Munnar Tourist Place / मुन्नार, केरल का एक विश्व प्रसिद्ध ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है। प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहाँ आते हैं। यह स्थान केरल के इडुक्की ज़िले में 6000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। मुन्नार की सुन्दरता के कारण मुन्नार को ईश्वर का देश भी कहा जाता है। मुन्नार की ख़ूबसूरती को देखकर ऐसा लगता है, जैसे कि यह धरती का स्वर्ग है। मुन्नार का हिल स्टेशन किसी जमाने में दक्षिण भारत के पूर्व ब्रिटिश प्रशासन का ग्रीष्मकालीन रिजॉर्ट हुआ करता था। 12000 हेक्टेयर में फैले चाय के खूबसूरत बागान यहां की खासियत है।
मुन्नार हिल स्टेशन का संक्षिप्त परिचय – Munnar, Kerala in Hindi
नाम | मुन्नार (Munnar) |
राज्य | केरल |
ज़िला | इडुक्की |
क्षेत्रफल | 557 कि.मी² (215 वर्ग मील) |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 10°07′, पूर्व 77°04′ |
विवरण | मुन्नार केरल का एक ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है। मुन्नार की सुन्दरता के कारण मुन्नार को ‘ईश्वर का देश’ भी कहा जाता है। |
कब जाएँ | सितम्बर से मई |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, रिसॉर्ट |
जनसँख्या | 38,471 (2001) |
क्या देखें | चाय के बागान, राजमाला, चितीरापुरम और इकोपाइंट |
मुन्नार की जानकारी – Munnar Information & History in Hindi
मुन्नार का अर्थ माना जाता है तीन नदियां जिनके संगम पर यह स्थित है। ये तीन नदियां मुधिरापुझा, नल्लठन्नी और कुंडाली हैं। मुन्नार मुद्रापुझा, नलथन्नी, कुडंला नाम की तीन पहाड़ियों पर बसा है। मुन्नार समुद्री तल से लगभग 1600 मीटर ऊँचाई पर स्थित है। दक्षिण भारत के इस स्थान पर अंग्रेज़ सरकार का ग्रीष्मकालीन आवास होता था। चाय बागान, दर्शनीय शहर, घुमावदार रास्ते तथा आवास-गृह से यह लोकप्रिय पर्वतीय स्थल है।
मुन्नार का भी एक इतिहास है, यहां औपनिवेशिक और आधुनिक युग की नींव एक साथ रखी गई थी। जो अंग्रेज, भारत में पहले पहुंचे थे उन्हे मुन्नार यहां की प्राकृतिक सुंदरता और सुखद जलवायु के कारण पल भर में ही बेहद पसंद आ गया था। स्काटिश पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत के मानचित्र में मुन्नार को ढूंढ़ा। ब्रिटिश मुन्नार को चाय की खेती के लिए इस्तेमाल करते थे और शहर की गर्मी से बचने के लिए यहाँ आते थे। इतिहास में मुन्नार के लोगों का बसना और इस क्षेत्र में सिविलाइजेशन से जुड़े कई तथ्य पाए गए हैं। सबूत यही बताते हैं कि यहाँ जीवन दसवीं शताब्दी से शुरू हुआ था। 19वीं शताब्दी आते-आते यहाँ छोटे-छोटे गाँव बनने शुरू हो गए। 1895 के बाद मुन्नार में विकास कार्य भी होने लगा। यहाँ का ख़ूबसूरत वातावरण और दोस्ताना व्यवहार करने वाले निवासी बाहर से आने वालों का दिल जीत लेते है।
मुन्नार चाय के बागानों के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय है। केरल और तमिलनाडु में चाय के बागान कईं हिस्सों में हैं पर उनमें सबसे मशहूर मुन्नार के चाय बागान है। मुन्नार में 16 चाय बागान हैं जो 8600 वर्ग हेक्टेयर में फैले हुए है। मुन्नार में अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में चाय की खेती करने का श्रेय एक यूरोपीय व्यक्ति ए.एच. शार्प को जाता है।
वनों की वनस्पति तथा हरे घास के मैदानों में यहाँ ‘नीलकुरंजी’ नामक फूल पाया जाता है। यह फूल बारह वर्षों में केवल एक बार पूरी पहाड़ी को नीला कर देता है। मुन्नार में दक्षिणी भारत की सबसे ऊँची चोटी अनाइमुड़ी भी है जिसकी ऊँचाई लगभग 2695 मीटर है। यहाँ ट्रेकिंग के रास्ते में ‘इराविकुलम नेशनल पार्क’ है। यह अभयारण्य नीलगिरी की जाति को बचाने के लिए स्थापित किया गया था। मुन्नार का अन्य आकर्षण ‘मेडूपट्टी’ बांध है। विशाल पानी का भंडार चारों तरफ की ख़ूबसूरत पहाडि़यों से घिरा हुआ है। यहाँ नौका विहार और स्पीड मोटर बोट की सुविधा है। मुन्नार कोच्चि से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर है।
