चक्कर आने का कारण व घरेलु इलाज | Chakkar Aana Treatment In Hindi

Dizziness Treatment in Hindi/ चक्कर आना-एक ऐसी बीमारी है, जिस दौरान व्यक्ति को अचानक सिर घूम जाता है। आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है। कुछ नजर नहीं आता। सारी धरती घूमती सी नजर आती है। कभी-कभी किसी को चक्कर आते हैं, थोड़ी देर तक बैठे रहने के बाद जैसे ही उठते हैं, आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है। ऐसा लगता होगा कि आपके चारो ओर की चीजें तेजी से घूम रही हैं। यह तब होता है, जब मस्तिष्क में रक्त की पूर्ति कम हो जाती है। रक्तचाप में अचानक कमी से भी यह स्थिति पैदा हो सकती है। आइये जाने इसका कारण और इलाज …

चक्कर आने का कारण व घरेलु इलाज | Chakkar Aana Treatment In Hindi
चक्कर आने का कारण – Causes of Dizziness in Hindi

चक्कर आने के और भी कई कारण हैं जैसे- गर्दन में या सिर दर्द होना, सर्वाइकल स्पॉन्डोलाइटिस, गर्दन में अधिक जोर से कॉलर या टाई बाँधना, रात को अधिक ऊँचे तकियों पर सोना, एक ही करवट में रोज सोने के कारण, देर रात तक टीवी देखना, हाई या लो बी पी, पेट में कोल्हाईटिस होना, पतले दस्त होना, गर्दन झुकाकर ड्राइंग, पेंटिंग, कढ़ाई आदि काम करना, उपवास अधिक करना, भोजन समय पर न लेना जैसे कई कारणों से चक्कर आते हैं।

आपको चक्कर तब भी आ सकता है जब आप उल्टी, दस्त, या बुखार से पीड़ित हों क्योंकि इन बीमारियों के कारण आपके शरीर में द्रव्य की काफी कमी हो सकती है।

चक्कर आने पर क्या करे – Chakkar Aane ka Upchar

  • जब भी चक्कर आने या सर भारी लगने के शुरूआती लक्षण दिखने लगें, तो आप तुरंत बैठ जाएँ या लेट जाएँ। ऐसा करने से चक्कर आना कम हो सकता है और गिर के चोट लगने का डर भी दूर होगा।
  • अक्सर चक्कर आने का कारण शरीर में पानी की कमी हो जाना होता है। सामान्यतया पानी की कमी तब होती है जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं ले रहे होते हैं, या व्यायाम करने के दौरान, या व्यायाम के बाद होने वाली पानी की कमी को पूरा नहीं कर पाते हैं। जब चक्कर आना थोड़ा कम हो जाए तब आपको ज्यादा मात्रा में पानी और दूसरे द्रव्यों का सेवन करना चाहिए।
  • भूखे रहने से भी चक्कर आता हैं। इसलिए जब भी चक्कर आये तो कुछ खाना चाहिए। और ऐसे व्यक्ति को कभी भी पेट खाली नहीं रखना चाहिए।
  • जब आपको चक्कर आ जाए, तो इसे ठीक करने के लिए किसी एक पॉइंट पर ध्यान केंद्रित करे। इससे चक्कर तुरंत समाप्त हो जायेगा।
  • चक्कर आना कई बार एंग्जायटी अटैक का लक्षण होता है। अक्सर जब एंग्जायटी अटैक आते हैं तो ऐसा महसूस होता है कि आप पूरी साँस नहीं ले पा रहे हैं। लेकिन वास्तविक समस्या ये होती है कि आप बहुत ज्यादा साँस लेने की कोशिश कर रहे होते हैं। अगर ऐसा है तो धीरे-धीरे, गहरी साँस लेने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपका मन शांत होगा और आपको ऐसा कम महसूस होगा कि आपको चक्कर आ रहा है।

