मिल्की वे गैलेक्सी की जानकारी और तथ्य | Milky Way Galaxy in Hindi

मिल्की वे गैलेक्सी की जानकारी और तथ्य | Milky Way Galaxy in Hindi

गैलेक्सी क्या हैं – What is Galaxy in Hindi

Galaxy / गैलेक्सी जिसे हिंदी में मन्दाकिनी कहते हैं, यह असंख्य तारों का समूह होता है जो साफ और अँधेरी रात में, आकाश के बीच से जाते हुए अर्धचक्र के रूप में और झिलमिलाती सी मेखला के समान दिखाई पड़ता है। यह मेखला वस्तुत: एक पूर्ण चक्र का अंग हैं जिसका क्षितिज के नीचे का भाग नहीं दिखाई पड़ता।

ब्रह्माण्ड में सौ अरब गैलेक्सी अस्तित्व में है। जो बड़ी मात्रा में तारे, गैस और खगोलीय धूल को समेटे हुए है। गैलेक्सियों ने अपना जीवन लाखो वर्ष पूर्व प्रारम्भ किया और धीरे धीरे अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त किया। प्रत्येक गैलेक्सियाँ अरबों तारों को को समेटे हुए है। पृथ्वी से दूर स्थित अलग-अलग आकाशगंगाओं की रोशनी हम तक लाखों, करोड़ों साल में पहुँचती है। इससे ज़ाहिर है कि हम उस आकाशगंगा को लाखों साल पहले की अवस्था में देख रहे होते हैं।

हम जिस गैलेक्सी में रहते हैं उसे मिल्की वे गैलेक्सी कहते हैं। मिल्की वे जैसी अरबो गैलेक्सी मिलकर एक कलस्टर क्लस्टर बनाती है और अरबो कलस्टर मिलकर एक सुपर कलस्टर का निर्माण करते है और हमारे ब्रह्माण्ड में करोड़ो की संख्या में सुपर क्लस्टर है।

मिल्की वे गैलेक्सी – Milky Way Galaxy Information & Facts in Hindi

Milky Way Galaxy – मिल्की वे गैलेक्सी जिसे आकाशगंगा भी कहते हैं, यही पर हमारा सौर मंडल स्थित हैं। इस गैलेक्सी में करोड़ों सौरमण्डल है और इन करोड़ों सौरमण्डल में से एक हमारा सौरमण्डल है जिसमे हमारी धरती है। इस आकाशगंगा में 100 अरब से 400 अरब के बीच तारे हैं और अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 50 अरब ग्रह होंगे, जिनमें से 50 करोड़ अपने तारों से जीवन-योग्य तापमान रखने की दूरी पर हैं।

ब्रह्माण्ड में असंख्य आकाशगंगाये है। ब्रह्माण्ड की बड़ी आकाशगंगा छोटी आकाशगंगा को गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से निगल लेती है। हमारी आकाशगंगा भी कई छोटी आकाशगंगाओ को निगक चुकी है और इतनी विशाल इन्ही आकाशगंगाओ से बनी है।

हमारा सौर मण्डल आकाशगंगा के बाहरी इलाक़े में स्थित है और आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। इसे एक पूरी परिक्रमा करने में लगभग 22.5 से 25 करोड़ वर्ष लग जाते हैं। इस आकाशगंगा की साइज की बात करे तो एक सर्पिल गैलेक्सी है। इसके चपटे चक्र का व्यास (डायामीटर) लगभग 100000 (एक लाख) प्रकाश-वर्ष है लेकिन इसकी मोटाई केवल 1000 (एक हज़ार) प्रकाश-वर्ष है।

हमारी गैलेक्सी की आयु की बात की जाएँ तो, 2007 में आकाशगंगा में एक “एच॰ई॰ 1523 – 150901” नाम के तारे की आयु 13.2 अरब साल अनुमानित की गयी, इसलिए आकाशगंगा कम-से-कम उतना पुराना तो है ही।

हमारी आकाशगंगा यानीं दुग्धमेखला 24 आकाशगंगाओं के एक समूह का सदस्य हैं, जिसे ‘स्थानीय समूह’ कहतें हैं। हमारा सूर्य आकाशगंगा के केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाशवर्ष दूर हैं। सूर्य 220 किलोमीटर प्रति सेकेण्ड की गति से आकाशगंगा के केंद्र की ओर परिक्रमा कर रहा है। आकाशगंगा की एक परिक्रमा को पूर्ण करने में सूर्य को लगभग 25 करोड़ वर्ष लगतें हैं। दिलचस्प बात यह हैं कि पृथ्वी पर मानव के सम्पूर्ण अस्तित्व-काल में सूर्य ने आकाशगंगा की एक भी परिक्रमा पूर्ण नहीं की हैं।

हमारी मिल्की वे के केंद्र में एक विशालकाय ब्लैक होल ब्लैक होल है। इसका द्रव्यमान 40 लाख सूर्य के बराबर है। इसकी गुरुत्वाकर्षण की शक्ति इतनी प्रबल होती है कि प्रकाश की किरण भी इसमें से नही गुजर पाती इसीलिए ब्लैक होल काला होता है क्योंकि इसमें प्रकाश नही होता है।

मिल्की वे गैलेक्सी के 4 सर्पिल भुजायें है, इनमे से हमारा सौरमण्डल ओरियन नामक भुजा में है। मिल्की वे गर्म गैसों के हेलो से घिरा हुआ है जो कई हजार लाख प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ है एवं घूमता लगाता रहता है। मिल्की वे का मध्य भाग काफी उभरा हुआ है। इस उभरे भाग में डार्क होल का भी वास है जोकि सूर्य से कई बिलियन गुना ज्यादा भारी है।


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