Chicken pox in hindi / चेचक रोग (चिकन पॉक्स) बहुत पुराना रोग है। आयुर्वेद के ग्रंथों में इसका वर्णन मिलता है। यह एक वायरल संक्रमण है जो वेरिसेला जोस्टर के वायरस की वजह से होता है। ये बीमारी ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलती है। हालांकि वयस्कों में भी कई बार यह बीमारी देखने को मिलती है। चेचक रोग हवा के माध्यम से या लार, बलगम और संक्रमित व्यक्ति के दानों से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है। आइये जाने इसके और भी कारण और घरेलु इलाज..
Chicken Pox Mata in Hindi – Chicken pox kitni baar hota hai
चेचक रोग जब भी किसी व्यक्ति को होता है तो दो से तीन दिन में यह पूरे शरीर को अपनी चपेट में ले लेते हैं और 10 से 15 दिन इसे ठीक होने में लग जाते हैं लेकिन इसके कारण जो हमारे चेहरे पर दाग पड़ते हैं, उसे ठीक होने में लगभग पांच से छ: महीने लग जाते हैं। यह रोग उन लोगो को सबसे ज्यादा होता है, जिन्हें बचपन में इसका टीका न लगाया गया हो या जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो।
चिकन पॉक्स से पीड़ित आदमी द्वारा इस्तेमाल की जा रही वस्तुओं से भी यह वायरस फैल जाता है। जिन लोगो को दाद हैं, उनसे भी चिकन पॉक्स फैलने का डर बना रहता है, क्योंकि दाद की वजह भी वेरिसेला जोस्टर वायरस ही होता है। यह रोग बसंत ऋतू या ग्रीष्म ऋतू में होता है अगर इसका उपचार जल्दी न किया जाए, तो चेचक वाले व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इस रोग के कारण चेहरे पर दाग और अंधापन जैसी समस्या भी हो जाती है। जब भी किसी गर्भवती महिला को चेचक हो जाता है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
चिकन पॉक्स के लक्षण – Symptoms of Chicken Pox in Hindi
रोग का उद्भवकाल दो सप्ताह का कहा जाता है, लेकिन इससे कम का भी हो सकता है। चेचक का प्रारंभिक लक्षण जी मिचलाना, सिर दर्द, पीठ में तथा विशेषकर त्रिक प्रांत में पीड़ा, शरीर में ऐंठन, ज्वर, गलशोथ, खाँसी, थकान, गला बैठ जाना तथा नाक बहना होते हैं, जो दो तीन दिन तक रहते हैं।
तीसरे या चौथे और कभी-कभी दूसरे ही दिन चेचक का विशेष झलका (rash) दिखाई देता है। इसकी स्थिति और प्रकट होने का समय रोग की विशेषता है। छोटे-छोटे लाल रंग के धब्बे (macules) पहले ललाट और कलाई पर होते हैं, फिर क्रमशः बाहु, धड़, पीठ और अंत में टाँगों पर निकलते हैं। इनकी संख्या ललाट और चेहरे पर तथा अग्रबाहु और हाथों पर, तथा इनमें भी प्रसारक पेशियों की त्वचा पर, अधिक होती है। बाहु, छाती का ऊपरी भाग तथा कुहनी के मोड़ के सामने के भाग इनसे बहुत कुछ बच जाते हैं। कक्ष (axilla) में तो निकलते ही नहीं।
चेचक के प्रकार – Types of chicken pox in hindi
रोमान्तिका (दुलारी माता) – Dulari Mata Chickenpox
जब किसी व्यक्ति को रोमान्तिका का रोग हो जाता है तो इसके दाने उसके शरीर की त्वचा के रोमकूपों पर निकलते हैं। इसलिए इस चेचक को रोमान्तिका कहते हैं। इस प्रकार के चेचक से पीड़ित रोगी की मृत्यु नहीं होती है। इस रोग में निकलने वाले दाने 2-3 दिन में ठीक हो जाते हैं। यह रोग 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अधिक होता है। इस रोग के दाने बहुत बारीक होते हैं। चेचक का रोमान्तिका रोग अपने आप ही ठीक हो जाता है।
मसूरिका (छोटी माता या शीतला माता) – Choti Mata Chickenpox
जब किसी व्यक्ति को चेचक का मसूरिका रोग हो जाता है तो उसके शरीर पर मसूर की दाल के बराबर के दाने निकलने लगते हैं। इसलिए इसे चेचक का मसूरिका रोग कहते हैं। इस चेचक को ठीक होने में कम से कम 11-12 दिनों का समय लग जाता है। कभी-कभी इस चेचक को ठीक होने में बहुत अधिक समय भी लग जाता है। इस चेचक के कारण शरीर पर घाव भी हो जाते हैं, जिससे रोगी के शरीर में कहीं-कहीं निशान भी पड़ जाते हैं। इस रोग के कारण त्वचा पर पड़े निशान कम से कम 2 महीने के बाद साफ होते हैं। यह बहुत ज्यादा संक्रामक रोग है। इस रोग के दाने कम से कम 10 दिनों में निकल आते हैं। जब यह रोग आक्रमक होता है तो रोगी के शरीर पर बहुत सारे दाने निकल आते है और इनके निकलने के 5-6 घण्टों के अन्दर ही इनमें पीब भर जाती है और दाने 1-2 दिनों में फफोलों की तरह त्वचा पर नज़र आने लग जाते हैं। यदि इस रोग का उपचार सही से किया जाए तो यह कुछ ही दिनों में ये ठीक हो जाते हैं।