मुन्नार, उन सभी लोगों के घूमने के लिए कई विकल्प प्रदान करता है जो यहां अपनी खास छुट्टियां बिताने आते हैं। मुन्नार के पर्यटन स्थलों की सैर बहुत सुखद अनुभव प्रदान करने वाली होती है विशेषकर यहां के अच्छे और सुखदायक मौसम के कारण। बाइकर्स और ट्रैकर्स इस जगह को एंडवेचर गेम्स के लिए स्वर्ग मानते है इसीलिए काफी अच्छी संख्या में बाइकिंग और ट्रैकिंग ट्रेल्स के शौकीन लोग मुन्नार में आते हैं। पर्यटक यहां के दूर – दूर तक फैले मखमली घास के मैदानों और वृक्षों की कतारों में भी कैजुअली इधर – उधर टहल सकते हैं या विचरण कर सकते हैं। यहां पर चिडि़यों को देखना भी एक बेहद लोकप्रिय गतिविधि है क्यूंकि इस क्षेत्र में कई प्रकार की दुर्लभ प्रजातियों का घर भी है।
सीमा पर स्थित होने के कारण, मुन्नार शहर के पड़ोसी राज्य जैसे तमिलनाडु से कई सांस्कृतिक संबंध हैं। पर्यटन गंतव्यों की भारी मांग के बाद, यह हिल स्टेशन दुनिया भर में केरल के प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में लोकप्रिय होने लगा है। देश के विभिन्न शहरों और अन्य बाहरी देशों से आने वाले लाखों पर्यटक और पिकनिक मनाने वाले लोगों के लिए यह हिल स्टेशन एक शानदार जगह है जहां वह अपनी छुट्टियां मजे से बिता सकते हैं।
मुन्नार के दर्शनीय और पर्यटन स्थल – Munnar Tourist Place Information in Hindi
1). इरावीकुलम राष्ट्रीय उद्यान – Eravikulam National Park
यह उद्यान मुन्नार से 15 किलोमीटर दूर है। यह स्थान देवीकुलम तालुक में पड़ता है। उद्यान के दक्षिणी क्षेत्र में अनामुडी चोटी है। मूल रूप से इस पार्क का निर्माण नीलगिरी जंगली बकरों की रक्षा करने के लिए किया गया था। 1975 में इसे अभयारण्य घोषित किया गया था। वनस्पति और जंतु के पर्यावरण जगत में इसके महत्व को देखते हुए 1978 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया। 97 वर्ग किमी में फैला यह उद्यान प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। यहां दुर्लभ नीलगिरी बकरों को देखा जा सकता है। साथ ही यहां ट्रैकिंग की भी सुविधा उपलब्धह है।
2). मट्टुपेट्टी – Mattupetty Dam
मट्टुपेट्टी समुद्र तल से 1700 मी. ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर बनी मट्टुपेट्टी झील और बांध पर पर्यटक पिकनिक मनाने आते हैं। यहां से चाय के बागानों का मनमोहक दृश्य नजर आता हैं। यहां पर पर्यटक बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं। मट्टुपेट्टी अपने उच्च विशिष्टीकृत डेयरी फार्म के लिए प्रसिद्ध है। मट्टुपेट्टी के अंदर व आसपास के शोला वन ट्रैकिंग करने की सुविधा उपलब्ध कराता हैं। ये जंगल विभिन्न प्रकार के पक्षियों का घर भी है। यहाँ एक छोटी सी नदी और पानी का सोता भी है जो यहां के आकर्षण को और भी बढ़ा देता है।
3). पल्लिवासल – Pallivasal Munnar
पल्लिवासल मुन्नार के चितिरपुरम से लगभग 13 किमी दूर स्थित है यह केरल का पहला हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजना स्थल है। यह स्थल व्यापक प्राकृतिक सुन्दरताओं से भरा पड़ा है और पर्यटकों का पसंदीदा पिकनिक स्थल है।
4). चाय संग्रहालय और टी प्रोसेसिंग – Tea Museum
चाय बगानों की उत्पत्ति और विकास की दृष्टि से मुन्नार की अपनी अलग विरासत मानी जाती है। इस विरासत को ध्यान में रखते हुए, केरल के ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं में चाय बगानों की उत्पत्ति और विकास के कुछ सूक्ष्म और दिलचस्प पहलुओं को सुरक्षित रखने और प्रदर्शनीय बनाने के लिए मुन्नार में टाटा टी द्वारा कुछ वर्ष पहले एक संग्रहालय की स्थापना की गई थी। इस संग्रहालय में 1880 में मुन्नार में चाय उत्पादन की शुरुआत से जुड़ी निशानियां रखी गई हैं। यहाँ कई ऐतिहासिक तस्वीरें भी लगी हुई हैं। इसके पास ही स्थित टी प्रोसेसिंग ईकाई में चाय बनने की पूरी प्रक्रिया को करीब से देखा व समझा जा सकता है।
