Manali Himachal Pradesh / मनाली, हिमाचल प्रदेश के कुल्लु जिले का एक हिस्सा है जो हिमाचल की राजधानी शिमला से 250 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह स्थान पर्यटकों की पहली पसंद है और ऐसा हिल स्टेशन है जहां पर्यटक सबसे ज्यादा आते है। समुद्र तल से 2050 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मनाली व्यास नदी के किनारे बसा हुआ है। सर्दियों में मनाली का तापमान 0° से नीचे पहुँच जाता है। मनाली में आप यहाँ के ख़ूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के अलावा हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायकिंग जैसे खेलों का भी आनंद उठा सकते हैं। यह स्थान हनीमून गंतव्य के रूप में फेमस है।
मनाली का संक्षिप्त परिचय – Manali Information in Hindi
नाम | मनाली (Manali) |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
ज़िला | मनाली, कुल्लू |
प्रसिद्धि के कारण | मनाली हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित कुल्लू घाटी का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। |
भाषा | हिंदी |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर-32°16’12.0, पूर्व-77°10’12.0 |
एस.टी.डी. कोड | 01901 |
ऊँचाई | 2,050 |
मनाली की जानकारी – Manali History & Facts in Hindi
मनाली कुल्लू से उत्तर दिशा में केवल 40 किमी की दूरी पर लेह की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाटी के सिरे के पास स्थित है। मनाली भारत का प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल है। मनाली के जंगली फूलों और सेब के बगीचों से छनकर आती सुंगंधित हवाएँ दिलो दिमाग को ताज़गी से भर देती हैं। सबसे पहले बर्फ़ से ढकी हुई पहाडियाँ, साफ़ पानी वाली व्यास नदी दिखाई देती है। दूसरी ओर देवदार और पाइन के पेड़, छोटे-छोटे खेत और फलों के बागान दिखाई देते हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनाली का नाम मनु से उत्पन्न हुआ है जिन्हे सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रहमा ने बनाया था। ऐसा माना जाता है कि मनु इसी जगह पर जीवन के सात चक्रों में बने और मिटे थे। मनाली की हिंदू धर्म में काफी मान्यता है जिसे जीवन के 7 चक्रों रिवर्स सेज से सम्बन्धित माना जाता है।
यह जगह जब शरद ऋतु आती है तो नीला आसमान एकदम निर्मल दिखाई देने लगता है। दिसंबर महीने तक हरियाली चली जाती है, लेकिन अब भी जंगल में लंबे-चौड़े देवदार के ऊंचे पेड़ सिर उठाए खड़े रहते हैं। सर्दियां आने पर पहाड़ों की ढलानों पर बर्फ की सफेद चादर-सी बिछ जाती है। इस बात में कोई शक नहीं कि यह पश्चिमी हिमालय की सबसे खुशनुमा जगह है।
मनाली, यहां होने वाली साहसिक गतिविधियों के कारण भी जाना जाता है, यहां कई साहसिक गतिविधियों का आयोजन समय – समय पर किया जाता है जैसे – पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग, नदी राफ्टिंग, ट्रैकिंग, जॉरविंग और पैराग्लाइडिंग। मनाली के पास में रोहतांग दर्रा, देव डिव्वा बेस कैंप, पिन नार्वती पास, बाल झील आदि है जो पर्यटकों को अवश्य भाते हैं। मनाली में माउंटेन बाइकिंग भी की जा सकती है लेकिन यहां बाइकिंग करने का अच्छा और उचित समय सितम्बर के महीने में होता है। इस दौरान सड़को पर बर्फ जमा नहीं होती है और गाड़ी फिसलने का डर नहीं रहता है।
