Aircraft / हवाई जहाज़ एक ऐसे यान को कहते है जो धरती के वातावरण या किसी अन्य वातावरण में पंख और इंजन की सहायता से उड सकता है। किन्तु राकेट, हवाई जहाज़ नहीं है क्योंकि उडने के लिये इसके चारो तरफ हवा का होना आवश्यक नहीं है। सभी हवाई जहाज़ एक सामान नही होते बल्कि ये अलग-अलग आकार, आकृति और पंखो के अनुसार आते है।
बहुत से जहाज को उड़ाने के लिए चालक की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ को कम्प्यूटर की सहायता से भी चलाया जा सकता है। इसका नाम हिन्दी भाषा जहाज शब्द के मेल से बना है। यह हवा में उड़ सकता है, इस कारण इसे हवाई जहाज कहते हैं।
हवाई जहाज़ का इतिहास – Airplane /Aircraft History in Hindi
आधुनिक हवाई जहाज़ को सबसे पहले राइट बंधुओं ने बनाया था, जो सयुंक्त राज्य अमेरिका के रहने वाले थे। जिस समय उन्हें हवाई जहाज बनाने का ख्याल आया, उस समय विल्वर सिर्फ 11 साल का था और ओरविल की उम्र थी 7 साल। इनके पिता बिशप मिल्टन राईट इनके लिए तरह-तरह के खिलौने लाते थे। एक बार वे मशीनी हेलीकाप्टर लेकर आये, जिसे देखकर राईट बन्धु बहुत प्रभावित हुए। इस खिलौने को उड़ता देख विल्वर और ओरविल के मन में भी आकाश में उड़ने का विचार आया। उन्होंने निश्चय किया कि वे भी एक ऐसा खिलौना बनाएंगे। इसके बाद वे पक्षी उड़ान , ग्लाइडिंग इत्यादि पर अध्ययन करने लगे, और वायुयान का मॉडल बनाने में जुट गए।
राइट बंधुओं के प्रयोग काफी लंबे समय तक चले। तब तक वे काफी बड़े हो गये थे। उस समय अमेरिका में साइकिल बहुत लोकप्रिय थी, राईट बन्धु स्वयं अच्छे चालक और मैकेनिक थे। इसके बाद उन्होने एक मॉडल बनाया, उसका आकार एक बड़ी पतंग सा था। इसमें ऊपर तख्ते लगे हुए थे और उन्हीं के सामने छोटे-छोटे दो पंखे भी लगे थे, जिन्हें तार से झुकाकर अपनी मर्जी से ऊपर या नीचे ले जाया जा सकता था। बाद में इसी जहाज़ में एक सीधी खड़ी पतवार भी लगायी गयी। इसके बाद राइट भाइयों ने अपने विमान के लिए 12 हॉर्सपावर का एक डीजल इंजन बनाया और इसे हवाई जहाज़ की निचली लाइन के दाहिने और निचले पंख पर फिट किया और बाईं ओर पायलट के बैठने की सीट बनाई।
17 दिसम्बर 1903 को औरविल ठीक 10 बजकर 35 मिनट पर सुबह अपने बनाये वायुयान में सवार हुए। उन्होंने 12 सैकंड तक उसे उड़ाया और 120 फीट की दूरी तय की। उसी दिन चौथी टेस्ट लाइट में विलबर 59 सैकंड तक हवा में रहे और उन्होंने 852 फीट की दूरी तय की। हवाई जहाज के निर्माण में उन्होंने फ्लूड डायनामिक्स के सिद्धांतों का प्रयोग किया था। हवाई जहाज का वजन बार-बार कम किया ताकि हवा इसे खींच ना ले जाए। उन्होंने इसके उड़ने की दिशा सही और संतुलित करने के लिए थ्री एक्सिस कंट्रोल थ्योरी का प्रयोग किया और अंत में सफल रहे।’ राईट बंधुओ ने अपने प्रयोग जारी रखे और राईट कम्पनी की स्थापना की।
मुख्य रूप से हवाई जहाज़ को दो वर्गों में बांटा जा सकता है :-
- हवा से हल्के (एरोस्टैट्स) – एरोस्टैट्स, हवा में उडने के लिये उत्प्लावन बल (bouancy) का सहारा लेते हैं। (ठीक उसी तरह जैसे पानी में लोहे का बना जलयान (शिप) तैरता है)
- हवा से भारी (एरोडाइन्स) -हवा से भारी वायुयान, किसी ऐसी युक्ति का प्रयोग करते हैं जिससे हवा या गैस को नीचे की तरफ दबाकर वे अपने भार के बावजूद हवा में तैरते रह सकते हैं।
हवाई जहाज़ के बारे मे रोचक तथ्य – Interesting Facts about Airplanes in Hindi
(1) ओर्विल राइट अपनी पहली हवाई उड़ान पर बैठ कर नहीं, बल्कि जहाज के मध्य की पंखे पर लेटकर किए गए थे।
(2) कुछ हवाई जहाज मे उड़ान के चालक दल के लिए गुप्त बेडरूम होते हैं।
(3) वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से टर्ब्युलेन्स भी बढ़ जाता हैं।
(4) हवाई जहाज की इंग्लिश अंतराष्ट्रीय भाषा है। हर पायलट और नियंत्रक जो कि अंतरराष्ट्रीय जहाज में होते हैं उन्हें इंग्लिश आना ज़रूरी है।
(5) हवाई जहाज में आपातकालीन स्थिति में जो ऑक्सीजन मास खुलता है वह केवल 15 मिनट के लिए ही ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकता है।
(6) एक हवाई जहाज का पायलट और कॉ-पायलट जहाज पर एक ही तरह का खाना नहीं खा सकते हैं, ऐसा नियम सुरक्षा की दृष्टि से बनाया गया है।
(5) बोइंग 767-400 जहाज में जितना ईंधन भरा जाता है उतने में 14सौ मिनी वैन की टंकी भरी जा सकती है।
(6) अमेरिका की हटर्सफील्ड- जैक्सन अटलांटा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट दुनिया का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, यहां से हर साल करीब 96 मिलियन यात्री अपनी फ्लाइट पकड़ते हैं।
(7) हवाई जहाज़ मे मरकरी (Para) ले जाना सख्त मना है क्योंकि हवाई जहाज एल्युमीनियम का बना होता है और मरकरी एलुमिनियम को नष्ट कर देता है।
(8) 1986 में Voyager नाम के हवाई जहाज ने बीना जमीन पर उतरे पूरी दुनिया का चक्कर लगाया था।
(9) दुनिया का सबसे छोटा जहाज BD -5 Micro हैं। इसके पंखे का फैलाव 14-21 फीट है और सिर्फ़ 358 पाउंड वजन का हैं।
(10) ऑनलाइन चेक-इन सुविधा पहली बार 1999 में अलास्का एयरलाइंस द्वारा पेश किया गया था।
(11) एक बोइंग 747 हवाई जहाज़ छह लाख पार्ट से बना होता है।
(12) एक बोइंग 747 में 150 से 175 मील के बराबर तार की वायरिंग की जाती है।
(13) दुनिया की सबसे लंबी यात्री जहाज एयर बस ए380 है यह Double-Decker जहाज है जिसमें चार इंजन होते है। इस जहाज ने पहली बार 27 अप्रैल 2005 को पहली उड़ान भरी थी।
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