Smoking in Hindi – शारीरिक या मानसिक रूप से जब कोई किसी खास चीज पर निर्भर हो जाता है, तो उस स्थिति को अडिक्शन (लत) कहते हैं। अडिक्शन का क्षेत्र बेहद विस्तृत है, जिसमें शराब से लेकर तंबाकू, हेरोइन या दूसरे ड्रग्स सहित जुआ, सेक्स, एक ही काम करने की भूख आदि शामिल है। नाश (Smoking) एक ऐसा चीज हैं जो धीरे-धीरे इंसान को बर्बाद कर देती हैं। कई लोग तो मरना पसंद करते पर नशा छोड़ना नहीं चाहते।
Nasha Kaise Churaye / नशे के शिकार लोगों को जब तक नशा करने की चीज न मिले, तब तक वे बेचैन रहते हैं। ऐसे लोग नशे के सेवन से पहले असामान्य रहते हैं और उसे पाने के बाद खुद को सामान्य स्थिति में पाते हैं। यह स्थिति ऐसे लोगों को पूरी तरह बीमार बना देती है। नशे की लत एक लाइलाज बीमारी है। यह कई बहाने से शरीर में प्रवेश करती है और धीरे-धीरे जिंदगी को अपनी गिरफ्त में ले लेती है।
जब यह हद से बढ़ जाती है तो मुक्ति पाने के लिए नशेड़ी छटपटाने लगता है। इसकी गिरफ्त में आने वाला इसे पाने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाता है। नशेड़ी को जब इसकी तलब होती है तो वह झूठ बोलने, कसमें खाने से भी परहेज नहीं करता। वह इस लत के सामने खुद को कमजोर पाता है। अगर आपके घरवालो में कोई ऐसा हो तो चिंता करने की जरुरत नहीं आज मैं आपको कुछ ऐसे तरीके और आयुर्वेदिक इलाज बताने जा रहा हूँ जिससे आराम से व्यक्ति को नशा छुड़ा सकते हैं…
नशेड़ी का लक्षण – Symptoms of Smoking in Hindi
- घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, अति उत्सुकता।
- गुस्सा आना, मूड में अचानक बदलाव।
- तनाव, मानसिक थकावट।
- फैसला लेने में कठिनाई।
- याददाश्त कमजोर पड़ना।
- नींद न आना।
- सिर में तेज दर्द होना।
- ज्यादा पसीना निकलना, खासकर हथेलियों और पैर के तलवे से।
- जी मिचलाना और भूख कम लगना।
- शरीर थरथराना और पलक झपकते रहना।
- शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना।
नशा छोड़ने का तरीका – How To Quit Smoking in Hindi
ध्यान करे : ध्यान करने से शरीर के अंदर से खराब तत्व बाहर हो जाते हैं। एकाग्रता लाने के लिए त्राटक किया जाता है। इसमें बिना पलक झपकाए प्रकाश की रोशनी को लगातार देखने का अभ्यास किया जाता है। अभ्यास करते-करते एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति को मात्र बिंदु दिखाई देता है। इससे दिमाग शांत रहता हैं और नशे की इक्षा नहीं होती।
शंख प्रक्षालन : हल्का गुनगुना नमक मिला पानी पेट भरकर पीने के बाद भुजंगासन किया जाता है। इससे पेट शंख की तरह धुल जाता है। इसके बाद हरी पत्ती पालक, मूली, मैथी आदि का सेवन किया जाता है। इससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा भी मिलती है और पूरी पाचन क्रिया ठीक रहती है।
योग करे: योग सिर्फ शरीर ही नहीं दिमाग के लिए भी फायदेमंद हैं। ये आपको अंदर और बाहर दोनों तरफ से स्ट्रांग बनाता हैं। इसलिए रेगुलर योग करे।
