दंतशूल का घरेलु आयुर्वेदिक इलाज Dantshul

दांतों और मसूड़ों में साथ या गलन होने से जड़ के पास कोई जगह खाली हो जाती है। बाद में खाते-पीते समय दांत पर दबाव पड़ने से दर्द होती है। इसके लिए यह उपचार करें।

दंतशूल का घरेलु आयुर्वेदिक इलाज Dantshul

दंतशूल के घरेलु उपचार –

पके हुए अन्नानास का रस रुई के फाहे से लगाने पर दंत शूल नष्ट होता है।

ज्वार के दानो को जलाकर राख बना ले। फिर सेंधा नमक पीसकर दानो की राख को मिलाकर दातों पर मलने से उनका हिलना व दर्द शीघ्र ही कम हो जाता है।

अकरकरा को पीस-छानकर, नौसादर तथा अफीम एक-एक रत्ती और एक कपूर आधी रक्ति मिलाकर दांतो के बीच खाली स्थान में भरने से दंतशूल नष्ट होता है।

विजयसार के पत्तों को सुखाकर पीस ले और सरसों के तेल में मिलाकर लगाएं। इससे भी दंतशूल जल्दी खत्म होता है।

अकरकरा का चूर्ण बनाकर किसी कपड़े से छानकर दांतो पर मलने से भी दंतशूल नष्ट होता है।

मसूड़ों की बीमारियों के इलाज में नींबू हर तरह से लाभप्रद है। सबसे पहले, नींबू एंटी-इन्फ्लामेटरी (anti-inflammatory) है जो संक्रमित मसूड़े के इलाज में मदद करता है। यही नहीं, इसमें विटामिन सी भी है, जो आपके मसूड़ों के संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है।

विटामिन-सी की भरपूर मात्रा वाले अन्य फल और भोजन, जैसे संतरा, अंगूर, अमरूद, कीवी, आम, पपीता, शिमला मिर्च और स्ट्रॉबेरी भी मसूड़ों की बीमारी के इलाज में बहुत प्रभावी हैं। विटामिन-सी एंटीऑक्सीडेंट है, और एंटीऑक्सीडेंट संयोजी उतकों (connective tissue) के विकास और हड्डी के पुनर्जन्म को बढ़ाते हैं, जो विभिन्न मसूड़ों की बीमारियों से प्रभावित हो सकते हैं।

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