Malaria ka Ilaj/ मलेरिया एक जानलेवा रोग है। मलेरिया के कारण हर साल कई लोग जान गवां रहे हैं। ये बीमारी गंदे पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से फैलाती हैं। अगर उचित समय पर मलेरिया की इलाज न की जाए तो रोगी की मौत हो सकती है। इसके अलावा अगर मलेरिया की चिकित्साे में लेट हो जाए तो रोगी का कोई भी अंग लकवाग्रस्तत हो सकता है। आइये जाने मलेरिया होने का कारण, और इसका घरेलु उपचार…
मलेरिया कैसे होता हैं.. Malaria Kaise Hota hai in Hindi
मलेरिया मादा ऐनोफ्लीज मच्छर (Female Anopheles Mosquito) के काटने से फैलता है, जोकि गंदे पानी में पनपते हैं। ये मच्छर आमतौर पर दिन ढलने के बाद काटते हैं। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो संक्रमण फैलने से उसमें मलेरिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मलेरिया के दौरान रोगी को तेज बुखार के साथ उलटी और सर दर्द की समस्या भी होती है। मलेरिया के तीन स्टेज होते हैं।
1. कोल्ड स्टेज (Cold Stage): इस दौरान रोगी को तेज ठंड के साथ कपकपी होती है।
2. हॉट स्टेज (Hot Stage): इस दौरान रोगी को तेज बुखार, पसीने और उलटी आदि की शिकायत हो सकती है।
3. स्वेट स्टेज (Sweat Stage): मलेरिया बुखार के दौरान स्वेट स्टेज में मरीज को काफी पसीना आता है।
क्यों फैलते हैं मलेरिया के मच्छर – Malaria ke Karan
- आसपान मौजूद पानी को समय-समय पर ना बदलना
- घर के आसपास गंदगी होना
- पानी का जमाव होना
- मच्छरों के अंडों का जमा होना
मलेरिया के लक्षण – Symptoms of malaria in Hindi (Malaria ke lakshan)
मलेरिया का घरेलु आयुर्वेदिक इलाज – Malaria Home Treatment in Hindi
- तुलसी के पत्तों का रस या काढ़ा दिन में तीन बार काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर एक-एक चम्मच पिलाने से मलेरिया बुखार दूर भाग जाता है।
- तीन ग्राम चूना लें, इसे 60 मिली पानी में घोलें। एक नींबू इसमें निचोड़ें। मलेरिया बुखार की संभावना होने पर यह मिश्रण पीएं। यह नुस्खा प्रतिदिन लेने से बुखार से राहत मिलती है।
- मलेरिया बुखार में नींबू को काट कर नमक, काली मिर्च और जीरा डालकर गर्म कर के रोगी को चुसाये अवश्य लाभ होगा।
- चिरायता मलेरिया बुखार की सबसे असरदायक औषधि मानी गई है। एक पाव गरम पानी में 15 ग्राम चिरायता मिलाएं, कुछ लौंग और दालचीनी भी मिला दें। इस पानी के इस्तेमाल से भी मलेरिया बुखार उतरने लगता है।
- सर्दी के बुखार में 1 ग्राम अजवायन कूटकर कपड़छान कर ले और उसे पोटली में बांधकर रोगी को सुंघाए। सिर में दर्द हो तो भी में पिपरमेंट डालकर माथे की मालिश करें बुखार और सिर दर्द ठीक हो जाएगा।
- थोडी सी फ़िटकरी तवे पर भूनकर चूर्ण बना लें। आधा चम्मच पाउडर बुखार आने के 3 घंटे पहले पानी से पीएं। बाद में हर दूसरे घंटे पर यह दवा लेते रहने से बुखार खत्म होता है।
- एक गिलास पानी लें। इसमें एक चम्मच दालचीनी, एक चम्मच शहद और आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाकर गर्म करें। ठंडा होने पर पीएं, यह अत्यंत लाभकारी नुस्खा है।
- धतूरा की नई कोपल 2 नग लेकर गुड़ के साथ अच्छी तरह मिलाकर इसकी गोली बना लें। इन्हें दिन में 2 बार लेने से मलेरिया खत्म हो जाता है।
- एक गिलास पानी में 10 ग्राम अदरक और 10 ग्राम मुनक्का डालकर इतना उबालें कि आधा रह जाय। ठंडा होने पर पीएं।
- एक बड़ा अमरुद गरम राख में भून लें। यह अमरूद खाना भी, मलेरिया रोगी के लिए लाभकारी है।
