नेशनल पार्क है। वन्य जीव प्रेमियों के लिए यह अनूठा आकर्षण है।
5). ओरछा
यह बुंदेलों की राजधानी रहा है और यहां मशहूर ओरछा किला है जो कि वास्तुकला का एक आश्चर्य है।
6). बंधवगढ़
मध्य भारत के दिल में बसे विंध्य पर्वत श्रृंखला में स्थित बंधवगढ़ नेशनल पार्क में देश के सबसे ज्यादा बाघ रहते हैं। यहां पर हाथी सफारी का भी आनंद लिया जा सकता है।
7). शिवपुरी
ग्वालियर से 112 कि मि दूर स्थित शिवपुरी सिन्धिया राजवंश की ग्रीय्मकालीन राजधानी हुआ करता था। यहां के घने जंगल मुगल शासकों के शिकारगाह हुआ करते थे। यहां सिन्धिया राज की संगमरमर की छतरियां और ज्योर्ज कासल, माधव विलास महल देखने योग्य हैं। शासकों के शिकारगाह होने की वजह से यहां बाघों का बडे पैमाने पर शिकार हुआ। अब यहां की वन सम्पदा को संरक्षित कर माधव नेशनल पार्क का स्वरूप दिया गया है।
8). भीमबेटका
भीमबेटका पाषाण आश्रय स्थल एक आर्कियोलॉजिकल साईट और पाषाण काल और भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन जीवन दृष्टी को दर्शाने वाली जगह है, और यही से दक्षिणी एशियाई पाषाण काल की शुरुवात हुई थी। यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है और रातपानी वाइल्डलाइफ अभ्यारण्य के पास ही अब्दुलगंज शहर के समीप है। यहाँ पर स्थापित कुछ आश्रय होमो एरेक्टस द्वारा 1,00,000 साल पहले हुए बसाये हुए है। भीमबेटका में पायी जाने वाली कुछ कलाकृतियाँ तो तक़रीबन 30,000 साल पुरानी है। यहाँ की गुफाये हमें प्राचीन नृत्य कला का उदाहरण भी देती है। 2003 में इन गुफाओ को वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया था।
9). भोजताल
भोजताल जिसको बड़े तालाब के नाम से भी जाना जाता है एक बड़ा तालाब है। जो भोपाल मध्य प्रदेश के पश्चिमी तरफ मौजूद है। भोपाल वासियों के लिए यह एकमात्र पीने के पानी का स्रोत है। लगभग 40% आबादी रोजाना 30 मिलियन गैलन पानी इस्तेमाल करती है। बड़ा तलाब छोटा तालाब मिलकर भोज वेटलैंड बनाते हैं। जिसको आजकल रामसर साइट के नाम से जाना जाता है।
10). वन विहार
वन विहार, भोपाल का राष्ट्रीय उद्यान है और यह शहर के केंद्र में स्थित है। यह पार्क 445 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे ऐसी जगह बनाया गया है जहां से पूरा शहर साफ दिखाई देता है। यह स्थल, भोपाल आने वाले पर्यटकों के बीच विख्यात जगह है, हर साल हजारों पर्यटक यहां की सैर के लिए आते है।
11). गौहर महल
गौहर महल मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के बड़े तालाब के किनारे वी.आई.पी. रोड पर शौक़त महल के पास बड़ी झील के किनारे स्थित है। यह वास्तुकला का ख़ूबसूरत नमूना कुदसिया बेगम के काल का है। इस तिमंजिले भवन का निर्माण भोपाल राज्य की तत्कालीन शासिका नवाब कुदसिया बेगम (सन् 1819-37) ने गौहर महल को 1820 ई. में कराया था।
12). ताजुल मस्जिद
ताजुल मस्जिद अथवा ‘दारुल उलूम ताजुल मस्जिद’ भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थित है। यह मस्जिद विश्व की तीसरी बड़ी मस्जिद के रूप में शुमार होती है। प्रत्येक वर्ष तबलीगी जमात का तीन दिवसीय इज्तिमा भी नियमित रूप से इसी मस्जिद में होता है, जिसमें देश-विदेश की ज़मातें शिरकत करती हैं। इस मस्जिद का मुख्य वास्तुकार ‘अल्लारखा’ था।
13). तानसेन स्मारक
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के स्तंभ महान संगीतकार तानसेन जो कि अकबर के नवरत्नों में से एक थे, उनका स्मारक यहां स्थित है, यह मुगल स्थापत्य का एक नमूना है। तानसेन की स्मृति में ग्वालियर में हर वर्ष नवम्बर में तानसेन समारोह आयोजित होता है।
14). बिरला संग्रहालय
बिरला मंदिर, भोपाल पर्यटन की एक और झलक है जिसे यह ध्यान में रखकर बनाया गया था कि इसे मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के रूप में जाना जाएं। इस संग्रहालय में कई प्रकार की कला और कला सामग्री है जो पर्यटकों को राज्य के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करते है।
भोपाल में इस तरह का अकेला संग्रहालय यही है और यह राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। इस संग्रहालय में भोपाल की आदिम काल और मध्यकाल की कई वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। इतिहास प्रेमी, यहां आकर पुरापाषाण काल और नव पाषाण काल के कई उपकरणों को देखने के लिए उत्साहित रहते है।
इस संग्रहालय में कई मूर्तियों को भी रखा गया है जो 7 वीं और 13 वीं सदी के बीच की हैं। 2 शताब्दी से पहले के सिक्के और पांडुलिपि भी यहां प्रदर्शन के लिए रखी गई है। इसके अलावा, इस संग्रहालय में एक शानदार अद्भुत मॉडल, भीमबेटका रॉक आश्रय भी रखा हुआ है।