बाला किला (अलवर किला) का इतिहास | Bala Fort Alwar History in Hindi

Bala Fort Alwar / बाला किला राजस्थान के अलवर जिला में स्थित हैं। यह अलवर किले के नाम से भी जाना जाता हैं। यह किला किला शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित है। इसका निर्माण 1550 में हसन खान द्वारा किया गया था।

बाला किला (अलवर किला) का इतिहास | Bala Fort Alwar History in Hindi

बाला किले की जानकारी – Bala Fort Information in Hindi

‘बाला किला’ किला अर्थ हैं ‘नया किला’ है। यह किला समुद्र तल से 1960 फुट ऊंचाई पर स्थित हैं। जोकि 8 किमी की परिधि में फैला हुआ है। दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए खास तौर से इसे तैयार किया गया था। यह किला कायमखानी शैली में बना हुआ है। दुश्मन पर बंदूकें चलाने के लिए किले की दीवारों में करीब 500 छिद्र हैं, जिनमें से 10 फुट की बंदूक से भी गोली चलाई जा सकती थी।

बाला किला से शहर का भव्य रूप नजर आता है। यहाँ छह प्रमुख द्वार जयपोल, लक्ष्मण पोल, सूरजपोल, चांदपोल, अंधेरी द्वार और कृष्णा द्वार से बाला किला तक पहुंचा जा सकता है। दुश्मनों पर नजर रखने के लिए 15 बड़े 51 छोटे बुर्ज और 3359 कंगूरे हैं। यह स्मारक अपने चिनाई के माक और भव्य संरचनात्मक डिज़ाइन के लिए प्रसिद्द है।

बाला किले का इतिहास – Bala Quila Alwar History in Hindi

बाला किले पर निकुंभ, खान जादा, मुगलों, मराठों, जाटों राजपूतों का शासन रहा हैं। हसन खान मेवाती ने 1551 ईस्वी में इस किले का निर्माण किया था। इसके बाद, अलवर किला पर मुगलों, मराठों और जाटों ने शासन किया था। अंत में 1775 में कच्छवाहा राजपूत प्रताप सिंह ने इस किले पर कब्जा कर लिया और इसी समय अलवर शहर की नींव रखी। बाबर, मुग़ल सम्राट ने किले में एक रात बिताई थी जबकि जहांगीर निर्वासन अवधि के दौरान तीन साल तक रहे और उस समय उन्होंने इसे सलीम महल के रूप में नामित किया। किले के जिस कमरे में जहांगीर ठहरा था, उसे सलीम महल के नाम से जाना जाता है।

किले की वास्तुकला – Architecture of Alwar Fort in Hindi 

यह किला अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। अंदर से विभिन्न भागों में बंटा हुआ है। एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए कई तरफ से सीढ़ियां हैं। अलवर किला राजस्थान में सबसे बड़े किलों में गिने जाते हैं। किले कई शैलियों में बनाया गया है और किले की दीवारों में सुंदर शास्त्र और मूर्तियां बनाई गई हैं।

इन सुंदर नक्काशीयों के अलावा किले में सूरज कुड, सलीम नगर तलाव, जल महल और निकुंभ महल पैलेस जैसे अन्य उल्लेखनीय इमारतों भी शामिल है। किले में एक मंदिर है। बाला किला क्षेत्र में कुंभ निकुंभों की कुलदेवी, करणी माता मंदिर, तोप वाले हनुमान जी, चक्रधारी हनुमान मंदिर, सीताराम मंदिर सहित अन्य मंदिर, जय आश्रम, सलीम सागर, सलीम बारादरी स्थित हैं।

कैसे पहुंचे – Tour Guide of Bala Fort

सरिस्का क्षेत्र में आने के कारण वन विभाग की ओर से दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए रेट निर्धारित है, जबकि बाला किला में प्रवेश निशुल्क है। वर्तमान में यह पर्यटक स्थल के रूप में विकसित है।

सड़क मार्ग से : अलवर किला 6 किमी की दूरी पर अलवर शहर के पश्चिम में बाला किला रोड पर स्थित है। कोई भी रिक्शा ,बस या पैदल चलकर भी यहाँ आसानी से पहुंच सकता है।

रेल द्वारा: अलवर रेलवे स्टेशन राजस्थान के बाकी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जैसे दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई, बीकानेर, पाली, जयपुर, अहमदाबाद।

वायु से: जयपुर हवाई अड्डा और दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अलवर किला से निकटतम हवाई अड्डा है। इन हवाई अड्डों से कोई भी भारत भर में आसानी से यात्रा कर सकता है।


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