भारत की 10 सबसे भुतहा जगहे | Top Ten Haunted Place in India Hindi

Haunted Place in India – भूत-प्रेतों के बारे में तो आपने कई लोगो से बहुत सुना होगा, शायद बचपन में लोग आपको डराते भी होंगे कि यहाँ मत जाओ, यह डरवाना जगह है…नहीं तो भूत पकड़ लेगा। बचपन की वो ज्यादातर बाते मजाक होती थी। लेकिन आज हम आपको भारत की 10 ऐसी डरावनी जगहो के बारे मे बताने जा रहे है जहां पर कई लोगों ने डर और शैतानी अज्ञात शक्ति के होने का अनुभव किया है।

10 Most Haunted Places In India And Their Real Ghost Stories in Hindi 

10. ताज महल पैलेस, मुम्बई

मुंबई का ताज महल होटल भी भारत की डरावनी जगहों में शामिल है। इसके बारे में कहा जाता है कि जिस आर्किटेक्ट ने इस होटल को डिज़ाइन किया था उसने इसकी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसके पीछे कहानी हैं की आर्किटेक्ट होटल का नक्शा डिजाइन करके अपने देश फ्रांस चला गया। जब वो लौटकर वापस आया तो यह देख कर उन्हें गहरा झटका लगा की होटल उनके नक़्शे के मुताबिक नहीं बना है। इसी सदमे में उन्होंने आत्महत्या कर ली। लोगों का विश्वास है कि उसका भूत आज भी इस होटल में घूमता है। कई लोगों का इसका अनुभव भी हुआ है कि रात को होटल के corridor मे अजीब आहट सुनाई देती है।

9 .ग्रांड पैरोडी टावर, मुम्बई

ग्रांड पैराडी टावर को मुंबई की सबसे हॉन्टेड बिल्डिंग माना जाता है। 1976 में इसके निर्माण के बाद से 20 लोग इस इमारत की आठवी मंज़िल से कूद कर आत्महत्या कर चुके है जिसमे बच्चो से लेकर बुजुर्ग तक शामिल है। इसलिए इसे सुसाइड प्वांइट भी कहा जाता है। शुरू में तो सुसाइड काफी अंतराल से हुए इसलिए लोगो ने ध्यान नहीं दिया, पर 2004 एक बुजुर्ग दम्पति ने यहाँ से कूद कर आत्महत्या कर ली। उसके एक साल के भीतर उनके परिवार के बाकी सदस्यों ने भी उसी जगह से कूदकर आत्महत्या कर ली। इनमे उनके छोटे -छोटे पोते पोती भी शामिल थे। इसके बाद यह बिल्डिंग सुर्ख़ियो में आई और माना जाने लगा की इस ईमारत में पारलौकिक शक्तियों का बसेरा है।

8. रामोजी फिल्म सिटी, हैदराबाद

हैदराबाद स्थित विशाल रामोजी फिल्म सिटी का निर्माण उस जगह पर हुआ है जहाँ निज़ाम सुल्तानों ने इतिहास की कुछ भयानक लड़ाईया लड़ी थी। खासकर फिल्म सिटी में स्थित होटलों को पारलौकिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। यहाँ पर आए दिन कुछ ना कुछ ऐसा होता रहता है जो की अनजान ताकतों का एहसास कराता है।  जैसे की शूटिंग के वक़्त लाइट का छत से गिर जाना, ऊपर बैठे लाइट मेन को अदृश्य ताकतों द्वारा नीचे गिरा देना, होटल में छोड़े गए भोजन का वापस लौटने पर इधर उधर बिखरा मिलना, ड्रेसिंग के कांच पर उर्दू में कुछ अजीब सा लिखा हुआ मिलना।

माना जाता है की यहां पर मरे हुए सैनिको की आत्माए भटकती है। एक अजीब बात यह है की ये आत्माए औरतो को ज्यादा परेशान करती है। जैसे की जब वो ड्रेसिंग रूम में होती है तो वह अजीब सी परछाई दिखाई देती है , जब वो नहाती है तो उनके बाथरूम बाहर से लॉक हो जाते है। इनसे छुटकारा पाने के कई उपाय किये जा चुके है पर अब तक कोई विशेष फायदा नहीं हुआ है।

