हकलाना-तुतलाना 15 दिन में ठीक करे | Haklane Ka Ilaj in Hindi

Stammering Treatment in Hindi – हकलाने-तुतलाने वाले इंसान को कई जगह शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता हैं। हालाँकि यह बीमारी ज्यादातर बच्चो में पायी जाती हैं। और समय रहते इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो ये बड़े होने पर भी रह जाती हैं। बच्चे भी इस समस्या की वजह से अपना आत्मविश्वास खो देते हैं। तो चलिए जानते हैं इसका घरेलु इलाज…

हकलाने का कारण और घरेलु इलाज | Haklane Ka Treatment In Hindiहकलाना या तुतलाना क्या हैं – Stammering Meaning in Hindi

हकलाना या तुतलाना जिसे English में stammering या stutter के नाम से जाना जाता है। अगर सीधे-सीधे शब्द में समझे तो हकलाने का मतलब होता है रुक रुक कर बोलना। यह एक प्रकार का विकार है जिसमे एक ध्वनि या शब्द की पुनरावृत्ति शामिल है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार यह बीमारी पैदाइश या चिंता, गुस्सा और तनाव में रहने कारण भी हो सकता हैं।

लक्षण – Stammering – Stuttering Symptoms

  • किसी शब्द की शुरुआत करने में समस्या होना
  • कुछ शब्दों को बोलने से पहले हिचकिचाहट महसूस करना
  • कुछ आवाज निकलने से पहले उह..आ जैसा विस्मय बोधक शब्द का बार बार इस्तेमाल करना
  • एक शब्द या वाक्यांश और एक विशिष्ट ध्वनि, अक्षर या शब्द की पुनरावृत्ति
  • होंठ या चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से में जबड़े जकड़न या तनाव होना

आयुर्वेदिक घरेलु रामबाण इलाज – Home Remedies for Stammering in Hindi

  • सुबह मक्खन में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से कुछ ही दिनों में हकलाहट दूर हो जाती हैं।
  • दालचीनी का एक जरा सा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहने से तुतलाना हकलाना बंद हो जाता है।
  • यदि बच्चे एक ताजा-हरा आंवला रोजाना कुछ दिन तक चबाएं तो उनका तुतलाना-हकलाना दूर हो जाता है। जीभ पतली और आवाज साफ आने लगती है। मुंह की गर्मी भी दूर होती है।
  • बादाम की गिरी सात एवं काली मिर्च के साथ – दोनों को एक बूंद पानी में घिसकर चटनी सी बना लें और उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर चाटे। इससे सुबह खाली पेट 15 दिनों तक ले। तुतलाना और हकलाना दूर हो जाएगा।
  • आयुर्वेद के मुताबिक हकलाने की बीमारी में ब्राह्मी तेल के इस्तेमाल को बहुत हीं फायदेमंद बताया गया है। ब्राह्मी तेल को हलका गर्म कर के सफ्ताह में कम से कम दो बार 15 से 20 मिनट तक सर का मसाज करने से हकलाने की समस्या ख़त्म होती है।
  • तेजपात को जीभ के नीचे रखने से रुक रुक कर बोलना और हकलाना व तुतलाना ठीक हो जाता है।
  • एक हरा आंवला बच्चे को रोज खिलाने से हकलाने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • फूला हुआ सुहागा सहद में मिलाकर जीभ पर रगड़ने से हकलाना ठीक हो जाता है।
  • अगर आप बचपन से हीं छुआरों का सेवन करते है तो आपकी आवाज़ साफ़ हो जाएगी साथ हीं शब्दों का उच्चारण भी सही तरीके से कर सकेंगे। छुआरे का सेवन करने से हकलाहट की समस्या भी दूर हो जाती है। रोजाना रात को सोने से पहले एक या दो छुआरा खा कर उसके बाद कम से कम 2 घंटों तक पानी न पीयें। लगभग 10 से 15 दिनों तक ऐसा करने से आपके आवाज़ को आराम मिलेगा। साथ हीं साथ हकलाना भी ख़त्म हो जायेगा।
  • कुछ धनिया पत्ते लें और गोल्डन शावर फूलों की लुगदी के साथ इसका मिश्रण बनाएं। तरल बनाने के लिए कुछ पानी के साथ इस मिश्रण को पीस ले। आप 21 दिनों के लिए इस मिश्रण के साथ कुल्लाकरें  तो जीभ की सतह काफी पतला हो जाएगी। यह हकलाने की समस्याओं को कम करने में मदद करता है 

