Chhattisgarh / छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। छत्तीसगढ़ वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। इसका प्राचीन नाम ‘दक्षिण कौशल’ था जो की छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण “छत्तीसगढ़” बन गया। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध के साथ ही अनेक आर्य तथा अनार्य संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। आइये जाने छत्तीसगढ़ के बारे में और अधिक लेख..
छत्तीसगढ़ की जानकारी एक नजर में – Chhattisgarh Information, Facts, & History In Hindi
1). छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवम्बर 2000 को हुआ था।
2). छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर है।
3). इस राज्य में जिलाें की संख्या 27 है।
4). छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 राज्यसभा की 5 और विधानसभा की 90 सीटें है।
5). राज्य की राजकीय भाषा छत्तीसगढी और हिन्दी है।
6). छत्तीसगढ़ खनिज राजस्व की दृष्टि से देश का दूसरा बडा राज्य है।
7). धान की फसल भरपूर होने के कारण राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है।
8). कच्चे टिन का उत्पादन करने वाला देश का एक मात्र राज्य है।
9). छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट विलासपुर में स्थित है।
10). राज्य में सडकों की कुल लंबाई 34930 किमी है।
11). राज्य का राजकीय पक्षी ‘पहाडी मैना’ है।
12). राज्य का राजकीय पशु जंगली ‘भैसा’ है।
13). राज्य के बडे शहर रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई, राजनंदगांव है।
14). राज्य की प्रमुख फसलें चावल, मक्का, गेहॅू, मुॅगफली, दालें, आदि हैं।
15). छत्तीसगढ़ में विश्व का सबसे अधिक किंबरलाइट भंडार है।
16). छत्तीसगढ़ के उत्तर में उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिम में मध्यप्रदेश का शहडोल संभाग, उत्तर-पूर्व में उड़ीसा और झारखंड, दक्षिण में तेलंगाना और पश्चिम में महाराष्ट्र राज्य स्थित हैं।
17). यह प्रदेश ऊँची नीची पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ घने जंगलों वाला राज्य है। यहाँ साल, सागौन, साजा और बीजा और बाँस के वृक्षों की अधिकता है।
18). छत्तीसगढ़ प्राचीनकाल के दक्षिण कोशल का एक हिस्सा है और इसका इतिहास पौराणिक काल तक पीछे की ओर चला जाता है।
19). इस क्षेत्र के महानदी (जिसका नाम उस काल में ‘चित्रोत्पला’ था) का मत्स्य पुराण[क], महाभारत[ख] के भीष्म पर्व तथा ब्रह्म पुराण[ग] के भारतवर्ष वर्णन प्रकरण में उल्लेख है।
20). वाल्मीकि रामायण में भी छत्तीसगढ़ के बीहड़ वनों तथा महानदी का स्पष्ट विवरण है। स्थित सिहावा पर्वत के आश्रम में निवास करने वाले श्रृंगी ऋषि ने ही अयोध्या में राजा दशरथ के यहाँ पुत्र्येष्टि यज्ञ करवाया था जिससे कि तीनों भाइयों सहित भगवान श्री राम का पृथ्वी पर अवतार हुआ।
21). राम के काल में यहाँ के वनों में ऋषि-मुनि-तपस्वी आश्रम बना कर निवास करते थे और अपने वनवास की अवधि में राम यहाँ आये थे।
22). इतिहास में इसके प्राचीनतम उल्लेख सन 639 ई० में प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्मवेनसांग के यात्रा विवरण में मिलते हैं। उनकी यात्रा विवरण में लिखा है कि दक्षिण-कौसल की राजधानी सिरपुर थी।
23). महाकवि कालिदास का जन्म भी छत्तीसगढ़ में हुआ माना जाता है।
24). प्राचीन काल में इस प्रदेश में मौर्यों, सातवाहनों, वकाटकों, गुप्तों, राजर्षितुल्य कुल, शरभपुरीय वंशों, सोमवंशियों, नल वंशियों, कलचुरियों का शासन था।
25). भोरमदेव के क्षेत्र पर इस नागवंश का राजत्व 14 वीं सदी तक कायम रहा।
26). संगठित रुप से पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की सर्वप्रथम 1924 में रायपुर की कांग्रेस यूनीट द्वारा की गयी।
27). यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध के साथ ही अनेक आर्य तथा अनार्य संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है।
28). छत्तीसगढ़ की संस्कृति में गीत एवं नृत्य का बहुत महत्व है। यहाँ के लोकगीतों में विविधता है। गीत आकार में अमूमन छोटे और गेय होते है एवं गीतों का प्राणतत्व है।
छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल – Chhattisgarh Tourist Place in Hindi
- चित्रकोट प्रपात
- मैनपाट
- कांकेर
- कवर्धा
- भोमरामदेव
- सेतगंगा
- चंपारण
- बस्तर
- सेवरीनारायण
- इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
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