नशा छोड़ने के आयुर्वेदिक इलाज – Nashe se Mukti ke Upay in Hindi
भांग और अफीम –
- जिस व्यक्ति को अफीम की लत हो, उसे नियमित रुप से अजवाइन का प्रयोग करना चाहिए। जब भी नशे की हुडक उठे उसे थोड़ी सी अजवाइन मुंह में डालकर चबाना चाहिए और उसका रस पीते रहना चाहिए। धीरे-धीरे अफीम की लत और अन्य नसों से छुटकारा मिल जाएगा।
- ताल हींगवार भूनकर मट्ठे के साथ पिलाने से अफीम का नशा जल्दी उतर जाता है।
- रीठे का फल पानी में घिस कर पिलाने से अफीम का नशा उतर जाता है।
- अफीम का नशा कपास के पत्तों का रस पिलाने तथा भुनी हुई हींग और काला नमक मट्ठे में डालकर पिलाने हथवा दूध में घी डालकर पिलाने से उतर जाता है।
- ज्यादा भांग या फिर खा लेने वाले व्यक्ति को खूब पानी पिलाकर चार-पांच बार उल्टी करा देनी चाहिए। बाद में एक पाव गर्म दूध में थोड़ा सा देसी घी मिलाकर उसे पिलाएं तत्काल आराम मिलेगा।
- अफीमची व्यक्ति को नारियल का पानी पिलाने से पर्याप्त लाभ होता है।
- भांग का नशा अंजीर के फलों का काढ़ा पिलाने, पेड़ के घोल को पिलाने, नींबू को चूसने तथा दही में शोंठ व् नमक डालकर खाने से दूर हो जाता है।
शराब बीडी तथा सिगरेट
- घर में एक बोतल सौंफ का अर्क लाकर रख ले। जब शराब की हुडक या तलब लगे तो जितनी शराब रोगी पीती है, उसमें से सौ ग्राम कम करके, सौ ग्राम सौंफ का अर्क मिला दे। शराब को धीरे-धीरे कम करते जाने और सौंफ का अर्क बढ़ाते जाने से रोगी का यह लत छूट जाएगी।
- खजूर काफी फायदेमंद रहता है। 3-4 खजूर को आधे गिलास पानी में रगड़कर देने से शराब की आदत छोड़ने में मदद मिलती है।
- बीड़ी-सिगरेट से मुक्ति के लिए एक बड़ा चम्मच मोटी सौंफ घी में भून लें। इसे मुंह में रख कर धीरे-धीरे चबाकर रस चूसते रहे। कुछ ही दिनों में बीड़ी सिगरेट से अरुचि हो जाएगी। वैसे दृढ़ इच्छा शक्ति से भी नशा एकदम छोड़ सकते हैं।
- शराब के नशे में ककड़ी खिलाएं, नींबू में नमक भरकर चुसाए, दूध पिलाएं, मुली का रस पिलाएं, पानी में धनिया पीसकर मिश्री मिलाकर पिलाएं अथवा फिटकिरी का घोल पिलाएं नशा उतर जाएगा।
- अदरक के छोटे छोटे टुकड़े काट ले अब इन पर सेंधा नमक बुरक ले, अब इन टुकड़ो पर निम्बू निचोड़ ले और इन टुकड़ो को धुप में सूखने के लिए रख दे। जब सूख जाए तो बस हो गयी दवा तैयार। अब जब भी किसी नशे की लत लगे तो ये टुकड़ा निकाला और चूसते रहो। ये अदरक मुह में घुलती नहीं इसको आप सुबह से शाम तक मुह में रख सकते हैं। धीरे धीरे नशे की आदत छूट जाएगी।
- मेथी के बीज- आमतौर में इसका इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है। लेकिन यह सौंदर्य के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है। यह आपको मादक पदार्थो के सेवन से भी बचा सकती है। इसके लिए एक लीटर पानी में एक मुठ्ठी मेथी के बीज को उबालकर उसे थोड़ा ठंडा करके पिलाए या मेथी के बीज का पेस्ट बनाकर इसे रात को पानी में भिगो दें और सुबह इसे खाली पेट खाइए। इसके सेवन से आपको मादक पदार्थो से तो निजात मिल गी जाएगा। साथ ही मतली जैसी समस्याओं से भी निजात मिल जाएगा।