7. अग्रसेन की बावड़ी, कनाॅट प्लेस, दिल्ली

अग्रसेन की बावड़ी राजधानी दिल्ली में कनाट प्लेस से थोड़ी ही दुरी पर स्थित है। महाराजा अग्रसेन ने चौदवहीं शताब्दी में इस बावड़ी का निर्माण करवाया था। इसकी लंबाई 60 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। इस प्राचीन स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का संरक्षण प्राप्त है। किसी ज़माने में यह हमेशा पानी से भरी रहती थी, लेकिन अब यह सूख चुकी है। इसके बारे में प्रचलित है कि इसका काला पानी लोगों को सम्मोहित कर आत्महत्या के लिए उकसाता था। इसके तल तक पहुंचने के लिए 106 सीढियां उतरनी पड़ती हैं। एएसआई के अधीन होने के बावजूद लोगो को इसके बारे में ज्यादा पता नही है यदि आप कनाट प्लेस जाकर भी किसी से इसके बारे में पूछेंगे तो वो अनजान बनेंगे।

6. . थ्री किंग्स चर्च – वेलसाओ – गोवा  

कहते है की गोवा के किंग्स चर्च में तीन पुर्तगाली राजाओ की आत्मा भटकती है और कई बार चर्च में आए लोगों को इनकी मौजूदगी का एहसास भी होता है। यहां के लोगों का कहना है की किसी समय यहां तीन पुर्तगाली राजा हुआ करते थे। इनमें वर्चस्व को लेकर अक्सर लड़ाई होती रहती थी। एक बार होल्गेर नाम के एक राजा ने अन्य दोनों राजाओं को इस चर्च में आमंत्रित किया और धोखे से जहर देकर मार दिया। जब लोगों को होल्गेर की इस करतूत का पता चला तो उन्होंने इसके महल को घेर लिया। जनता के आक्रोश को देखकर तीसरे राजा ने आत्महत्या कर ली। तीनों राजाओं के शव को इसी चर्च में दफना दिया गया। इसके बाद से ही इस चर्च में भूतों का निवास माना जाता है।

5. लाम्बी देहर माइंस, मसूरी

लाम्बी देहर माइंस, मसूरी के बाहरी इलाके में स्तिथ है। 1990 से पहले यहाँ पर लाइमस्टोन का खनन किया जाता था। उस वक़्त यहाँ पर करीब 50000 मजदुर काम करते थे। लाइम (चुना) शरीर के लिए हानिकारक भी हैं यह हमारे शरीर में जाकर फेफड़ों में जम जाता है और फेफड़ो को पत्थर में बदल देता है जिससे की इंसान को खुनी खासी (Bloody Cough) हो जाती जिससे उसकी दर्दनाक मौत होती है। इससे बचने के लिए लाइमस्टोन माइंस के लिए कई सुरक्षा नियम बने हुए है पर लाम्बी देहर माइंस में इस तरह के किसी भी नियम का पालन नहीं होता था नतीज़न वहा पर बड़ी संख्या में मजदुर इस बिमारी से मरने लगे।

इसके अलावा उन दिनों सुरक्षा नियमो की पालन के अभाव में, उस माइंस में काम पर लगे ट्रको के पहाड़ी से गिरने की भी कई घटनाएं हुई। फलस्वरूप सरकार ने सुरक्षा नियमो की अनदेखी के कारण इस माइंस को हमेशा के लिए बंद करवा दिया। तब से यह जगह वीरान पड़ी है। जहाँ कभी 50000 मजदूरो की आबादी थी वहा पर अब मुश्किल से 1000 लोग रहते है। खाली पड़ी माइंस के घरों में बड़े बड़े पेड़ उग आये है। स्थनीय लोगो के अनुसार खाली पड़ी माइंस और घर अब आत्माओ का ठिकाना है। यहाँ पर रात को लोगो के बाते करने की आवाज़े सुनाई देती है।

एक और बात जो इस जगह को भयानक बनाती है वो है चलती हुई कार, बस, ट्रको का अचानक सड़क से उत्तर जाना जिससे की कई बार गंभीर हादसे भी हो जाते है। यहाँ तक की यहां पर एक हेलीकॉप्टर रहस्यमयी तरीके से क्रेश भी हो चुका है।  यह सभी बाते मिलकर इस जगह को भारत की मोस्ट हॉन्टेड प्लेस की लिस्ट में स्थान दिलाती है।

4. कुलधरा गाँव – जैसलमेर – राजस्थान

राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा गाँव को जो की पिछले 170 सालों से वीरान पड़ा हैं। कुलधरा गाँव पालीवाल ब्राह्मणों का गाँव था। कुलधरा गाँव के हज़ारों लोग अपने गाँव की एक लड़की को अय्याश दीवान सालम सिंह से बचाने के लिए, एक ही रात मे इस गांव को खाली कर के चले गए थे और जाते जाते श्राप दे गए थे कि यहाँ फिर कभी कोई नहीं बस पायेगा। तब से गाँव वीरान पड़ा हैं। कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं, कभी एक हंसता खेलता यह गांव आज एक खंडहर में तब्दील हो चुका है|

