नागालैंड के पर्यटक व दर्शनीय स्थल | Nagaland Tourism in Hindi

भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में खूबसूरत वादियों के बीच बसा एक छोटा सा राज्य है नागालैंड। नागालैंड की यात्रा शांति और सुकून की चाह रखने वाले सैलानियों के लिए शानदार विकल्प है। यह भूमि है विनम्र लोगों की, किसानों की, प्राकृतिक सौन्दर्य की, रोचक इतिहास और अदभूत संस्कृति की। नागालैंड में हॉलिडे मनाने का मतलब है कि आप इस इलाके में मौजूद अलग अलग टूरिस्ट डेस्टिनेशंस का मज़ा लें।

नागालैंड के पर्यटक व दर्शनीय स्थल की जानकारी | Nagaland Tourism in Hindi

नागालैंड के पर्यटक व दर्शनीय स्थल – Nagaland Tourism Place in Hindi

नागालैंड की संस्कृति, इतिहास और कहानियों का मेल है। नागालैण्ड में नागा लोग मूलतः आदिवासी है। अत उनकी कोई निश्चित शासन व्यवस्था नहीं रही। परंतु, जब यहां अहोम वंश का राज्य 12वीं और 13वीं शताब्दी में स्थापित हुआ तो इनकी स्थिति में परिवर्तन आया। उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेजों के आने पर नागाओं के इतिहास में बदलाव आया। सन् 1957 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाकर असम के राज्यपाल के अधीन कर दिया गया। इसे असम राज्य का ‘नागा हिल्स’ जिला नाम दिया गया। पुन 1961 में इस क्षेत्र का नाम बदलकर नागालैण्ड रखा गया। दिसंबर 1963 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया।

नागालैंड में किसी सैलानी को भारत के नागा समुदाय की पारम्परिक संस्कृति की झलक मिलती है। यहाँ का वन्य जीवन तथा समृद्ध वनस्पति और मनमोहक प्रकृति आपको मोहित करने के लिए पर्याप्त है। यह सब और भी बहुत सारे रहस्य छुपे हैं इस छोटे से प्रदेश में जो नागालैंड कहलाता है। अगर आपको सुन्दरता से प्यार है तो यह रहस्यमय भूमि आपको चकित करने में पूरी तरह से सक्षम है। इसकी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण नागालैंड को ‘पूरब का स्विटजरलैंड’ भी कहा गया है। सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण, नागालैंड पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।

नागालैंड अधिकांश पहाड़ी इलाका है। यह पश्चिम में असम, दक्षिण में मणिपुर और उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से घिरा हुआ है। इस खूबसूरत राज्य में कुल सात प्रशासनिक ज़िलें हैं जिनमे 16 प्रमुख जनजातियाँ निवास करती हैं। राज्य की 90 प्रतिशत जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि है, चावल यहां की प्रमुख खाधान्न फसल है। खेती झूम तथा सीढ़ीनुमा दोनों ही तरीके से की जाती है। दीमापूरी में सिति नागालैण्ड चीनी मिल की पेराई क्षमता 1000 टन प्रतिदिन की है। तुली में एक लुग्दी और कागज मिल है। तिजिट में प्लाईवुड फैक्टरी है। हथकरधा और हस्तशिल्प प्रमुख कुटीर उधोग हैं। राज्य में क्ले, कोयला, चुना-पत्थर, सीसा आदि खनिज पाये जाते हैं।

कैसे पहुंचे

नागालैंड में सड़क का भी बहुत फैला हुआ नेटवर्क है। नागालैंड में सबसे मशहूर बस सर्विस नागालैंड स्टेट ट्रांसपोर्ट की है जो दिमापुर से चलती है। इसके साथ रेलवे और हवाई भारत के अन्य शहरों से जुडी हैं।