- प्याज का रस मलेरिया में लाभकारी है। 5 मिली रस में 4 काली मिर्च का पाउडर मिलाकर दिन में 3 बार पीने से लाभ होता है।
- जामुन के पेड़ की छाल सुखाकर पीस लें। 5 ग्राम चूर्ण, गुड़ के साथ दिन में 3 बार लेने से मलेरिया से राहत मिलती है।
- तेज बुखार की हालत में माथे पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से तापमान नीचे आ जाता है। ठंडे पानी में गीला किया टावेल सारे शरीर पर लपेटने से तुरंत लाभ मिलता है।
- 5 ग्राम करंजुआ के बीजों को पीसकर बनी छोटी-छोटी गोली को बुखार आने से 2 घण्टे पहले और बुखार जाने के 2 घण्टे बाद पानी के साथ दिन में 2 बार लेने से लाभ मिलता है।
- कंटकरंज के बीजों का चूर्ण लगभग आधा ग्राम से लेकर 1 ग्राम की मात्रा में कालीमिर्च के साथ सुबह और शाम लेने से मलेरिया, शीतज्वर, सविराम, अविराम आदि बुखार नष्ट हो जाते हैं। ध्यान रहें कि इसे खाली पेट न लें।
- चिरईगोडा़ (मिजुरगोरवा) के 50 ग्राम ताजे या छाया में सुखायें पत्तों को लगभग 1 लीटर पानी में 10 से 15 मिनट तक अच्छी तरह से धीमी आग पकाने के लिए रख दें। इसी काढ़े में चीनी मिलाकर चाय की तरह रोजाना दिन भर में मलेरिया के रोगी को 240 मिलीलीटर की मात्रा में पिलाने से लाभ पहुंचता है। ध्यान रहें कि इसका अधिक मात्रा में सेवन न करें।
- मलेरिया होने पर हरसिंगार के पत्ते, अदरक के रस और शक्कर को मिलाकर खाले से बुखार में लाभ होता है। इसके अदरक और किशमिश को पानी के साथ उबालकर पीने से भी फायदा होता है।
इन बातों का भी ख्याल रखे – Prevention of Malaria in Hindi
- बरसात के दिनों में नालियों, गड्डों आदि में पानी इकट्टा न होने दें क्योंकि मच्छर इस गंदे पानी में ही अडें देते हैं। रोगाणुनाशक दवाओं जैसे- डी. डी. टी, बी. एच. सी. पाउडर, नीम या तम्बाकू का घोल या मिट्टी के तेल को सीलनभरी दीवारों, पोखरों, तालाबों, और नालियों में छिड़क दें। रोगी को पानी उबालकर पिलाना चाहिए और पत्ते वाली सब्जियां नहीं खाने को देनी चाहिए।
- मलेरिया बुखार के दौरान बच्चों का खास ख्याल रखें।
- बच्चे नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए बीमारी उन्हें जल्दी पकड़ लेती है। ऐसे में उनकी बीमारी को नजरअंदाज न करें।
- बच्चे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए इन्फेक्शन होने और मच्छरों से काटे जाने का खतरा उनमें ज्यादा होता है।
- बच्चों घर से बाहर पूरे कपड़े पहनाकर भेजें।
- मच्छरों के मौसम में बच्चों को निकर व टी – शर्ट न पहनाएं।
- रात में मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं।
- घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें। मोस्कीटो रिपेलेंट मशीनों का इस्तेमाल करें।
- अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो , लगातार सोए जा रहा हो , बेचैन हो , उसे तेज बुखार हो , शरीर पर चकत्ते (Rashes) हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
- आमतौर पर छोटे बच्चों को बुखार होने पर उनके हाथ – पांव तो ठंडे रहते हैं लेकिन माथा और पेट गर्म रहते हैं इसलिए उनके पेट को छूकर और रेक्टल टेम्प्रेचर लेकर उनका बुखार चेक किया जाता है। बगल से तापमान लेना सही तरीका नहीं है, खासकर बच्चों में। अगर बगल से तापमान लेना ही है तो जो रीडिंग आए, उसमें 1 डिग्री जोड़ दें। उसे ही सही रीडिंग माना जाएगा।
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