बरसात का मौसम हमारे शरीर के लिए बीमारियों को आमंत्रित करने वाला मौसम है, क्योंकि इस मौसम में बारिश वजह से कई स्थानों पर जलजमाव, कीचड़ व गंदगी से पैदा होने कीड़े-मौकोड़े, मच्छर व बैक्टीरिया बीमारियां फैलाते हैं। इसके अलावा मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं जो पानी और खाद्य पदार्थों को दूषित कर, शरीर की बीमारियों का कारण बनते हैं। आइये जाने बरसात के मौसम में होने वाले 5 सबसे खास बीमारी के बारे में..
Rainy Season Diseases in Hindi
1). मलेरिया :- मलेरिया विश्व में फैली हुई ऐसी बिमारी है जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं। यह बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। मलेरिया बुखार मादा मच्छर एनोफेलीज़ के काटने से होता है। इस मच्छर में प्लास्मोडियम नाम का परजीवी पाया जाता है जिसके कारण मच्छर के काटने से ये रक्त में फैल जाता है।
2). डेंगू :- डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इस बात का विशेष ध्यान रखें। डेंगू वायरस 3 भिन्न-भिन्न प्रकारों के होते हैं। मच्छर के काटने के 4-7 दिन बाद डेंगू के लक्षण नज़र आते हैं। अगर आपको मौसम बदलने के दौरान ख़ासकर बरसात के समय या उसके बाद तेज़ बुखार, चकत्ते और बदन दर्द होता है, तो डॉक्टर से परामर्श और मेडिकल जाँच कराए।
3) डायरिया :- बरसात के मौसम में इसका प्रकोप सबसे ज्यादा होता है। इसके पीछे अहम कारण गंदगी और खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण होता है, अत: खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखें, पानी उबालकर व छानकर पिएं और हाथ धोने के बाद ही कुछ ग्रहण करें। बार-बार उल्टी और दस्त होना डायरिया के लक्षण हैं। अगर डायरिया का इलाज सही वक्त पर न किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है।
4). हैजा :- हैजा एक बहुत ती भयंकर संक्रामक रोग है। इसके जीवाणु भोजन या जल के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह जीवाणु शरीर में प्रवेश करने के एक या दो दिन पश्चात् ही रोग फैलाते हैं। इस रोग के रोगी के कई अथवा दस्त लगना ,दस्त चावल के माँड जैसा सफेद व पतला होता है। रोगी को प्यास अधिक लगती है तथा पेशाब बन्द हो जाता है। इससे बचने के लिए खाने-पीन संबंधी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरुरी हैं।
5). चिकनगुनिया :- डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। चिकनगुनिया का कारण जीनस अल्फावायरस होता है, जो एडीज प्रजाति के एजिप्टी और एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है जबकि डेंगू का कारण जीनस फ्लेवीवायरस होता है। इसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है। इससे बचने के लिए जलजमाव से बचें, ताकि उसमें पनपने वाले मच्छर बीमारी न फैलाएं।
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