मनाली से हस्तशिल्प का सामान और कालीन (कारपेट) की ख़रीददारी सैलानी अक्सर करते हैं। मनाली के ऊन के शॉल भी काफ़ी लोकप्रिय हैं। इन शॉलों को कशीदाकारी से सजाया जाता है। मनाली के बाज़ारों में तिब्बती हस्तशिल्प का सामान बड़ी मात्रा में मिलता है। घर की सजावट, उपहार और स्मारिकाओं की निशानी के तौर पर इन्हें ख़रीदा जा सकता है।
इसे मानव बस्तियों की अंतिम सीमा मानने के कारण इसे प्राचीन समय में कुलांतपीठ भी कहा जाता था। लेकिन महाकाव्यों-रामायण, महाभारत और विष्णु पुराण में इसका उल्लेख इसी नाम से हुआ है।
मनाली के पर्यटक स्थल – Manali Famous Tourist Places in Hindi
1). रोहतांग पास या रोहतांग दर्रा – Rohtang Pass in Hindi
यह दर्रा, दुनिया की सबसे ऊंची चलने वाली रोड़ है जहां हर साल लाखों पर्यटक इस लॉफी पहाड़ पर भ्रमण करने आते हैं। यह दर्रा समुद्र स्तर से 4111 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जहां से मनाली का शानदार दृश्य दिखाई पड़ता है। मनाली से इस दर्रा की दूरी 51 किमी. है। यहां से पहाडों, सुंदर दृश्यों वाली भूमि और ग्लेशियर का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। इन सभी के अलावा इस पर्यटन स्थल में आकर पर्यटक ट्रैकिंग, माउंटेन बाइकिंग, पैरालाइडिंग और स्किंईंग भी कर सकते हैं।
2). सोलांग घाटी – Solang Valley Manali in Hindi
हिमाचल प्रदेश की मनाली घाटी में स्थित सोलंग नाला ऐसा स्थल है जो सैलानियों, साहसिक पर्यटन के शौकीनों, रोमांचक क्रीड़ा प्रेमियों और फिल्मी हस्तियों को बार-बार आने का न्यौता देता दिखता है। सोलांग घाटी मनाली की प्रसिद्ध और नामीगिरामी पर्यटन स्थल है।
300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी पर्यटकों के कौतूहल को बढ़ा देती है। इस घाटी को स्नो प्वांइट के नाम से भी जाना जाता है। यह व्यास कुंड और सोलांग घाटी के बीच में ही स्थित है। सर्दियों के दौरान पर्यटक यहां आयोजित होने वाली स्किईंग प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। यह प्रतियोगिता सर्दियों के दौरान विंटर स्किईंग फेस्टिवल के नाम से आयोजित की जाती है। यहां आकर पर्यटक पैरालाइडिंग, जारॅविंग और घुड़सवारी का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां एक मंदिर भी है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर पहाडी की चोटी पर स्थित है जिसमें साल में हजारों पर्यटक आकर दर्शन करते हैं।
3). भरीगु झील – Bhrigu Lake in Hindi
इस झील का हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व है। यह झील हिमालय नदी के तट पर स्थित है जिसे ऋषि भृगु के नाम पर जाना जाता है। ऋषि भृगु, हिंदू धर्म में माने जाने वाले 7 ऋषियों में से एक है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऋषि भृगु ने इस झील के किनारे ध्यान लगाया था। इस स्थल के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसी जगह ऋषि भृगु ने भृगु समिता लिखी थी, इस समिता से भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी मिल जाती है या कह सकते हैं कि आभास लगाया जा सकता है। पास में ही नेहरू कुंड भी स्थित है जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह कुंड एक प्राकृतिक झरना है जिसे ऋषि भृगु के द्वारा सवांरा गया था।