बड़ी माता – Badi mata Chicken pox
चेचक रोग में बड़ी माता से पीड़ित व्यक्ति को बहुत अधिक परेशानी होती है। इस चेचक के रोग को ठीक होने में कम से कम 20 से 30 दिनों का समय लग जाता है तथा इसके निशान त्वचा पर जीवन भर रहते हैं।
निरोधक उपाय – Chickenpox Vaccine – Tika
रोग टीका रोग को रोकने का विशिष्ट उपाय है। जिस वस्तु का टीका लगया जाता है, वह इस रोग की वैक्सीन होती है, जिसको साधारण बोलचाल में लिंफ कहते हैं। यह बछड़ों में चेचक (cow pox) उत्पन्न करके उनमें हुई स्फोटिकाओं के पीव से तैयार किया जाता है। टीका देते समय शुद्ध की हुई त्वचा पर, स्वच्छ यंत्र से खुरचकर, लिंफ की एक बूँद फैलाकर यंत्र के हैंडिल से मल दी जाती है। इससे रोगक्षमता उत्पन्न होकर रोग से रक्षा होती है। यह टीका वैक्सिनेशन कहलाता है और शिशु को प्रथम मास में लगाया जा सकता है। तीसरे मास तक शिशु को अवश्य लगवा देना चाहिए। स्कूल में बालक को भेजने के समय फिर लगवाना चाहिए। 4 से 10 वर्ष की आयु में एक बार फिर लगवा देने से जीवनपर्यंत रोग के प्रतिरोध की क्षमता बनी रहती है। रोग की महामारी के दिनों में टीका लगवा लेना उत्तम है।
चेचक का घरेलु उपचार – Home remedies for chickenpox in hindi
- रुद्राक्ष को शुद्ध जल में घिसकर दिन में तीन बार देने से चेचक में लाभ होता है।
- बच्चे को लौंग का उबला हुआ पानी अधिक से अधिक मात्रा में देने तथा फिटकिरी के घोल से कुल्ले करवाने पर खसरा में लाभ होता है।
- चेचक रोग से पीड़ित रोगी को पूरे दिन में कई बार पके नारियल का पानी चेचक के दागों पर लगाना चाहिए। इस प्रकार से प्रतिदिन कुछ दिनों तक उपचार करने से चेचक के दाग ठीक होने लगते हैं।
- तुलसी की 12 पतियों को 3 कालीमिर्च के साथ पीसकर गर्म जल से दिन में दो बार देने से चेचक के दाने शीघ्र ही सूख जाते हैं।
- नीम की पत्तियों को बच्चे के सिरहाने, पायताने, कमरे के दरवाजे और चारों कोने में रखने से चेचक एवं खसरे का प्रकोप शांत हो जाता है। इसका पेस्ट बना करा भी चिकनपॉक्स से प्रभावित जगह पर लगाने ठीक होता हैं।
- यदि चेचक के दाग बहुत अधिक पुराने हो गए हो तो ये बहुत मुश्किल से ठीक होते हैं। जब चेचक के दाने सूखकर झड़ने लगें तो उन पर साफ गीली मिट्टी का लेप अच्छी तरह से कुछ दिनों तक लगातार लगाने से चेचक के दाग कुछ ही दिनों में दूर हो जाते हैं तथा रोगी का चेहरा भी साफ हो जाता है।
- यदि बच्चे को चेचक निकलने की आशंका हो तो उसे नित्य प्राप्त काल तुलसी के पत्तों का रस देने से यह शांत हो जाता है।
उपचार – Chechak ka gharelu upay
1). बेकिंग सोडा – Baking soda
बेकिंग सोडा इस बीमारी के लिए अचूक उपाय हैं। इसमें मौजूद एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण चकत्तों और खाज को कम करने का काम करते हैं और त्वचा की खुजली, दर्द को कम करता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
बेकिंग सोडा का चेचक को ठीक करने के लिए दो तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। पहला थोड़ा सा बेकिंग सोडा और पानी ले और इसका पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अच्छे से शरीर पर लगा लें। इस पेस्ट को शरीर पर ही सूख जानें दें। और दूसरा तरीका हैं की नहाने इतना गर्म पानी एक बाल्टी में भर ले और उसमे आधा कप बेकिंग सोडा मिला कर फेट ले। अब इस पानी में लगभग 15 से 20 मिनट तक शरीर को डुबोए रखें। आप देखेंगे जल्दी लाभ मिलना शुरू हो जायेगा।
2). शहद से इलाज – Shahad se Chickenpox ka Ilaj
शहद उन सभी प्राकृतिक गुणों से संपन्न होता है, जिसका इस्तेमाल कर आप चिकन पॉक्स को ठीक कर सकते हैं। शहद न सिर्फ चकत्तों को कम करेगा, बल्कि निशान मिटाने में मदद करेगा।
कैसे करें इस्तेमाल?
