Sikkim Tourism Place / हिमालय की गोद में बसा भारत का छोटा-सा राज्य है सिक्किम, जिसे ‘पूर्व का स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। सिक्किम को भारत के सुन्दर शहरों में से एक माना जाता है और प्रकृति के वरदान से भरी यह जादुई जगह हिमालय पर्वत क्षेत्र में स्थित है। यहां के आसमान को छूती हुईं धुंध से ढंकी पहाड़ियां। तीस्ता नदी का कल-कल करता हुआ पानी पहाड़ों की सैर करता हुआ मैदानों में उतरता है। यह राज्य है तो छोटा, लेकिन यहां के नजारे लाजवाब हैं।
सिक्किम के दर्शनीय व पर्यटन स्थल – Information About Sikkim Tourism Place in Hindi
सिक्किम एक पहाड़ी इलाका है जो हिमालय पर्वत इलाके में बसा है। सिक्किम राज्य में कई पहाड़ी जगह हैं जिनकी उंचाई 280 मीटर से 8,585 मीटर तक है। राज्य का सबसे उंचा बिंदु माउंट कंचनजंगा है, जिसे पृथ्वी की तीसरी सबसे ऊँची चोटी के रूप में भी जाना जाता है। सिक्किम की सीमा के पूर्व में भूटान, पश्चिम में नेपाल और उत्तर में तिब्बत की ऊँची चौरस भूमि पड़ती है।
माना जाता है कि 17 वी शताब्दी में फंतासोंग, नामग्याल राजवंश सिक्किम के पहले राजा थे। इसी राजवंश ने 1975 में भारतीय संघ में सिक्किम के विलय तक इस क्षेत्र पर शासन किया। संविधान के 38 वें संशोधन के अनुसार 26 अप्रैल, 1975 को सिक्किम भारत का 22वां राज्य बनाया गया।
इस राज्य में करीबन 28 पहाड़ की चोटियाँ हैं, करीबन 227 अत्यधिक उंचाई वाले तालाब और 80 हिमनदियां हैं। एक ऐसी चीज़ जो यहाँ की भौगोलिक स्थिति को और अनोखा बनाती है वह है यहाँ मौजूद करीब 100 नदियाँ और धार और कई प्रमुख गर्म सोता। सिक्किम का गर्म सोता जिसका स्वाभाविक औसतन तापमान 50 डिग्री सेल्सियस होता है, काफी ख़ास है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसमें कई रोगों को दूर करने की ताकत है। इस जगह की भौगोलिक स्थिति पर ध्यान देने से पता चलता है कि सिक्किम का करीबन एक तिहाई भाग घने जंगलों और बर्फ से ढकी धाराओं की श्रृंखलाओं से घिरा है जो तीस्ता नदी से आकर जुड़ती है, जिसे ‘सिक्किम की जीवन रेखा’ भी कहते हैं।
राज्य की अर्थव्यवस्था मूलरुप से कृषि पर आधारित है। मक्का, चावल, गेहूं, बड़ी इलायची, अदरक और संतरा राज्य की मुख्य फसलें हैं। भारत में बड़ी इलायची का सबसे बड़ा उत्पादन राज्य सिक्किम है। राज्य की कुल भूमि का सिर्फ 10 से 12 प्रतिशत क्षेत्र ही कृषि के लिए उपलब्ध है। इस समय यहां व्यावसायिक और बागवानी फसलों के उत्पादन पर अधिक जोर दिया जा रहा है।
यहां आपको ऊंचे-ऊंचे धूपचंदन और अन्य पेड़ों के बीच से अजीब-सी छोटी-छोटी बस्तियां झांकती नजर आ जाएंगी। पहाड़ी के ऊपर जाएंगे तो वहां आपको सौम्य और मनमोहक झीलें नजर आएंगी। पुराने रहस्यमय से नजर आने वाले मठ भी दिखेंगे।
जितनी खूबसूरत जगह, उतना ही खूबसूरत मौसम है सिक्किम का। सिक्किम भारत के उन चुनिन्दा राज्यों में आता है जहाँ हर साल नियमित तौर पर बर्फ़बारी होती है। यहाँ का मौसम उत्तरी क्षेत्र में टुन्ड्रा से पूर्वी क्षेत्र में उपोष्णकटिबंधीय मौसम में बदल जाता है। उत्तरी क्षेत्र, जहाँ टुन्ड्रा मौसम पाया जाता है, हर साल चार महीने के लिए बर्फ से ढका रहता है और यहाँ का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाता है।यहाँ का मौसम सुहाना इसलिए भी रहता है क्योंकि यहाँ का तापमान गर्मियों में कभी 28 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादातर बढ़ता नहीं है और ठण्ड में 0 डिग्री सेल्सियस पर जमता नहीं है। मानसून मौसम थोड़ा खतरनाक है क्योंकि इस दौरान यहाँ भारी बारिश होती है जिससे भूस्खलन होने का डर रहता है और पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि वह इस समय यहाँ आने से बचें।
ऊपर जो जलवायु परिस्थितियां बताई गई हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए पर्वतारोहण वाले इस पहाड़ी राज्य में अप्रैल और मई के महीने यात्रा के लिए अच्छे हैं। यह साल का वह वक्त होता है, जब ऑर्किड और रोडोडेन्ड्रंस की छटा पूरे पहाड़ी राज्य में छाई होती है।
सिक्किम में देखने लायक जगह – Sikkim Tourist Place in Hindi
1). गंगटोक
