मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी | Nitish Kumar Biography in Hindi

Nitish Kumar / नीतीश कुमार बिहार राज्य के मुख्यमंत्री हैं तथा जनता दल राजनितिक पार्टी से जुड़े एक प्रसिद्ध भारतीय राजनेता है। नीतीश कुमार आठ बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। वे अपने सुशासन की वजह से देश मे सुशासन बाबू के नाम से मशहूर हुए हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में लोगों को हमेशा अचंभित किया है। वैसे भी उनका राजनीतिक सफर किसी परीकथा से कम नहीं है, जिसमें एक साधारण परिवेश का आदमी केन्द्रीय मंत्री के बाद लंबे समय से बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज है। उन्होंने बहुत सारी नाकामयाबियों के बाद अपने जीवन में एक बहुत बड़ी सफलता अर्जित की है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी | Nitish Kumar Biography in Hindi

बिहार के मुख्यमंत्री – Nitish Kumar Chief Minister 

नीतीश कुमार साल 2000 में पहली बार (एनडीए) बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए थे। इसके बाद से आठ बार मुख्यमंत्री पद की सपथ ले चुके। वे अभी बिहार के 23वे मुख्यमंत्री हैं। वह बिहार के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सीएम हैं। वह अभी जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी से जुड़े हुए हैं और उन्होंने भारत की केंद्र सरकार में मंत्री के रूप में भी काम किया है।

नीतीश कुमार का परिचय – Nitish Kumar ka Jeevan Parichay

पूरा नाम नीतीश कुमार (Nitish Kumar)
जन्म 1 मार्च 1951
जन्म स्थान बख्तियारपुर, बिहार, भारत
पिता का नाम कबिराज राम लखन सिंह
माता का नाम परमेश्वरी देवी
पत्नी का नाम मंजू कुमारी सिन्हा
बेटा का नाम निशांत कुमार
शिक्षा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
धर्म हिन्दू
जाति अनुसूचित जनजाति
कॉलेज बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
राजनेतिक पार्टी जनता दल यूनाइटेड
प्रसिद्धि का कारण मुख्यमंत्री, राजनेता

प्रारंभिक जीवन – Early Life of Nitish Kumar

नितीश कुमार का जन्म बिहार के नालंदा जिले के हरनौट के एक कुर्मी परिवार में 1 मार्च 1951 को हुआ था। उनके पिता का नाम कबिराज राम लखन सिंह और माँ का का नाम परमेश्वरी देवी था। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी और बिहार विभूति अनुगढ़ नारायण सिंह से भी जुड़े हुए थे। उनका एक भाई सतीश कुमार है। उनकी तीन बहनें हैं, उषा देवी, इंदु देवी और प्रभा देवी।

नितीश कुमार की शिक्षा – Nitish Kumar Educational Qualification in Hindi

नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर के श्री गणेश हाई स्कूल से अपनी 12 वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज, के छात्र रहे हैं जो अब राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, पटना के नाम से जाना जाता हैं। वहाँ से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में उपाधि हासिल की थी। इसके बाद में बिहार राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में काम करने लगे और फिर कुछ समय बाद उन्होंने राजनीती में प्रवेश किया।

राजनितिक करियर – Nitish Kumar Political Journey in Hindi

नीतीश ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत जनता पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर ही की। भारत में लगी एकमात्र इमरजेंसी की वजह से कांग्रेस के विरोध में समाजवादी आंदोलन शुरू हुआ था। उस आंदोलन में जनता पार्टी के युवा नेताओं में नीतीश कुमार का भी नाम था। नितीश कुमार राजनीतिज्ञों के समाजवादी वर्ग से जुड़े हुए है। जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, एस.एन. सिन्हा, कर्पूरी ठाकुर और व्ही.पी. सिंह जैसे दिग्गजों की छत्र-छाया में उन्होंने राजनीती का पाठ पढ़ा।

हालाँकि उनका शुरुवाती समय में राजनितिक करियर मुश्किल भरा रहा। 1977 में जब जनता दल अपने पूरे परवान पर थी, नी​तीश बाबू को विधानसभा चुनाव में हार का मूंह देखना पड़ा। इसके बाद 1980 के विधान सभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लगातार दो बार हारने के बाद उनका आत्मविश्वास नहीं टूटा, एक बार फिर 1985 में चुनाव लड़े और इस बार विजय हुए। 1987 में नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें युवा लोकदल का अध्यक्ष चुना गया। यह पहली बार था कि वे किसी महत्वपूर्ण पद का जिम्मा उठा रहे थे। 1989 में उन्हें जनता दल का प्रदेश सचिव चुना गया और पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिला। इस चुनाव में उन्हें जीत भी मिली।

