टी ट्री ऑयल के फायदे और नुक़सान – Tea Tree Oil Benefits and Side Effects in Hindi

बालों का झड़ना हो या चेहरे से जुड़ी कोई समस्या Tea Tree Oil आपकी सारी परेशानियां दूर कर सकता हैं क्योंकि इसके के कई अनोखे फायदे होते हैं। इसमें एंटी माइक्रोबियल, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कवकनाशी, कीटनाशक, उत्तेजक और एंटी बैक्टीरियल गुण हैं जिससे कि यह हमारे घर तथा शरीर में प्रयोग करने के लिए बिलकुल सुरक्षित है। यह फंगल इन्फेक्शंस तथा जुओं पर भी काफी अच्छा काम करता है।

टी ट्री एसेंशियल आयल ना तो यह चाय के साथ जुड़ा है जो अक्सर हम पीतें हैं और ना ही ये टी आयल के साथ संबंधित है जो चाय के बीज से निकाला जाता है। इसके बजाय, यह मेललेउका आल्टर्निफोलिया (Melaleuca Alternifolia) नामक टी ट्री (Tea Tree) की टहनियों और पत्तियों से भाप के माध्यम से (steam distillation) निकाला जाता है। टी ट्री ऑयल ऑस्ट्रेलिया के साउथ ईस्ट क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स में पाया जाता है, जिसके कारण इस देश का यह एक लोकप्रिय तेल है। इसके प्रभावशाली गुण दुनिया के अन्य भागों में भी फैले चुके हैं, इसलिए आज यह अंतर्रांष्ट्रीय स्तर पर पाया जाता है।

Tea Tree Oil

टी ट्री ऑयल के फायदे – Tea Tree Oil Benefits in Hindi

1). शरीर की दुर्गंध

शरीर की दुर्गंध एक जटिल समस्या है, जिससे पूरा व्यक्तित्व प्रभावित हो सकता है। जिन लोगों के शरीर से अधिक पसीना निकलता है, उनके साथ यह परेशानी ज्यादा होती है। पसीने के साथ शरीर पर बैक्टीरिया भी पनपते हैं, जो आमतौर पर शरीर की दुर्गंध का कारण बनाते हैं । इससे निजात पाने लिए टी ट्री ऑयल के फायदे उठाए जा सकते हैं। यह एक गुणकारी तेल है, जो अपने एंटीबैक्टीरियल गुण से शरीर के जीवाणुओं से लड़ने का काम कर सकता है।

2). मुंहासे के लिए –

मुंहासे ऐसी समस्या है, जो किसी को भी हो सकते हैं और इनके होने की कोई एक वजह नहीं होती। ऐसे में टी ट्री ऑयल का उपयोग सेहत के साथ त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है। इस एसेंशियल ऑयल में एंटीसेप्टिक और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंहासों से निजात पाने में मदद कर सकते हैं । इसके लिए एक कॉटन बॉल पर थोड़ा-सा एसेंशियल ऑयल लगा कर प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिल सकता है। इस तरह उपयोग करने से स्किन के लिए टी ट्री ऑयल फायदेमंद हो सकता है।

3). रूसी और खुजली

टी ट्री ऑयल बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। बालों से जुड़ी समस्याएं जैसे रूसी और खुजली से निजात पाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित रिसर्च में इसके एंटीफंगल गुणों पर प्रकाश डाला गया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि टी ट्री ऑयल के एंटीफंगल गुण रूसी का कारण बनने वाले फंगस को खत्म करके रूसी से निजात दिलाने में लाभदायक हो सकते हैं । हेयर के लिए टी ट्री ऑयल के उपयोग के तरीके बारे में आगे बताया गया है। बालों से लीख दूर करने में भी यह मदद कर सकता है।

4). वायरल संक्रमण

वायरल संक्रमण बहुत खतरनाक होते हैं और अक्सर ये वायरस बहुत कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं। ये वायरस “पुटी” नामक एक सुरक्षा कवच अपने आसपास विकसित करते हैं। कुछ वायरस हर बार एक नया पुटी सक्रिय कर लेते हैं जैसे आम सर्दी वायरस। ये वायरस कभी भी स्वाभाविक रूप से नही मरते हैं। यह वायरल संक्रमण जैसे आम सर्दी, इन्फ्लूएंजा, गलसुआ, खसरा, चेचक के इलाज में भी मदद करता हैं। नहाने के पानी में कुछ बूंदे चाय का तेल मिला देने से मौसमी वायरल बुखार आदि का प्रभाव कम हो जाता है, क्‍योंकि यह एंटी वायरल भी है।

5). insects के लिए

यह एसेंशियल आयल बैक्टीरिया और वायरस के लिए बहुत घातक और कीड़े या कीट के खिलाफ बहुत प्रभावी होता है। टी ट्री आयल एक कुशल कीट निवारक है। अगर अपने शरीर पर इस तेल को मल लिया जाए तो यह परजीवी और जैसे अन्य कीड़ों मच्छरों, फ्लीस या मक्खियों आदि को आपके आस पास आने नही देता है। यह आंतरिक कीड़ों को भी मारता है जैसे आंत के कीड़े, क्योंकि यह आपके शरीर और त्वचा द्वारा अच्छी तरह से अवशोषित (absorbed) किया जा सकता है।