नागालैंड के पर्यटक व दर्शनीय स्थल की सूचि – Nagaland Tourist Place in Hindi

1). दिमापुर

दीमापुर नागालैंड में स्थित प्राकृतिक रूप से बहुत ख़ूबसूरत होने के साथ-साथ एक ऐतिहासिक शहर भी है। दीमापुर तीन शब्दों दी, मा और पुर से मिलकर बना है। कचारी भाषा के अनुसार दी का अर्थ ‘नदी’, मा का अर्थ ‘महान’ और पुर का अर्थ ‘शहर’ होता है। दीमापुर की गिनती नागालैंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में की जाती है। यह कोहिमा के प्रवेश द्वारा के रूप में जाना जाता है। इस स्थान को रेल तथा वायु मार्ग संपूर्ण भारत से जुड़ते हैं। कोहिमा जाने के लिये अग्रसर होने से पहले यहां के प्राकृतिक दृश्यों व आसपास स्थित दर्शनीय स्थलों के अवलोकन में एक दिन बिताया जा सकता है।

2). कोहिमा

कोहिमा नागालैंड राज्य की राजधानी है। कोहिमा शहर पूर्वोत्तर भारत में दीमापुर स्थित रेलमार्ग के दक्षिण-पूर्व में 48 किमी दूर नागा पहाड़ियों पर स्थित है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि इसकी तुलना नहीं की जा सकती। यहां द्रितीय विश्वयुद्ध के दौरान मारे गये सैनिकों की पुष्पस्मुति “को हिमा युद्ध स्मारक” पर्यटकों को अधिकाधिक संख्या में आकर्षित करता है। इस खूबसूरत स्मारक स्थल की देखरेख ‘कॉमन वैल्थ वार ग्रेव्स कमीशन” द्वारा की जाती है।

3). घोषो पक्षी अभयारण्य

घोषो पक्षी अभयारण्य नागालैंड के ज़ुन्हेबोटो मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पक्षी अभयारण्य बहुत ख़ूबसूरत है। नागालैंड स्थित इस अभ्यारण्य में 20 से अधिक प्रजाति के लुप्तप्राय पक्षियों को देखा जा सकता है। इस पक्षी अभयारण्य में जून से सितम्बर में कई प्रकार के प्रवासी पक्षी भी देखे जा सकते हैं।
घोषो पक्षी अभ्यारण्य में पक्षियों के शिकार पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके रख-रखाव और सुरक्षा का दायित्व स्थानीय निवासियों पर है।

4). रंगापहाड़ अभयारण्य

रंगापहाड़ अभयारण्य नागालैंड राज्य के दीमापुर में स्थित राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य है। गापहाड़ अभयारण्य प्रकृति-प्रेमियों के लिए एक अच्छा पर्यटन स्थल है। वन्य जीवों के अलावा रंगापहाड़ अभयारण्य में ख़ूबसूरत पक्षियों को भी देखा जा सकता है जो रंगापहाड़ अभयारण्य की सुन्दरता को कई गुणा बढ़ा देते हैं।

5). लोंगवा

लोंगवा नागालैंड के मोन ज़िले में स्थित एक गाँव और मुख्य पर्यटन स्थल भी है। लोंगवा का आधा भाग नागालैंड में और आधा भाग म्यांमार में है। नागालैंड जाकर पर्यटक लोंगवा के ख़ूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। जो नदियाँ लोंगवा से होकर बहती हैं वो इसकी सुन्दरता को कई गुणा बढ़ा देती हैं। इन नदियों में दो नदियाँ भारत में और दो नदियाँ म्यांमार में बहती हैं। लोंगवा की सबसे महत्त्वपूर्ण बात है कि ग्रामवासियों को भारत और म्यांमार दोनों की नागरिकता प्राप्त है।

6). सतोई श्रृंखला

सतोई श्रृंखला नागालैंड राज्य के ज़ुन्हेबोटो में स्थित पर्वत श्रेणी है। सतोई क्षेत्र अपने घने जंगलों के लिये जाना जाता है। यह विरले ही दिखाई देने वाले ट्रैगोपन पक्षियों का प्राकृतिक वास और रोडोडेन्ड्रान का क्षेत्र है। ज़ुन्हेबोटो घूमने आने वाले पर्यटक सतोई श्रृंखला पर क़िले के अवशेष देख सकते हैं। क़िले के अवशेषों के अतिरिक्त यहाँ पर प्राकृतिक सुन्दरता और ख़ूबसूरत पशु-पक्षियों के बेहतरीन नज़ारे भी देखे जा सकते हैं।


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