इसके बाद उन्हें केन्द्र में मंत्री बनने का मौका मिला। 1990 के केन्द्रीय मंत्रीमण्डल में उन्हें कृषि राज्य मंत्री के तौर पर काम करने का मौका मिला उस समय NDA की सरकार थी। अगस्त 1999 में गैसल ट्रेन दुर्घटना के बाद रेल्वे मंत्री के रूप में हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए, इस्तीफा दे दिया। रेल्वे मिनिस्टर के पद पर अपने लघु कार्यकाल में सन 2002 में उन्होंने इंटरनेट बुकिंग सुविधा की शुरुवात भी की। जिसमे लाखो लोगो ने रेल्वे टिकट बुक की और साथ ही उन्होंने अपने कार्यकाल में तत्काल टिकट सुविधा भी शुरू की।

बाद में उसी साल, कृषि मंत्री के रूप में वे दोबारा यूनियन कैबिनेट में दाखिल हो गए। 2001 से मई 2004 तक वे फिर से रेल्वे के केन्द्रीय मंत्री बने। सन 2000 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन उन्हें सिर्फ सात दिनों में त्यागपत्र देना पड़ा था। 2004 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने 2 जगहों से चुनाव लढा, जिसमे नालंदा निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें जीत मिली लेकिन पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जनता दल टूटा तो जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई लेकिन बाद में जब इसका जनता दल (यूनाइटेड) में विलय हुआ तो जॉर्ज को किनारे कर शरद यादव को पार्टी सौंप दी।

नवंबर 2005, में नितीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल के बिहार में पंद्रह वर्ष पुरानी सत्ता में उखाड़ फेंकने सफल हुए और मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोसी हुई। उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर बिहार में गठबंधन की सरकार बनाई। 2010 में एक बार फिर उन्होंने अपने बेहतरीन काम की वजह से जनता का समर्थन मिला और वे तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री चुने गए। इस गठबंधन सरकार में शामिल भाजपा के साथ उनके मतभेद लगातार बढ़ते गए, जिसका एक प्रमुख कारण भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी का प्रखर विरोध था। गठबंधन टूट गया लेकिन सरकार चलती रही। 2014 में हुए लोकसभा के चुनावों में पार्टी की बुरी हार की वजह से उन्होंने एक बार फिर अपने पद से इस्तीफा दे दिया और जीतनराम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने।

22 फरवरी 2015 को नितीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री कार्यालय में दाखिल हुए। 2015 के बिहार चुनाव को आज भी अब तक का सबसे मुश्किल चुनाव माना जाता है। इस चुनाव में नितीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के बीच गठबंधन कर महागठबंधन की स्थापना की और बीजेपी पर पलटवार किया। महागठबंधन के दौरान नितीश ने चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग लिया और नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी पर कयी शाब्दिक प्रहार भी किए। अंततः चुनावी नतीजो में महागठबंधन 178 सीटो के अंतर से जीती, जिसमे बीजेपी को सिर्फ 58 सीटे ही मिली।

चुनावी नतीजो में राजद पार्टी 80 सीटे और जदयू 71 सीटे जीतने में सफल रही। इसके बाद पांचवी बार 20 नवम्बर 2015 को उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री पद का ताज पहना और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार के चौथे उप-मुख्यमंत्री बने। 26 जुलाई 2017 को नितीश ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उप-मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद नितीश ने यादव को कैबिनेट से इस्तीफा देने के लिए कहा, लेकिन उनकी इस बात को मानने से राजद ने साफ़-साफ़ मना कर दिया। अपनी स्वच्छ और भ्रष्टाचार विरोधी छवि को बरक़रार रखते हुए नितीश ने 26 जुलाई 2017 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके चलते महागठबंधन टूट गया। और 27 जुलाई को फिर से उन्हें भाजपा के साथ गठबंधन कर बिहार के मुख्यमंत्रि पद की शपथ दी गई।