इन बातों का ध्यान रख के छोड़ सकते हैं हकलाना – Haklana Tutlana Treatment in Hindi

  • ख़ुद को बताइये कि आप ठीक हो जाएँगे। जब आप सोचते हैं कि आप हकलाएंगे, तब आप उसके होने की संभावना को बढ़ा देते हैं। अपने दिमाग और शरीर, दोनों को रिलैक्स कराइए।
  • किताबों को ऊँचे आवाज में पढ़िये इससे आपका आकर्षण कौशल बढ़ेगा। बस, ज़ोर से पढ़िये। शुरू में तो यह कठिन लगेगा, मगर इससे आपको सांस लेने की शिक्षा मिलेगी। हकलाने वाले व्यक्तियों की एक बड़ी समस्या, यह जानना होती है, कि पढ़ते और बोलते समय सांस कब ली जाये, साथ ही आपको हकलाहट से बाहर आने का अभ्यास होगा।
  • शीशे के सामने खड़े हो जाइए, और कल्पना करिए कि दिखने वाला व्यक्ति कोई और है और किसी भी चीज़ के बारे में बातें करना शुरू करिए – आपका दिन कैसा रहा, आप कैसा महसूस कर रहे हैं, बाद में आप क्या खाएँगे – और देखिये कि आपकी हकलाहट गायब हो जाएगी।
  • माता पिता, जो अपने बच्चों के हकलाने पर बहुत चिंता दिखाते हैं, अपने बच्चे को अलग थलग करने का रिस्क उठाते हैं और उसको अपनी हकलाहट के बारे में और अधिक सेल्फ़ कोंशस (self conscious) कर देते हैं। इससे बच्चे के विकास में सहायता मिलने की जगह नुकसान होता है।
  • जब बच्चा हकलाता है, तब बीच में टोके बिना, उन्हें अपने विचारों को बता लेने दीजिये। जब वे हकलाएँ, तो उन्हें अपना प्यार और स्वीकृति दीजिये।
  • एक धीमी गति से आराम से एक एक शब्द बच्चे को बोलने के लिए कहिए। शब्दों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए। उदाहरण के लिए, “गेंद”, “लाल गेंद,” “एक बड़ा लाल गेंद,” “यह एक बड़ी लाल गेंद है।” इस प्रक्रिया को अपनाकर बच्चे के हकलाने को धीरे धीरे ठीक किया जा सकता है।
  • यदि आपकी हकलाहट किसी के सामने बढ़ जाती हो, तो उन्हें साफ़ साफ़ बता दीजिये, ताकि आप नर्वस न हों। जैसे कि, जब कोई ऐसा हो, जिसे आप पसंद करते हों, तब उन्हें बता दीजिये, और वे समझ जाएँगे।
  • इस बीमारी का डॉक्टरी इलाज स्पीच थिरेपिस्ट के द्वारा किया जाता हैं। स्पीच थिरेपिस्ट आमतौर पर रुकावट का उतना इलाज नहीं करते हैं, जितना कि वे रोगियों को वोकल ट्रेनिंग सेशन्स देते हैं, ताकि हकलाहट का असर उनके कम्युनिकेशन पर “कम से कम” हो जाये। रोगी तब इन तकनीकों का अभ्यास वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में करते हैं।

Stammering Problem Solution in Hindi

हकलाने की समस्या दूर करने के लिए सबसे जरुरी हैं व्यायाम। अगर आप सही तरीके से व्यायाम करते हैं तो किसी दवा की जरुरत नहीं पड़ेगी। आप इस तरह से व्यायाम करे –

  • इन शब्दों को अपने जुबान से व्यायाम करे – ए, ई, आई, ओ, यू, (इन शब्दों को जोर से बोले और सही वॉर्ड बोलने का कोशिर करे)
  • अपने जीभ को ऊपर के तलवे को टच करे। जितना ज्यादा हो सके खोले।
  • जीभ को अपने मुँह के चारो तरफ घूमने का कोशिश करे और बार-बार करे।
  • गहरी सांस लें वो भी मुंह के माध्यम से और धीरे-धीरे साँस छोड़ें, सांस लेने के बाद तुरंत सांस छोड़ें।

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