Gateway Of India in Hindi/ गेटवे ऑफ़़ इंडिया भारत का एक ऐतिहासिक स्मारक है जो मुम्बई में होटल ताज के ठीक सामने स्थित है। यह स्मारक साउथ मुंबई के अपोलो बंडार क्षेत्र में अरब सागर के बंदरगाह पर स्थित है। यह एक बड़ा सा द्वार है जिसकी उंचाई 26 मीटर (85 फीट) है। अरब सागर के समुद्री मार्ग से आने वाले जहाजों आदि के लिए यह भारत का द्वार कहलाता है तथा मुंबई के कुछ उच्च पर्यटन स्थलों में से एक है। इस प्रवेशद्वार के पास ही पर्यटकों के समुद्र भ्रमण हेतु नौका-सेवा भी उपल्ब्ध है।
गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई शहर का शान रहा हैं। पिछले समय में गेटवे ऑफ़ इंडिया का उपयोग पश्चिम से आने वाले अतिथियों के लिए आगमन बिन्दु के रूप में होता था। विडम्बना यह है कि जब 1947 में ब्रिटिश राज समाप्त हुआ तो यह उप निवेश का प्रतीक भी एक प्रकार का स्मृति लेख बन गया, जब ब्रिटिश राज का अंतिम जहाज यहां से इंग्लैंड की ओर रवाना हुआ। गेटवे ऑफ इंडिया वास्तुशिल्प का चमत्कार है और इसकी ऊँचाई लगभग आठ मंजिल के बराबर है।
गेटवे ऑफ़़ इंडिया का इतिहास – Gateway of India History in Hindi
वास्तुकला के हिंदू और मुस्लिम दोनों प्रकारों को ध्यान में रखते हुए गेटवे ऑफ़ इंडिया की आधारशिला बम्बई (मुम्बई) के राज्य पाल द्वारा 31 मार्च 1913 को रखी गई थी। इसका निर्माण किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के आगमन के लिए किया गया था।
यह स्मारक 26 मीटर ऊंचा है और इसमें 4 मीनारें हैं और पत्थरों पर खोदी गई बारीक पच्चीकारी है। इसका केवल गुम्बद निर्मित करने में 21 लाख रु. का खर्च आया था। यह भारतीय – सार्सैनिक शैली में निर्मित भवन है, जबकि इसकी वास्तुकला में गुजराती शैली का भी कुछ प्रभाव दिखाई देता है। यह संरचना अपने आप में ही अत्यंत मनमोहक और पेरिस में स्थित आर्क डी ट्रायम्फ की प्रतिकृति है। इसके वास्तुशिल्पी जॉजॅ विंटैट थे। यह सन् 1924 में बन कर तैयार हुआ।
स्कॉटिश वास्तुकार जॉर्ज विटेट ने रोमन विजयी मेहराब और गुजरात की 16 वीं शताब्दी की वास्तुकला के तत्वों को मिलाकर गेटवे ऑफ इंडिया की संरचना तैयार की थी। मुख्य रूप से इंडो-सरैसेनिक वास्तुकला शैली में निर्मित इस स्मारक का मेहराब मुस्लिम शैली का है जबकि सजावट हिंदू शैली की है।
जिस भूमि पर गेटवे बनाया गया था, वह पहले एक कच्चा जेट था, जिसका उपयोग मछली पकड़ने वाले समुदाय द्वारा किया गया था। जिसे बाद में पुनर्निर्मित किया गया था और ब्रिटिश गवर्नर और अन्य प्रमुख लोगों के लिए लैंडिंग स्थल के रूप में उपयोग किया गया था। धन की कमी के कारण गेटवे ऑफ इंडिया के समीप प्रस्तावित रोड नहीं बनाया गया था।
एक नजर में गेटवे ऑफ़़ इंडिया – Gateway of India Information in Hindi
- गेटवे ऑफ़़ इंडिया का प्रवेशद्वार असिताश्म का बना हुआ स्थापत्य है, जिसकी ऊंचाई 26 मीटर है।