4). हडिम्बा मंदिर – Hadimba Devi Temple in Hindi
मनाली के प्रमुख आकर्षणों में से एक हिडिम्बा देवी मंदिर प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर ढूंगरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। जो यहाँ की स्थानीय देवी हिडिम्बा को समर्पित है। हडिम्बा, हडिम्ब भगवान की बहन थीं। पगोड़ा शैली में निर्मित लकड़ी के इस मंदिर का निर्माण महाराज बहादुर सिंह ने करवाया था जिनका नाम मंदिर के प्रवेश द्वार पर भी अंकित है। यह मंदिर मनाली में सबसे फेमस जगह है।
इस मंदिर का निर्माण 1553 ई. में एक पत्थर में किया गया था। पत्थर को इस प्रकार काटा गया कि उसका आकर गुफानुमा हो गया। इस पत्थर के अंदर जाकर श्रद्धालु दर्शन कर सकते है और विशेष पूजा का आयोजन कर सकते हैं। कहा जाता है कि राजा ने इस मंदिर को बनवाने के बाद मंदिर बनाने वाले कारीगरों के सीधे हाथों को काट दिया ताकि वह कहीं और ऐसा मंदिर न बना सकें।
5). मणिकर्ण गुरुद्वारा – Manikaran Gurudwara in Hindi
मणिकर्ण कुल्लू जिले के भुंतर से उत्तर पश्चिम में पार्वती घाटी में व्यास और पार्वती नदियों के मध्य बसा है, जो हिन्दुओं और सिक्खों का एक तीर्थस्थल है। समुद्र तल से छह हजार फुट की ऊँचाई पर बसे मणिकर्ण का शाब्दिक अर्थ है, कान की बाली। यहां मंदिर व गुरुद्वारे के विशाल भवनों से लगती हुई बहती है पार्वती नदी, जिसका वेग रोमांचित करने वाला होता है। नदी का पानी बर्फ के समान ठंडा है। नदी की दाहिनी ओर गर्म जल के उबलते स्रोत नदी से उलझते दिखते हैं।
मणिकर्ण में स्थित यह गुरुद्वारा बहुत ही प्रख्यात स्थल है। ज्ञानी ज्ञान सिंह लिखित “त्वरीक गुरु खालसा” में यह वर्णन है कि मणिकर्ण के कल्याण के लिए गुरु नानक देव अपने 5 चेलों संग यहाँ आये थे। गुरु नानक ने अपने एक चेले “भाई मर्दाना” को लंगर बनाने के लिए कुछ दाल और आटा मांग कर लाने के लिए कहा। फिर गुरु नानक ने भाई मर्दाने को जहाँ वो बैठे थे वहां से कोई भी पत्थर उठाने के लिए कहा। जब उन्होंने पत्थर उठाया तो वही से गर्म पानी का स्रोत बहना शुरू हो गया। यह स्रोत अब भी कायम है और इसके गर्म पानी का इस्तमाल लंगर बनाने में होता है। कई श्रद्धालू इस पानी को पीते और इसमें डुबकी लगाते हैं। कहते है के यहाँ डुबकी लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है।
6). मनु मंदिर – Manu Temple in Hindi
मनु हिन्दू धर्म के अनुसार, संसार के प्रथम पुरुष थे। प्रथम मनु का नाम स्वयंभुव मनु था, जिनके संग प्रथम स्त्री थी शतरूपा। ये स्वयं भू (अर्थात होना) ब्रह्मा द्वारा प्रकट होने के कारण ही स्वयंभू कहलाये। इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की सन्तान होने के कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। इन्ही का मंदिर पुराने मनाली क्षेत्र के व्यास नदी के तट पर स्थित है मुख्य बाजार से इस मंदिर की दूरी 3 किमी. है। कहा जाता है कि मनु ने अपने जीवन के 7 चक्रों को इसी क्षेत्र में बिताया था, इसी क्षेत्र में 7 जन्म और 7 मृत्यु हुई थी।
7). नग्गर कैसल – Naggar Castle in Hindi