थोड़ा सा शहद लें और खुजली व चकत्तों वाली जगह पर लगाए। इसे कम से कम 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद साफ पानी से धो ले। यह एंटीबैक्टेरियल गुणों से भरपूर होता हैं, जल्दी आराम मिलेगा।
3). हर्बल टी इस्तेमाल करे – Harbal tea for chickenpox
हर्बल चाय भी प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर होती है। जो रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करती है। इनमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण चिकन पॉक्स से उभरने में सहायता करते हैं। आप कैमोमाइल, तुलसी, मैरीगोल्ड और लेमन बाम जैसी गुणकारी जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल चाय का सेवन भी कर सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल?
इसके इस्तेमाल आप एक हर्बल टी बैग को कुछ मिनटों के लिए गर्म पानी में डुबो कर रखें। चाय को छान लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और पिए। इसमें आप दालचीनी पाउडर या नींबू का रस भी मिला सकते हैं।
4). सेंधा नमक से इलाज – Black Salt
चिकनपॉक्स को ठीक करने के लिए सेंधा नमक को एक बेहतरीन औषधि मन जाता हैं, क्यूंकि यह एंटी माइक्रोबियल गुणों से समृद्ध होता है। इसका एंटीइंफ्लेमेटरी गुण खुजली-चकत्तों को कम करने का काम करता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
नहाने योग्य गर्म पानी एक टब में भरे और इसमें थोड़ा सेंधा नमक मिला ले। आप चाहे तो इसमें एक चम्मच लैवेंडर का तेल भी मिला सकते हैं। अब इस पानी से 15 – 20 मिनट तक शरीर धोये। जल्दी लाभ मिलेगा।
5). अदरक से चेचक का इलाज – Adarak se Chechak ka Ilaj
अदरक में भी एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गन होते हैं। यह चेचक के साथ खुजली को भी काफी हद तक कम कर देगा।
कैसे करें इस्तेमाल?
अदरक का पाउडर ले और अपने नहाने वाला पानी में मिलाये। अब इसमें 15 से 20 मिनट तक शरीर को भिगोए रखें। यह उपाय चिकन पॉक्स के छाले और चकत्तों को ठीक करने में आपकी मदद करेगा।
चिकन पॉक्स में आहार – Diet For Chicken Pox in Hindi
- चेचक पीड़ित व्यक्ति को दूध, मूंग की दाल, रोटी, हरी सब्जियां, मौसमी फल या उसका जूस देना चाहिए। फल में आम, खुबानी, पपीता, चेरी, अंजीर, अनानास, सेब और नाशपाती खाएं।
- रोगी को गर्म मसाले वाला भोजन, तली हुई वस्तु, ठंडी या गर्म चीजें नहीं देनी चाहिए।
- चॉकलेट, नट्स, अंगूर, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, संतरे और गेहूं, ओट्स व चावल जैसे साबुत अनाज के सेवन से बचे।
चिकन पॉक्स में जरुरी बातें – Chicken pox Safety Tips
- रोगी के कमरे के बाहर नीम की टहनी लटका देनी चाहिए, कुछ पत्ते उसके बिस्तर पर बिछा देने चाहिए।
- जो गर्भवती महिलाएं होती है, उन्हें चेचक के रोगी से दूरी बना कर रखनी चाहिए। अगर वो इसकी चपेट में आ जाए तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो बाल अवस्था के दौरान ज्यादा देखी जाती है। इसलिए बच्चो को जल्दी वेरिसेला वैक्सीन लगवाना चाहिए।
बहुत ही अच्छे से आपने समझाया है । वैरी nice पोस्ट