Water Information in Hindi / दुनिया मे लोग अभी किसी बात लेकर चिंतित है तो वो है पर्यावरण सुरक्षा को लेकर और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर हज़ार तरह की बातें होती है पर इसकी सुरक्षा पे अमल नही किया जा रहा है बस कागजो मे सुरक्षा दिखाया जा रहा है। पृथ्वी का वातावरण चेंज हो रहा है और इसका असर पानी मे भी दिखने लगा है।
Importance of Water Essay in Hindi
अगर आज हम इसकी सुरक्षा नही करेंगे तो कल हमे पानी सुरक्षा नही करेगी। एक ओर पानी की सुरक्षा का बात किया जाता है तो दूसरी ओर, तेज़ी से शहरो का विकास हो रहा है। अंधाधुन विकास, पेड़ो को काटकर कंक्रीट के जंगल खड़े किए जा रहे है। तालाबो पाटकर शॉपिंग मॉल खड़े हो रहे है। शहर का सारा कचड़ा नदियो मे बहाया जा रहा है। नदी तटो पर भी अतिक्रमण हो रहा है। बड़ी-बड़ी गाडियो और कारखानो से निकलने वाला कला धुँआ वातावरण को दुसित कर रहा है। इस कारण बादल रूठने लगे है। बारिश कम होने लगी है। नदी मे पानी कम होने लगा है। भूजल स्तर भी लगातार गिर रहा है।
अगर ऐसे ही हालत रहे तो वो दिन दूर नही, जब हमे भी पानी के तलाश मे कई-कई किलोमीटर का सफ़र तय करना पड़ेगा। अटल जी कहा करते थे- “यदि हम लोग जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।”
इसलिए हमे अपने कल के लिए आज से ही जल बचाने के बारे मे सोचना होगा, क्यूंकी जल है तो कल है। बिना जल के जीवन की कल्पना भी नही कर सकते है। और हम अपनी छोटी-छोटी आदतो को से जल को बचा सकते है। पूरे विश्व में 22 मार्च को विश्व जल दिवस ( World Water Day ) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। तो आए जानते है जल के कुछ महत्वपूर्ण बातें और जल सुरक्षा संबंधित जानकारिया।
जल संबंधित महत्वपूर्ण बातें – Facts About Water in Hindi
- पूरे विश्व में धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जिसमे लगभग 2,94,000,00 क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है, जो पीने योग्य नही है बाकी 3% पानी ही शुद्ध है और भी 2% पानी बर्फ के रूप मे है तो इस प्रकार हमारे केवल 1% पानी पीने लायक है।
- हमारे पृथ्वी पर पानी अधिकतर तरल अवस्था मे उपलब्ध होता है क्यूंकी हमारी धरती सोलर सिस्टम की सीध मे स्थित है, अत: यहा तापमान ना तो अधिक रहता है की पानी उबलने लगे और ना ही कम रहता है की पानी बर्फ बन जाए।
- अधिकतर पानी उसनक़ाटिबंधीय क्षेत्रो मे वाष्पीकरण के ज़रिए वातावरण मे पहुँचता है।
- पृथ्वी के उत्तरी गरम इलाक़े मे शुद्ध पानी के अधिकतर स्रोत मौजूद है।
- इस धरती के सूद्ढ़ जल मे से 20% मुक्त जल कनाडा मे पाया जाता है, रूस की बैकल झील मे 20% जल है और बाकी सूद्ढ़ जल विभिन्न नदियो, झील और तालाबो आदि मे पाया जाता है।
जल चक्र क्या है – What is Water Cycle in Hindi
- जल चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होने और एक भण्डार से दूसरे भण्डार या एक स्थान से दूसरे स्थान को गति करने की चक्रीय प्रक्रिया है अत: पानी का वातावरण मे वाष्पीकरण होता है. पुन: यही पानी धरती पे बारिश के रूप मे गिरती है।
- बहता हुआ पानी नदियो मे जाता है और फिर अलग-अलग रस्तो से होते हुए समुंद्र मे चला जाता है।
पानी के उपयोग – Use of Water in Hindi
- नहाने के लिए।
- कपड़े धोने के लिए।
- खाना बनाने और पीने के लिए।
- साफ-सफाई करने के लिए।
- तैरने के लिए।
- विभिन्न प्रकार के प्रॉडक्ट बनाने के लिए।
जल संसाधन – Water Resources
- धरातल के ऊपर से प्राप्त जल – यह बारिश का जल है जो शुद्ध होता है किन्तु सतर्कता ना रखने पर जमीन पर आते आते इसमें कई प्रकार की अशुद्धियाँ घुलने का डर रहता है।
- धरातलीय जल – नदी, तालाब, झील, झरने, डेम, आदि धरातलीय जल के प्रकार हैं।
- अन्त: धरातलीय जल – कुएं, बावड़ी, बोरिंग, चापानल, आदि।
पानी का इस्तेमाल कैसे करे – How to Save Water in Hindi
- अपनी आवश्कता अनुसार पानी का इस्तेमाल करे।
- घर मे पानी का रिशाव ना हो इसकी जाँच करते रहे।
- नलो का इस्तेमाल ध्यान से करे पानी को फालतू बहने से बचाए और बंद रखे।
- नहाने के लिए ज़्यादा पानी का इस्तेमाल ना करे जैसे फुव्वारे के स्थान पे, बाल्टी या टब मे पानी भर के नहाए।
- ऐसे वॉशिंग मशीन या कूलर का इस्तेमाल करे जो ज़्यादा पानी खपत ना करता हो।
- कपड़े, बर्तन, आदि धोते समय आवश्कता अनुसार नल को खोले फालतू पानी बहने ना दे।
- सब्जी या फल धोने के बाद पानी के फेंक ना दे, उसे आप उपयोग मे लाए जैसे पौधो अथवा बगीचो के सिंचाई और धोने के काम आ सकते है।
- तालाब, नदियो, कुओ, समुंद्र, मे कचड़ा ना फेंके।
- पानी की बोतल मे बचे हुए पानी को ना फेंके उसे उपयोग करे जैसे, सिंचाई,धोने के लिए आदि।
- घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थान मे भी ध्यान दे कही पानी बह रहा हो तो उसे रोके और औरो को भी इसके लिए जागरूक करे।
- बारिश के पानी का संरक्षण करे, और उसे इस्तेमाल करे।
- पौधारोपण को वर्षा ऋतु में लगाने के लिये प्रेरित करें जिससे पौधों को प्राकृतिक रुप से पानी मिलें।
- 11 बजे से 4 बजे तक पौधों को पानी देने से बचना चाहिये क्योंकि उस समय उनका वाष्पीकरण हो जाता है। सुबह या शाम के समय पानी देने से पौधे पानी को अच्छे से सोखते हैं।
- और अपने घर के आप-पास या खाली स्थानो मे पौधा लगाए।
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