नग्गर कैसल, एक प्राचीन शाही किला है जो लगभग 500 साल पुराना है। पर्यटकों के बीच फेमस यह स्थल मनाली से मात्र 21 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस मध्ययुगीन किले का निर्माण 1460 ई. के लगभग कुल्लू के राजा सिद्ध सिंह ने करवाया था। यह किला व्यास नदी के तट पर बना हुआ है। इस किले के परिसर में देखने के लिए अन्य आकर्ष और दर्शनीय स्थल भी है जैसे – मंदिर, आर्ट गैलरी आदि। बालीवुड फिल्म जब वी मेट का गाना इसी किले में फिल्माया गया था।
अन्य पर्यटक स्थल – Manali Tour & Travels Guide in Hindi
मनाली में आने वाले धार्मिक पर्यटक व्यास कुंड अवश्य आएं, इस कुंड का वर्णन महाभारत में ऋषि व्यास के संदर्भ में किया गया है। माना जाता है कि ऋषि व्यास ने इसी कुंड में स्नान किया था। कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से त्वचा सम्बंधी समस्त रोग दूर हो जाते हैं। मनाली में स्थित गांव वशिष्ठ सोपस्टोन से बना हुआ है। यह गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, यहां स्थित मंदिर सैंडस्टोन से बने हुए है। इसके अलावा, यहां कई प्राकृतिक झरने भी स्थित हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, लक्ष्मण जी जो भगवान राम के भाई थे, ने यहां एक सल्फर झरने का निर्माण कर दिया था। यहां आकर पर्यटक काला गुरू और रामा मंदिर भी देख सकते हैं।
यहां के जगन्ननाथी देवी मंदिर को आज से 1500 साल पहले बनवाया गया था जो माता भुवनेश्वरी देवी को समर्पित है। यह मंदिर मनाली का मुख्य धार्मिक केंद्र है। जगन्नाथी देवी को भगवान विष्णु की बहन माना जाता है। यहां का अन्य धार्मिक केंद्र रघुनाथ मंदिर भी है जिसे यहां आने वाले सभी पर्यटक और श्रद्धालु घूमने आएं। यह मंदिर भगवान रघुनाथ जी को समर्पित है। इस मंदिर से मनाली के सभी पहाड़ो का एकस्वरूप दिखता है और भारत के उत्तर दिशा में स्थित हिमालय की तलहटी में रहने वाले लोगों के समूह में एक व्यापक सामान्यीकरण भी होता है, यहां के मंदिर की वास्तुकला पिरामिड आकार की है।
मनाली में हिमालयन नेशनल पार्क भी हैं। इस पार्क में 300 से ज्यादा प्रकार के जीव जन्तु है। यह अभयारण्य विलुप्त पक्षियों की अनेक प्रजातियों और पश्चिमी ट्रागोपेन के लिए खासा प्रसिद्ध है। पार्क में 30 स्तनधारी प्रजाति भी पाई जाती हैं।
मनाली और उसके आसपास के हरेभरे क्षेत्र एक तरफ तो आपको सैर करने की दावत देते हैं तो दूसरी ओर ऊंचे-ऊंचे पर्वत पर्वतारोहकों को चुनौती देते हुए लगते हैं। अगर आप अपनी छुट्टियों में और अधिक रोमांच के क्षण चाहते हैं, तो आपके लिए हेली स्कीइंग के सर्वाधिक लोकप्रिय स्थल भी यहां पर हैं।
मनाली कैसे पहुंचे – Manali Himachal Pradesh in Hindi
वायुमार्ग
मनाली से 50 किलोमीटर की दूरी पर भुंटार में नज़दीकी हवाई अड्डा है। मनाली पहुँचने के लिए यहाँ से बस या टैक्सी की सेवाएँ ली सकती हैं।
रेलमार्ग
जोगिन्दर नगर नैरो गैज रेलवे स्टेशन मनाली का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है जो मनाली से 135 किलोमीटर की दूरी पर है। मनाली से 310 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ नज़दीकी ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन है।
सड़क मार्ग
मनाली हिमाचल और आसपास के शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम की बसें अनेक शहरों से मनाली जाती हैं।
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