गांजा –
- गौ के दूध में अदरक का रस डालकर पिलाने से गांजे का नशा उतर जाता है।
- गांजे के नशेड़ी को पुदीने का रस पिलाएं नशा तत्काल उतर जाएगा।
- गुलाब के फूल पीसकर दूध के साथ पिलाएं गांजे का नशा तुरंत उतर जाएगा।
दवा एक इलाज अनेक –
सफेद मुसली, माजूफल, ढाक-पलाश का गोंद, पठानी लोध्र, बहेड़ा की छाल, काली सुपारी के फूल और छोटी इलाइची – इन सातों जड़ी बूटियों का संभाग लेकर कूट-पीसकर कपड़छन करके शीशी में भर लें। फिर दूध की कुछ बूंदे लेकर या पूरे चूर्ण में दूध डालकर आटे की तरह गूँथ ले और मटर के दाने के बराबर गोलियां बना ले।
शराब, अफीम, चरस, गांजा, सुल्फा, बीड़ी-सिगरेट, भांग आदि का नशा छुड़ाने के लिए नशेड़ी को एक गोली मुंह में डाले रखने के लिए दें। इस गोली को चबाए नहीं बल्कि चूसता रहे। यह गोली मुंह में 3 दिन तक भी नहीं घुलेगी। जब खाना आदि खाना हो तो गोली निकाल कर किसी प्याले में रख लें। खाना पीना कर चुकने के बाद पानी से धोकर इसे फिर से मुंह में डाल ले। जब तक गोली मुंह में रहेगी तब तक तलब नहीं उठेगी। धीरे धीरे नशे की आदत ही छूट जाएगी या गोली ‘सतगुण वटी’ कहलाती है।
यह गोली नशा मुक्ति के अलावा मुंह की दुर्गंध, मसूड़ों की सूजन, दांतों की पीड़ा, मुंह के छाले, श्वेत प्रदर, कमर दर्द, मासिक धर्म की रुकावट, रक्त विकार आदि रोगों में भी आराम पहुंचाती है।
इन बातो का ख्याल रखे – Nashe se Chutkara Kaise Paye
- कल से नशा नहीं करूँगा – जो लोग कहते हैं कल से नशा नहीं करूँगा उकना ‘कल‘ कभी नहीं आता। इसलिए कल की बात छोडिये आज से ही ये मन में ठान लीजिए की आपको नशा नहीं करना है क्योंकि आज आप नशे को खा रहे हो, पर कल वही नशा आपको खा जाएगा। अपने और आपने परिवार के हित के निए एक नई रह चुने जिसमे नशे के सिवाय सब कुछ हो।
- शराब शरीर में निर्जलीकरण को बढ़ाती है इसलिए यह आवश्यक है कि आप अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें। शराब के एक प्याले के बाद एक प्याला पानी अवश्य पीयें। इस तरह शराब के बीच-बीच में पानी का सेवन करने की आदत से सिर्फ आपकी शराब पीने की मात्रा ही कम नहीं होती बल्कि यह आपके शरीर में तरल के संतुलन को बनाए रखने तथा अगले दिन हैंगओवर को रोकने में भी मददगार होती है।
- शराब कभी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं हो सकती है। लोगों में ऐसा भ्रम है कि सर्दी के मौसम में या सर्दी-खांसी होने पर शराब लेने से तुरंत राहत मिलती है, लेकिन इससे ब्लडप्रेशर असंतुलित हो जाता है। शराब की तासीर गर्म है। इससे सर्द-गर्म की समस्या हो सकती है। सर्दी-खांसी में शराब लेने से गले का इन्फेक्शन भी हो सकता है।
- ज्यादा सिगरेट पीते हैं तो सौंफ को घी में सुखाकर तवे पर सुखा लें और जब भी सिगरेट पीने की इच्छा हो आधा-आधा चम्मच चबाते रहें। धुम्रपान करने की इच्छा खत्म हो जाएगी। धूम्रपान की तलब हो तो दो-तीन केले या और कोई फल खा लें, इससे लाभ होगा।