Ujjayanta Palace / उज्जयंत महल (उज्जयंत पैलेस) त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित एक शाही महल है। इस पैलेस में हाल तक त्रिपुरा राज्य की एसेंबली हुआ करती थी पर अब नई एसेंबली बन जाने के बाद पैलेस में त्रिपुरा स्टेट म्यूजियम शिफ्ट कर दिया गया है। इंडो-ग्रीक शैली के इस महल को महाराजा राधाकिशोर माणिक्य ने बनवाया था। सफेद रंग का ये महल अपनी भव्यता में देश के कई बड़े राजमहलों को मात देता प्रतीत होता है।
उज्जयंत महल की जानकारी – Ujjayanta Palace, Agartala Tripura in Hindi
अगर त्रिपुरा के उत्कृष्ट वास्तुशिल्पीय निर्माण की बात की जाए तो उसमें अगरतला के उज्जयंता महल का नाम सबसे पहले आएगा। यह महल एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। 1899 से 1901 के बीच बने इस महल के मुख्य डिजाइजर मेसर्स मार्टिन एंड कारपोरेशन के सर एलेक्जेंडर मार्टिन थे। नोबल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ टैगोर ने इसे उज्जयंता महल नाम दिया था।
यहां एंट्री लेने के साथ ही आप किला और संग्रहालय दोनों का आनंद ले सकते हैं। यहां वास्तुकला, पेंटिंग, वस्त्र, सिक्के, आयल पेंटिंग्स, स्केच, जनजातीय चित्रकला आदि के नमूने देखे जा सकते हैं। संग्रहालय की ज्यादातर तस्वीरें हिंदू और बौद्ध संस्कृति से जुडी हैं। इन्हें अगरतला के अलावा उदयपुर, पीलक, राधानगर आदि जगहों से लाकर संग्रहित किया गया है। ज्यादातर वास्तुचित्र यहां नौवीं से 13वीं सदी के बीच के हैं। यहां शक काल के सिक्के के अलावा त्रिपुरा के महाराजा बीरचंद माणिक्य की ओर चलाए गए सिक्के भी देखे जा सकते हैं।
उज्जयंत महल का इतिहास – Ujjayanta Palace History in Hindi
उज्जयंत महल (Ujjayanta Mahal) का निर्माण महाराजा राधा किशोर मानिक ने सन् 1899-1901 ई. के दौरान करवाया था। किले में तीन गुंबद हैं। तीनों की ऊंचाई 86 फीट है। किले के निर्माण में लकड़ी की छतों का सुंदर इस्तेमाल देखने को मिलता है। किले के चारों तरफ चार मंदिरों का भी निर्माण कराया गया है। हरित परिसर में तालाब के किनारे मूर्तिकला के भी कुछ सुंदर नमूने देखे जा सकते हैं जो त्रिपुरा की कलाप्रेमी आवाम से आपको रूबरू कराते हैं। त्रिपुरा अंग्रेजी राज में प्रिंसले स्टेट हुआ करता था। देश आजाद होने के बाद 9 सितंबर 1949 को तत्कालीन महारानी कंचनप्रभा देवी और भारत सरकार के बीच हुए समझौते के बाद ये राज्य भारत सरकार का अंग बना।
अब किले के भवन की दोनों मंजिलों संग्रहालय बनाया गया है। इस संग्राहलय में मानव विकास की कहानी, पूर्वोत्तर के राज्यों के बारे में जानकारी देती तस्वीरें लगी हैं। यहां तस्वीरों में आप पूरे त्रिपुरा का इतिहास देख सकते हैं। राज्य के सभी दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी ली जा सकती है।
वास्तुकला – Ujjayanta Palace Architecture
महल में एक सिंहासन कक्ष, दरबार हॉल, रिसेप्शन हॉल और लाइब्रेरी है। इसके अलावा यह महल छोट-छोटे गार्डन से घिरा हुआ है। मुख्य द्वार के दोनों तरफ दो विशाल तालाब बने हैं जो मुगलकालीन निर्माण शैली की याद दिलाते हैं। किले का भवन दो मंजिला है। इसे महाराजा राधा किशोर माणिक्य ने बनवाया था। महल करीब 800 एकड़ में फैला है और इसके परिसर में ही जन्नाथ और उमामहेश्वर मंदिर स्थित है।
इस महल में तीन गुंदबनुमा डिजाइन बने हुए हैं। महल के अंदरूनी भाग को लकड़ी की बेहतरीन नक्काशी से सजाया गया है। इसमें लगे विशाल दरवाजे में भी बेहद बारीकी से काम किया गया है। ऐसा माना जाता है कि उस समय महाराजा ने इस महल के निर्माण में करीब 10 लाख रुपए खर्च किए थे।
कैसे पहुंचे –
अगरतला भारत के अन्य हिस्सों से रेल और सड़क मार्ग से आसानी से जुड़ा हैं। यहां का संग्रहालय सोमवार को बंद रहता है। शेष दिनों में 10 से 5 बजे तक खुला रहता है। संग्रहालय में क्वालीफायड गाइड आपकी सहायता के लिए निःशुल्क उपलब्ध होते हैं।
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