5). चिन्नकनाल – Chinnakanal
चिन्नकनाल मुन्नार शहर के निकट स्थित है। यहां के झरनें, जिसे आमतौर पर पावर हाउस वाटरफॉल कहा जाता है, खड़ी चट्टान पर समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई से गिरते हैं। यह स्थल पश्चिमी घाट की पर्वत-श्रेणियों के प्राकृतिक दृश्यों से समृद्ध है।
6). अथुकड फॉल्स – Attukad Waterfalls
गहरी घाटी में स्थित यह झरना मुन्नार से 8 किलोमीटर दूर कोच्चि रोड पर स्थित है। अथुकड फॉल्य मुन्नार का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। मानसून के दिनों में (जुलाई-अगस्त) इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। इस झरने के अलावा भी इस रास्ते में दो और झरने भी हैं-चीयापरा फॉल्स और वलार फॉल्स।
7). कोल्लुकुमल्ले चाय बागान – Kolukkumalai Tea
यह चाय बागान भारत में सबसे ऊंचाई पर स्थित चाय बागान है। कहा जाता है कि यहां भारत की सबसे जायकेदार चाय का उत्पादन होता है। चाय के अलावा यहां की एक और खासियत यहां के खूबसूरत नजारे हैं। यहां से तमिलनाडु के मैदानी इलाकों के खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। यहां केवल जीप से ही पहुंचा जा सकता है।
8). चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य – Chinnar National Park
मरयूर से 20 किमी आगे चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य केरल-तमिलनाडु बॉर्डर पर स्थित है। राजमला-उदुमलपेट रोड इस अभयारण्य के बीच से होकर जाती है जहां से पर्यटक हाथी, जंगली सुअर, धब्बेदार हिरन, सांभर, गौर और मोर को देख सकते हैं। अगर आप भाग्यशाली रहे तो आपको मंजमपट्टी का सफेद भैंसा दिखाई दे जाएगा। शेर और चीते भी यहां दिखाई दे जाते हैं। वन विभाग पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग, चिन्नार सफारी और वॉटर फॉल ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराता है। मरयूर से मुन्नार का रास्ता 2 घंटे का है।
9). टॉप स्टेशन – Top Station Munnar
मुन्नार से लगभग 3 किमी दूर स्थित टॉप स्टेशन की ऊंचाई समुद्र तल से 1700 मीटर है। मुन्नार-कोडैकनल सड़क पर स्थित यह सबसे ऊंचा स्थान है। टॉप स्टेशन देखने आने वाले पर्यटक मुन्नार को अपना पड़ाव बनाते हैं और इस टॉप स्टेशन से पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के विहंगम दृश्यों का आनन्द लेते हैं। मुन्नार में, यहां से विस्तृत क्षेत्र में नीलकुरिंजी के खिले हुए फूलों को देखने के लिए भी यह एक उपयुक्त स्थान है।
कैसे जाएँ – Munnar Tour & Travels Guide in Hindi
मुन्नार आप साल में कभी भी जा सकते हैं, लेकिन मुन्नार जाने का सही समय है सितम्बर से मई के बीच में। मुन्नार में जून से लेकर सितम्बर तक मानसून रहता है। सर्दी में मुन्नार के लिए आपको भारी भरकम ऊनी कपड़े ले जाने पड़ेंगे ताकि आप वहाँ की सर्दी से बच सकें। मुन्नार के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग तीनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वायु मार्ग – मुन्नार के लिए परिवहन की अच्छी व्यवस्था है। यह हिल स्टेशन कोचीन इंटरनेशनल हवाई अड्डे से मात्र 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग – यहाँ के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन तमिलनाडु का थेनी है, जो 60 किलोमीटर की दूरी पर है। कोचीन रेलवे स्टेशन 130 किलोमीटर की दूरी पर है।
सड़क मार्ग – सड़क मार्ग से यह चार प्रमुख मार्गों से जुड़ा हुआ है। कोचीन रोड, थेकरी रोड, टाप स्टेशन रोड और मरयूर रोड से मुन्नार प्रवेश किया जा सकता है। यह ज़िला मुख्यालय इडुक्की से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से मदुरई यहाँ से 165 किलोमीटर, कोचीन 140 किलोमीटर और ऊटी 146 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दिल्ली से कोचीन की दूरी लगभग 2100 किलोमीटर है।
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