6). इम्युनिटी सिस्टम

इस तेल का हार्मोन के स्राव, रक्त परिसंचरण और सबसे अधिक प्रतिरक्षा प्रणाली पर उत्तेजक प्रभाव पड़ता हैं। यह संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और संक्रमण के कई अन्य प्रकारो के खिलाफ एक ढाल के रूप में कार्य करता है। यही कारण है कि यह अरोमाथैरेपी में भी काफी लोकप्रिय है, इसलिए नही कि यह अन्य तेलों के साथ अच्छी तरह से मिक्स किया जाता है, बल्कि यह कई अन्य आंतरिक लाभ भी देता है, किंतु आंतरिक लाभो के लिए आपको इस आवश्यक तेल को निगलने की ज़रूरत नही है।

7). चोट और घाव के लिए

किसी भी तरह की चोट या घाव को ठीक करने के लिए आप टी ट्री ऑयल का सहारा ले सकते हैं. इसके लिए आप रुई के फाहे को ऑयल में डुबोकर चोट या घाव पर दिन में दो-तीन बार लगाएं। एंटी बैक्टीरियल होने की वजह से ये तेल काफी फायदा पहुंचाएगा।

8). ब्लैकहेड्स के लिए

टी ट्री ऑयल के एंटीमिक्राबियल गुण न केवल मुंहासे ठीक करने में मदद करते हैं, बल्कि काले दाग धब्बों को हटाने में भी मदद करते हैं। मुल्तानी मिट्टी में इस तेल की कुछ बूंदें और थोड़ा पानी डालें और गाढ़ा पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद इसे धो लें।

9). ओरल हेल्थ

मुंह को स्वस्थ बनाए रखने में भी टी ट्री ऑयल के फायदे देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच ब्रांडी और तीन चम्मच टी ट्री ऑयल मिलाकर उससे कुल्ला करने से मुंह से जुड़ी कई समस्याओं से आराम मिल सकता है। यह घोल मुंह के अल्सर, मसूड़ों के दर्द व बदबूदार सांस से निजात पाने में मदद कर सकता है। टी ट्री ऑयल को लेकिन ध्यान रखें कि कुल्ला करते वक्त यह आपके मुंह के अंदर न जाए।

10). साइनस संक्रमण में

साइनस खोपड़ी के वो खोखले छिद्र होते हैं, जो सांस लेने में मदद करते हैं। जब किसी बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण इनमें संक्रमण हो जाता है तो उसे साइनस संक्रमण (साइनसाइटिस) कहते हैं । इसके लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं, जो साइनस में होने वाले इंफेक्शन और सूजन को खत्म करके साइनस से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं । माना जाता है कि युकलिप्टुस ऑयल के साथ टी ट्री एसेंशियल ऑयल को लगाने से श्वास से जुड़ी समस्यों से आराम पाने में लाभदायक हो सकता है।

टी ट्री ऑयल के नुक़सान – Tea Tree Oil Side Effects in Hindi

1). कुछ लोगों में टी ट्र्री ऑयल की अधिक मात्रा उपयोग करने पर त्‍वचा की सूजन और जलन की समस्‍या हो सकती है। मुँहासों के लिए उपयोग करने पर कभी-कभी यह तेल त्‍वचा की सूखापन और खुजली का कारण बन सकता है।

2). युवा लड़कों की त्‍वचा पर टी ट्री का उपयोग करने पर हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। कुछ मामलों में तेल के परिणामस्‍वरूप लड़को के स्‍तन वृद्धि का कारण बन सकता है। टी ट्री आयल का सेवन करते समय विशेष सावधानी बरतें, क्‍योंकि इस तेल के शक्तिशाली पदार्थ गले में अतिसंवेदनशील झिल्‍ली को चोट पहुंचा सकते हैं। किसी भी उद्देश्‍य के लिए टी ट्री ऑयल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्‍टर से परामर्श करें।

3). कुछ दुर्लभ मामलों में, कुछ लोग एलर्जी के रूप में इस तेल के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।

4). एलर्जी के रूप में इस तेल के साइड इफेक्ट काफी गंभीर हो सकते हैं और इनमें मतिभ्रम, उनींदापन, कोमा, अस्थिरता, गंभीर चकत्ते, उल्टी, दस्त, सामान्य कमजोरी, पेट खराब, जैसी असामान्यताएं शामिल है।

5). टी ट्री ऑयल को लगाते वक्त यह आपकी आंखों और मुंह में शरीर के अंदर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।

टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कैसे करे – Tea Tree Oil Kaise Use Kare

1). संक्रमण से आराम पाने से लिए आधा कप पानी में एक-दो बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल मिलाकर कॉटन बॉल की मदद से इसे प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।

2). नहाते समय एक बाल्टी गुनगुने पानी में पांच-छह बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल मिलाकर नहाने से शरीर की दुर्गंध कम हो सकती है।

3). टी ट्री ऑयल बेनिफिट्स के तहत इस तेल की दो से तीन बूंदें डिफ्युजर में डालकर कमरे में रखने से श्वास से जुड़ी समस्या से आराम मिल सकता है।

4). एक गिलास गुनगुने पानी में एक-दो बूंद टी ट्री ऑयल मिलाकर कुल्ला करने से मुंह को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

5). नारियल/जैतून के तेल में इसकी दो-तीन बूंदें मिलाकर स्कैल्प पर मसाज करने से टी ट्री ऑयल बालों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

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