टूरिस्ट प्लेस में बदल चुके कुलधरा गांव में घूमने आने वालों के मुताबिक यहां रहने वाले पालीवाल ब्राह्मणों की आहट आज भी सुनाई देती है। उन्हें वहां हरपल ऐसा अनुभव होता है कि कोई आसपास चल रहा है। बाजार के चहल-पहल की आवाजें आती हैं, महिलाओं के बात करने उनकी चूडिय़ों और पायलों की आवाज हमेशा ही वहां के माहौल को भयावह बनाते हैं। प्रशासन ने इस गांव की सरहद पर एक फाटक बनवा दिया है जिसके पार दिन में तो सैलानी घूमने आते रहते हैं लेकिन रात में इस फाटक को पार करने की कोई हिम्मत नहीं करता हैं। मई 2013 मे दिल्ली से आई भूत प्रेत व आत्माओं पर रिसर्च करने वाली पेरानार्मल सोसायटी की टीम ने कुलधरा गाँव में रात बिताई और यहाँ पर पारलौकिक गतिविधिया रिकॉर्ड की।

3. स्वॉय होटल – मसूरी

इस होटल का निर्माण 1902 में हुआ था। इस होटल में गार्नेट नाम की एक महिला की मौत हो गई थी जिसे की उसकी दवाई में ज़हर मिलाकर मारा गया था। इस काम को किसने अंजाम दिया इसका पता नहीं चल पाया था। माना जाता है कि यही महिला अपने कातिल को अब तक तलाश कर रही है। यह लोगों को परेशान नहीं करती, लेकिन इसका हाव-भाव शून्य चेहरा ही डराने के लिए काफी है। मशहूर मिस्टीरियस नॉवलिस्ट ‘अगाथा क्रिस्टी’ ने इसी घटना को आधार बना कर अपना पहला नॉवल ‘Mysterious Affair at Styles (1920)’ लिखा था।

2. शनीवार वाडा फोर्ट – पुणे, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के पुणे में स्तिथ शनीवार वाडा फोर्ट का निर्माण 1732 में हुआ था। यह मराठा साम्राज्य पर शासन करने वाले पेशवाओं का राजमहल था। इसी महल में 30 अगस्त 1773 की रात को 18 साल के नारायण राव, जो की महज़ 16 साल की उम्र में मराठा साम्राज्य के पांचवे पेशवा बने थे, की षड्यंत्र पूर्वक ह्त्या कर दी गई थी। कहते है की जब हत्यारे उसकी ह्त्या करने आये तो वो अपने काका के कक्ष की ओर “ काका वचावा (काका बचाओ ) कहते हुए दौड़ लगाई। लेकिन काका के कक्ष तक पहुँचने से पहले ही रास्ते में उसकी ह्त्या कर दी गई। ह्त्या के बाद उसके शव को छोटे छोटे टुकड़ो में काटकर महल से बाहर ले जा कर नदी में बहा दिया गया। कहते है की महल में उसी लड़के नारायण राव की आत्मा आज भी भटकती है और उसके द्वारा बोले गए आखरी शब्द “काका माला बचाव” आज भी महल में सुनाई देते है।

1. भानगढ़ का किला – अलवर – राजस्थान

भानगढ़ किले का इतिहास और जानकारी | Bhangarh Fort History in Hindiभानगढ़ फोर्ट, राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। यह भारत का टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस है। इसे आम बोलचाल की भाषा में भूतो का भानगढ़ कहा जाता है। भानगढ़ कि कहानी बड़ी ही रोचक है। कहा जाता हैं यहाँ कि एक सुन्दर राजकुमारी पर काले जादू में महारथ तांत्रिक सिंधु सेवड़ा आसक्त हो गया। वो राजकुमारी को वश में करने लिए काला जादू करता है पर खुद ही उसका शिकार हो कर मर गया पर मरने से पहले भानगढ़ को बर्बादी का श्राप दिया और संयोग से उसके एक महीने बाद ही पड़ौसी राज्य अजबगढ़ से लड़ाई में राजकुमारी सहित सारे भानगढ़ वासी मारे गए और भानगढ़ वीरान हो गया तब से वीरान हुआ भानगढ आज तक वीरान है और कहते है कि उस लड़ाई में मारे गए लोगो के भूत आज भी रात को भानगढ़ के किले में भटकते है। क्योकि तांत्रिक के श्राप के कारण उन सब कि मुक्ति नहीं हो पाई थी। यह जगह अब पुरात्तव विभाग अधीन है और उन्होंने सूर्यास्त के बाद इसे किले में नहीं रुकने की सख्त हिदायत दे रखी है।

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