- गेटवे ऑफ़़ इंडिया की रूपरेखा जार्ज विटेट ने तैयार की थी।
- इसका निर्माण किंग जार्ज और क्वीन मैरी ने 1911 में करवाया था।
- इस प्रवेशद्वार के पास ही पर्यटकों के समुद्र भ्रमण हेतु नौका-सेवा भी उपल्ब्ध है।
- मुंबई के कोलाबा में स्थित गेटवे ऑफ़ इंडिया वास्तुशिल्प का चमत्कार है और इसकी ऊँचाई लगभग आठ मंजिल के बराबर है।
- वास्तुकला के हिंदू और मुस्लिम दोनों प्रकारों को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण सन 1911 में राजा की यात्रा के स्मरण निमित्त किया गया।
- गेटवे ऑफ इंडिया पीले बेसाल्ट और कंक्रीट से बनाया गया था। 1915 और 1919 के बीच अपोलो बुंदर (पोर्ट) पर काम शुरू हुआ जहां पर गेटवे ऑफ इंडिया और नए समुद्री दीवार का निर्माण किया गया। गेटवे ऑफ इंडिया की नींव का काम 1920 में पूरा किया गया था और निर्माण 1924 में समाप्त हो गया था। गेटवे ऑफ इंडिया 4 दिसंबर, 1924 को वायसराय द्वारा खोला गया।
- गेटवे ऑफ़ इंडिया का गुम्बद निर्मित करने में 21 लाख रु. का खर्च आया था।
- गेटवे ऑफ़ इंडिया ख़रीददारों के स्वर्ग कॉज़वे और दक्षिण मुंबई के कुछ प्रसिद्द रेस्टारेंट जैसे बड़े मियाँ, कैफ़े मोंदेगर और प्रसिद्द कैफ़े लियोपोल्ड के निकट है।
- गेटवे ऑफ़ इंडिया विशाल अरब सागर की ओर बनाया गया है, जो मुम्बई शहर के एक अन्य आकर्षण मरीन ड्राइव से जुड़ा है, यह एक सड़क है जो समुद्र के समानांतर चलती है।
- गेटवे ऑफ़ इंडिया एक महान ऐतिहासिक स्मारक है, जिसे देश में ब्रिटिश राज के दौरान निर्मित कराया गया था।
- गेटवे ऑफ़ इंडिया का निर्माण अपोलो बंडार पर कराया गया था जो मेल जोल का एक लोकप्रिय स्थान है।
- गेटवे के चार बुर्ज है और इसको जटिल जाली के साथ बनाया गया था। छत्रपति शिवाजी और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमाए गेटवे पर बाद में स्थापित की गयी थी।
- यह स्मारक पीले बेसाल्ट और प्रबलित कंक्रीट से बनाया गया है। स्मारक में लगे पत्थर स्थानीय है जबकि छिद्रित स्क्रीन को ग्वालियर से लाया गया था। प्रवेश द्वार अपोलो बन्दर की नोक से मुम्बई हार्बर की ओर जाता है। केंद्रीय गुंबद का व्यास 48 फीट और इसका उच्चतम बिंदु जमीन से 83 फीट ऊपर है। मेहराब के प्रत्येक तरफ 600 लोगों की क्षमता वाले बड़े हॉल बने हैं।
गेटवे ऑफ इंडिया कब और कैसे जाएँ – Gateway Of India Tour in Hindi
गेटवे ऑफ इंडिया भारत के प्रसिद्द शहर मुंबई में हैं और मुंबई में घूमने का सबसे अच्छा मौसम मार्च-अप्रैल का महीना हैं क्यूंकि इस समय यहां का मौसम बहुत सुहाना होता हैं। ऐसे आप किसी भी मौसम जा सकते हैं लेकिन इस टाइम बहुत ज्यादा पर्यटक आते हैं। मुंबई महानगर हैं इसलिए यह भारत के प्रमुख शहरों एवं दुनिया के शहरों से कई माध्यमों से जुड़ा हुआ है। इसलिए यहां पहुंचना बहुत आसान होता है। आप हवाई मार्ग, सड़क मार्ग या रेल से जा पहुँच सकते हैं।
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