2022 में बिहार में JDU और BJP के बीच गठबंधन 5 साल बाद फिर टूट गया है। CM नीतीश कुमार ने 09 अगस्त 2022 की शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने तुरंत ही नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी।

10 अगस्त 2022 में जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने फिर बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी नई सरकार में उप मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुवे।

नितीश कुमार कब-कब बनें मुख्यमंत्री – Nitish Kumar Cheap Minister History

संख्या साल कब से कब तक
1   2000 3 मार्च, 2000 से लेकर 10 मार्च 2000
2   2005 24 नवंबर, 2005 से लेकर 24 नवंबर, 2010
3   2010 26 नवंबर, 2010 से लेकर मई 2014
4   2015 22 फरवरी, 2015 से लेकर 19 नवंबर, 2015
5   2015 20 नवंबर 2015 से लेकर 26 जुलाई 2017
6   2017 27 जुलाई 2017 – नवंबर 2020
7 2020 16 नवम्बर 2020 – 09 अगस्त 2022
8 2022 10 अगस्त 2022 – जारी..

निजी जीवन – Nitish Kumar Personal Life in Hindi

22 फरवरी 1973 को नितीश कुमार ने मंजू कुमारी सिन्हा से शादी की, जो पटना में एक स्कूल में अध्यापिका थीं। उन्हें निशांत नाम का एक बेटा है, जिसने B.I.T-मेसरा से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की है। 2007 में 53 साल की उम्र में ही उनकी पत्नी मंजू सिन्हा की मृत्यु हो गयी थी।

सम्मान एवं पुरस्कार – Nitish Kumar Awards 

नितीश कुमार अपने सुशासन और साफ सुथरी क्षवि के लिए मशहूर हैं। उनके जीवन पर कई किताबे भी लिखी गयी हैं जिनमे – अरुण सिन्हा द्वारा लिखित जिसका शीर्षक ‘दी राइज ऑफ़ बिहार’ है। और संकर्षण ठाकुर द्वारा जिसका शीर्षक सिंगल मैन : दी लाइफ एंड टाइम्स ऑफ़ नितीश कुमार ऑफ़ बिहार है। उन्हें कई पुरुस्कारो से भी सम्मानित किया गया हैं –

  • अणुव्रत सम्मान, श्वेतांबर तेरापंथ महासभा (जैन संस्था) द्वारा, बिहार में शराबबंदी लागू करने के लिए, 2017
  • जेपी स्मारक पुरस्कार, नागपुर मानव मंदिर, 2013
  • फॉरेन पॉलिसी मैगजीन के टॉप 100 बैश्विक चिंतक लोगों में 77वें स्थान पर, 2012.
  • XLRI, जमशेदपुर द्वारा, “सर जहाँगीर गांधी मेडल” , 2011.
  • “एमएसएन इंडियन ऑफ दि इयर”, 2010″
  • एनडीटीवी इंडियन ऑफ दि इयर – राजनीति, 2010
  • फ़ोर्ब्स “इंडियन पर्सन ऑफ दि इयर”, 2010
  • सीएनएन-आईबीएन “इंडियन ऑफ दि इयर अवार्ड” – राजनीति, 2010
  • एनडीटीवी इंडियन ऑफ दि इयर – राजनीति, 2009
  • इकोनॉमिक टाइम्स “बिजनेस रिफार्मर ऑफ दि इयर”, 2009
  • ‘पोलियो उन्मूलन चैम्पियनशिप अवार्ड’ 2009, रोटरी इंटरनेशनल द्वारा
  • सीएनएन-आइबीएन “ग्रेट इंडियन ऑफ दि इयर” अवार्ड – राजनीति, 2008

FAQ

Q : नीतीश कुमार कितने बार मुख्यमंत्री बने?

Ans: साल 2002 से लेकर साल 2022 तक नीतीश कुमार 8 बार सीएम बने।

Q : नीतीश कुमार का परिवार

Ans: नितीश कुमार के परिवार में एक बेटा हैं। उनका पत्नी का निधन 2007 में हो गया था।

Q : नितीश कुमार का जन्म स्थान कहाँ है?

Ans : नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर, बिहार, भारत में हुआ था।

Q : नीतीश कुमार की पत्नी का नाम क्या है?

Ans : श्रीमती मंजू कुमारी सिन्हा


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