चक्कर आने का घरेलु आयुर्वेदिक इलाज – Ayurvedic Treatment Of Dizziness in Hindi

  • 6 ग्राम सौंफ, सात बादाम की गिरी और छः ग्राम मिश्री का चूर्ण रात को दूध के साथ सेवन करने से दिमाग की कमजोरी दूर होकर चक्कर आने बंद हो जाते हैं। इसका सेवन पूरे सवा महीने करें।
  • चक्कर आने पर तुलसी के रस में चीनी मिलाकर सेवन करने से या तुलसी के पत्तों में शहद मिलाकर चाटने से चक्कर आना बंद हो जाता है।
  • मालकागनी का चूर्ण तीन ग्राम प्रात: सायकाल दूध के साथ लेने पर चक्कर आने बंद हो जाते हैं।
  • मालकांगनी के बीज पहले दिन एक, दूसरे दिन दो और तीसरे दिन तीन, इसी प्रकार 21 वे दिन तक 21 चीजों को निगलकर ऊपर से दूध पी लें। फिर इसी प्रकार घटाते हुए एक बीज तक पहुंच जाए। इससे दिमाग की कमजोरी के कारण आने वाले चक्कर दूर हो जाते हैं।
  • 50 ग्राम शंखपुष्पी और 50 ग्राम मिश्री को पीसकर चूर्ण बना लें। 6 ग्राम चूर्ण प्राप्त काल गाय के दूध के साथ खाने से चक्कर आना बंद हो जाता है।
  • वच का चार ग्राम चूर्ण खाकर ऊपर से दूध पीने पर चक्कर नहीं आते।
  • 10 ग्राम आंवला, 3 ग्राम काली मिर्च और 10 ग्राम बताशे को पीस लें। 15 दिनों तक रोजाना इसका सेवन करें चक्कर आना बंद हो जाएगा।
  • 5-10 बून्द मालकांगनी का तेल मक्खन या मलाई में डालकर खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होकर चक्कर का आना बंद हो जाता है।
  • चक्कर आने पर धनिया पाउडर दस ग्राम तथा आंवले का पाउडर दस ग्राम लेकर एक गिलास पानी में भिगो कर रख दें। सुबह अच्छी तरह मिलाकर पी लें। इससे चक्कर आने बंद हो जाते है।
  • 7 ग्राम शंरवहुल बूटी और सात दाने काली मिर्च को ठंडाई की तरह घोटकर, मिश्री मिलाकर पीने से चक्कर का आना ठीक हो जाता है।
  • खरबूजे के बीजों को पीसकर घी में भुन लें। अब इसकी थोड़ी थोड़ी मात्रा सुबह शाम लें, इससे चक्कर आने की समस्या में बहुत लाभ होता है।
  • आधा किलो बबूल का गोंद शुद्ध घी में तलकर फूले निकाल लें और ठंडा करके बारीक पीस लें। इसके बराबर मात्रा में इसमें पिसी मिश्री मिला ले। अब बीज निकाला हुआ मुनक्का ढाई सौ ग्राम और बदाम की छिली हुई गिरी सौ ग्राम को खूब कूट-पीसकर इसमें मिला ले। इससे सुबह नाश्ते के रूप में 2 बड़े चम्मच (यानी लगभग 20-25 ग्राम की मात्रा में) खूब चबा-चबा कर खाएं। साथ में एक गिलास मीठा दूध घुट-घुट कर पीते रहे। यह शारीरिक व मानसिक ताकत और तरावट के लिए बहुत गुणकारी है। इससे सभी दिमागी बीमारी के चक्कर आना दूर होकर स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • पकने के बाद सूखी हुई लौकी को डण्ठल की तरफ से काट दें, ताकि अन्दर का खोखलापन दिखाई दे। अगर सूखा गूदा हो तो उसे निकाल दें। अब इसमें ऊपर तक पानी भर कर 12 घण्टे तक रखें फिर हिलाकर पानी निकाल कर साफ कपड़े छान लें। इस पानी को ऐसे बर्तन में भरें, जिसमें आप अपनी नाक डुबो सकें। नाक डुबोकर जोर से सांस खींचें, ताकि पानी नाक से अन्दर चढ़ जाए। पानी खींचने के बाद नाक नीची करके आराम करें। इस उपाय से चक्कर आने की समस्या सदा के लिए खत्म हो जाती है।
  • जिन लोगों को चक्कर आते हैं उन्हें दोपहर के भोजन के 2 घंटे पहले और शाम के नाश्ते में फलों का जूस पीना चाहिए। रोजाना जूस पीने से चक्कर आने बंद हो जाएंगे। लेकिन ध्यान रखें कि जूस में किसी प्रकार का मीठा या मसाला नहीं डालें सदा जूस पियें। जूस की जगह चाहें तो ताजे फल भी खा सकते हैं।

>> कभी-कभी नमक की मात्रा शरीर में कम होने पर भी चक्कर आने लगते हैं। आलू की नमकीन चिप्स खाने से लाभ होता देखा गया है।

सावधानिया –

अगर आपको चक्कर आ रहा हो तो ऐसे काम करने से बचे जिससे आपकी या किसी और की सुरक्षा में खतरा आये, जैसे किसी सीढ़ी पर चढ़ना, मशीनों को ऑपरेट करना, या कार ड्राइव करना।


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