सिक्किम की राजधानी गंगटोक बेहद मनमोहक है। यह शहर समुद्र तल से 1800 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। पहाड़ियों की ढलान पर दोनों ओर आकर्षक इमारतें दिखाई देती हैं। शहर में पारंपरिक रीति-रिवाजों और आधुनिक जीवनशैली का अनोखा मेल देखने को मिलता है। यह एक खूबसूरत शहर है जहां जरूरत की हर आधुनिक चीजें आसानी से मिल जाती हैं।
2). युक्सोम
यह सिक्किम की पहली राजधानी थी। कहते हैं सिक्किम के पहले श्रेष्ठ शासक ने 1641 में तीन विद्वान लामाओं से युक्सोम का शुद्धिकरण कराया था। नोर्बुगांगा कोर्टेन में इस समारोह के अवशेष आज भी मौजूद है। सिक्किम का इतिहास ही यहां से शुरू होता है, इसलिए इस जगह को पवित्र स्थान समझा जाता है। युक्सोम फेमस माउंट कंचनजंघा की चढ़ाई के लिए बेस कैम्प भी है।
3). सोम्गो लेक
यह झील एक किलोमीटर लंबी, अंडाकार है। स्थानीय लोग इसे बेहद पवित्र मानते हैं। मई और अगस्त के बीच झील का इलाका बेहद खूबसूरत हो जाता है। सोम्गो लेक में दुर्लभ फूल देखे जा सकते हैं। इनमें बसंती गुलाब, आइरिस और नीले-पीले पोस्त शामिल हैं। झील में जलीय जीव और पक्षियों की कई प्रजातियां मिलती हैं। यह जगह लाल पांडा के लिए भी जानी जाती है। सर्दियों में झील का पानी जम जाता है।
4). नाथुला दर्रा
14,200 फीट की ऊंचाई पर, नाथुला दर्रा भारत-चीन सीमा पर स्थित है। यह सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वशासी क्षेत्र से जोड़ता है। यह सफर अपने आप में आनंद देने वाला अनुभव है. धुंध से ढंकी पहाड़ियां, टेढ़े-मेढ़े रास्ते और पहाडों से झरते झरने यह रास्ता तो अद्भुत है। इस जगह जाने के लिए पर्यटकों के पास परमिट होना चाहिए।
5). डो-द्रुल कॉर्टेन
तिब्बती बौद्ध केनिंगमा ऑर्डर के प्रमुख ने इसे 1945 में बनवाया था। यह सिक्किम के सबसे खूबसूरत स्तूपों में से एक है। यहां 108 प्रार्थना चक्के लगे हैं. इसमें कई मांडला सेट्स हैं, अवशेषों का एक सेट और कुछ धार्मिक सामग्रियां भी हैं। यहां बौद्ध गुरुओं की प्रतिमाएं भी हैं।
6). पेलिंग
पेलिंग तेजी से लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। 6,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित इसी जगह से दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट कंचनजंघा को सबसे करीब से देखा जा सकता है। पेलिंग बेहद खूबसूरत है, यहां घूमने लायक जगह हैं सांगा चोइलिंग मोनास्ट्री, पेमायंगत्से मोनास्ट्री और खेचियोपालरी लेक।
7). रूमटेक मोनास्ट्री
यह भव्य मठ सिक्किम के जाने-माने टूरिस्ट स्पॉट्स में से एक है. इसी जगह पर 16वें ग्यालवा कर्मापा का घर है। मठ में अनोखी कलाकारी दिखती है। गोल्डन स्तूप इस मठ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
8). सिक्किम रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी
यह राष्ट्रीय स्तर पर तिब्बती अध्ययन और अनुसंधान केंद्र के तौर पर जाना जाता है। यह संस्थान दुर्लभ पांडुलिपियों, बौद्ध धर्म से जुड़ी पुस्तकों और संकेतों के व्यापक संग्रह के तौर पर प्रसिद्ध है। यह भवन तिब्बती वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो ओक और सनौबर के छोटे जंगल से घिरा हुआ है। इस संस्थान में कला से जुड़ी धार्मिक कलाकृतियां और रेशम से एम्ब्रायडरी वाली अद्भुत पेंटिंग्स भी हैं।
9). जवाहर लाल नेहरू बॉटेनीकल गार्डन
1987 में बना जवाहरलाल नेहरू बॉटेनीकल गार्डन रुमटेक मठ के पास स्थित है। इस जगह की देखरेख सिक्किम सरकार का वन विभाग करता है। उद्यान की खासियत है ओक, अलग-अलग तरह के पेड़ और ऑर्किड्स के जंगल।
कैसे जाएँ –
सिक्किम का अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है। सबसे पास का एयरपोर्ट पश्चिम बंगाल में बागडोगरा (सिलिगुड़ी के पास) है। जो सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 125 किलोमीटर दूर स्थित है। बागडोगरा दिल्ली और कोलकाता की नियमित उड़ानों से जुड़ा हुआ हैं। भले ही सिक्किम राज्य हिमालय के निचले हिस्से में हो, यहां सड़कों का एक विस्तृत जाल बिछा है। सिक्किम को पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से से होते हुए भी पहुंचा जा सककता है। दार्जीलिंग, कलिमपोंग और सिलिगुड़ी गंगटोक और राज्य के अन्य शहरों से सीधे जुड़े हुए हैं। लेकिन सिक्किम में रेल नेटवर्क नहीं है। सबसे पास का रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी (सिलिगुड़ी के पास) है, जो गंगटोक समेत पूर्वोत्तर के कई बड़े शहरों से जोड़ता है।
Ye bhuat acchi jagah hai